192140 एक चांदी की गेंद की त्रिज्या \(4.8\ cm\) है इसे धागे की सहायता से निर्वात प्रकोष्ठ में लटकाया गया है। गेंद पर \(200\ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैगनी प्रकाश कुछ समय के लिये आपतित किया जाता है, एवं इस समय में \(1 × 10^{-7} \ J\) कुल ऊर्जा सतह पर गिरती है। यदि यह माना जाये कि आपतित होने वाले \(10^3\) फोटॉनों में से \(1\) फोटॉन इलेक्ट्रॉन को निकालता है, तो गोले पर विभव ............. \(V\) होगा
192142 किसी \(m\) द्रव्यमान के कण की स्थितिज ऊर्जा निम्न प्रकार दी जाती है\(U(x) = \left\{ \begin{array}{l}{E_0};\;\;\;0 \le x \le 1\\\,0\;;\;\;\;\,\,\,\,x > 1\end{array} \right.\) \(\lambda_1\) and \(\lambda_2\)\(\leq\) x \(\leq\) \(1\) एवं \(x > 1\) के लिये डी-ब्रोग्ली तरंगदैध्र्य क्रमश: \(\lambda1\) तथा \(\lambda2\) हैं। यदि कण की कुल ऊर्जा \(2 \ E_0\), है तो अनुपात \(\frac{{{\lambda _1}}}{{{\lambda _2}}}\) होगा
192140 एक चांदी की गेंद की त्रिज्या \(4.8\ cm\) है इसे धागे की सहायता से निर्वात प्रकोष्ठ में लटकाया गया है। गेंद पर \(200\ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैगनी प्रकाश कुछ समय के लिये आपतित किया जाता है, एवं इस समय में \(1 × 10^{-7} \ J\) कुल ऊर्जा सतह पर गिरती है। यदि यह माना जाये कि आपतित होने वाले \(10^3\) फोटॉनों में से \(1\) फोटॉन इलेक्ट्रॉन को निकालता है, तो गोले पर विभव ............. \(V\) होगा
192142 किसी \(m\) द्रव्यमान के कण की स्थितिज ऊर्जा निम्न प्रकार दी जाती है\(U(x) = \left\{ \begin{array}{l}{E_0};\;\;\;0 \le x \le 1\\\,0\;;\;\;\;\,\,\,\,x > 1\end{array} \right.\) \(\lambda_1\) and \(\lambda_2\)\(\leq\) x \(\leq\) \(1\) एवं \(x > 1\) के लिये डी-ब्रोग्ली तरंगदैध्र्य क्रमश: \(\lambda1\) तथा \(\lambda2\) हैं। यदि कण की कुल ऊर्जा \(2 \ E_0\), है तो अनुपात \(\frac{{{\lambda _1}}}{{{\lambda _2}}}\) होगा
192140 एक चांदी की गेंद की त्रिज्या \(4.8\ cm\) है इसे धागे की सहायता से निर्वात प्रकोष्ठ में लटकाया गया है। गेंद पर \(200\ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैगनी प्रकाश कुछ समय के लिये आपतित किया जाता है, एवं इस समय में \(1 × 10^{-7} \ J\) कुल ऊर्जा सतह पर गिरती है। यदि यह माना जाये कि आपतित होने वाले \(10^3\) फोटॉनों में से \(1\) फोटॉन इलेक्ट्रॉन को निकालता है, तो गोले पर विभव ............. \(V\) होगा
192142 किसी \(m\) द्रव्यमान के कण की स्थितिज ऊर्जा निम्न प्रकार दी जाती है\(U(x) = \left\{ \begin{array}{l}{E_0};\;\;\;0 \le x \le 1\\\,0\;;\;\;\;\,\,\,\,x > 1\end{array} \right.\) \(\lambda_1\) and \(\lambda_2\)\(\leq\) x \(\leq\) \(1\) एवं \(x > 1\) के लिये डी-ब्रोग्ली तरंगदैध्र्य क्रमश: \(\lambda1\) तथा \(\lambda2\) हैं। यदि कण की कुल ऊर्जा \(2 \ E_0\), है तो अनुपात \(\frac{{{\lambda _1}}}{{{\lambda _2}}}\) होगा
192140 एक चांदी की गेंद की त्रिज्या \(4.8\ cm\) है इसे धागे की सहायता से निर्वात प्रकोष्ठ में लटकाया गया है। गेंद पर \(200\ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैगनी प्रकाश कुछ समय के लिये आपतित किया जाता है, एवं इस समय में \(1 × 10^{-7} \ J\) कुल ऊर्जा सतह पर गिरती है। यदि यह माना जाये कि आपतित होने वाले \(10^3\) फोटॉनों में से \(1\) फोटॉन इलेक्ट्रॉन को निकालता है, तो गोले पर विभव ............. \(V\) होगा
192142 किसी \(m\) द्रव्यमान के कण की स्थितिज ऊर्जा निम्न प्रकार दी जाती है\(U(x) = \left\{ \begin{array}{l}{E_0};\;\;\;0 \le x \le 1\\\,0\;;\;\;\;\,\,\,\,x > 1\end{array} \right.\) \(\lambda_1\) and \(\lambda_2\)\(\leq\) x \(\leq\) \(1\) एवं \(x > 1\) के लिये डी-ब्रोग्ली तरंगदैध्र्य क्रमश: \(\lambda1\) तथा \(\lambda2\) हैं। यदि कण की कुल ऊर्जा \(2 \ E_0\), है तो अनुपात \(\frac{{{\lambda _1}}}{{{\lambda _2}}}\) होगा