204056
एक कण \(80\,ft/\sec \) के प्रारम्भिक वेग से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। कितने समय पश्चात् यह कण पृथ्वी से \(96\,ft\) की ऊँचाई पर होगा
1 \(2\) व \(3 \,sec\)
2 केवल \(3\, sec\)
3 केवल \(2\, sec\)
4 \(1\) व \(2\, sec\)
Explanation:
(a) \(h = ut - \frac{1}{2}g{t^2} \Rightarrow 96 = 80t - \frac{{32}}{2}{t^2}\) \( \Rightarrow {t^2} - 5t + 6 = 0 \Rightarrow t = 2\,sec\) अथवा \(3 \,sec\)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204057
एक पिण्ड विराम अवस्था से गिरता है, तो प्रथम सैकण्ड के पश्चात् इसका वेग होगा.........\(ft/\sec \) \((g = 32ft/\sec )\)
1 \(16\)
2 \(32\)
3 \(64\)
4 \(24\)
Explanation:
(b)\(v = g \times t = 32 \times 1 = 32ft/\sec \)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204058
किसी मीनार से एक पत्थर को प्रारम्भिक वेग \(u\) से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है, जिसका पृथ्वी पर पहुँचने पर वेग \(3u\) हो जाता है। मीनार की ऊँचाई है
204056
एक कण \(80\,ft/\sec \) के प्रारम्भिक वेग से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। कितने समय पश्चात् यह कण पृथ्वी से \(96\,ft\) की ऊँचाई पर होगा
1 \(2\) व \(3 \,sec\)
2 केवल \(3\, sec\)
3 केवल \(2\, sec\)
4 \(1\) व \(2\, sec\)
Explanation:
(a) \(h = ut - \frac{1}{2}g{t^2} \Rightarrow 96 = 80t - \frac{{32}}{2}{t^2}\) \( \Rightarrow {t^2} - 5t + 6 = 0 \Rightarrow t = 2\,sec\) अथवा \(3 \,sec\)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204057
एक पिण्ड विराम अवस्था से गिरता है, तो प्रथम सैकण्ड के पश्चात् इसका वेग होगा.........\(ft/\sec \) \((g = 32ft/\sec )\)
1 \(16\)
2 \(32\)
3 \(64\)
4 \(24\)
Explanation:
(b)\(v = g \times t = 32 \times 1 = 32ft/\sec \)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204058
किसी मीनार से एक पत्थर को प्रारम्भिक वेग \(u\) से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है, जिसका पृथ्वी पर पहुँचने पर वेग \(3u\) हो जाता है। मीनार की ऊँचाई है
204056
एक कण \(80\,ft/\sec \) के प्रारम्भिक वेग से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। कितने समय पश्चात् यह कण पृथ्वी से \(96\,ft\) की ऊँचाई पर होगा
1 \(2\) व \(3 \,sec\)
2 केवल \(3\, sec\)
3 केवल \(2\, sec\)
4 \(1\) व \(2\, sec\)
Explanation:
(a) \(h = ut - \frac{1}{2}g{t^2} \Rightarrow 96 = 80t - \frac{{32}}{2}{t^2}\) \( \Rightarrow {t^2} - 5t + 6 = 0 \Rightarrow t = 2\,sec\) अथवा \(3 \,sec\)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204057
एक पिण्ड विराम अवस्था से गिरता है, तो प्रथम सैकण्ड के पश्चात् इसका वेग होगा.........\(ft/\sec \) \((g = 32ft/\sec )\)
1 \(16\)
2 \(32\)
3 \(64\)
4 \(24\)
Explanation:
(b)\(v = g \times t = 32 \times 1 = 32ft/\sec \)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204058
किसी मीनार से एक पत्थर को प्रारम्भिक वेग \(u\) से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है, जिसका पृथ्वी पर पहुँचने पर वेग \(3u\) हो जाता है। मीनार की ऊँचाई है
204056
एक कण \(80\,ft/\sec \) के प्रारम्भिक वेग से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। कितने समय पश्चात् यह कण पृथ्वी से \(96\,ft\) की ऊँचाई पर होगा
1 \(2\) व \(3 \,sec\)
2 केवल \(3\, sec\)
3 केवल \(2\, sec\)
4 \(1\) व \(2\, sec\)
Explanation:
(a) \(h = ut - \frac{1}{2}g{t^2} \Rightarrow 96 = 80t - \frac{{32}}{2}{t^2}\) \( \Rightarrow {t^2} - 5t + 6 = 0 \Rightarrow t = 2\,sec\) अथवा \(3 \,sec\)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204057
एक पिण्ड विराम अवस्था से गिरता है, तो प्रथम सैकण्ड के पश्चात् इसका वेग होगा.........\(ft/\sec \) \((g = 32ft/\sec )\)
1 \(16\)
2 \(32\)
3 \(64\)
4 \(24\)
Explanation:
(b)\(v = g \times t = 32 \times 1 = 32ft/\sec \)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204058
किसी मीनार से एक पत्थर को प्रारम्भिक वेग \(u\) से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है, जिसका पृथ्वी पर पहुँचने पर वेग \(3u\) हो जाता है। मीनार की ऊँचाई है
204056
एक कण \(80\,ft/\sec \) के प्रारम्भिक वेग से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। कितने समय पश्चात् यह कण पृथ्वी से \(96\,ft\) की ऊँचाई पर होगा
1 \(2\) व \(3 \,sec\)
2 केवल \(3\, sec\)
3 केवल \(2\, sec\)
4 \(1\) व \(2\, sec\)
Explanation:
(a) \(h = ut - \frac{1}{2}g{t^2} \Rightarrow 96 = 80t - \frac{{32}}{2}{t^2}\) \( \Rightarrow {t^2} - 5t + 6 = 0 \Rightarrow t = 2\,sec\) अथवा \(3 \,sec\)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204057
एक पिण्ड विराम अवस्था से गिरता है, तो प्रथम सैकण्ड के पश्चात् इसका वेग होगा.........\(ft/\sec \) \((g = 32ft/\sec )\)
1 \(16\)
2 \(32\)
3 \(64\)
4 \(24\)
Explanation:
(b)\(v = g \times t = 32 \times 1 = 32ft/\sec \)
03. MOTION IN A STRAIGHT LINE (HM)
204058
किसी मीनार से एक पत्थर को प्रारम्भिक वेग \(u\) से ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया जाता है, जिसका पृथ्वी पर पहुँचने पर वेग \(3u\) हो जाता है। मीनार की ऊँचाई है