07. ALTERNATING CURRENT (HM)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194226 एक \(\mathrm{LCR}\) श्रेणी परिपथ में \(\mathrm{R}=80\  \Omega . \mathrm{X}_{\mathrm{L}}=100 \ \Omega\), एवं \(\mathrm{X}_{\mathrm{C}}=40 \ \Omega\) है। निवेशी वोल्टेज \(2500 \cos (100 \pi \mathrm{t}) \mathrm{V}\) है। परिपथ में प्रवाहित धारा का आयाम \(\mathrm{A}\) है।

1 \(24\)
2 \(23\)
3 \(25\)
4 \(22\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194175 \(R =100\, \Omega, L =0.5\, mH\) और \(C =0.1\, pF\) के किसी \(LCR\) श्रेणी परिपथ, जिसे \(220 \,V -50 \,Hz\) की \(AC\) आपूर्ति के सिरों से संयोजित किया गया है, में धारा और आपूर्त वोल्टता के बीच कला-कोण तथा इस परिपथ की प्रकृति होगी?

1 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः धारिता परिपथ
2 \(0^{\circ}\), प्रतिरोधक परिपथ
3 \(0^{\circ}\), अनुनाद परिपथ
4 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः प्रेरणिक परिपथ
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194164 किसी \(LCR\) परिपथ में \(110\, \Omega\) का एक प्रतिरोध और \(300\, rad / s\) कोणीय आवत्ति वाला \(220\, V\) विधुत प्रदान करता है। यदि इस परिपथ से केवल संधारित्र को हटा दिया जाए तो धारा वोल्टता से \(45^{\circ}\) पश्च हो जाती है। इसके विपरीत यदि केवल प्रेरक कुण्डली को हटाते हैं तो धारा आरोपित वोल्टता से \(45^{\circ}\) अग्र हो जाती है। परिपथ में प्रवाहित \(rms\) धारा \(..........\,A\) होगी।

1 \(1\)
2 \(2.5\)
3 \(1.5\)
4 \(2\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194142 एक प्रेरकत्व कुण्डली की प्रतिघात (reactance) क्षमता \(100\, \Omega\) है। जब इसे \(1000 \,Hz\) आवृत्ति के एक प्रत्यावर्ती धारा \(( AC )\) के स्त्रोत से जोड़ा जाता है तो लगायी गई वोल्टता इसमें बहने वाली धारा से \(45^{\circ}\) आगे रहती है। कुण्डली के स्वप्रेरकत्व (self-inductance) का मान है।

1 \(1.1 \times 10^{-2}\; H\)
2 \(1.1 \times 10^{-1} \;H\)
3 \(5.5 \times 10^{-5} \;H\)
4 \(6.7 \times 10^{-7}\; H\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194226 एक \(\mathrm{LCR}\) श्रेणी परिपथ में \(\mathrm{R}=80\  \Omega . \mathrm{X}_{\mathrm{L}}=100 \ \Omega\), एवं \(\mathrm{X}_{\mathrm{C}}=40 \ \Omega\) है। निवेशी वोल्टेज \(2500 \cos (100 \pi \mathrm{t}) \mathrm{V}\) है। परिपथ में प्रवाहित धारा का आयाम \(\mathrm{A}\) है।

1 \(24\)
2 \(23\)
3 \(25\)
4 \(22\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194175 \(R =100\, \Omega, L =0.5\, mH\) और \(C =0.1\, pF\) के किसी \(LCR\) श्रेणी परिपथ, जिसे \(220 \,V -50 \,Hz\) की \(AC\) आपूर्ति के सिरों से संयोजित किया गया है, में धारा और आपूर्त वोल्टता के बीच कला-कोण तथा इस परिपथ की प्रकृति होगी?

1 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः धारिता परिपथ
2 \(0^{\circ}\), प्रतिरोधक परिपथ
3 \(0^{\circ}\), अनुनाद परिपथ
4 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः प्रेरणिक परिपथ
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194164 किसी \(LCR\) परिपथ में \(110\, \Omega\) का एक प्रतिरोध और \(300\, rad / s\) कोणीय आवत्ति वाला \(220\, V\) विधुत प्रदान करता है। यदि इस परिपथ से केवल संधारित्र को हटा दिया जाए तो धारा वोल्टता से \(45^{\circ}\) पश्च हो जाती है। इसके विपरीत यदि केवल प्रेरक कुण्डली को हटाते हैं तो धारा आरोपित वोल्टता से \(45^{\circ}\) अग्र हो जाती है। परिपथ में प्रवाहित \(rms\) धारा \(..........\,A\) होगी।

1 \(1\)
2 \(2.5\)
3 \(1.5\)
4 \(2\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194142 एक प्रेरकत्व कुण्डली की प्रतिघात (reactance) क्षमता \(100\, \Omega\) है। जब इसे \(1000 \,Hz\) आवृत्ति के एक प्रत्यावर्ती धारा \(( AC )\) के स्त्रोत से जोड़ा जाता है तो लगायी गई वोल्टता इसमें बहने वाली धारा से \(45^{\circ}\) आगे रहती है। कुण्डली के स्वप्रेरकत्व (self-inductance) का मान है।

1 \(1.1 \times 10^{-2}\; H\)
2 \(1.1 \times 10^{-1} \;H\)
3 \(5.5 \times 10^{-5} \;H\)
4 \(6.7 \times 10^{-7}\; H\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194226 एक \(\mathrm{LCR}\) श्रेणी परिपथ में \(\mathrm{R}=80\  \Omega . \mathrm{X}_{\mathrm{L}}=100 \ \Omega\), एवं \(\mathrm{X}_{\mathrm{C}}=40 \ \Omega\) है। निवेशी वोल्टेज \(2500 \cos (100 \pi \mathrm{t}) \mathrm{V}\) है। परिपथ में प्रवाहित धारा का आयाम \(\mathrm{A}\) है।

1 \(24\)
2 \(23\)
3 \(25\)
4 \(22\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194175 \(R =100\, \Omega, L =0.5\, mH\) और \(C =0.1\, pF\) के किसी \(LCR\) श्रेणी परिपथ, जिसे \(220 \,V -50 \,Hz\) की \(AC\) आपूर्ति के सिरों से संयोजित किया गया है, में धारा और आपूर्त वोल्टता के बीच कला-कोण तथा इस परिपथ की प्रकृति होगी?

1 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः धारिता परिपथ
2 \(0^{\circ}\), प्रतिरोधक परिपथ
3 \(0^{\circ}\), अनुनाद परिपथ
4 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः प्रेरणिक परिपथ
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194164 किसी \(LCR\) परिपथ में \(110\, \Omega\) का एक प्रतिरोध और \(300\, rad / s\) कोणीय आवत्ति वाला \(220\, V\) विधुत प्रदान करता है। यदि इस परिपथ से केवल संधारित्र को हटा दिया जाए तो धारा वोल्टता से \(45^{\circ}\) पश्च हो जाती है। इसके विपरीत यदि केवल प्रेरक कुण्डली को हटाते हैं तो धारा आरोपित वोल्टता से \(45^{\circ}\) अग्र हो जाती है। परिपथ में प्रवाहित \(rms\) धारा \(..........\,A\) होगी।

1 \(1\)
2 \(2.5\)
3 \(1.5\)
4 \(2\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194142 एक प्रेरकत्व कुण्डली की प्रतिघात (reactance) क्षमता \(100\, \Omega\) है। जब इसे \(1000 \,Hz\) आवृत्ति के एक प्रत्यावर्ती धारा \(( AC )\) के स्त्रोत से जोड़ा जाता है तो लगायी गई वोल्टता इसमें बहने वाली धारा से \(45^{\circ}\) आगे रहती है। कुण्डली के स्वप्रेरकत्व (self-inductance) का मान है।

1 \(1.1 \times 10^{-2}\; H\)
2 \(1.1 \times 10^{-1} \;H\)
3 \(5.5 \times 10^{-5} \;H\)
4 \(6.7 \times 10^{-7}\; H\)
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07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194226 एक \(\mathrm{LCR}\) श्रेणी परिपथ में \(\mathrm{R}=80\  \Omega . \mathrm{X}_{\mathrm{L}}=100 \ \Omega\), एवं \(\mathrm{X}_{\mathrm{C}}=40 \ \Omega\) है। निवेशी वोल्टेज \(2500 \cos (100 \pi \mathrm{t}) \mathrm{V}\) है। परिपथ में प्रवाहित धारा का आयाम \(\mathrm{A}\) है।

1 \(24\)
2 \(23\)
3 \(25\)
4 \(22\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194175 \(R =100\, \Omega, L =0.5\, mH\) और \(C =0.1\, pF\) के किसी \(LCR\) श्रेणी परिपथ, जिसे \(220 \,V -50 \,Hz\) की \(AC\) आपूर्ति के सिरों से संयोजित किया गया है, में धारा और आपूर्त वोल्टता के बीच कला-कोण तथा इस परिपथ की प्रकृति होगी?

1 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः धारिता परिपथ
2 \(0^{\circ}\), प्रतिरोधक परिपथ
3 \(0^{\circ}\), अनुनाद परिपथ
4 \(\approx 90^{\circ}\), मुख्यतः प्रेरणिक परिपथ
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194164 किसी \(LCR\) परिपथ में \(110\, \Omega\) का एक प्रतिरोध और \(300\, rad / s\) कोणीय आवत्ति वाला \(220\, V\) विधुत प्रदान करता है। यदि इस परिपथ से केवल संधारित्र को हटा दिया जाए तो धारा वोल्टता से \(45^{\circ}\) पश्च हो जाती है। इसके विपरीत यदि केवल प्रेरक कुण्डली को हटाते हैं तो धारा आरोपित वोल्टता से \(45^{\circ}\) अग्र हो जाती है। परिपथ में प्रवाहित \(rms\) धारा \(..........\,A\) होगी।

1 \(1\)
2 \(2.5\)
3 \(1.5\)
4 \(2\)
07. ALTERNATING CURRENT (HM)

194142 एक प्रेरकत्व कुण्डली की प्रतिघात (reactance) क्षमता \(100\, \Omega\) है। जब इसे \(1000 \,Hz\) आवृत्ति के एक प्रत्यावर्ती धारा \(( AC )\) के स्त्रोत से जोड़ा जाता है तो लगायी गई वोल्टता इसमें बहने वाली धारा से \(45^{\circ}\) आगे रहती है। कुण्डली के स्वप्रेरकत्व (self-inductance) का मान है।

1 \(1.1 \times 10^{-2}\; H\)
2 \(1.1 \times 10^{-1} \;H\)
3 \(5.5 \times 10^{-5} \;H\)
4 \(6.7 \times 10^{-7}\; H\)