06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207513
कॉपर पायराइट का सान्द्रीकरण किसके द्वारा किया जाता है
1 विद्युत चुम्बकीय विधि
2 गुरूत्वाकर्षण विधि
3 झाग उत्प्लावन विधि
4 इन सभी विधियों द्वारा
Explanation:
सल्फाइड अयस्क हमेशा झाग प्लवन विधि द्वारा सांद्रित होता है।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207514
जिंक के धातुकर्म में गालक का उपयोग नहीं होता है, क्योंकि
1 जिंक अयस्क में अशुद्धि नहीं होती
2 जिंक वाष्प्शील है, अत: आसानी से पृथक् हो जाता है
3 जिंक गालक से क्रिया कर लेता है
4 गालक वाष्पशील होता है
Explanation:
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207515
मैग्नेटाइट जैसे अयस्क या टिन में टंगस्टेट अयस्कों का सांद्रण होता है
1 फेन उत्प्लावन द्वारा
2 चुम्बकीय पृथक्करण द्वारा
3 गुरूत्वीय पृथक्करण द्वारा
4 स्थिर वैद्युत पृथक्करण द्वारा
Explanation:
Magnetic Separation:- This method is adopted when either ore or the impurities are magnetic in nature. They are separated from each other by means of magnetic separators. \(Eg : SnO _2\) (Non magnetic) in \(Fe _3 O _4\) (magnetic)
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207516
झाग प्लवन विधि अयस्क से अशुद्धि हटाने की सफल विधि है क्योंकि
1 शुद्ध अयस्क उस जल से हल्का होता है जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल इत्यादि होते हैं.
2 शुद्ध अयस्क उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
3 अशुद्धियाँं उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
4 शुद्ध अयस्क आसानी से जल में नहीं भीगता है, क्योंकि इसमें चीड़ का तेल और क्रिसायलिक अम्ल आदि होते हैं
Explanation:
Froth - floatation method is successful in separating impurities from ores because the pure ore is not as easily wetted by water as by pine oil, cresylic acid etc.
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207513
कॉपर पायराइट का सान्द्रीकरण किसके द्वारा किया जाता है
1 विद्युत चुम्बकीय विधि
2 गुरूत्वाकर्षण विधि
3 झाग उत्प्लावन विधि
4 इन सभी विधियों द्वारा
Explanation:
सल्फाइड अयस्क हमेशा झाग प्लवन विधि द्वारा सांद्रित होता है।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207514
जिंक के धातुकर्म में गालक का उपयोग नहीं होता है, क्योंकि
1 जिंक अयस्क में अशुद्धि नहीं होती
2 जिंक वाष्प्शील है, अत: आसानी से पृथक् हो जाता है
3 जिंक गालक से क्रिया कर लेता है
4 गालक वाष्पशील होता है
Explanation:
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207515
मैग्नेटाइट जैसे अयस्क या टिन में टंगस्टेट अयस्कों का सांद्रण होता है
1 फेन उत्प्लावन द्वारा
2 चुम्बकीय पृथक्करण द्वारा
3 गुरूत्वीय पृथक्करण द्वारा
4 स्थिर वैद्युत पृथक्करण द्वारा
Explanation:
Magnetic Separation:- This method is adopted when either ore or the impurities are magnetic in nature. They are separated from each other by means of magnetic separators. \(Eg : SnO _2\) (Non magnetic) in \(Fe _3 O _4\) (magnetic)
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207516
झाग प्लवन विधि अयस्क से अशुद्धि हटाने की सफल विधि है क्योंकि
1 शुद्ध अयस्क उस जल से हल्का होता है जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल इत्यादि होते हैं.
2 शुद्ध अयस्क उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
3 अशुद्धियाँं उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
4 शुद्ध अयस्क आसानी से जल में नहीं भीगता है, क्योंकि इसमें चीड़ का तेल और क्रिसायलिक अम्ल आदि होते हैं
Explanation:
Froth - floatation method is successful in separating impurities from ores because the pure ore is not as easily wetted by water as by pine oil, cresylic acid etc.
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207513
कॉपर पायराइट का सान्द्रीकरण किसके द्वारा किया जाता है
1 विद्युत चुम्बकीय विधि
2 गुरूत्वाकर्षण विधि
3 झाग उत्प्लावन विधि
4 इन सभी विधियों द्वारा
Explanation:
सल्फाइड अयस्क हमेशा झाग प्लवन विधि द्वारा सांद्रित होता है।
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207514
जिंक के धातुकर्म में गालक का उपयोग नहीं होता है, क्योंकि
1 जिंक अयस्क में अशुद्धि नहीं होती
2 जिंक वाष्प्शील है, अत: आसानी से पृथक् हो जाता है
3 जिंक गालक से क्रिया कर लेता है
4 गालक वाष्पशील होता है
Explanation:
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207515
मैग्नेटाइट जैसे अयस्क या टिन में टंगस्टेट अयस्कों का सांद्रण होता है
1 फेन उत्प्लावन द्वारा
2 चुम्बकीय पृथक्करण द्वारा
3 गुरूत्वीय पृथक्करण द्वारा
4 स्थिर वैद्युत पृथक्करण द्वारा
Explanation:
Magnetic Separation:- This method is adopted when either ore or the impurities are magnetic in nature. They are separated from each other by means of magnetic separators. \(Eg : SnO _2\) (Non magnetic) in \(Fe _3 O _4\) (magnetic)
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झाग प्लवन विधि अयस्क से अशुद्धि हटाने की सफल विधि है क्योंकि
1 शुद्ध अयस्क उस जल से हल्का होता है जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल इत्यादि होते हैं.
2 शुद्ध अयस्क उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
3 अशुद्धियाँं उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
4 शुद्ध अयस्क आसानी से जल में नहीं भीगता है, क्योंकि इसमें चीड़ का तेल और क्रिसायलिक अम्ल आदि होते हैं
Explanation:
Froth - floatation method is successful in separating impurities from ores because the pure ore is not as easily wetted by water as by pine oil, cresylic acid etc.
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207513
कॉपर पायराइट का सान्द्रीकरण किसके द्वारा किया जाता है
1 विद्युत चुम्बकीय विधि
2 गुरूत्वाकर्षण विधि
3 झाग उत्प्लावन विधि
4 इन सभी विधियों द्वारा
Explanation:
सल्फाइड अयस्क हमेशा झाग प्लवन विधि द्वारा सांद्रित होता है।
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207514
जिंक के धातुकर्म में गालक का उपयोग नहीं होता है, क्योंकि
1 जिंक अयस्क में अशुद्धि नहीं होती
2 जिंक वाष्प्शील है, अत: आसानी से पृथक् हो जाता है
3 जिंक गालक से क्रिया कर लेता है
4 गालक वाष्पशील होता है
Explanation:
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207515
मैग्नेटाइट जैसे अयस्क या टिन में टंगस्टेट अयस्कों का सांद्रण होता है
1 फेन उत्प्लावन द्वारा
2 चुम्बकीय पृथक्करण द्वारा
3 गुरूत्वीय पृथक्करण द्वारा
4 स्थिर वैद्युत पृथक्करण द्वारा
Explanation:
Magnetic Separation:- This method is adopted when either ore or the impurities are magnetic in nature. They are separated from each other by means of magnetic separators. \(Eg : SnO _2\) (Non magnetic) in \(Fe _3 O _4\) (magnetic)
06. GENERAL PRINCIPLES AND PROCESSES OF ISOLATION OF ELEMENTS (HM)
207516
झाग प्लवन विधि अयस्क से अशुद्धि हटाने की सफल विधि है क्योंकि
1 शुद्ध अयस्क उस जल से हल्का होता है जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल इत्यादि होते हैं.
2 शुद्ध अयस्क उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
3 अशुद्धियाँं उस जल में विलेय हैं जिसमें चीड़ का तेल, क्रिसायलिक अम्ल होते हैं
4 शुद्ध अयस्क आसानी से जल में नहीं भीगता है, क्योंकि इसमें चीड़ का तेल और क्रिसायलिक अम्ल आदि होते हैं
Explanation:
Froth - floatation method is successful in separating impurities from ores because the pure ore is not as easily wetted by water as by pine oil, cresylic acid etc.