(a)सिलिकॉन अर्धचालक है क्योंकि यह ऊष्मीय सक्रिय है और इसकी चालकता ताप बढ़ने के साथ बढ़ती है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205116
अक्रिस्टलीय ठोस के लिये निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है
1 वे ताप की कोटि पर गलित हो जाते हैं
2 वे एनआइसोट्रोपिक हैं। (असमदैशिक)
3 इनमें कणों की क्रमिक व्यवस्था नहीं होती है
4 वे कठोर और असंपीड्य हैं
Explanation:
(b)अक्रिस्टलीय ठोस समदैशिक होते हैं क्योंकि ये पदार्थ सभी दिशाओं में समान गुण दर्शाते हैं।
01. THE SOLID STATE (HM)
205117
दिये गये पदार्थ की दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना मानने की योग्यता कहलाती है
1 अक्रिस्टलीयता
2 समरूपता
3 बहुरूपता
4 समावयवता
Explanation:
(c)पदार्थ जब दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना दर्शाते हैं तो यह गुण बहुरुपता कहलाता है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205118
काँच है
1 अतिशीतन द्रव
2 क्रिस्टलीय ठोस
3 अक्रिस्टलीय ठोस
4 \((a)\) and \( (c)\)
Explanation:
\((d)\) अक्रिस्टलीय ठोसों में न तो क्रमिक व्यवस्था होती है (अर्थात् कोई निश्चित आकृति नहीं होती है) और न क्रिस्टलों की तरह स्पष्ट गलनांक होता है किन्तु जब इन्हें गर्म किया जाता है तो यह ढीले हो जाते हैं जब तक कि यह द्रवों का गुण प्राप्त नहीं करते। इस कारण से यह अतिशीतित द्रव भी कहलाते हैं।
(a)सिलिकॉन अर्धचालक है क्योंकि यह ऊष्मीय सक्रिय है और इसकी चालकता ताप बढ़ने के साथ बढ़ती है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205116
अक्रिस्टलीय ठोस के लिये निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है
1 वे ताप की कोटि पर गलित हो जाते हैं
2 वे एनआइसोट्रोपिक हैं। (असमदैशिक)
3 इनमें कणों की क्रमिक व्यवस्था नहीं होती है
4 वे कठोर और असंपीड्य हैं
Explanation:
(b)अक्रिस्टलीय ठोस समदैशिक होते हैं क्योंकि ये पदार्थ सभी दिशाओं में समान गुण दर्शाते हैं।
01. THE SOLID STATE (HM)
205117
दिये गये पदार्थ की दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना मानने की योग्यता कहलाती है
1 अक्रिस्टलीयता
2 समरूपता
3 बहुरूपता
4 समावयवता
Explanation:
(c)पदार्थ जब दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना दर्शाते हैं तो यह गुण बहुरुपता कहलाता है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205118
काँच है
1 अतिशीतन द्रव
2 क्रिस्टलीय ठोस
3 अक्रिस्टलीय ठोस
4 \((a)\) and \( (c)\)
Explanation:
\((d)\) अक्रिस्टलीय ठोसों में न तो क्रमिक व्यवस्था होती है (अर्थात् कोई निश्चित आकृति नहीं होती है) और न क्रिस्टलों की तरह स्पष्ट गलनांक होता है किन्तु जब इन्हें गर्म किया जाता है तो यह ढीले हो जाते हैं जब तक कि यह द्रवों का गुण प्राप्त नहीं करते। इस कारण से यह अतिशीतित द्रव भी कहलाते हैं।
(a)सिलिकॉन अर्धचालक है क्योंकि यह ऊष्मीय सक्रिय है और इसकी चालकता ताप बढ़ने के साथ बढ़ती है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205116
अक्रिस्टलीय ठोस के लिये निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है
1 वे ताप की कोटि पर गलित हो जाते हैं
2 वे एनआइसोट्रोपिक हैं। (असमदैशिक)
3 इनमें कणों की क्रमिक व्यवस्था नहीं होती है
4 वे कठोर और असंपीड्य हैं
Explanation:
(b)अक्रिस्टलीय ठोस समदैशिक होते हैं क्योंकि ये पदार्थ सभी दिशाओं में समान गुण दर्शाते हैं।
01. THE SOLID STATE (HM)
205117
दिये गये पदार्थ की दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना मानने की योग्यता कहलाती है
1 अक्रिस्टलीयता
2 समरूपता
3 बहुरूपता
4 समावयवता
Explanation:
(c)पदार्थ जब दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना दर्शाते हैं तो यह गुण बहुरुपता कहलाता है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205118
काँच है
1 अतिशीतन द्रव
2 क्रिस्टलीय ठोस
3 अक्रिस्टलीय ठोस
4 \((a)\) and \( (c)\)
Explanation:
\((d)\) अक्रिस्टलीय ठोसों में न तो क्रमिक व्यवस्था होती है (अर्थात् कोई निश्चित आकृति नहीं होती है) और न क्रिस्टलों की तरह स्पष्ट गलनांक होता है किन्तु जब इन्हें गर्म किया जाता है तो यह ढीले हो जाते हैं जब तक कि यह द्रवों का गुण प्राप्त नहीं करते। इस कारण से यह अतिशीतित द्रव भी कहलाते हैं।
(a)सिलिकॉन अर्धचालक है क्योंकि यह ऊष्मीय सक्रिय है और इसकी चालकता ताप बढ़ने के साथ बढ़ती है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205116
अक्रिस्टलीय ठोस के लिये निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है
1 वे ताप की कोटि पर गलित हो जाते हैं
2 वे एनआइसोट्रोपिक हैं। (असमदैशिक)
3 इनमें कणों की क्रमिक व्यवस्था नहीं होती है
4 वे कठोर और असंपीड्य हैं
Explanation:
(b)अक्रिस्टलीय ठोस समदैशिक होते हैं क्योंकि ये पदार्थ सभी दिशाओं में समान गुण दर्शाते हैं।
01. THE SOLID STATE (HM)
205117
दिये गये पदार्थ की दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना मानने की योग्यता कहलाती है
1 अक्रिस्टलीयता
2 समरूपता
3 बहुरूपता
4 समावयवता
Explanation:
(c)पदार्थ जब दो या अधिक क्रिस्टलीय संरचना दर्शाते हैं तो यह गुण बहुरुपता कहलाता है।
01. THE SOLID STATE (HM)
205118
काँच है
1 अतिशीतन द्रव
2 क्रिस्टलीय ठोस
3 अक्रिस्टलीय ठोस
4 \((a)\) and \( (c)\)
Explanation:
\((d)\) अक्रिस्टलीय ठोसों में न तो क्रमिक व्यवस्था होती है (अर्थात् कोई निश्चित आकृति नहीं होती है) और न क्रिस्टलों की तरह स्पष्ट गलनांक होता है किन्तु जब इन्हें गर्म किया जाता है तो यह ढीले हो जाते हैं जब तक कि यह द्रवों का गुण प्राप्त नहीं करते। इस कारण से यह अतिशीतित द्रव भी कहलाते हैं।