11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192183 जब 4.0eV ऊर्जा के फोटॉन धातु A की सतह पर पड़ते हैं, तो इससे उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा TAeV है और इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य λA है। एक दूसरी धातु B पर 4.50eV ऊर्जा के फोटॉनों के पड़ने पर उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा TB=(TA1.5)eV है। यदि इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य λB=2λA है, तो धातु B के कार्य फलन का मान ............. eV है।

1 3
2 2
3 4
4 1.5
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192184 गतिज ऊर्जा E के एक कण का डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य λ है। यदि इसकी ऊर्जा में ΔE ऊर्जा और जोड़ी दी जाय तो तरंगदैर्ध्य का मान λ/2 हो जाता है। ΔE का मान है।

1 2E
2 E
3 3E
4 4E
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192185 तरंगदैर्ध्य 6561A˚ का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान 3×104T है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या 10mm है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?

1 1.8
2 0.8
3 1.1
4 1.6
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)

192186 488nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव 0.38V है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।

1 4.32
2 2.16
3 8.64
4 6.48
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192183 जब 4.0eV ऊर्जा के फोटॉन धातु A की सतह पर पड़ते हैं, तो इससे उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा TAeV है और इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य λA है। एक दूसरी धातु B पर 4.50eV ऊर्जा के फोटॉनों के पड़ने पर उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा TB=(TA1.5)eV है। यदि इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य λB=2λA है, तो धातु B के कार्य फलन का मान ............. eV है।

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192184 गतिज ऊर्जा E के एक कण का डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य λ है। यदि इसकी ऊर्जा में ΔE ऊर्जा और जोड़ी दी जाय तो तरंगदैर्ध्य का मान λ/2 हो जाता है। ΔE का मान है।

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192185 तरंगदैर्ध्य 6561A˚ का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान 3×104T है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या 10mm है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?

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192186 488nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव 0.38V है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।

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192183 जब 4.0eV ऊर्जा के फोटॉन धातु A की सतह पर पड़ते हैं, तो इससे उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा TAeV है और इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य λA है। एक दूसरी धातु B पर 4.50eV ऊर्जा के फोटॉनों के पड़ने पर उत्सर्जित इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा TB=(TA1.5)eV है। यदि इनका डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्घ्य λB=2λA है, तो धातु B के कार्य फलन का मान ............. eV है।

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192184 गतिज ऊर्जा E के एक कण का डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य λ है। यदि इसकी ऊर्जा में ΔE ऊर्जा और जोड़ी दी जाय तो तरंगदैर्ध्य का मान λ/2 हो जाता है। ΔE का मान है।

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192185 तरंगदैर्ध्य 6561A˚ का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान 3×104T है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या 10mm है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?

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192186 488nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव 0.38V है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।

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192184 गतिज ऊर्जा E के एक कण का डी-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य λ है। यदि इसकी ऊर्जा में ΔE ऊर्जा और जोड़ी दी जाय तो तरंगदैर्ध्य का मान λ/2 हो जाता है। ΔE का मान है।

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192185 तरंगदैर्ध्य 6561A˚ का विकिरण एक धातु की सतह पर पड़ता है और इससे प्रकाशिक इलैक्ट्रॉन (photoelectrons) पैदा हाते है। इन इलैक्ट्रॉनों को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, जिसका मान 3×104T है, में प्रवेश कराने पर उनके द्वारा बनाये गये सबसे बड़े वृत्तीय पथ की त्रिज्या 10mm है। धातु के कार्य फलन का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?

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192186 488nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है , जिसे प्रकाश-विध्यूत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी ( अंतक) विभव 0.38V है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।

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