(b) श्वान कोशिका माइलिन तन्तु के खण्ड का स्रावन करती है, जिसे इन्टरनोट कहते हैं।
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219714
हमारे शरीर में कुछ कोशिकायें एक फुट से अधिक लम्बी होती हैं यह हैं
1 तन्त्रिका कोशायें
2 पेशी कोशायें
3 अस्थि कोशायें
4 ग्रन्थिल कोशायें
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219715
निसल्स कण पाये जाते हैं
1 नेफ्रॉन्स में
2 न्यूरॉन्स में
3 साइटोन में
4 डेन्ड्राइट्स में
Explanation:
(c) निसिल्स ग्रेन्यूलस अथवा निसिल्स बॉडीज बेसोफिलिक की तरह होती है। इनकी संरचना विभिन्न कोणीय, शंक्वाकार एवं समचतुभुजाकार होती है। ये ग्रेन्यूलर एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम युक्त भाग होते हैं। ये सायटॉन में पाये जाते हैं।
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219716
तन्त्रिका कोशिका के सायटोन में निसल्स ग्रेन्यूल्स पाये जाते हैं। यह क्षारीय वर्णकों से बन्धुत्व दर्शाते हैं। यह ग्रेन्यूल्स बने होते हैं ।
(b) श्वान कोशिका माइलिन तन्तु के खण्ड का स्रावन करती है, जिसे इन्टरनोट कहते हैं।
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219714
हमारे शरीर में कुछ कोशिकायें एक फुट से अधिक लम्बी होती हैं यह हैं
1 तन्त्रिका कोशायें
2 पेशी कोशायें
3 अस्थि कोशायें
4 ग्रन्थिल कोशायें
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219715
निसल्स कण पाये जाते हैं
1 नेफ्रॉन्स में
2 न्यूरॉन्स में
3 साइटोन में
4 डेन्ड्राइट्स में
Explanation:
(c) निसिल्स ग्रेन्यूलस अथवा निसिल्स बॉडीज बेसोफिलिक की तरह होती है। इनकी संरचना विभिन्न कोणीय, शंक्वाकार एवं समचतुभुजाकार होती है। ये ग्रेन्यूलर एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम युक्त भाग होते हैं। ये सायटॉन में पाये जाते हैं।
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219716
तन्त्रिका कोशिका के सायटोन में निसल्स ग्रेन्यूल्स पाये जाते हैं। यह क्षारीय वर्णकों से बन्धुत्व दर्शाते हैं। यह ग्रेन्यूल्स बने होते हैं ।
(b) श्वान कोशिका माइलिन तन्तु के खण्ड का स्रावन करती है, जिसे इन्टरनोट कहते हैं।
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219714
हमारे शरीर में कुछ कोशिकायें एक फुट से अधिक लम्बी होती हैं यह हैं
1 तन्त्रिका कोशायें
2 पेशी कोशायें
3 अस्थि कोशायें
4 ग्रन्थिल कोशायें
Explanation:
It's Obvious.
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निसल्स कण पाये जाते हैं
1 नेफ्रॉन्स में
2 न्यूरॉन्स में
3 साइटोन में
4 डेन्ड्राइट्स में
Explanation:
(c) निसिल्स ग्रेन्यूलस अथवा निसिल्स बॉडीज बेसोफिलिक की तरह होती है। इनकी संरचना विभिन्न कोणीय, शंक्वाकार एवं समचतुभुजाकार होती है। ये ग्रेन्यूलर एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम युक्त भाग होते हैं। ये सायटॉन में पाये जाते हैं।
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तन्त्रिका कोशिका के सायटोन में निसल्स ग्रेन्यूल्स पाये जाते हैं। यह क्षारीय वर्णकों से बन्धुत्व दर्शाते हैं। यह ग्रेन्यूल्स बने होते हैं ।
(b) श्वान कोशिका माइलिन तन्तु के खण्ड का स्रावन करती है, जिसे इन्टरनोट कहते हैं।
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हमारे शरीर में कुछ कोशिकायें एक फुट से अधिक लम्बी होती हैं यह हैं
1 तन्त्रिका कोशायें
2 पेशी कोशायें
3 अस्थि कोशायें
4 ग्रन्थिल कोशायें
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219715
निसल्स कण पाये जाते हैं
1 नेफ्रॉन्स में
2 न्यूरॉन्स में
3 साइटोन में
4 डेन्ड्राइट्स में
Explanation:
(c) निसिल्स ग्रेन्यूलस अथवा निसिल्स बॉडीज बेसोफिलिक की तरह होती है। इनकी संरचना विभिन्न कोणीय, शंक्वाकार एवं समचतुभुजाकार होती है। ये ग्रेन्यूलर एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम युक्त भाग होते हैं। ये सायटॉन में पाये जाते हैं।
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तन्त्रिका कोशिका के सायटोन में निसल्स ग्रेन्यूल्स पाये जाते हैं। यह क्षारीय वर्णकों से बन्धुत्व दर्शाते हैं। यह ग्रेन्यूल्स बने होते हैं ।