10. WAVE OPTICS (HM)
10. WAVE OPTICS (HM)

192396 किसी काले कागज पर दो श्वेत बिन्दु एक दूसरे से \(1\ mm\) दूरी पर अंकित है। इन बिन्दुओं को नेत्र, जिसकी पुतली का व्यास \(3mm\) है, द्वारा देखा जाता है। वह अधिकतम दूरी ........\(m\) (लगभग) क्या है, जिस पर नेत्र द्वारा इन बिन्दुओं को विभेदित किया जा सके [प्रकाश की तरंगदैध्र्य \(= 500 nm\) लीजिए]

1 \(6\)
2 \(3\)
3 \(5\)
4 \(1\)
10. WAVE OPTICS (HM)

192397 कणिका सिद्धांत द्वारा प्रकाश की कौन सी घटना स्पष्ट की जा सकती है

1 अपवर्तन
2 व्यतिकरण
3 विवर्तन
4 ध्रुवीकरण
10. WAVE OPTICS (HM)

192398 कणिका सिद्धांत के आधार पर प्रकाश में विभिन्न वणी का कारण है

1 विभिन्न चुम्बकीय तरंगें
2 कणिकाओं के मध्य अलग-अलग आकर्षण का बल
3 कणिकाओं की विभिन्न आमाप (साइज)
4 उपरोक्त में से कोई  नहीं
10. WAVE OPTICS (HM)

192399 हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धांत

1 का उपयोग मोटे लेन्स की फोकस दूरी ज्ञात करने के लिए कर सकते हैं
2 तरंगाग्र को ज्ञात करने के लिए ज्यामितीय विधि है
3 का उपयोग प्रकाश का वेग ज्ञात करने के लिए किया जाता है
4 का उपयोग ध्रुवीकरण को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है
10. WAVE OPTICS (HM)

192396 किसी काले कागज पर दो श्वेत बिन्दु एक दूसरे से \(1\ mm\) दूरी पर अंकित है। इन बिन्दुओं को नेत्र, जिसकी पुतली का व्यास \(3mm\) है, द्वारा देखा जाता है। वह अधिकतम दूरी ........\(m\) (लगभग) क्या है, जिस पर नेत्र द्वारा इन बिन्दुओं को विभेदित किया जा सके [प्रकाश की तरंगदैध्र्य \(= 500 nm\) लीजिए]

1 \(6\)
2 \(3\)
3 \(5\)
4 \(1\)
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192397 कणिका सिद्धांत द्वारा प्रकाश की कौन सी घटना स्पष्ट की जा सकती है

1 अपवर्तन
2 व्यतिकरण
3 विवर्तन
4 ध्रुवीकरण
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192398 कणिका सिद्धांत के आधार पर प्रकाश में विभिन्न वणी का कारण है

1 विभिन्न चुम्बकीय तरंगें
2 कणिकाओं के मध्य अलग-अलग आकर्षण का बल
3 कणिकाओं की विभिन्न आमाप (साइज)
4 उपरोक्त में से कोई  नहीं
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192399 हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धांत

1 का उपयोग मोटे लेन्स की फोकस दूरी ज्ञात करने के लिए कर सकते हैं
2 तरंगाग्र को ज्ञात करने के लिए ज्यामितीय विधि है
3 का उपयोग प्रकाश का वेग ज्ञात करने के लिए किया जाता है
4 का उपयोग ध्रुवीकरण को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है
10. WAVE OPTICS (HM)

192396 किसी काले कागज पर दो श्वेत बिन्दु एक दूसरे से \(1\ mm\) दूरी पर अंकित है। इन बिन्दुओं को नेत्र, जिसकी पुतली का व्यास \(3mm\) है, द्वारा देखा जाता है। वह अधिकतम दूरी ........\(m\) (लगभग) क्या है, जिस पर नेत्र द्वारा इन बिन्दुओं को विभेदित किया जा सके [प्रकाश की तरंगदैध्र्य \(= 500 nm\) लीजिए]

1 \(6\)
2 \(3\)
3 \(5\)
4 \(1\)
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192397 कणिका सिद्धांत द्वारा प्रकाश की कौन सी घटना स्पष्ट की जा सकती है

1 अपवर्तन
2 व्यतिकरण
3 विवर्तन
4 ध्रुवीकरण
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192398 कणिका सिद्धांत के आधार पर प्रकाश में विभिन्न वणी का कारण है

1 विभिन्न चुम्बकीय तरंगें
2 कणिकाओं के मध्य अलग-अलग आकर्षण का बल
3 कणिकाओं की विभिन्न आमाप (साइज)
4 उपरोक्त में से कोई  नहीं
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192399 हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धांत

1 का उपयोग मोटे लेन्स की फोकस दूरी ज्ञात करने के लिए कर सकते हैं
2 तरंगाग्र को ज्ञात करने के लिए ज्यामितीय विधि है
3 का उपयोग प्रकाश का वेग ज्ञात करने के लिए किया जाता है
4 का उपयोग ध्रुवीकरण को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है
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192396 किसी काले कागज पर दो श्वेत बिन्दु एक दूसरे से \(1\ mm\) दूरी पर अंकित है। इन बिन्दुओं को नेत्र, जिसकी पुतली का व्यास \(3mm\) है, द्वारा देखा जाता है। वह अधिकतम दूरी ........\(m\) (लगभग) क्या है, जिस पर नेत्र द्वारा इन बिन्दुओं को विभेदित किया जा सके [प्रकाश की तरंगदैध्र्य \(= 500 nm\) लीजिए]

1 \(6\)
2 \(3\)
3 \(5\)
4 \(1\)
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2 व्यतिकरण
3 विवर्तन
4 ध्रुवीकरण
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192398 कणिका सिद्धांत के आधार पर प्रकाश में विभिन्न वणी का कारण है

1 विभिन्न चुम्बकीय तरंगें
2 कणिकाओं के मध्य अलग-अलग आकर्षण का बल
3 कणिकाओं की विभिन्न आमाप (साइज)
4 उपरोक्त में से कोई  नहीं
10. WAVE OPTICS (HM)

192399 हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धांत

1 का उपयोग मोटे लेन्स की फोकस दूरी ज्ञात करने के लिए कर सकते हैं
2 तरंगाग्र को ज्ञात करने के लिए ज्यामितीय विधि है
3 का उपयोग प्रकाश का वेग ज्ञात करने के लिए किया जाता है
4 का उपयोग ध्रुवीकरण को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है