195954
धातु का ताप बढ़ाने से उसका प्रतिरोध बढ़ता है, क्योंकि
1 श्रांतिकाल कम हो जाता है
2 इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बढ़ जाता है
3 इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है
4 उपरोक्त कोई नहीं
Explanation:
चालक का प्रतिरोध \(R \propto \frac{1}{\tau }\) (श्रांतिकाल); ताप बढ़ने पर स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों की \(rms\) चाल बढ़ती है इसलिए श्रांतिकाल घटता है अत: प्रतिरोध बढ़ता है।
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195955
एक चालक में \(4\) कूलॉम आवेश दो सैकण्ड में प्रवाहित होता है, तो धारा प्रवाह का मान होगा
1 \(4\) वोल्ट
2 \(4\) ऐम्पियर
3 \(2\) ऐम्पियर
4 \(2\) वोल्ट
Explanation:
\(i = \frac{q}{t} = \frac{4}{2} = 2\,ampere\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195970
कुछ धातुओं का तापक्रम कुछ कैल्विन से नीचे किसी मान तक करने पर इनकी चालकता अनन्त हो जाती है। यह तथ्य कहलाता है
1 ऊष्मा चालकता
2 प्रकाशिक चालकता
3 चुम्बकीय चालकता
4 अतिचालकता
Explanation:
The fact the conductor of some metals rises to infinity at some temperature below a few Kelvin is called Superconductivity
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195939
दर्शाये गये चित्र के अनुसार संधारित्र \(C\) की प्रत्येक प्लेट पर आवेश का आंशिक मान है
1 \(CE\)
2 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_2} - r}}\)
3 \(\frac{{CE{R_2}}}{{{R_2} + r}}\)
4 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_1} - r}}\)
Explanation:
स्थायी अवस्था में बैटरी से आने वाली धारा \(i = \frac{E}{{({R_2} + r)}}\) स्थायी अवस्था में संधारित्र पूर्णत: आवेशित होगा अत: लाइन \((2)\) से कोर्इ धारा प्रवाहित नहीं होगी अत: लाइन \((1)\) पर विभवान्तर \(V = \frac{E}{{({R_2} + r)}} \times {R_2}\), इतना ही विभवान्तर संधारित्र पर उत्पé होगा, अत: संधारित्र पर आवेश \(Q = C \times \frac{{E{R_2}}}{{({R_2} + r)}}\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195984
धातुओं में इलेक्ट्रॉनों का श्रान्तिकाल
1 ताप के बढ़ने पर बढ़ता है
2 ताप के बढ़ने पर घटता है
3 ताप पर निर्भर नहीं करता
4 \(400\,K\) पर एकाएक बदल जाता है
Explanation:
ताप के बढ़ने पर प्रतिरोधकता बढ़ती है अत: \(\left( {\tau \propto \frac{1}{\rho }} \right)\) के अनुसार श्रांतिकाल घटता है।
195954
धातु का ताप बढ़ाने से उसका प्रतिरोध बढ़ता है, क्योंकि
1 श्रांतिकाल कम हो जाता है
2 इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बढ़ जाता है
3 इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है
4 उपरोक्त कोई नहीं
Explanation:
चालक का प्रतिरोध \(R \propto \frac{1}{\tau }\) (श्रांतिकाल); ताप बढ़ने पर स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों की \(rms\) चाल बढ़ती है इसलिए श्रांतिकाल घटता है अत: प्रतिरोध बढ़ता है।
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195955
एक चालक में \(4\) कूलॉम आवेश दो सैकण्ड में प्रवाहित होता है, तो धारा प्रवाह का मान होगा
1 \(4\) वोल्ट
2 \(4\) ऐम्पियर
3 \(2\) ऐम्पियर
4 \(2\) वोल्ट
Explanation:
\(i = \frac{q}{t} = \frac{4}{2} = 2\,ampere\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195970
कुछ धातुओं का तापक्रम कुछ कैल्विन से नीचे किसी मान तक करने पर इनकी चालकता अनन्त हो जाती है। यह तथ्य कहलाता है
1 ऊष्मा चालकता
2 प्रकाशिक चालकता
3 चुम्बकीय चालकता
4 अतिचालकता
Explanation:
The fact the conductor of some metals rises to infinity at some temperature below a few Kelvin is called Superconductivity
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195939
दर्शाये गये चित्र के अनुसार संधारित्र \(C\) की प्रत्येक प्लेट पर आवेश का आंशिक मान है
1 \(CE\)
2 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_2} - r}}\)
3 \(\frac{{CE{R_2}}}{{{R_2} + r}}\)
4 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_1} - r}}\)
Explanation:
स्थायी अवस्था में बैटरी से आने वाली धारा \(i = \frac{E}{{({R_2} + r)}}\) स्थायी अवस्था में संधारित्र पूर्णत: आवेशित होगा अत: लाइन \((2)\) से कोर्इ धारा प्रवाहित नहीं होगी अत: लाइन \((1)\) पर विभवान्तर \(V = \frac{E}{{({R_2} + r)}} \times {R_2}\), इतना ही विभवान्तर संधारित्र पर उत्पé होगा, अत: संधारित्र पर आवेश \(Q = C \times \frac{{E{R_2}}}{{({R_2} + r)}}\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195984
धातुओं में इलेक्ट्रॉनों का श्रान्तिकाल
1 ताप के बढ़ने पर बढ़ता है
2 ताप के बढ़ने पर घटता है
3 ताप पर निर्भर नहीं करता
4 \(400\,K\) पर एकाएक बदल जाता है
Explanation:
ताप के बढ़ने पर प्रतिरोधकता बढ़ती है अत: \(\left( {\tau \propto \frac{1}{\rho }} \right)\) के अनुसार श्रांतिकाल घटता है।
NEET Test Series from KOTA - 10 Papers In MS WORD
WhatsApp Here
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195954
धातु का ताप बढ़ाने से उसका प्रतिरोध बढ़ता है, क्योंकि
1 श्रांतिकाल कम हो जाता है
2 इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बढ़ जाता है
3 इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है
4 उपरोक्त कोई नहीं
Explanation:
चालक का प्रतिरोध \(R \propto \frac{1}{\tau }\) (श्रांतिकाल); ताप बढ़ने पर स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों की \(rms\) चाल बढ़ती है इसलिए श्रांतिकाल घटता है अत: प्रतिरोध बढ़ता है।
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195955
एक चालक में \(4\) कूलॉम आवेश दो सैकण्ड में प्रवाहित होता है, तो धारा प्रवाह का मान होगा
1 \(4\) वोल्ट
2 \(4\) ऐम्पियर
3 \(2\) ऐम्पियर
4 \(2\) वोल्ट
Explanation:
\(i = \frac{q}{t} = \frac{4}{2} = 2\,ampere\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195970
कुछ धातुओं का तापक्रम कुछ कैल्विन से नीचे किसी मान तक करने पर इनकी चालकता अनन्त हो जाती है। यह तथ्य कहलाता है
1 ऊष्मा चालकता
2 प्रकाशिक चालकता
3 चुम्बकीय चालकता
4 अतिचालकता
Explanation:
The fact the conductor of some metals rises to infinity at some temperature below a few Kelvin is called Superconductivity
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195939
दर्शाये गये चित्र के अनुसार संधारित्र \(C\) की प्रत्येक प्लेट पर आवेश का आंशिक मान है
1 \(CE\)
2 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_2} - r}}\)
3 \(\frac{{CE{R_2}}}{{{R_2} + r}}\)
4 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_1} - r}}\)
Explanation:
स्थायी अवस्था में बैटरी से आने वाली धारा \(i = \frac{E}{{({R_2} + r)}}\) स्थायी अवस्था में संधारित्र पूर्णत: आवेशित होगा अत: लाइन \((2)\) से कोर्इ धारा प्रवाहित नहीं होगी अत: लाइन \((1)\) पर विभवान्तर \(V = \frac{E}{{({R_2} + r)}} \times {R_2}\), इतना ही विभवान्तर संधारित्र पर उत्पé होगा, अत: संधारित्र पर आवेश \(Q = C \times \frac{{E{R_2}}}{{({R_2} + r)}}\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195984
धातुओं में इलेक्ट्रॉनों का श्रान्तिकाल
1 ताप के बढ़ने पर बढ़ता है
2 ताप के बढ़ने पर घटता है
3 ताप पर निर्भर नहीं करता
4 \(400\,K\) पर एकाएक बदल जाता है
Explanation:
ताप के बढ़ने पर प्रतिरोधकता बढ़ती है अत: \(\left( {\tau \propto \frac{1}{\rho }} \right)\) के अनुसार श्रांतिकाल घटता है।
195954
धातु का ताप बढ़ाने से उसका प्रतिरोध बढ़ता है, क्योंकि
1 श्रांतिकाल कम हो जाता है
2 इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बढ़ जाता है
3 इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है
4 उपरोक्त कोई नहीं
Explanation:
चालक का प्रतिरोध \(R \propto \frac{1}{\tau }\) (श्रांतिकाल); ताप बढ़ने पर स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों की \(rms\) चाल बढ़ती है इसलिए श्रांतिकाल घटता है अत: प्रतिरोध बढ़ता है।
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195955
एक चालक में \(4\) कूलॉम आवेश दो सैकण्ड में प्रवाहित होता है, तो धारा प्रवाह का मान होगा
1 \(4\) वोल्ट
2 \(4\) ऐम्पियर
3 \(2\) ऐम्पियर
4 \(2\) वोल्ट
Explanation:
\(i = \frac{q}{t} = \frac{4}{2} = 2\,ampere\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195970
कुछ धातुओं का तापक्रम कुछ कैल्विन से नीचे किसी मान तक करने पर इनकी चालकता अनन्त हो जाती है। यह तथ्य कहलाता है
1 ऊष्मा चालकता
2 प्रकाशिक चालकता
3 चुम्बकीय चालकता
4 अतिचालकता
Explanation:
The fact the conductor of some metals rises to infinity at some temperature below a few Kelvin is called Superconductivity
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195939
दर्शाये गये चित्र के अनुसार संधारित्र \(C\) की प्रत्येक प्लेट पर आवेश का आंशिक मान है
1 \(CE\)
2 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_2} - r}}\)
3 \(\frac{{CE{R_2}}}{{{R_2} + r}}\)
4 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_1} - r}}\)
Explanation:
स्थायी अवस्था में बैटरी से आने वाली धारा \(i = \frac{E}{{({R_2} + r)}}\) स्थायी अवस्था में संधारित्र पूर्णत: आवेशित होगा अत: लाइन \((2)\) से कोर्इ धारा प्रवाहित नहीं होगी अत: लाइन \((1)\) पर विभवान्तर \(V = \frac{E}{{({R_2} + r)}} \times {R_2}\), इतना ही विभवान्तर संधारित्र पर उत्पé होगा, अत: संधारित्र पर आवेश \(Q = C \times \frac{{E{R_2}}}{{({R_2} + r)}}\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195984
धातुओं में इलेक्ट्रॉनों का श्रान्तिकाल
1 ताप के बढ़ने पर बढ़ता है
2 ताप के बढ़ने पर घटता है
3 ताप पर निर्भर नहीं करता
4 \(400\,K\) पर एकाएक बदल जाता है
Explanation:
ताप के बढ़ने पर प्रतिरोधकता बढ़ती है अत: \(\left( {\tau \propto \frac{1}{\rho }} \right)\) के अनुसार श्रांतिकाल घटता है।
195954
धातु का ताप बढ़ाने से उसका प्रतिरोध बढ़ता है, क्योंकि
1 श्रांतिकाल कम हो जाता है
2 इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बढ़ जाता है
3 इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है
4 उपरोक्त कोई नहीं
Explanation:
चालक का प्रतिरोध \(R \propto \frac{1}{\tau }\) (श्रांतिकाल); ताप बढ़ने पर स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों की \(rms\) चाल बढ़ती है इसलिए श्रांतिकाल घटता है अत: प्रतिरोध बढ़ता है।
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195955
एक चालक में \(4\) कूलॉम आवेश दो सैकण्ड में प्रवाहित होता है, तो धारा प्रवाह का मान होगा
1 \(4\) वोल्ट
2 \(4\) ऐम्पियर
3 \(2\) ऐम्पियर
4 \(2\) वोल्ट
Explanation:
\(i = \frac{q}{t} = \frac{4}{2} = 2\,ampere\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195970
कुछ धातुओं का तापक्रम कुछ कैल्विन से नीचे किसी मान तक करने पर इनकी चालकता अनन्त हो जाती है। यह तथ्य कहलाता है
1 ऊष्मा चालकता
2 प्रकाशिक चालकता
3 चुम्बकीय चालकता
4 अतिचालकता
Explanation:
The fact the conductor of some metals rises to infinity at some temperature below a few Kelvin is called Superconductivity
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195939
दर्शाये गये चित्र के अनुसार संधारित्र \(C\) की प्रत्येक प्लेट पर आवेश का आंशिक मान है
1 \(CE\)
2 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_2} - r}}\)
3 \(\frac{{CE{R_2}}}{{{R_2} + r}}\)
4 \(\frac{{CE{R_1}}}{{{R_1} - r}}\)
Explanation:
स्थायी अवस्था में बैटरी से आने वाली धारा \(i = \frac{E}{{({R_2} + r)}}\) स्थायी अवस्था में संधारित्र पूर्णत: आवेशित होगा अत: लाइन \((2)\) से कोर्इ धारा प्रवाहित नहीं होगी अत: लाइन \((1)\) पर विभवान्तर \(V = \frac{E}{{({R_2} + r)}} \times {R_2}\), इतना ही विभवान्तर संधारित्र पर उत्पé होगा, अत: संधारित्र पर आवेश \(Q = C \times \frac{{E{R_2}}}{{({R_2} + r)}}\)
03. CURRENT ELECTRICITY (HM)
195984
धातुओं में इलेक्ट्रॉनों का श्रान्तिकाल
1 ताप के बढ़ने पर बढ़ता है
2 ताप के बढ़ने पर घटता है
3 ताप पर निर्भर नहीं करता
4 \(400\,K\) पर एकाएक बदल जाता है
Explanation:
ताप के बढ़ने पर प्रतिरोधकता बढ़ती है अत: \(\left( {\tau \propto \frac{1}{\rho }} \right)\) के अनुसार श्रांतिकाल घटता है।