06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207746
फिटकरी जल शुद्धिकारक होती है क्योंकि यह
1 अशुद्धियों को स्कंदित करती है
2 कठोर जल को मृदु करती है
3 स्वाद देती है
4 पैथोजनिक बैक्टीरिया को नष्ट करती ळे
Explanation:
फिटकरी में कई धनायन होते हैं और जल में कई ऋणात्मक अशुद्धियाँ होती हैं। फिटकरी मिलाने पर निलम्बन अशुद्धियाँ स्कंदित हो जाती है और पानी पीने योग्य हो जाता है।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207747
पायसीकारक वे पदार्थ होते हैं जो
1 पायस को स्थायित्व देते हैं
2 पायस को समांगी करते हैं
3 पायस को स्कंदित करते हैं
4 द्रव में द्रव के परिक्षेपण को त्वरित करते हैं
Explanation:
पायस के स्थायित्व के लिए एक तृतीय घटक मिलाते हैं जिसे पायसीकारक कहते हैं। पायसीकारक, माध्यम और निलम्बित कणों के बीच अंतरफलकीय परत बनाते हैं।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207748
निम्न के प्रयोग से मिट्टी के जल को स्कंदन द्वारा शुद्ध कर सकते हैं
1 साधारण लवण
2 फिटकरी
3 रेत
4 चूना
Explanation:
गंदे जल में फिटकरी मिलाते हैं तो बैक्टीरिया नष्ट होने के साथ-साथ निलम्बन अशुद्धियाँ भी स्कंदित हो जाती हैं।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207749
‘कोहरा’ \((Fog)\) कोलॉइडी विलयन है
1 गैस में ठोस
2 गैस में द्रव
3 द्रव में गैस
4 ठोस में गैस
Explanation:
ठोस में गैस‘कोहरा’ एरोसॉल का उदाहरण है जहाँ परिक्षिप्त प्रावस्था द्रव है और परिक्षेपण माध्यम गैस है।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207746
फिटकरी जल शुद्धिकारक होती है क्योंकि यह
1 अशुद्धियों को स्कंदित करती है
2 कठोर जल को मृदु करती है
3 स्वाद देती है
4 पैथोजनिक बैक्टीरिया को नष्ट करती ळे
Explanation:
फिटकरी में कई धनायन होते हैं और जल में कई ऋणात्मक अशुद्धियाँ होती हैं। फिटकरी मिलाने पर निलम्बन अशुद्धियाँ स्कंदित हो जाती है और पानी पीने योग्य हो जाता है।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207747
पायसीकारक वे पदार्थ होते हैं जो
1 पायस को स्थायित्व देते हैं
2 पायस को समांगी करते हैं
3 पायस को स्कंदित करते हैं
4 द्रव में द्रव के परिक्षेपण को त्वरित करते हैं
Explanation:
पायस के स्थायित्व के लिए एक तृतीय घटक मिलाते हैं जिसे पायसीकारक कहते हैं। पायसीकारक, माध्यम और निलम्बित कणों के बीच अंतरफलकीय परत बनाते हैं।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207748
निम्न के प्रयोग से मिट्टी के जल को स्कंदन द्वारा शुद्ध कर सकते हैं
1 साधारण लवण
2 फिटकरी
3 रेत
4 चूना
Explanation:
गंदे जल में फिटकरी मिलाते हैं तो बैक्टीरिया नष्ट होने के साथ-साथ निलम्बन अशुद्धियाँ भी स्कंदित हो जाती हैं।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207749
‘कोहरा’ \((Fog)\) कोलॉइडी विलयन है
1 गैस में ठोस
2 गैस में द्रव
3 द्रव में गैस
4 ठोस में गैस
Explanation:
ठोस में गैस‘कोहरा’ एरोसॉल का उदाहरण है जहाँ परिक्षिप्त प्रावस्था द्रव है और परिक्षेपण माध्यम गैस है।
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207746
फिटकरी जल शुद्धिकारक होती है क्योंकि यह
1 अशुद्धियों को स्कंदित करती है
2 कठोर जल को मृदु करती है
3 स्वाद देती है
4 पैथोजनिक बैक्टीरिया को नष्ट करती ळे
Explanation:
फिटकरी में कई धनायन होते हैं और जल में कई ऋणात्मक अशुद्धियाँ होती हैं। फिटकरी मिलाने पर निलम्बन अशुद्धियाँ स्कंदित हो जाती है और पानी पीने योग्य हो जाता है।
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207747
पायसीकारक वे पदार्थ होते हैं जो
1 पायस को स्थायित्व देते हैं
2 पायस को समांगी करते हैं
3 पायस को स्कंदित करते हैं
4 द्रव में द्रव के परिक्षेपण को त्वरित करते हैं
Explanation:
पायस के स्थायित्व के लिए एक तृतीय घटक मिलाते हैं जिसे पायसीकारक कहते हैं। पायसीकारक, माध्यम और निलम्बित कणों के बीच अंतरफलकीय परत बनाते हैं।
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207748
निम्न के प्रयोग से मिट्टी के जल को स्कंदन द्वारा शुद्ध कर सकते हैं
1 साधारण लवण
2 फिटकरी
3 रेत
4 चूना
Explanation:
गंदे जल में फिटकरी मिलाते हैं तो बैक्टीरिया नष्ट होने के साथ-साथ निलम्बन अशुद्धियाँ भी स्कंदित हो जाती हैं।
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207749
‘कोहरा’ \((Fog)\) कोलॉइडी विलयन है
1 गैस में ठोस
2 गैस में द्रव
3 द्रव में गैस
4 ठोस में गैस
Explanation:
ठोस में गैस‘कोहरा’ एरोसॉल का उदाहरण है जहाँ परिक्षिप्त प्रावस्था द्रव है और परिक्षेपण माध्यम गैस है।
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207746
फिटकरी जल शुद्धिकारक होती है क्योंकि यह
1 अशुद्धियों को स्कंदित करती है
2 कठोर जल को मृदु करती है
3 स्वाद देती है
4 पैथोजनिक बैक्टीरिया को नष्ट करती ळे
Explanation:
फिटकरी में कई धनायन होते हैं और जल में कई ऋणात्मक अशुद्धियाँ होती हैं। फिटकरी मिलाने पर निलम्बन अशुद्धियाँ स्कंदित हो जाती है और पानी पीने योग्य हो जाता है।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207747
पायसीकारक वे पदार्थ होते हैं जो
1 पायस को स्थायित्व देते हैं
2 पायस को समांगी करते हैं
3 पायस को स्कंदित करते हैं
4 द्रव में द्रव के परिक्षेपण को त्वरित करते हैं
Explanation:
पायस के स्थायित्व के लिए एक तृतीय घटक मिलाते हैं जिसे पायसीकारक कहते हैं। पायसीकारक, माध्यम और निलम्बित कणों के बीच अंतरफलकीय परत बनाते हैं।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
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निम्न के प्रयोग से मिट्टी के जल को स्कंदन द्वारा शुद्ध कर सकते हैं
1 साधारण लवण
2 फिटकरी
3 रेत
4 चूना
Explanation:
गंदे जल में फिटकरी मिलाते हैं तो बैक्टीरिया नष्ट होने के साथ-साथ निलम्बन अशुद्धियाँ भी स्कंदित हो जाती हैं।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207749
‘कोहरा’ \((Fog)\) कोलॉइडी विलयन है
1 गैस में ठोस
2 गैस में द्रव
3 द्रव में गैस
4 ठोस में गैस
Explanation:
ठोस में गैस‘कोहरा’ एरोसॉल का उदाहरण है जहाँ परिक्षिप्त प्रावस्था द्रव है और परिक्षेपण माध्यम गैस है।