192174 दो कण एक दूसरे से लम्बवत् दिशाओं में गतिशील है। इन कणों की डी-ब्रोग्ली तरंग लम्बाइयाँ क्रमशः \(\lambda_{1}\) तथा \(\lambda_{2}\) है। इन कणों का पूर्णतया अप्रत्यास्थ संघट्ट होता है। परिणामी कण की डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य \(\lambda\) इस समीकरण से दी जाती है।
192175 प्रकाश की एक तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न है,\(\overrightarrow{ E }=10^{-3} \cos \left(\frac{2 \pi x }{5 \times 10^{-7}}-2 \pi \times 6 \times 10^{14} t \right) \hat{ x } \,\frac{ N }{ C }\)यह प्रकाश एक धातु की प्लेट पर आपतित है जिसका कार्य फलन \(2\, eV\) है। प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों के निरोधी विभव का मान \(......\,V\) होगा।
192176 एक सोलर पैनल की सतह पर \(50\, W / m ^{2}\) ऊर्जा घनत्व का सूर्य का प्रकाश अभिलम्बवत् आपतित होता है। आपतित ऊर्जा का कुछ भाग \((25 \, \%)\) सतह से परावर्तित हो जाता है तथा बचा हुआ भाग अवशोषित हो जाता है। सतह के \(1 m ^{2}\) क्षेत्रफल पर लगने वाला बल होगा :\(\left( c =3 \times 10^{8} m / s \right)\)
192174 दो कण एक दूसरे से लम्बवत् दिशाओं में गतिशील है। इन कणों की डी-ब्रोग्ली तरंग लम्बाइयाँ क्रमशः \(\lambda_{1}\) तथा \(\lambda_{2}\) है। इन कणों का पूर्णतया अप्रत्यास्थ संघट्ट होता है। परिणामी कण की डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य \(\lambda\) इस समीकरण से दी जाती है।
192175 प्रकाश की एक तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न है,\(\overrightarrow{ E }=10^{-3} \cos \left(\frac{2 \pi x }{5 \times 10^{-7}}-2 \pi \times 6 \times 10^{14} t \right) \hat{ x } \,\frac{ N }{ C }\)यह प्रकाश एक धातु की प्लेट पर आपतित है जिसका कार्य फलन \(2\, eV\) है। प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों के निरोधी विभव का मान \(......\,V\) होगा।
192176 एक सोलर पैनल की सतह पर \(50\, W / m ^{2}\) ऊर्जा घनत्व का सूर्य का प्रकाश अभिलम्बवत् आपतित होता है। आपतित ऊर्जा का कुछ भाग \((25 \, \%)\) सतह से परावर्तित हो जाता है तथा बचा हुआ भाग अवशोषित हो जाता है। सतह के \(1 m ^{2}\) क्षेत्रफल पर लगने वाला बल होगा :\(\left( c =3 \times 10^{8} m / s \right)\)
192174 दो कण एक दूसरे से लम्बवत् दिशाओं में गतिशील है। इन कणों की डी-ब्रोग्ली तरंग लम्बाइयाँ क्रमशः \(\lambda_{1}\) तथा \(\lambda_{2}\) है। इन कणों का पूर्णतया अप्रत्यास्थ संघट्ट होता है। परिणामी कण की डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य \(\lambda\) इस समीकरण से दी जाती है।
192175 प्रकाश की एक तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न है,\(\overrightarrow{ E }=10^{-3} \cos \left(\frac{2 \pi x }{5 \times 10^{-7}}-2 \pi \times 6 \times 10^{14} t \right) \hat{ x } \,\frac{ N }{ C }\)यह प्रकाश एक धातु की प्लेट पर आपतित है जिसका कार्य फलन \(2\, eV\) है। प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों के निरोधी विभव का मान \(......\,V\) होगा।
192176 एक सोलर पैनल की सतह पर \(50\, W / m ^{2}\) ऊर्जा घनत्व का सूर्य का प्रकाश अभिलम्बवत् आपतित होता है। आपतित ऊर्जा का कुछ भाग \((25 \, \%)\) सतह से परावर्तित हो जाता है तथा बचा हुआ भाग अवशोषित हो जाता है। सतह के \(1 m ^{2}\) क्षेत्रफल पर लगने वाला बल होगा :\(\left( c =3 \times 10^{8} m / s \right)\)
192174 दो कण एक दूसरे से लम्बवत् दिशाओं में गतिशील है। इन कणों की डी-ब्रोग्ली तरंग लम्बाइयाँ क्रमशः \(\lambda_{1}\) तथा \(\lambda_{2}\) है। इन कणों का पूर्णतया अप्रत्यास्थ संघट्ट होता है। परिणामी कण की डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य \(\lambda\) इस समीकरण से दी जाती है।
192175 प्रकाश की एक तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न है,\(\overrightarrow{ E }=10^{-3} \cos \left(\frac{2 \pi x }{5 \times 10^{-7}}-2 \pi \times 6 \times 10^{14} t \right) \hat{ x } \,\frac{ N }{ C }\)यह प्रकाश एक धातु की प्लेट पर आपतित है जिसका कार्य फलन \(2\, eV\) है। प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों के निरोधी विभव का मान \(......\,V\) होगा।
192176 एक सोलर पैनल की सतह पर \(50\, W / m ^{2}\) ऊर्जा घनत्व का सूर्य का प्रकाश अभिलम्बवत् आपतित होता है। आपतित ऊर्जा का कुछ भाग \((25 \, \%)\) सतह से परावर्तित हो जाता है तथा बचा हुआ भाग अवशोषित हो जाता है। सतह के \(1 m ^{2}\) क्षेत्रफल पर लगने वाला बल होगा :\(\left( c =3 \times 10^{8} m / s \right)\)