194780 चित्र में एक स्थायी चुम्बक के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव दिखाये गये हैं । इन ध्रुवों के बीच \(n\) लपटों वाली एक कुण्डली जिसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल \(A\) है, विरामावस्था में है । कुण्डली में धारा \( i \) प्रवाहित करने पर कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र \( B\) की दिशा से \(\theta \)कोण बनाता है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा कुण्डली के तल क्रमश: क्षैतिज तथा ऊध्र्वाधर हों, तो कुण्डली पर बल आघूर्ण होगा
194780 चित्र में एक स्थायी चुम्बक के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव दिखाये गये हैं । इन ध्रुवों के बीच \(n\) लपटों वाली एक कुण्डली जिसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल \(A\) है, विरामावस्था में है । कुण्डली में धारा \( i \) प्रवाहित करने पर कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र \( B\) की दिशा से \(\theta \)कोण बनाता है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा कुण्डली के तल क्रमश: क्षैतिज तथा ऊध्र्वाधर हों, तो कुण्डली पर बल आघूर्ण होगा
194780 चित्र में एक स्थायी चुम्बक के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव दिखाये गये हैं । इन ध्रुवों के बीच \(n\) लपटों वाली एक कुण्डली जिसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल \(A\) है, विरामावस्था में है । कुण्डली में धारा \( i \) प्रवाहित करने पर कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र \( B\) की दिशा से \(\theta \)कोण बनाता है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा कुण्डली के तल क्रमश: क्षैतिज तथा ऊध्र्वाधर हों, तो कुण्डली पर बल आघूर्ण होगा
194780 चित्र में एक स्थायी चुम्बक के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव दिखाये गये हैं । इन ध्रुवों के बीच \(n\) लपटों वाली एक कुण्डली जिसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल \(A\) है, विरामावस्था में है । कुण्डली में धारा \( i \) प्रवाहित करने पर कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र \( B\) की दिशा से \(\theta \)कोण बनाता है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा कुण्डली के तल क्रमश: क्षैतिज तथा ऊध्र्वाधर हों, तो कुण्डली पर बल आघूर्ण होगा