192127
\(1.7 \times {10^{ - 13}}\) जूल का एक फोटॉन विशेष परिस्थितियों में एक पदार्थ द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है सत्य कथन है
1 अवशोषित पदार्थ के परमाणु के इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर में पहुंच जाएँगे
2 इलेक्ट्रॉन तथा पॉजिट्रॉन युग्म उत्पन्न होगा
3 केवल पॉजिट्रॉन का उत्पन्न होगा
4 इलेक्ट्रॉन उत्पन्न होगा तथा प्रकाश विद्युत प्रभाव भी होगा
Explanation:
इलेक्ट्रॉन एवं पॉजीट्रॉन युग्म उत्पादन के लिये, न्यूनतम ऊर्जा \(1.02 \ MeV\) होती है। दिये गये फोटॉन की ऊर्जा = \(1.7 \times {10^{ - 13}}\) \(J\) \( = \frac{{1.7 \times {{10}^{ - 13}}}}{{1.6 \times {{10}^{ - 19}}}}\) =\(1.06\ MeV \) चूंकि फोटॉन की ऊर्जा \(1.02\ MeV\) से अधिक है, अत: इलेक्ट्रॉन-पॉजीट्रॉन युग्म का उत्पादन होगा।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192128
एक धातु, जिसका कार्य फलन \(\phi\) है, के पृष्ठ पर आपतित तरंगदैध्र्य \(\lambda \) के प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन का अधिकतम वेग होगा(जहाँ \(h =\) प्लांक नियतांक, \(m =\) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान तथा \(c =\) प्रकाश का वेग है)
आइन्सटीन के प्रकाश विद्युत समीकरण से \(\frac{{hc}}{\lambda } = \phi + \frac{1}{2}m{v^2} \) \(\Rightarrow v = {\left[ {\frac{{2(hc - \lambda \phi )}}{{m\lambda }}} \right]^{1/2}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192129
जब एक एकवणीर्य प्रकाश का बिन्दु स्रोत एक फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.2\ m\) की दूरी पर है तो निरोधी विभव और संतृप्त धारा क्रमश: \(0.6\) वोल्ट और \(18 \ mA\) है। यदि वही स्रोत फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.6\ m\) मी दूर रखा जाता है तो
1 निरोधी विभव \(0.2 \ V\) होगा
2 निरोधी विभव \(0.6\ V\) होगा
3 संतृप्त धारा \(6\ mA\) होगी
4 संतृप्त धारा \(18 \ mA\) होगी
Explanation:
निरोधी विभव का मान तीव्रता पर निर्भर नहीं करता अत: समान रहेगा। चूँकि दूरी \(3\) गुनी हो जाती है। इसलिए तीव्रता \((I)\), \(\frac{I}{9}\) हो जाएगी। अत: फोटो धारा इसी गुणक से कम हो जाएगी अर्थात् \(\frac{{18}}{9} = 2\,mA\) हो जाएगी।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192130
एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य \(\lambda \) है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग \(v\) है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर \(\frac{{3\lambda }}{4}\) हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा
1 \(v\;{(3/4)^{1/2}}\)
2 \(v\;{(4/3)^{1/2}}\)
3 \( < v\;{(4/3)^{1/2}}\)
4 \( > v\;{(4/3)^{1/2}}\)
Explanation:
\(h\nu - {W_0} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \(\Rightarrow \frac{{hc}}{\lambda } - \frac{{hc}}{{{\lambda _0}}} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow hc\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right) = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow {v_{\max }} = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) जब तरंगदैध्र्य \(\lambda \) एवं वेग \(v\) है, तब \(v = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) …. \((i)\) जब तरंगदैध्र्य \(\frac{{3\lambda }}{4}\) एवं वेग \(v\)' है तब \(v' = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left[ {\frac{{{\lambda _0} - (3\lambda /4)}}{{(3\lambda /4) \times {\lambda _0}}}} \right]} \) ….\((ii)\) समीकरण \((ii)\) को \((i)\) से भाग देने पर \(\frac{{v'}}{v} = \sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{\frac{3}{4}\lambda {\lambda _0}}} \times \frac{{\lambda {\lambda _0}}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) \(v' = v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) अर्थात् \(v' > v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\)
192127
\(1.7 \times {10^{ - 13}}\) जूल का एक फोटॉन विशेष परिस्थितियों में एक पदार्थ द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है सत्य कथन है
1 अवशोषित पदार्थ के परमाणु के इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर में पहुंच जाएँगे
2 इलेक्ट्रॉन तथा पॉजिट्रॉन युग्म उत्पन्न होगा
3 केवल पॉजिट्रॉन का उत्पन्न होगा
4 इलेक्ट्रॉन उत्पन्न होगा तथा प्रकाश विद्युत प्रभाव भी होगा
Explanation:
इलेक्ट्रॉन एवं पॉजीट्रॉन युग्म उत्पादन के लिये, न्यूनतम ऊर्जा \(1.02 \ MeV\) होती है। दिये गये फोटॉन की ऊर्जा = \(1.7 \times {10^{ - 13}}\) \(J\) \( = \frac{{1.7 \times {{10}^{ - 13}}}}{{1.6 \times {{10}^{ - 19}}}}\) =\(1.06\ MeV \) चूंकि फोटॉन की ऊर्जा \(1.02\ MeV\) से अधिक है, अत: इलेक्ट्रॉन-पॉजीट्रॉन युग्म का उत्पादन होगा।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192128
एक धातु, जिसका कार्य फलन \(\phi\) है, के पृष्ठ पर आपतित तरंगदैध्र्य \(\lambda \) के प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन का अधिकतम वेग होगा(जहाँ \(h =\) प्लांक नियतांक, \(m =\) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान तथा \(c =\) प्रकाश का वेग है)
आइन्सटीन के प्रकाश विद्युत समीकरण से \(\frac{{hc}}{\lambda } = \phi + \frac{1}{2}m{v^2} \) \(\Rightarrow v = {\left[ {\frac{{2(hc - \lambda \phi )}}{{m\lambda }}} \right]^{1/2}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192129
जब एक एकवणीर्य प्रकाश का बिन्दु स्रोत एक फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.2\ m\) की दूरी पर है तो निरोधी विभव और संतृप्त धारा क्रमश: \(0.6\) वोल्ट और \(18 \ mA\) है। यदि वही स्रोत फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.6\ m\) मी दूर रखा जाता है तो
1 निरोधी विभव \(0.2 \ V\) होगा
2 निरोधी विभव \(0.6\ V\) होगा
3 संतृप्त धारा \(6\ mA\) होगी
4 संतृप्त धारा \(18 \ mA\) होगी
Explanation:
निरोधी विभव का मान तीव्रता पर निर्भर नहीं करता अत: समान रहेगा। चूँकि दूरी \(3\) गुनी हो जाती है। इसलिए तीव्रता \((I)\), \(\frac{I}{9}\) हो जाएगी। अत: फोटो धारा इसी गुणक से कम हो जाएगी अर्थात् \(\frac{{18}}{9} = 2\,mA\) हो जाएगी।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192130
एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य \(\lambda \) है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग \(v\) है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर \(\frac{{3\lambda }}{4}\) हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा
1 \(v\;{(3/4)^{1/2}}\)
2 \(v\;{(4/3)^{1/2}}\)
3 \( < v\;{(4/3)^{1/2}}\)
4 \( > v\;{(4/3)^{1/2}}\)
Explanation:
\(h\nu - {W_0} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \(\Rightarrow \frac{{hc}}{\lambda } - \frac{{hc}}{{{\lambda _0}}} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow hc\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right) = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow {v_{\max }} = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) जब तरंगदैध्र्य \(\lambda \) एवं वेग \(v\) है, तब \(v = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) …. \((i)\) जब तरंगदैध्र्य \(\frac{{3\lambda }}{4}\) एवं वेग \(v\)' है तब \(v' = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left[ {\frac{{{\lambda _0} - (3\lambda /4)}}{{(3\lambda /4) \times {\lambda _0}}}} \right]} \) ….\((ii)\) समीकरण \((ii)\) को \((i)\) से भाग देने पर \(\frac{{v'}}{v} = \sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{\frac{3}{4}\lambda {\lambda _0}}} \times \frac{{\lambda {\lambda _0}}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) \(v' = v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) अर्थात् \(v' > v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\)
NEET Test Series from KOTA - 10 Papers In MS WORD
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11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192127
\(1.7 \times {10^{ - 13}}\) जूल का एक फोटॉन विशेष परिस्थितियों में एक पदार्थ द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है सत्य कथन है
1 अवशोषित पदार्थ के परमाणु के इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर में पहुंच जाएँगे
2 इलेक्ट्रॉन तथा पॉजिट्रॉन युग्म उत्पन्न होगा
3 केवल पॉजिट्रॉन का उत्पन्न होगा
4 इलेक्ट्रॉन उत्पन्न होगा तथा प्रकाश विद्युत प्रभाव भी होगा
Explanation:
इलेक्ट्रॉन एवं पॉजीट्रॉन युग्म उत्पादन के लिये, न्यूनतम ऊर्जा \(1.02 \ MeV\) होती है। दिये गये फोटॉन की ऊर्जा = \(1.7 \times {10^{ - 13}}\) \(J\) \( = \frac{{1.7 \times {{10}^{ - 13}}}}{{1.6 \times {{10}^{ - 19}}}}\) =\(1.06\ MeV \) चूंकि फोटॉन की ऊर्जा \(1.02\ MeV\) से अधिक है, अत: इलेक्ट्रॉन-पॉजीट्रॉन युग्म का उत्पादन होगा।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192128
एक धातु, जिसका कार्य फलन \(\phi\) है, के पृष्ठ पर आपतित तरंगदैध्र्य \(\lambda \) के प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन का अधिकतम वेग होगा(जहाँ \(h =\) प्लांक नियतांक, \(m =\) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान तथा \(c =\) प्रकाश का वेग है)
आइन्सटीन के प्रकाश विद्युत समीकरण से \(\frac{{hc}}{\lambda } = \phi + \frac{1}{2}m{v^2} \) \(\Rightarrow v = {\left[ {\frac{{2(hc - \lambda \phi )}}{{m\lambda }}} \right]^{1/2}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192129
जब एक एकवणीर्य प्रकाश का बिन्दु स्रोत एक फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.2\ m\) की दूरी पर है तो निरोधी विभव और संतृप्त धारा क्रमश: \(0.6\) वोल्ट और \(18 \ mA\) है। यदि वही स्रोत फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.6\ m\) मी दूर रखा जाता है तो
1 निरोधी विभव \(0.2 \ V\) होगा
2 निरोधी विभव \(0.6\ V\) होगा
3 संतृप्त धारा \(6\ mA\) होगी
4 संतृप्त धारा \(18 \ mA\) होगी
Explanation:
निरोधी विभव का मान तीव्रता पर निर्भर नहीं करता अत: समान रहेगा। चूँकि दूरी \(3\) गुनी हो जाती है। इसलिए तीव्रता \((I)\), \(\frac{I}{9}\) हो जाएगी। अत: फोटो धारा इसी गुणक से कम हो जाएगी अर्थात् \(\frac{{18}}{9} = 2\,mA\) हो जाएगी।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192130
एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य \(\lambda \) है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग \(v\) है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर \(\frac{{3\lambda }}{4}\) हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा
1 \(v\;{(3/4)^{1/2}}\)
2 \(v\;{(4/3)^{1/2}}\)
3 \( < v\;{(4/3)^{1/2}}\)
4 \( > v\;{(4/3)^{1/2}}\)
Explanation:
\(h\nu - {W_0} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \(\Rightarrow \frac{{hc}}{\lambda } - \frac{{hc}}{{{\lambda _0}}} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow hc\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right) = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow {v_{\max }} = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) जब तरंगदैध्र्य \(\lambda \) एवं वेग \(v\) है, तब \(v = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) …. \((i)\) जब तरंगदैध्र्य \(\frac{{3\lambda }}{4}\) एवं वेग \(v\)' है तब \(v' = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left[ {\frac{{{\lambda _0} - (3\lambda /4)}}{{(3\lambda /4) \times {\lambda _0}}}} \right]} \) ….\((ii)\) समीकरण \((ii)\) को \((i)\) से भाग देने पर \(\frac{{v'}}{v} = \sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{\frac{3}{4}\lambda {\lambda _0}}} \times \frac{{\lambda {\lambda _0}}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) \(v' = v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) अर्थात् \(v' > v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\)
192127
\(1.7 \times {10^{ - 13}}\) जूल का एक फोटॉन विशेष परिस्थितियों में एक पदार्थ द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है सत्य कथन है
1 अवशोषित पदार्थ के परमाणु के इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर में पहुंच जाएँगे
2 इलेक्ट्रॉन तथा पॉजिट्रॉन युग्म उत्पन्न होगा
3 केवल पॉजिट्रॉन का उत्पन्न होगा
4 इलेक्ट्रॉन उत्पन्न होगा तथा प्रकाश विद्युत प्रभाव भी होगा
Explanation:
इलेक्ट्रॉन एवं पॉजीट्रॉन युग्म उत्पादन के लिये, न्यूनतम ऊर्जा \(1.02 \ MeV\) होती है। दिये गये फोटॉन की ऊर्जा = \(1.7 \times {10^{ - 13}}\) \(J\) \( = \frac{{1.7 \times {{10}^{ - 13}}}}{{1.6 \times {{10}^{ - 19}}}}\) =\(1.06\ MeV \) चूंकि फोटॉन की ऊर्जा \(1.02\ MeV\) से अधिक है, अत: इलेक्ट्रॉन-पॉजीट्रॉन युग्म का उत्पादन होगा।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192128
एक धातु, जिसका कार्य फलन \(\phi\) है, के पृष्ठ पर आपतित तरंगदैध्र्य \(\lambda \) के प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन का अधिकतम वेग होगा(जहाँ \(h =\) प्लांक नियतांक, \(m =\) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान तथा \(c =\) प्रकाश का वेग है)
आइन्सटीन के प्रकाश विद्युत समीकरण से \(\frac{{hc}}{\lambda } = \phi + \frac{1}{2}m{v^2} \) \(\Rightarrow v = {\left[ {\frac{{2(hc - \lambda \phi )}}{{m\lambda }}} \right]^{1/2}}\)
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192129
जब एक एकवणीर्य प्रकाश का बिन्दु स्रोत एक फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.2\ m\) की दूरी पर है तो निरोधी विभव और संतृप्त धारा क्रमश: \(0.6\) वोल्ट और \(18 \ mA\) है। यदि वही स्रोत फोटोइलेक्ट्रिक सेल से \(0.6\ m\) मी दूर रखा जाता है तो
1 निरोधी विभव \(0.2 \ V\) होगा
2 निरोधी विभव \(0.6\ V\) होगा
3 संतृप्त धारा \(6\ mA\) होगी
4 संतृप्त धारा \(18 \ mA\) होगी
Explanation:
निरोधी विभव का मान तीव्रता पर निर्भर नहीं करता अत: समान रहेगा। चूँकि दूरी \(3\) गुनी हो जाती है। इसलिए तीव्रता \((I)\), \(\frac{I}{9}\) हो जाएगी। अत: फोटो धारा इसी गुणक से कम हो जाएगी अर्थात् \(\frac{{18}}{9} = 2\,mA\) हो जाएगी।
11. DUAL NATURE OF RADIATION AND MATTER (HM)
192130
एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य \(\lambda \) है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग \(v\) है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर \(\frac{{3\lambda }}{4}\) हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा
1 \(v\;{(3/4)^{1/2}}\)
2 \(v\;{(4/3)^{1/2}}\)
3 \( < v\;{(4/3)^{1/2}}\)
4 \( > v\;{(4/3)^{1/2}}\)
Explanation:
\(h\nu - {W_0} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \(\Rightarrow \frac{{hc}}{\lambda } - \frac{{hc}}{{{\lambda _0}}} = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow hc\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right) = \frac{1}{2}mv_{\max }^2\) \( \Rightarrow {v_{\max }} = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) जब तरंगदैध्र्य \(\lambda \) एवं वेग \(v\) है, तब \(v = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left( {\frac{{{\lambda _0} - \lambda }}{{\lambda {\lambda _0}}}} \right)} \) …. \((i)\) जब तरंगदैध्र्य \(\frac{{3\lambda }}{4}\) एवं वेग \(v\)' है तब \(v' = \sqrt {\frac{{2hc}}{m}\left[ {\frac{{{\lambda _0} - (3\lambda /4)}}{{(3\lambda /4) \times {\lambda _0}}}} \right]} \) ….\((ii)\) समीकरण \((ii)\) को \((i)\) से भाग देने पर \(\frac{{v'}}{v} = \sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{\frac{3}{4}\lambda {\lambda _0}}} \times \frac{{\lambda {\lambda _0}}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) \(v' = v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\sqrt {\frac{{[{\lambda _0} - (3\lambda /4)]}}{{{\lambda _0} - \lambda }}} \) अर्थात् \(v' > v{\left( {\frac{4}{3}} \right)^{1/2}}\)