(a) उद्दीपनों को प्रभावी होने के लिये न्यूनतम तीव्रता होनी चाहिये जिसे थ्रेशोल्ड स्टीम्यूलस कहते हैं। अर्थात् यह उद्दीपन की वह न्यूनतम मात्रा है जोकि तंत्रिका आवेग संवहन को प्रारंभ करती है। न्यूनतम थ्रेशोल्ड उद्दीपनों से मान कम होने पर यह प्रभावी नहीं होती है।
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219711
माइलिन पर्त किसको ढ़कती है
1 कीटों के तन्त्रिका तन्तु को
2 पक्षी के भ्रूण को
3 कशेरुकों के पेशी तन्तु को
4 कशेरुकों के तन्त्रिका तन्तु को
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219712
न्यूरोग्लिया व न्यूरॉन्स में अन्तर है न्यूरोग्लिया में
1 निसिल कणों की अनुपस्थिति का
2 प्रवर्धों की अनुपस्थिति का
3 साइटोन की अनुपस्थिति का
4 नाभिक की अनुपस्थिति का
Explanation:
(a) न्यूरोग्लिया तंत्रिका तंत्र के संयोजी ऊतकों से मिलकर बने होते हैं। जोकि सहारा एवं सुरक्षा का कार्य करते हैं। यह निसिल्स ग्रेन्यूल्स की अनुपस्थिति के कारण न्यूरोन्स से भिन्न होते हैं।
(a) उद्दीपनों को प्रभावी होने के लिये न्यूनतम तीव्रता होनी चाहिये जिसे थ्रेशोल्ड स्टीम्यूलस कहते हैं। अर्थात् यह उद्दीपन की वह न्यूनतम मात्रा है जोकि तंत्रिका आवेग संवहन को प्रारंभ करती है। न्यूनतम थ्रेशोल्ड उद्दीपनों से मान कम होने पर यह प्रभावी नहीं होती है।
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219711
माइलिन पर्त किसको ढ़कती है
1 कीटों के तन्त्रिका तन्तु को
2 पक्षी के भ्रूण को
3 कशेरुकों के पेशी तन्तु को
4 कशेरुकों के तन्त्रिका तन्तु को
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219712
न्यूरोग्लिया व न्यूरॉन्स में अन्तर है न्यूरोग्लिया में
1 निसिल कणों की अनुपस्थिति का
2 प्रवर्धों की अनुपस्थिति का
3 साइटोन की अनुपस्थिति का
4 नाभिक की अनुपस्थिति का
Explanation:
(a) न्यूरोग्लिया तंत्रिका तंत्र के संयोजी ऊतकों से मिलकर बने होते हैं। जोकि सहारा एवं सुरक्षा का कार्य करते हैं। यह निसिल्स ग्रेन्यूल्स की अनुपस्थिति के कारण न्यूरोन्स से भिन्न होते हैं।
(a) उद्दीपनों को प्रभावी होने के लिये न्यूनतम तीव्रता होनी चाहिये जिसे थ्रेशोल्ड स्टीम्यूलस कहते हैं। अर्थात् यह उद्दीपन की वह न्यूनतम मात्रा है जोकि तंत्रिका आवेग संवहन को प्रारंभ करती है। न्यूनतम थ्रेशोल्ड उद्दीपनों से मान कम होने पर यह प्रभावी नहीं होती है।
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219711
माइलिन पर्त किसको ढ़कती है
1 कीटों के तन्त्रिका तन्तु को
2 पक्षी के भ्रूण को
3 कशेरुकों के पेशी तन्तु को
4 कशेरुकों के तन्त्रिका तन्तु को
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219712
न्यूरोग्लिया व न्यूरॉन्स में अन्तर है न्यूरोग्लिया में
1 निसिल कणों की अनुपस्थिति का
2 प्रवर्धों की अनुपस्थिति का
3 साइटोन की अनुपस्थिति का
4 नाभिक की अनुपस्थिति का
Explanation:
(a) न्यूरोग्लिया तंत्रिका तंत्र के संयोजी ऊतकों से मिलकर बने होते हैं। जोकि सहारा एवं सुरक्षा का कार्य करते हैं। यह निसिल्स ग्रेन्यूल्स की अनुपस्थिति के कारण न्यूरोन्स से भिन्न होते हैं।
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07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219709
रिवर्सल विभव होता है
1 सदैव ऋणात्मक
2 सदैव धनात्मक
3 सदैव उदासीन
4 मृत्यु तक कभी विकसित नहीं होता
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219710
आवेग संचरण के लिये क्रिया विभव का मान सदैव
1 थ्रेशोल्ड मान से कम नहीं होना चाहिये
2 थ्रेशोल्ड मान से अधिक नहीं होना चाहिये
3 थे्रशोल्ड मान के बराबर नहीं होना चाहिये
4 उपरोक्त सभी
Explanation:
(a) उद्दीपनों को प्रभावी होने के लिये न्यूनतम तीव्रता होनी चाहिये जिसे थ्रेशोल्ड स्टीम्यूलस कहते हैं। अर्थात् यह उद्दीपन की वह न्यूनतम मात्रा है जोकि तंत्रिका आवेग संवहन को प्रारंभ करती है। न्यूनतम थ्रेशोल्ड उद्दीपनों से मान कम होने पर यह प्रभावी नहीं होती है।
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219711
माइलिन पर्त किसको ढ़कती है
1 कीटों के तन्त्रिका तन्तु को
2 पक्षी के भ्रूण को
3 कशेरुकों के पेशी तन्तु को
4 कशेरुकों के तन्त्रिका तन्तु को
Explanation:
It's Obvious.
07. STRUCTURAL ORGANISATION IN ANIMALS (HM)
219712
न्यूरोग्लिया व न्यूरॉन्स में अन्तर है न्यूरोग्लिया में
1 निसिल कणों की अनुपस्थिति का
2 प्रवर्धों की अनुपस्थिति का
3 साइटोन की अनुपस्थिति का
4 नाभिक की अनुपस्थिति का
Explanation:
(a) न्यूरोग्लिया तंत्रिका तंत्र के संयोजी ऊतकों से मिलकर बने होते हैं। जोकि सहारा एवं सुरक्षा का कार्य करते हैं। यह निसिल्स ग्रेन्यूल्स की अनुपस्थिति के कारण न्यूरोन्स से भिन्न होते हैं।