192183 जब \(4.0\, eV\) ऊर्जा के फोटॉन धातु \(A\) की सतह पर पड़ते हैं, तो इससे उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ A } \,eV\) है और इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ A }\) है। एक दूसरी धातु \(B\) पर \(4.50 \,eV\) ऊर्जा के फोटॉनों के पड़ने पर उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ B }=\left( T _{ A }-1.5\right)\, eV\) है। यदि इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ B }=2 \lambda_{ A }\) है, तो धातु \(B\) के कार्य फलन का मान ............. \(eV\) है।
192185 तरंगदैर्ध्य \(6561\;\mathring A\) का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान \(3 \times 10^{-4} \,T\) है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या \(10\, mm\) है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?
192186 \(488 \,nm\) तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव \(0.38 \,V\) है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।
192183 जब \(4.0\, eV\) ऊर्जा के फोटॉन धातु \(A\) की सतह पर पड़ते हैं, तो इससे उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ A } \,eV\) है और इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ A }\) है। एक दूसरी धातु \(B\) पर \(4.50 \,eV\) ऊर्जा के फोटॉनों के पड़ने पर उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ B }=\left( T _{ A }-1.5\right)\, eV\) है। यदि इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ B }=2 \lambda_{ A }\) है, तो धातु \(B\) के कार्य फलन का मान ............. \(eV\) है।
192185 तरंगदैर्ध्य \(6561\;\mathring A\) का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान \(3 \times 10^{-4} \,T\) है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या \(10\, mm\) है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?
192186 \(488 \,nm\) तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव \(0.38 \,V\) है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।
192183 जब \(4.0\, eV\) ऊर्जा के फोटॉन धातु \(A\) की सतह पर पड़ते हैं, तो इससे उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ A } \,eV\) है और इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ A }\) है। एक दूसरी धातु \(B\) पर \(4.50 \,eV\) ऊर्जा के फोटॉनों के पड़ने पर उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ B }=\left( T _{ A }-1.5\right)\, eV\) है। यदि इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ B }=2 \lambda_{ A }\) है, तो धातु \(B\) के कार्य फलन का मान ............. \(eV\) है।
192185 तरंगदैर्ध्य \(6561\;\mathring A\) का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान \(3 \times 10^{-4} \,T\) है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या \(10\, mm\) है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?
192186 \(488 \,nm\) तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव \(0.38 \,V\) है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।
192183 जब \(4.0\, eV\) ऊर्जा के फोटॉन धातु \(A\) की सतह पर पड़ते हैं, तो इससे उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ A } \,eV\) है और इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ A }\) है। एक दूसरी धातु \(B\) पर \(4.50 \,eV\) ऊर्जा के फोटॉनों के पड़ने पर उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(T _{ B }=\left( T _{ A }-1.5\right)\, eV\) है। यदि इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य \(\lambda_{ B }=2 \lambda_{ A }\) है, तो धातु \(B\) के कार्य फलन का मान ............. \(eV\) है।
192185 तरंगदैर्ध्य \(6561\;\mathring A\) का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान \(3 \times 10^{-4} \,T\) है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या \(10\, mm\) है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?
192186 \(488 \,nm\) तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव \(0.38 \,V\) है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।