192131 \(300 \ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैंगनी प्रकाश जिसकी तीव्रता \(1.0\ watt/m^2\) है, एक प्रकाश संवेदी पदार्थ पर आपतित होता है। यदि आपतित फोटॉनों का \(1\) प्रतिशत प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो \(1.0 \ cm^2\) क्षेत्रफल से उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या लगभग होगी
192132 \({\nu _1}\) तथा \({\nu _2}\) \(({\nu _1} > {\nu _2})\) आवृत्तियों के आपतित प्रकाश के लिए धात्विक पृष्ठ से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन प्रेक्षित किया जाता है। यदि इन दोनों स्थितियों में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जाओं का अनुपात \(1:k\) हो तो धात्विक पृष्ठ की देहली आवृत्ति होगी
192131 \(300 \ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैंगनी प्रकाश जिसकी तीव्रता \(1.0\ watt/m^2\) है, एक प्रकाश संवेदी पदार्थ पर आपतित होता है। यदि आपतित फोटॉनों का \(1\) प्रतिशत प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो \(1.0 \ cm^2\) क्षेत्रफल से उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या लगभग होगी
192132 \({\nu _1}\) तथा \({\nu _2}\) \(({\nu _1} > {\nu _2})\) आवृत्तियों के आपतित प्रकाश के लिए धात्विक पृष्ठ से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन प्रेक्षित किया जाता है। यदि इन दोनों स्थितियों में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जाओं का अनुपात \(1:k\) हो तो धात्विक पृष्ठ की देहली आवृत्ति होगी
192131 \(300 \ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैंगनी प्रकाश जिसकी तीव्रता \(1.0\ watt/m^2\) है, एक प्रकाश संवेदी पदार्थ पर आपतित होता है। यदि आपतित फोटॉनों का \(1\) प्रतिशत प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो \(1.0 \ cm^2\) क्षेत्रफल से उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या लगभग होगी
192132 \({\nu _1}\) तथा \({\nu _2}\) \(({\nu _1} > {\nu _2})\) आवृत्तियों के आपतित प्रकाश के लिए धात्विक पृष्ठ से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन प्रेक्षित किया जाता है। यदि इन दोनों स्थितियों में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जाओं का अनुपात \(1:k\) हो तो धात्विक पृष्ठ की देहली आवृत्ति होगी
192131 \(300 \ nm\) तरंगदैध्र्य का पराबैंगनी प्रकाश जिसकी तीव्रता \(1.0\ watt/m^2\) है, एक प्रकाश संवेदी पदार्थ पर आपतित होता है। यदि आपतित फोटॉनों का \(1\) प्रतिशत प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो \(1.0 \ cm^2\) क्षेत्रफल से उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या लगभग होगी
192132 \({\nu _1}\) तथा \({\nu _2}\) \(({\nu _1} > {\nu _2})\) आवृत्तियों के आपतित प्रकाश के लिए धात्विक पृष्ठ से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन प्रेक्षित किया जाता है। यदि इन दोनों स्थितियों में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जाओं का अनुपात \(1:k\) हो तो धात्विक पृष्ठ की देहली आवृत्ति होगी