192161 जब \(\lambda_{1}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान एक विलगित गोले को प्रदीप्त करते हैं, तो संगत 'निरोधी-विभव' का मान \(V\) पाया जाता है। जब \(\lambda_{2}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान उपयोग में लाये जाते हैं तो निरोधी-विभव का मान तिगुना \((3\;V)\) हो जाता है। अगर \(\lambda_{3}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान से गोले को प्रदीप्त किया जाए तो निरोधी-विभव का मान होगा
192164 विश्राम अवस्था के एक इलेक्ट्रान से तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का एक फोटान प्रकीर्णित होता है। तरंगदैर्घ्य स्थानान्तर \(\Delta \lambda\) तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का तीन गुना है और प्रकीर्णन कोण \(\theta=60^{\circ}\) है। इलेक्ट्रान \(\phi\) कोण पर प्रतिक्षिप्त होता है। \(\tan \phi\) का मान है : (इलेक्ट्रान की चाल प्रकाश की चाल से काफी कम है)
192161 जब \(\lambda_{1}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान एक विलगित गोले को प्रदीप्त करते हैं, तो संगत 'निरोधी-विभव' का मान \(V\) पाया जाता है। जब \(\lambda_{2}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान उपयोग में लाये जाते हैं तो निरोधी-विभव का मान तिगुना \((3\;V)\) हो जाता है। अगर \(\lambda_{3}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान से गोले को प्रदीप्त किया जाए तो निरोधी-विभव का मान होगा
192164 विश्राम अवस्था के एक इलेक्ट्रान से तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का एक फोटान प्रकीर्णित होता है। तरंगदैर्घ्य स्थानान्तर \(\Delta \lambda\) तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का तीन गुना है और प्रकीर्णन कोण \(\theta=60^{\circ}\) है। इलेक्ट्रान \(\phi\) कोण पर प्रतिक्षिप्त होता है। \(\tan \phi\) का मान है : (इलेक्ट्रान की चाल प्रकाश की चाल से काफी कम है)
192161 जब \(\lambda_{1}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान एक विलगित गोले को प्रदीप्त करते हैं, तो संगत 'निरोधी-विभव' का मान \(V\) पाया जाता है। जब \(\lambda_{2}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान उपयोग में लाये जाते हैं तो निरोधी-विभव का मान तिगुना \((3\;V)\) हो जाता है। अगर \(\lambda_{3}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान से गोले को प्रदीप्त किया जाए तो निरोधी-विभव का मान होगा
192164 विश्राम अवस्था के एक इलेक्ट्रान से तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का एक फोटान प्रकीर्णित होता है। तरंगदैर्घ्य स्थानान्तर \(\Delta \lambda\) तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का तीन गुना है और प्रकीर्णन कोण \(\theta=60^{\circ}\) है। इलेक्ट्रान \(\phi\) कोण पर प्रतिक्षिप्त होता है। \(\tan \phi\) का मान है : (इलेक्ट्रान की चाल प्रकाश की चाल से काफी कम है)
192161 जब \(\lambda_{1}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान एक विलगित गोले को प्रदीप्त करते हैं, तो संगत 'निरोधी-विभव' का मान \(V\) पाया जाता है। जब \(\lambda_{2}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान उपयोग में लाये जाते हैं तो निरोधी-विभव का मान तिगुना \((3\;V)\) हो जाता है। अगर \(\lambda_{3}\) तरंगदैर्ध्य के फोटान से गोले को प्रदीप्त किया जाए तो निरोधी-विभव का मान होगा
192164 विश्राम अवस्था के एक इलेक्ट्रान से तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का एक फोटान प्रकीर्णित होता है। तरंगदैर्घ्य स्थानान्तर \(\Delta \lambda\) तरंगदैर्घ्य \(\lambda\) का तीन गुना है और प्रकीर्णन कोण \(\theta=60^{\circ}\) है। इलेक्ट्रान \(\phi\) कोण पर प्रतिक्षिप्त होता है। \(\tan \phi\) का मान है : (इलेक्ट्रान की चाल प्रकाश की चाल से काफी कम है)