194782
दो छोटे चुम्बक जिनके अक्ष क्षैतिज और चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् हैं और उनके केन्द्र बिन्दु चुम्बकीय सुई के क्रमश: \(40\) सेमी पूर्व तथा \(50\) सेमी पश्चिम में हैं । यदि सुई में कोई विक्षेप नहीं है, तो उनके चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात \({M_1}:{M_2}\)है
1 \(4:5\)
2 \(16:25\)
3 \(64 : 125\)
4 \(2:\sqrt 5 \)
Explanation:
अविक्षेप की स्थिति में \(\frac{{{M_1}}}{{{M_2}}} = {\left( {\frac{{{d_1}}}{{{d_2}}}} \right)^3} = {\left( {\frac{{40}}{{50}}} \right)^3} = \frac{{64}}{{125}}\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194783
यदि \(M\) चुम्बकीय आघूर्ण के एक छड़ चुम्बक को तीव्रता \(B\) के समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्रतापूर्वक लटका दिया जाए तो चुम्बक को \(\theta \) कोण से घुमाने में किया गया कार्य होगा
1 \(MB(1 - \sin \theta )\)
2 \(MB\sin \theta \)
3 \(MB\cos \theta \)
4 \(MB(1 - \cos \theta )\)
Explanation:
(d) Magnetic moment \(=M\) Magnetic field of strength \(=B\) we know that, \(d W=M B \sin \theta d \theta\) Now, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) from initial position \(\left(\theta_{1}=0^{0}\right)\) is \(W=M B\left(\cos \theta_{1}-\cos \theta\right)\) \(W=M B\left(\cos 0^{0}-\cos \theta\right)\) \(W=M B(1-\cos \theta)\) Hence, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) is \(M B(1-\cos \theta)\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194784
दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में \(d \) दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई \(d \) के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा
1 \(d\)
2 \({d^2}\)
3 \(\frac{1}{{{d^2}}}\)
4 \({d^4}\)
Explanation:
\(F = \frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\left( {\frac{{6MM'}}{{{d^4}}}} \right)\)अक्षीय स्थिति में
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194785
\(M \) चुम्बकीय आघूर्ण वाले एक चुम्बक को \(B\) तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि उसकी अक्ष क्षेत्र के अनुदिश है। इस चुम्बक को \( 180°\) के कोण से घुमाने के लिये किया गया कार्य है
194782
दो छोटे चुम्बक जिनके अक्ष क्षैतिज और चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् हैं और उनके केन्द्र बिन्दु चुम्बकीय सुई के क्रमश: \(40\) सेमी पूर्व तथा \(50\) सेमी पश्चिम में हैं । यदि सुई में कोई विक्षेप नहीं है, तो उनके चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात \({M_1}:{M_2}\)है
1 \(4:5\)
2 \(16:25\)
3 \(64 : 125\)
4 \(2:\sqrt 5 \)
Explanation:
अविक्षेप की स्थिति में \(\frac{{{M_1}}}{{{M_2}}} = {\left( {\frac{{{d_1}}}{{{d_2}}}} \right)^3} = {\left( {\frac{{40}}{{50}}} \right)^3} = \frac{{64}}{{125}}\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194783
यदि \(M\) चुम्बकीय आघूर्ण के एक छड़ चुम्बक को तीव्रता \(B\) के समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्रतापूर्वक लटका दिया जाए तो चुम्बक को \(\theta \) कोण से घुमाने में किया गया कार्य होगा
1 \(MB(1 - \sin \theta )\)
2 \(MB\sin \theta \)
3 \(MB\cos \theta \)
4 \(MB(1 - \cos \theta )\)
Explanation:
(d) Magnetic moment \(=M\) Magnetic field of strength \(=B\) we know that, \(d W=M B \sin \theta d \theta\) Now, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) from initial position \(\left(\theta_{1}=0^{0}\right)\) is \(W=M B\left(\cos \theta_{1}-\cos \theta\right)\) \(W=M B\left(\cos 0^{0}-\cos \theta\right)\) \(W=M B(1-\cos \theta)\) Hence, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) is \(M B(1-\cos \theta)\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194784
दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में \(d \) दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई \(d \) के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा
1 \(d\)
2 \({d^2}\)
3 \(\frac{1}{{{d^2}}}\)
4 \({d^4}\)
Explanation:
\(F = \frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\left( {\frac{{6MM'}}{{{d^4}}}} \right)\)अक्षीय स्थिति में
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194785
\(M \) चुम्बकीय आघूर्ण वाले एक चुम्बक को \(B\) तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि उसकी अक्ष क्षेत्र के अनुदिश है। इस चुम्बक को \( 180°\) के कोण से घुमाने के लिये किया गया कार्य है
194782
दो छोटे चुम्बक जिनके अक्ष क्षैतिज और चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् हैं और उनके केन्द्र बिन्दु चुम्बकीय सुई के क्रमश: \(40\) सेमी पूर्व तथा \(50\) सेमी पश्चिम में हैं । यदि सुई में कोई विक्षेप नहीं है, तो उनके चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात \({M_1}:{M_2}\)है
1 \(4:5\)
2 \(16:25\)
3 \(64 : 125\)
4 \(2:\sqrt 5 \)
Explanation:
अविक्षेप की स्थिति में \(\frac{{{M_1}}}{{{M_2}}} = {\left( {\frac{{{d_1}}}{{{d_2}}}} \right)^3} = {\left( {\frac{{40}}{{50}}} \right)^3} = \frac{{64}}{{125}}\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194783
यदि \(M\) चुम्बकीय आघूर्ण के एक छड़ चुम्बक को तीव्रता \(B\) के समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्रतापूर्वक लटका दिया जाए तो चुम्बक को \(\theta \) कोण से घुमाने में किया गया कार्य होगा
1 \(MB(1 - \sin \theta )\)
2 \(MB\sin \theta \)
3 \(MB\cos \theta \)
4 \(MB(1 - \cos \theta )\)
Explanation:
(d) Magnetic moment \(=M\) Magnetic field of strength \(=B\) we know that, \(d W=M B \sin \theta d \theta\) Now, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) from initial position \(\left(\theta_{1}=0^{0}\right)\) is \(W=M B\left(\cos \theta_{1}-\cos \theta\right)\) \(W=M B\left(\cos 0^{0}-\cos \theta\right)\) \(W=M B(1-\cos \theta)\) Hence, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) is \(M B(1-\cos \theta)\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194784
दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में \(d \) दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई \(d \) के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा
1 \(d\)
2 \({d^2}\)
3 \(\frac{1}{{{d^2}}}\)
4 \({d^4}\)
Explanation:
\(F = \frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\left( {\frac{{6MM'}}{{{d^4}}}} \right)\)अक्षीय स्थिति में
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194785
\(M \) चुम्बकीय आघूर्ण वाले एक चुम्बक को \(B\) तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि उसकी अक्ष क्षेत्र के अनुदिश है। इस चुम्बक को \( 180°\) के कोण से घुमाने के लिये किया गया कार्य है
194782
दो छोटे चुम्बक जिनके अक्ष क्षैतिज और चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् हैं और उनके केन्द्र बिन्दु चुम्बकीय सुई के क्रमश: \(40\) सेमी पूर्व तथा \(50\) सेमी पश्चिम में हैं । यदि सुई में कोई विक्षेप नहीं है, तो उनके चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात \({M_1}:{M_2}\)है
1 \(4:5\)
2 \(16:25\)
3 \(64 : 125\)
4 \(2:\sqrt 5 \)
Explanation:
अविक्षेप की स्थिति में \(\frac{{{M_1}}}{{{M_2}}} = {\left( {\frac{{{d_1}}}{{{d_2}}}} \right)^3} = {\left( {\frac{{40}}{{50}}} \right)^3} = \frac{{64}}{{125}}\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194783
यदि \(M\) चुम्बकीय आघूर्ण के एक छड़ चुम्बक को तीव्रता \(B\) के समान चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतंत्रतापूर्वक लटका दिया जाए तो चुम्बक को \(\theta \) कोण से घुमाने में किया गया कार्य होगा
1 \(MB(1 - \sin \theta )\)
2 \(MB\sin \theta \)
3 \(MB\cos \theta \)
4 \(MB(1 - \cos \theta )\)
Explanation:
(d) Magnetic moment \(=M\) Magnetic field of strength \(=B\) we know that, \(d W=M B \sin \theta d \theta\) Now, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) from initial position \(\left(\theta_{1}=0^{0}\right)\) is \(W=M B\left(\cos \theta_{1}-\cos \theta\right)\) \(W=M B\left(\cos 0^{0}-\cos \theta\right)\) \(W=M B(1-\cos \theta)\) Hence, the work done in rotating the magnet through an angle \(\theta\) is \(M B(1-\cos \theta)\)
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194784
दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में \(d \) दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई \(d \) के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा
1 \(d\)
2 \({d^2}\)
3 \(\frac{1}{{{d^2}}}\)
4 \({d^4}\)
Explanation:
\(F = \frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }}\left( {\frac{{6MM'}}{{{d^4}}}} \right)\)अक्षीय स्थिति में
05. MAGNETISM and MATTER (HM)
194785
\(M \) चुम्बकीय आघूर्ण वाले एक चुम्बक को \(B\) तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि उसकी अक्ष क्षेत्र के अनुदिश है। इस चुम्बक को \( 180°\) के कोण से घुमाने के लिये किया गया कार्य है