01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197702 मुक्त आकाश में एक बिन्दु पर आवेश \(Q\) कूलाम्ब के कारण विभव \(Q \times 10^{11}\) वोल्ट है। इस बिन्दु पर विधुतीय क्षेत्र होगा-

1 \(4\pi {\varepsilon _0}Q \times 10^{20}\;V/m\)
2 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
3 \(\;4\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
4 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{20}}\;V/m\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197703 एक पतली विधुत चालक \(R\) त्रिज्या की रिंग(छल्ले) को \(+ Q\) आवेश दिया गया है। रिंग के केन्द्र \(O\) पर रिंग के भाग \(AKB\) के आवेश के कारण विधुत फील्ड का मान \(E\) है। रिंग के शेष भाग \(ACDB\) के आवेश के कारण केन्द्र \(O\) पर विधुत क्षेत्र का मान होगा :

1 \(E , KO\) दिशा में
2 \(3E , OK \) दिशा में
3 \(3E , KO\) दिशा में
4 \(E , OK\)दिशा में
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197704 तीन संधारित्रों में से प्रत्येक की धारिता \(C\) और विभंग वोल्टता \(V\) है। इन्हें श्रृंखला बद्ध जोड़ा गया है। इस संयोजन के लिये धारिता और विभंग वोल्टता के मान होंगे :-

1 \(3C,\)\(\frac{V}{3}\)
2 \(\;\frac{C}{3}\)\( ,3V\)
3 \(3C,3V\)
4 \(\;\frac{C}{3},\frac{V}{3}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197737 निम्न चित्र में दिखाये अनुसार एक बिन्दु आवेश \(6\) एक समान आवेशों से सममित रूप से घिरा है। स्थिर वैद्युत बलों के द्वारा आवेश \(q\) को केन्द्र से अनन्त तक चलाने में कार्य होगा

1 शून्य
2 \(6{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
3 \({q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
4 \(12{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
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197702 मुक्त आकाश में एक बिन्दु पर आवेश \(Q\) कूलाम्ब के कारण विभव \(Q \times 10^{11}\) वोल्ट है। इस बिन्दु पर विधुतीय क्षेत्र होगा-

1 \(4\pi {\varepsilon _0}Q \times 10^{20}\;V/m\)
2 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
3 \(\;4\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
4 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{20}}\;V/m\)
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197703 एक पतली विधुत चालक \(R\) त्रिज्या की रिंग(छल्ले) को \(+ Q\) आवेश दिया गया है। रिंग के केन्द्र \(O\) पर रिंग के भाग \(AKB\) के आवेश के कारण विधुत फील्ड का मान \(E\) है। रिंग के शेष भाग \(ACDB\) के आवेश के कारण केन्द्र \(O\) पर विधुत क्षेत्र का मान होगा :

1 \(E , KO\) दिशा में
2 \(3E , OK \) दिशा में
3 \(3E , KO\) दिशा में
4 \(E , OK\)दिशा में
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197704 तीन संधारित्रों में से प्रत्येक की धारिता \(C\) और विभंग वोल्टता \(V\) है। इन्हें श्रृंखला बद्ध जोड़ा गया है। इस संयोजन के लिये धारिता और विभंग वोल्टता के मान होंगे :-

1 \(3C,\)\(\frac{V}{3}\)
2 \(\;\frac{C}{3}\)\( ,3V\)
3 \(3C,3V\)
4 \(\;\frac{C}{3},\frac{V}{3}\)
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197737 निम्न चित्र में दिखाये अनुसार एक बिन्दु आवेश \(6\) एक समान आवेशों से सममित रूप से घिरा है। स्थिर वैद्युत बलों के द्वारा आवेश \(q\) को केन्द्र से अनन्त तक चलाने में कार्य होगा

1 शून्य
2 \(6{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
3 \({q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
4 \(12{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
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197702 मुक्त आकाश में एक बिन्दु पर आवेश \(Q\) कूलाम्ब के कारण विभव \(Q \times 10^{11}\) वोल्ट है। इस बिन्दु पर विधुतीय क्षेत्र होगा-

1 \(4\pi {\varepsilon _0}Q \times 10^{20}\;V/m\)
2 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
3 \(\;4\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
4 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{20}}\;V/m\)
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197703 एक पतली विधुत चालक \(R\) त्रिज्या की रिंग(छल्ले) को \(+ Q\) आवेश दिया गया है। रिंग के केन्द्र \(O\) पर रिंग के भाग \(AKB\) के आवेश के कारण विधुत फील्ड का मान \(E\) है। रिंग के शेष भाग \(ACDB\) के आवेश के कारण केन्द्र \(O\) पर विधुत क्षेत्र का मान होगा :

1 \(E , KO\) दिशा में
2 \(3E , OK \) दिशा में
3 \(3E , KO\) दिशा में
4 \(E , OK\)दिशा में
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197704 तीन संधारित्रों में से प्रत्येक की धारिता \(C\) और विभंग वोल्टता \(V\) है। इन्हें श्रृंखला बद्ध जोड़ा गया है। इस संयोजन के लिये धारिता और विभंग वोल्टता के मान होंगे :-

1 \(3C,\)\(\frac{V}{3}\)
2 \(\;\frac{C}{3}\)\( ,3V\)
3 \(3C,3V\)
4 \(\;\frac{C}{3},\frac{V}{3}\)
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197737 निम्न चित्र में दिखाये अनुसार एक बिन्दु आवेश \(6\) एक समान आवेशों से सममित रूप से घिरा है। स्थिर वैद्युत बलों के द्वारा आवेश \(q\) को केन्द्र से अनन्त तक चलाने में कार्य होगा

1 शून्य
2 \(6{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
3 \({q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
4 \(12{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
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197702 मुक्त आकाश में एक बिन्दु पर आवेश \(Q\) कूलाम्ब के कारण विभव \(Q \times 10^{11}\) वोल्ट है। इस बिन्दु पर विधुतीय क्षेत्र होगा-

1 \(4\pi {\varepsilon _0}Q \times 10^{20}\;V/m\)
2 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
3 \(\;4\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{22}}\;V/m\)
4 \(\;12\pi {\varepsilon _0}Q \times {10^{20}}\;V/m\)
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197703 एक पतली विधुत चालक \(R\) त्रिज्या की रिंग(छल्ले) को \(+ Q\) आवेश दिया गया है। रिंग के केन्द्र \(O\) पर रिंग के भाग \(AKB\) के आवेश के कारण विधुत फील्ड का मान \(E\) है। रिंग के शेष भाग \(ACDB\) के आवेश के कारण केन्द्र \(O\) पर विधुत क्षेत्र का मान होगा :

1 \(E , KO\) दिशा में
2 \(3E , OK \) दिशा में
3 \(3E , KO\) दिशा में
4 \(E , OK\)दिशा में
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197704 तीन संधारित्रों में से प्रत्येक की धारिता \(C\) और विभंग वोल्टता \(V\) है। इन्हें श्रृंखला बद्ध जोड़ा गया है। इस संयोजन के लिये धारिता और विभंग वोल्टता के मान होंगे :-

1 \(3C,\)\(\frac{V}{3}\)
2 \(\;\frac{C}{3}\)\( ,3V\)
3 \(3C,3V\)
4 \(\;\frac{C}{3},\frac{V}{3}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197737 निम्न चित्र में दिखाये अनुसार एक बिन्दु आवेश \(6\) एक समान आवेशों से सममित रूप से घिरा है। स्थिर वैद्युत बलों के द्वारा आवेश \(q\) को केन्द्र से अनन्त तक चलाने में कार्य होगा

1 शून्य
2 \(6{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
3 \({q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)
4 \(12{q^2}/4\pi {\varepsilon _0}r\)