06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207554 धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाले खनिजों में उपस्थित अशुद्धियों को सम्मिलित रूप से कहते हैं

1 धातुमल
2 गालक
3 आधात्री (गैंग)
4 अयस्क
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207555 जब किसी धातु को उसके अयस्क से निष्कर्षित करना हैं, तब यदि अयस्क से सम्बन्धित गैंग सिलिका हो, तो

1 एक अम्लीय गालक की आवश्यकता होगी
2 एक क्षारीय गालक की आवश्यकता होगी
3 अम्लीय एवं क्षारीय दोनों गालकों की आवश्यकता होगी
4 इनमें से किसी की भी आवश्यकता नहीं होगी
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207556 कौनसा कथन सही है

1 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान धातुमल से संयोजन करके सरलता से संगलनीय गालक बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
2 धातुमल को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक में संयोजन करके सरलता से संगलनीय गैंग बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
3 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
4 गालक को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गैंग से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207557 कॉपर पायराइटीज अयस्क का भर्जन निम्न प्रायोजनों के लिये किया जाता है

1 सल्फर, आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप से निकाल देना और पूरे आयरन और कॉपर को उनके ऑक्साइडों के रूप में परिवर्तित करना
2 आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप मे निकाल देना और सल्फर को जलाकर इतना निकाल देना कि पूरे कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचा रहे
3 सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि वह आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि से संयोजन के लिये पर्याप्त रहे और पूरे आयरन और कॉपर को ऑक्साइडों में बदल देना
4 आर्सेनिक और एण्टीमनी सल्फाइडों आदि का संगलन करना और द्रवीकरण द्वारा उन्हें निकाल देना और सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि आयरन और कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचे
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207558 आधुनिक वात्या-भट्टियों में घान में निम्नलिखित में से किसका मिश्रण होता है

1 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना + ऐन्थ्रेसाइट कोयला
2 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना-पत्थर + कोक
3 जलयोजित आयरन ऑक्साइड + डोलोमाइट + कोक
4 आयरन पायराइटीज + चूना + बिटुमिन कोयला
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207554 धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाले खनिजों में उपस्थित अशुद्धियों को सम्मिलित रूप से कहते हैं

1 धातुमल
2 गालक
3 आधात्री (गैंग)
4 अयस्क
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207555 जब किसी धातु को उसके अयस्क से निष्कर्षित करना हैं, तब यदि अयस्क से सम्बन्धित गैंग सिलिका हो, तो

1 एक अम्लीय गालक की आवश्यकता होगी
2 एक क्षारीय गालक की आवश्यकता होगी
3 अम्लीय एवं क्षारीय दोनों गालकों की आवश्यकता होगी
4 इनमें से किसी की भी आवश्यकता नहीं होगी
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207556 कौनसा कथन सही है

1 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान धातुमल से संयोजन करके सरलता से संगलनीय गालक बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
2 धातुमल को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक में संयोजन करके सरलता से संगलनीय गैंग बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
3 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
4 गालक को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गैंग से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
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207557 कॉपर पायराइटीज अयस्क का भर्जन निम्न प्रायोजनों के लिये किया जाता है

1 सल्फर, आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप से निकाल देना और पूरे आयरन और कॉपर को उनके ऑक्साइडों के रूप में परिवर्तित करना
2 आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप मे निकाल देना और सल्फर को जलाकर इतना निकाल देना कि पूरे कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचा रहे
3 सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि वह आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि से संयोजन के लिये पर्याप्त रहे और पूरे आयरन और कॉपर को ऑक्साइडों में बदल देना
4 आर्सेनिक और एण्टीमनी सल्फाइडों आदि का संगलन करना और द्रवीकरण द्वारा उन्हें निकाल देना और सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि आयरन और कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचे
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207558 आधुनिक वात्या-भट्टियों में घान में निम्नलिखित में से किसका मिश्रण होता है

1 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना + ऐन्थ्रेसाइट कोयला
2 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना-पत्थर + कोक
3 जलयोजित आयरन ऑक्साइड + डोलोमाइट + कोक
4 आयरन पायराइटीज + चूना + बिटुमिन कोयला
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207554 धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाले खनिजों में उपस्थित अशुद्धियों को सम्मिलित रूप से कहते हैं

1 धातुमल
2 गालक
3 आधात्री (गैंग)
4 अयस्क
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207555 जब किसी धातु को उसके अयस्क से निष्कर्षित करना हैं, तब यदि अयस्क से सम्बन्धित गैंग सिलिका हो, तो

1 एक अम्लीय गालक की आवश्यकता होगी
2 एक क्षारीय गालक की आवश्यकता होगी
3 अम्लीय एवं क्षारीय दोनों गालकों की आवश्यकता होगी
4 इनमें से किसी की भी आवश्यकता नहीं होगी
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207556 कौनसा कथन सही है

1 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान धातुमल से संयोजन करके सरलता से संगलनीय गालक बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
2 धातुमल को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक में संयोजन करके सरलता से संगलनीय गैंग बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
3 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
4 गालक को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गैंग से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
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207557 कॉपर पायराइटीज अयस्क का भर्जन निम्न प्रायोजनों के लिये किया जाता है

1 सल्फर, आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप से निकाल देना और पूरे आयरन और कॉपर को उनके ऑक्साइडों के रूप में परिवर्तित करना
2 आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप मे निकाल देना और सल्फर को जलाकर इतना निकाल देना कि पूरे कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचा रहे
3 सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि वह आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि से संयोजन के लिये पर्याप्त रहे और पूरे आयरन और कॉपर को ऑक्साइडों में बदल देना
4 आर्सेनिक और एण्टीमनी सल्फाइडों आदि का संगलन करना और द्रवीकरण द्वारा उन्हें निकाल देना और सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि आयरन और कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचे
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207558 आधुनिक वात्या-भट्टियों में घान में निम्नलिखित में से किसका मिश्रण होता है

1 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना + ऐन्थ्रेसाइट कोयला
2 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना-पत्थर + कोक
3 जलयोजित आयरन ऑक्साइड + डोलोमाइट + कोक
4 आयरन पायराइटीज + चूना + बिटुमिन कोयला
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207554 धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाले खनिजों में उपस्थित अशुद्धियों को सम्मिलित रूप से कहते हैं

1 धातुमल
2 गालक
3 आधात्री (गैंग)
4 अयस्क
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207555 जब किसी धातु को उसके अयस्क से निष्कर्षित करना हैं, तब यदि अयस्क से सम्बन्धित गैंग सिलिका हो, तो

1 एक अम्लीय गालक की आवश्यकता होगी
2 एक क्षारीय गालक की आवश्यकता होगी
3 अम्लीय एवं क्षारीय दोनों गालकों की आवश्यकता होगी
4 इनमें से किसी की भी आवश्यकता नहीं होगी
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207556 कौनसा कथन सही है

1 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान धातुमल से संयोजन करके सरलता से संगलनीय गालक बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
2 धातुमल को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक में संयोजन करके सरलता से संगलनीय गैंग बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
3 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
4 गालक को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गैंग से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207557 कॉपर पायराइटीज अयस्क का भर्जन निम्न प्रायोजनों के लिये किया जाता है

1 सल्फर, आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप से निकाल देना और पूरे आयरन और कॉपर को उनके ऑक्साइडों के रूप में परिवर्तित करना
2 आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप मे निकाल देना और सल्फर को जलाकर इतना निकाल देना कि पूरे कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचा रहे
3 सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि वह आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि से संयोजन के लिये पर्याप्त रहे और पूरे आयरन और कॉपर को ऑक्साइडों में बदल देना
4 आर्सेनिक और एण्टीमनी सल्फाइडों आदि का संगलन करना और द्रवीकरण द्वारा उन्हें निकाल देना और सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि आयरन और कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचे
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207558 आधुनिक वात्या-भट्टियों में घान में निम्नलिखित में से किसका मिश्रण होता है

1 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना + ऐन्थ्रेसाइट कोयला
2 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना-पत्थर + कोक
3 जलयोजित आयरन ऑक्साइड + डोलोमाइट + कोक
4 आयरन पायराइटीज + चूना + बिटुमिन कोयला
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207554 धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाले खनिजों में उपस्थित अशुद्धियों को सम्मिलित रूप से कहते हैं

1 धातुमल
2 गालक
3 आधात्री (गैंग)
4 अयस्क
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207555 जब किसी धातु को उसके अयस्क से निष्कर्षित करना हैं, तब यदि अयस्क से सम्बन्धित गैंग सिलिका हो, तो

1 एक अम्लीय गालक की आवश्यकता होगी
2 एक क्षारीय गालक की आवश्यकता होगी
3 अम्लीय एवं क्षारीय दोनों गालकों की आवश्यकता होगी
4 इनमें से किसी की भी आवश्यकता नहीं होगी
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207556 कौनसा कथन सही है

1 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान धातुमल से संयोजन करके सरलता से संगलनीय गालक बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
2 धातुमल को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक में संयोजन करके सरलता से संगलनीय गैंग बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
3 गैंग को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गालक से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
4 गालक को सावधानी से चुना जाता है जिससे वह अयस्क में विद्यमान गैंग से संयोजन करके सरलता से संगलनीय धातुमल बनाये जो अशुद्धियों को बहा ले जाये
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207557 कॉपर पायराइटीज अयस्क का भर्जन निम्न प्रायोजनों के लिये किया जाता है

1 सल्फर, आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप से निकाल देना और पूरे आयरन और कॉपर को उनके ऑक्साइडों के रूप में परिवर्तित करना
2 आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि को जलाकर ऑक्साइडों के रूप मे निकाल देना और सल्फर को जलाकर इतना निकाल देना कि पूरे कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचा रहे
3 सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि वह आर्सेनिक, एण्टीमनी आदि से संयोजन के लिये पर्याप्त रहे और पूरे आयरन और कॉपर को ऑक्साइडों में बदल देना
4 आर्सेनिक और एण्टीमनी सल्फाइडों आदि का संगलन करना और द्रवीकरण द्वारा उन्हें निकाल देना और सल्फर को अपूर्ण जलाकर इतना छोड़ देना कि आयरन और कॉपर से संयोजन के लिये पर्याप्त बचे
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)

207558 आधुनिक वात्या-भट्टियों में घान में निम्नलिखित में से किसका मिश्रण होता है

1 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना + ऐन्थ्रेसाइट कोयला
2 निस्तापित आयरन ऑक्साइड + चूना-पत्थर + कोक
3 जलयोजित आयरन ऑक्साइड + डोलोमाइट + कोक
4 आयरन पायराइटीज + चूना + बिटुमिन कोयला