208572
क्लोरस अम्ल, क्लोरिक अम्ल तथा परक्लोरिक अम्ल में \(Cl = O\) आबन्धों की संख्या क्रमशः है,
1 \(3,1\) तथा \(1\)
2 \(4,1\) तथा \(0\)
3 \(1,1\) तथा \(3\)
4 \(1,2\) तथा \(3\)
Explanation:
Number of \(\mathrm{Cl}=\mathrm{O}\) bonds
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207862
\(V\) \(A\) समूह (\(N, P, As, Sb, Bi\)) में निम्न में से कौन-सा गुण नाइट्रोजन से बिस्मथ तक नीचे की ओर बढ़ता है
1 \(+3\) ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व
2 हाइड्राइड का अपचायक गुण
3 विद्युत-ऋणात्मकता
4 दोनों (a) और (b)
Explanation:
अक्रिय युग्म प्रभाव के आधार पर \(+ 3\) ऑक्सीकरण अवस्थाओं का स्थायित्व बढ़ता है। समूह में नीचे जाने पर हाइड्राइडों का अपचायक गुण बढ़ता है क्योंकि समूह में नीचे आने परबंध वियोजन ऊर्जा घटती है।
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207863
नाइट्रोजन स्थिरीकरण की महत्वपूर्ण पद्धति है
208572
क्लोरस अम्ल, क्लोरिक अम्ल तथा परक्लोरिक अम्ल में \(Cl = O\) आबन्धों की संख्या क्रमशः है,
1 \(3,1\) तथा \(1\)
2 \(4,1\) तथा \(0\)
3 \(1,1\) तथा \(3\)
4 \(1,2\) तथा \(3\)
Explanation:
Number of \(\mathrm{Cl}=\mathrm{O}\) bonds
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207862
\(V\) \(A\) समूह (\(N, P, As, Sb, Bi\)) में निम्न में से कौन-सा गुण नाइट्रोजन से बिस्मथ तक नीचे की ओर बढ़ता है
1 \(+3\) ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व
2 हाइड्राइड का अपचायक गुण
3 विद्युत-ऋणात्मकता
4 दोनों (a) और (b)
Explanation:
अक्रिय युग्म प्रभाव के आधार पर \(+ 3\) ऑक्सीकरण अवस्थाओं का स्थायित्व बढ़ता है। समूह में नीचे जाने पर हाइड्राइडों का अपचायक गुण बढ़ता है क्योंकि समूह में नीचे आने परबंध वियोजन ऊर्जा घटती है।
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207863
नाइट्रोजन स्थिरीकरण की महत्वपूर्ण पद्धति है
208572
क्लोरस अम्ल, क्लोरिक अम्ल तथा परक्लोरिक अम्ल में \(Cl = O\) आबन्धों की संख्या क्रमशः है,
1 \(3,1\) तथा \(1\)
2 \(4,1\) तथा \(0\)
3 \(1,1\) तथा \(3\)
4 \(1,2\) तथा \(3\)
Explanation:
Number of \(\mathrm{Cl}=\mathrm{O}\) bonds
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207862
\(V\) \(A\) समूह (\(N, P, As, Sb, Bi\)) में निम्न में से कौन-सा गुण नाइट्रोजन से बिस्मथ तक नीचे की ओर बढ़ता है
1 \(+3\) ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व
2 हाइड्राइड का अपचायक गुण
3 विद्युत-ऋणात्मकता
4 दोनों (a) और (b)
Explanation:
अक्रिय युग्म प्रभाव के आधार पर \(+ 3\) ऑक्सीकरण अवस्थाओं का स्थायित्व बढ़ता है। समूह में नीचे जाने पर हाइड्राइडों का अपचायक गुण बढ़ता है क्योंकि समूह में नीचे आने परबंध वियोजन ऊर्जा घटती है।
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207863
नाइट्रोजन स्थिरीकरण की महत्वपूर्ण पद्धति है
208572
क्लोरस अम्ल, क्लोरिक अम्ल तथा परक्लोरिक अम्ल में \(Cl = O\) आबन्धों की संख्या क्रमशः है,
1 \(3,1\) तथा \(1\)
2 \(4,1\) तथा \(0\)
3 \(1,1\) तथा \(3\)
4 \(1,2\) तथा \(3\)
Explanation:
Number of \(\mathrm{Cl}=\mathrm{O}\) bonds
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207862
\(V\) \(A\) समूह (\(N, P, As, Sb, Bi\)) में निम्न में से कौन-सा गुण नाइट्रोजन से बिस्मथ तक नीचे की ओर बढ़ता है
1 \(+3\) ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व
2 हाइड्राइड का अपचायक गुण
3 विद्युत-ऋणात्मकता
4 दोनों (a) और (b)
Explanation:
अक्रिय युग्म प्रभाव के आधार पर \(+ 3\) ऑक्सीकरण अवस्थाओं का स्थायित्व बढ़ता है। समूह में नीचे जाने पर हाइड्राइडों का अपचायक गुण बढ़ता है क्योंकि समूह में नीचे आने परबंध वियोजन ऊर्जा घटती है।
07. THE P-BLOCK ELEMENTS (HM)
207863
नाइट्रोजन स्थिरीकरण की महत्वपूर्ण पद्धति है