11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192178 यहाँ आरेख में, एक सोडियम-उत्सर्जक के लिये, आवृत्ति \((v)\) के फलन के रूप में, निराधी विभव \(V _{0}\) (वोल्ट में) के परिवर्तन को दर्शाया गया हैं। इस ग्राफ से सोडियम का कार्य - फलन प्राप्त होगा : (\(eV\) में)(प्लाँक स्थिरांक \(( h )=6.63 \times 10^{-34} \,Js\), इलेक्ट्रॉन आवेश \(e =1.6 \times 10^{-19}\, C)\)

1 \(1.82\)
2 \(1.66\)
3 \(2.12\)
4 \(1.95\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192179 \(5\; W\) का एक स्रोत \(5000\;\mathring A\) तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। \(0.5\; m\) की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश संवेदी धात्विक तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्रोत को तल से \(1\;m\) की दूरी पर ले जाया जाएगा, तो विमुक्त प्रकाशी इलेक्ट्रॉनों की संख्या

1 \(4\) के गुणक से कम हो जाएगी
2 \(2\) के गुणक से कम हो जाएगी
3 \(8\) के गुणक से कम हो जाएगी
4 \(16\) के गुणक से कम हो जाएगी
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192180 इस चित्र में एक प्रकाश सक्रिय तल के लिए तीन विभिन्न विकिरणों के लिए प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ मन जायेगा ?

1 वक्र \((b)\) और \((c)\) समान आवृत्ति और समान तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
2 वक्र \((a)\) और \((b)\) समान आवृत्ति परन्तु विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
3 वक्र \((a)\) और \((b)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
4 वक्र \((b)\) और \((c)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों की निरूपित करती है।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192181 तीव्रता \(6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}\) वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य \(\lambda=310 \,nm\) हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन \(\varphi=2\, eV\) ) की सतह पर लम्बवत् \(1 \,cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले \(10^{3}\) फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और \(1 \,s\) में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या \(10^{x}\) हो, तो \(x\) का मान है।\(\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)\)

1 \(5\)
2 \(8\)
3 \(11\)
4 \(13\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192182 एक इलैक्ट्रॉन (द्रव्यमान \(m\) ) का प्रांरभिक वेग \(\overrightarrow{ v }= v _{0} \hat{ i }+ v _{0} \hat{ j }\) है तथा यह एक विधुत क्षेत्र \(\overrightarrow{ E }=- E _{0} \hat{ k }\) में है। यदि इलैक्ट्रॉन की डी-ब्रोग्ली तंरग का प्रांरभिक तरंगदैर्ध्य \(\lambda_{0}\) हो तो \(t\) समय के पश्चात इसका तरंगदैर्ध्य होगा।

1 \(\frac{\lambda_{0} \sqrt{2}}{\sqrt{ {\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
2 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{2}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
3 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{2 \mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
4 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}_{0}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192178 यहाँ आरेख में, एक सोडियम-उत्सर्जक के लिये, आवृत्ति \((v)\) के फलन के रूप में, निराधी विभव \(V _{0}\) (वोल्ट में) के परिवर्तन को दर्शाया गया हैं। इस ग्राफ से सोडियम का कार्य - फलन प्राप्त होगा : (\(eV\) में)(प्लाँक स्थिरांक \(( h )=6.63 \times 10^{-34} \,Js\), इलेक्ट्रॉन आवेश \(e =1.6 \times 10^{-19}\, C)\)

1 \(1.82\)
2 \(1.66\)
3 \(2.12\)
4 \(1.95\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192179 \(5\; W\) का एक स्रोत \(5000\;\mathring A\) तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। \(0.5\; m\) की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश संवेदी धात्विक तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्रोत को तल से \(1\;m\) की दूरी पर ले जाया जाएगा, तो विमुक्त प्रकाशी इलेक्ट्रॉनों की संख्या

1 \(4\) के गुणक से कम हो जाएगी
2 \(2\) के गुणक से कम हो जाएगी
3 \(8\) के गुणक से कम हो जाएगी
4 \(16\) के गुणक से कम हो जाएगी
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192180 इस चित्र में एक प्रकाश सक्रिय तल के लिए तीन विभिन्न विकिरणों के लिए प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ मन जायेगा ?

1 वक्र \((b)\) और \((c)\) समान आवृत्ति और समान तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
2 वक्र \((a)\) और \((b)\) समान आवृत्ति परन्तु विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
3 वक्र \((a)\) और \((b)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
4 वक्र \((b)\) और \((c)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों की निरूपित करती है।
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192181 तीव्रता \(6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}\) वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य \(\lambda=310 \,nm\) हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन \(\varphi=2\, eV\) ) की सतह पर लम्बवत् \(1 \,cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले \(10^{3}\) फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और \(1 \,s\) में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या \(10^{x}\) हो, तो \(x\) का मान है।\(\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)\)

1 \(5\)
2 \(8\)
3 \(11\)
4 \(13\)
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192182 एक इलैक्ट्रॉन (द्रव्यमान \(m\) ) का प्रांरभिक वेग \(\overrightarrow{ v }= v _{0} \hat{ i }+ v _{0} \hat{ j }\) है तथा यह एक विधुत क्षेत्र \(\overrightarrow{ E }=- E _{0} \hat{ k }\) में है। यदि इलैक्ट्रॉन की डी-ब्रोग्ली तंरग का प्रांरभिक तरंगदैर्ध्य \(\lambda_{0}\) हो तो \(t\) समय के पश्चात इसका तरंगदैर्ध्य होगा।

1 \(\frac{\lambda_{0} \sqrt{2}}{\sqrt{ {\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
2 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{2}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
3 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{2 \mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
4 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}_{0}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192178 यहाँ आरेख में, एक सोडियम-उत्सर्जक के लिये, आवृत्ति \((v)\) के फलन के रूप में, निराधी विभव \(V _{0}\) (वोल्ट में) के परिवर्तन को दर्शाया गया हैं। इस ग्राफ से सोडियम का कार्य - फलन प्राप्त होगा : (\(eV\) में)(प्लाँक स्थिरांक \(( h )=6.63 \times 10^{-34} \,Js\), इलेक्ट्रॉन आवेश \(e =1.6 \times 10^{-19}\, C)\)

1 \(1.82\)
2 \(1.66\)
3 \(2.12\)
4 \(1.95\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192179 \(5\; W\) का एक स्रोत \(5000\;\mathring A\) तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। \(0.5\; m\) की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश संवेदी धात्विक तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्रोत को तल से \(1\;m\) की दूरी पर ले जाया जाएगा, तो विमुक्त प्रकाशी इलेक्ट्रॉनों की संख्या

1 \(4\) के गुणक से कम हो जाएगी
2 \(2\) के गुणक से कम हो जाएगी
3 \(8\) के गुणक से कम हो जाएगी
4 \(16\) के गुणक से कम हो जाएगी
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192180 इस चित्र में एक प्रकाश सक्रिय तल के लिए तीन विभिन्न विकिरणों के लिए प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ मन जायेगा ?

1 वक्र \((b)\) और \((c)\) समान आवृत्ति और समान तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
2 वक्र \((a)\) और \((b)\) समान आवृत्ति परन्तु विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
3 वक्र \((a)\) और \((b)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
4 वक्र \((b)\) और \((c)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों की निरूपित करती है।
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192181 तीव्रता \(6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}\) वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य \(\lambda=310 \,nm\) हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन \(\varphi=2\, eV\) ) की सतह पर लम्बवत् \(1 \,cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले \(10^{3}\) फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और \(1 \,s\) में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या \(10^{x}\) हो, तो \(x\) का मान है।\(\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)\)

1 \(5\)
2 \(8\)
3 \(11\)
4 \(13\)
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192182 एक इलैक्ट्रॉन (द्रव्यमान \(m\) ) का प्रांरभिक वेग \(\overrightarrow{ v }= v _{0} \hat{ i }+ v _{0} \hat{ j }\) है तथा यह एक विधुत क्षेत्र \(\overrightarrow{ E }=- E _{0} \hat{ k }\) में है। यदि इलैक्ट्रॉन की डी-ब्रोग्ली तंरग का प्रांरभिक तरंगदैर्ध्य \(\lambda_{0}\) हो तो \(t\) समय के पश्चात इसका तरंगदैर्ध्य होगा।

1 \(\frac{\lambda_{0} \sqrt{2}}{\sqrt{ {\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
2 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{2}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
3 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{2 \mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
4 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}_{0}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192178 यहाँ आरेख में, एक सोडियम-उत्सर्जक के लिये, आवृत्ति \((v)\) के फलन के रूप में, निराधी विभव \(V _{0}\) (वोल्ट में) के परिवर्तन को दर्शाया गया हैं। इस ग्राफ से सोडियम का कार्य - फलन प्राप्त होगा : (\(eV\) में)(प्लाँक स्थिरांक \(( h )=6.63 \times 10^{-34} \,Js\), इलेक्ट्रॉन आवेश \(e =1.6 \times 10^{-19}\, C)\)

1 \(1.82\)
2 \(1.66\)
3 \(2.12\)
4 \(1.95\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192179 \(5\; W\) का एक स्रोत \(5000\;\mathring A\) तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। \(0.5\; m\) की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश संवेदी धात्विक तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्रोत को तल से \(1\;m\) की दूरी पर ले जाया जाएगा, तो विमुक्त प्रकाशी इलेक्ट्रॉनों की संख्या

1 \(4\) के गुणक से कम हो जाएगी
2 \(2\) के गुणक से कम हो जाएगी
3 \(8\) के गुणक से कम हो जाएगी
4 \(16\) के गुणक से कम हो जाएगी
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192180 इस चित्र में एक प्रकाश सक्रिय तल के लिए तीन विभिन्न विकिरणों के लिए प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ मन जायेगा ?

1 वक्र \((b)\) और \((c)\) समान आवृत्ति और समान तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
2 वक्र \((a)\) और \((b)\) समान आवृत्ति परन्तु विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
3 वक्र \((a)\) और \((b)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
4 वक्र \((b)\) और \((c)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों की निरूपित करती है।
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192181 तीव्रता \(6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}\) वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य \(\lambda=310 \,nm\) हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन \(\varphi=2\, eV\) ) की सतह पर लम्बवत् \(1 \,cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले \(10^{3}\) फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और \(1 \,s\) में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या \(10^{x}\) हो, तो \(x\) का मान है।\(\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)\)

1 \(5\)
2 \(8\)
3 \(11\)
4 \(13\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192182 एक इलैक्ट्रॉन (द्रव्यमान \(m\) ) का प्रांरभिक वेग \(\overrightarrow{ v }= v _{0} \hat{ i }+ v _{0} \hat{ j }\) है तथा यह एक विधुत क्षेत्र \(\overrightarrow{ E }=- E _{0} \hat{ k }\) में है। यदि इलैक्ट्रॉन की डी-ब्रोग्ली तंरग का प्रांरभिक तरंगदैर्ध्य \(\lambda_{0}\) हो तो \(t\) समय के पश्चात इसका तरंगदैर्ध्य होगा।

1 \(\frac{\lambda_{0} \sqrt{2}}{\sqrt{ {\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
2 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{2}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
3 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{2 \mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
4 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}_{0}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192178 यहाँ आरेख में, एक सोडियम-उत्सर्जक के लिये, आवृत्ति \((v)\) के फलन के रूप में, निराधी विभव \(V _{0}\) (वोल्ट में) के परिवर्तन को दर्शाया गया हैं। इस ग्राफ से सोडियम का कार्य - फलन प्राप्त होगा : (\(eV\) में)(प्लाँक स्थिरांक \(( h )=6.63 \times 10^{-34} \,Js\), इलेक्ट्रॉन आवेश \(e =1.6 \times 10^{-19}\, C)\)

1 \(1.82\)
2 \(1.66\)
3 \(2.12\)
4 \(1.95\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192179 \(5\; W\) का एक स्रोत \(5000\;\mathring A\) तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। \(0.5\; m\) की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश संवेदी धात्विक तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्रोत को तल से \(1\;m\) की दूरी पर ले जाया जाएगा, तो विमुक्त प्रकाशी इलेक्ट्रॉनों की संख्या

1 \(4\) के गुणक से कम हो जाएगी
2 \(2\) के गुणक से कम हो जाएगी
3 \(8\) के गुणक से कम हो जाएगी
4 \(16\) के गुणक से कम हो जाएगी
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192180 इस चित्र में एक प्रकाश सक्रिय तल के लिए तीन विभिन्न विकिरणों के लिए प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ मन जायेगा ?

1 वक्र \((b)\) और \((c)\) समान आवृत्ति और समान तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
2 वक्र \((a)\) और \((b)\) समान आवृत्ति परन्तु विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
3 वक्र \((a)\) और \((b)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों को निरूपित करती है।
4 वक्र \((b)\) और \((c)\) विभिन्न आवृत्ति और विभिन्न तीव्रता की आपतित विकिरणों की निरूपित करती है।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192181 तीव्रता \(6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}\) वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य \(\lambda=310 \,nm\) हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन \(\varphi=2\, eV\) ) की सतह पर लम्बवत् \(1 \,cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले \(10^{3}\) फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और \(1 \,s\) में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या \(10^{x}\) हो, तो \(x\) का मान है।\(\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)\)

1 \(5\)
2 \(8\)
3 \(11\)
4 \(13\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192182 एक इलैक्ट्रॉन (द्रव्यमान \(m\) ) का प्रांरभिक वेग \(\overrightarrow{ v }= v _{0} \hat{ i }+ v _{0} \hat{ j }\) है तथा यह एक विधुत क्षेत्र \(\overrightarrow{ E }=- E _{0} \hat{ k }\) में है। यदि इलैक्ट्रॉन की डी-ब्रोग्ली तंरग का प्रांरभिक तरंगदैर्ध्य \(\lambda_{0}\) हो तो \(t\) समय के पश्चात इसका तरंगदैर्ध्य होगा।

1 \(\frac{\lambda_{0} \sqrt{2}}{\sqrt{ {\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
2 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{2}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
3 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}^{2} \mathrm{t}^{2}}{2 \mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)
4 \(\frac{\lambda_{0}}{\sqrt{{\Large{1}}+\cfrac{\mathrm{e}^{2} \mathrm{E}_{0}^{2} \mathrm{t}^{2}}{\mathrm{m}^{2} \mathrm{v}_{0}^{2}}}}\)