12. THERMODYNAMICS (HM)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199962 दिखाये गये \(P - V\) आरेख के अनुसार आदर्श गैस को तीन विभिन्न प्रक्रमों द्वारा स्थिति \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता हैयदि इन तीन प्रक्रमों में, अवशोषित ऊष्मा क्रमशः \(Q_{1},\) \(Q_{2}\) तथा \(Q_{3}\) और आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन \(\Delta U_{1},\) \(\Delta U_{2},\) तथा \(\Delta U_{3}\) हो तो

1 \({Q_1} < {Q_2} < {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1=\Delta U_2=\Delta U_3\)
2 \({Q_1} < {Q_2} = {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
3 \({Q_1} = {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
4 \({Q_1} > {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 = \Delta U_2 = \Delta U_3\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199963 किसी उष्मागतिक निकाय को आरेख में दिखाये गये अनुसार \(ABCD\) चक्र से गुजारा जाता है। इस चक्र में गैस द्वारा निकाली गई ऊष्मा का मान होगा

1 \(2PV\) \(\;\)
2 \(\;4{\rm{\;PV}}\)
3 \(\;{\rm{PV}}\)
4 \(\;\frac{{PV}}{2}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199964 किसी रूद्धोष्म प्रक्रम में एक गैस का दाब उसके ताप के घन (क्यूब) के समानुपाती पाया जाता है, तो इस गैस के \(\frac{C_{p}}{C_{v}}\) का अनुपात है

1 \(2\)
2 \(1.67\)
3 \(1.5\)
4 \(1.33\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199965 एक गैस को चित्र (आरेख) में दर्शाये गये अनुसार \(A\to B\to C\to A\), चक्र से गुजारा जाता है। तो, गैस द्वारा किया गया नेट कार्य (\(J\)) है

1 \(1000\)
2 \(0\)
3 \(-2000\)
4 \(2000\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199966 किसी एक परमाणिवक गैस का दाब \(p\) और आयतन \(V\) है। इसमें पहले समतापीय रूप से \(2\, V\) आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से \(16\, V\) आयतन तक प्रसार होता है। यदि \(\gamma=\frac{5}{3}\) हो तो , गैस का अन्तिम दाब होगा

1 \(64 P\)
2 \(32 P\)
3 \(\frac{P}{{64}}\)
4 \(16P\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199962 दिखाये गये \(P - V\) आरेख के अनुसार आदर्श गैस को तीन विभिन्न प्रक्रमों द्वारा स्थिति \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता हैयदि इन तीन प्रक्रमों में, अवशोषित ऊष्मा क्रमशः \(Q_{1},\) \(Q_{2}\) तथा \(Q_{3}\) और आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन \(\Delta U_{1},\) \(\Delta U_{2},\) तथा \(\Delta U_{3}\) हो तो

1 \({Q_1} < {Q_2} < {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1=\Delta U_2=\Delta U_3\)
2 \({Q_1} < {Q_2} = {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
3 \({Q_1} = {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
4 \({Q_1} > {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 = \Delta U_2 = \Delta U_3\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199963 किसी उष्मागतिक निकाय को आरेख में दिखाये गये अनुसार \(ABCD\) चक्र से गुजारा जाता है। इस चक्र में गैस द्वारा निकाली गई ऊष्मा का मान होगा

1 \(2PV\) \(\;\)
2 \(\;4{\rm{\;PV}}\)
3 \(\;{\rm{PV}}\)
4 \(\;\frac{{PV}}{2}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199964 किसी रूद्धोष्म प्रक्रम में एक गैस का दाब उसके ताप के घन (क्यूब) के समानुपाती पाया जाता है, तो इस गैस के \(\frac{C_{p}}{C_{v}}\) का अनुपात है

1 \(2\)
2 \(1.67\)
3 \(1.5\)
4 \(1.33\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199965 एक गैस को चित्र (आरेख) में दर्शाये गये अनुसार \(A\to B\to C\to A\), चक्र से गुजारा जाता है। तो, गैस द्वारा किया गया नेट कार्य (\(J\)) है

1 \(1000\)
2 \(0\)
3 \(-2000\)
4 \(2000\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199966 किसी एक परमाणिवक गैस का दाब \(p\) और आयतन \(V\) है। इसमें पहले समतापीय रूप से \(2\, V\) आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से \(16\, V\) आयतन तक प्रसार होता है। यदि \(\gamma=\frac{5}{3}\) हो तो , गैस का अन्तिम दाब होगा

1 \(64 P\)
2 \(32 P\)
3 \(\frac{P}{{64}}\)
4 \(16P\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199962 दिखाये गये \(P - V\) आरेख के अनुसार आदर्श गैस को तीन विभिन्न प्रक्रमों द्वारा स्थिति \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता हैयदि इन तीन प्रक्रमों में, अवशोषित ऊष्मा क्रमशः \(Q_{1},\) \(Q_{2}\) तथा \(Q_{3}\) और आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन \(\Delta U_{1},\) \(\Delta U_{2},\) तथा \(\Delta U_{3}\) हो तो

1 \({Q_1} < {Q_2} < {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1=\Delta U_2=\Delta U_3\)
2 \({Q_1} < {Q_2} = {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
3 \({Q_1} = {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
4 \({Q_1} > {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 = \Delta U_2 = \Delta U_3\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199963 किसी उष्मागतिक निकाय को आरेख में दिखाये गये अनुसार \(ABCD\) चक्र से गुजारा जाता है। इस चक्र में गैस द्वारा निकाली गई ऊष्मा का मान होगा

1 \(2PV\) \(\;\)
2 \(\;4{\rm{\;PV}}\)
3 \(\;{\rm{PV}}\)
4 \(\;\frac{{PV}}{2}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199964 किसी रूद्धोष्म प्रक्रम में एक गैस का दाब उसके ताप के घन (क्यूब) के समानुपाती पाया जाता है, तो इस गैस के \(\frac{C_{p}}{C_{v}}\) का अनुपात है

1 \(2\)
2 \(1.67\)
3 \(1.5\)
4 \(1.33\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199965 एक गैस को चित्र (आरेख) में दर्शाये गये अनुसार \(A\to B\to C\to A\), चक्र से गुजारा जाता है। तो, गैस द्वारा किया गया नेट कार्य (\(J\)) है

1 \(1000\)
2 \(0\)
3 \(-2000\)
4 \(2000\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199966 किसी एक परमाणिवक गैस का दाब \(p\) और आयतन \(V\) है। इसमें पहले समतापीय रूप से \(2\, V\) आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से \(16\, V\) आयतन तक प्रसार होता है। यदि \(\gamma=\frac{5}{3}\) हो तो , गैस का अन्तिम दाब होगा

1 \(64 P\)
2 \(32 P\)
3 \(\frac{P}{{64}}\)
4 \(16P\)
NEET Test Series from KOTA - 10 Papers In MS WORD WhatsApp Here
12. THERMODYNAMICS (HM)

199962 दिखाये गये \(P - V\) आरेख के अनुसार आदर्श गैस को तीन विभिन्न प्रक्रमों द्वारा स्थिति \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता हैयदि इन तीन प्रक्रमों में, अवशोषित ऊष्मा क्रमशः \(Q_{1},\) \(Q_{2}\) तथा \(Q_{3}\) और आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन \(\Delta U_{1},\) \(\Delta U_{2},\) तथा \(\Delta U_{3}\) हो तो

1 \({Q_1} < {Q_2} < {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1=\Delta U_2=\Delta U_3\)
2 \({Q_1} < {Q_2} = {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
3 \({Q_1} = {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
4 \({Q_1} > {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 = \Delta U_2 = \Delta U_3\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199963 किसी उष्मागतिक निकाय को आरेख में दिखाये गये अनुसार \(ABCD\) चक्र से गुजारा जाता है। इस चक्र में गैस द्वारा निकाली गई ऊष्मा का मान होगा

1 \(2PV\) \(\;\)
2 \(\;4{\rm{\;PV}}\)
3 \(\;{\rm{PV}}\)
4 \(\;\frac{{PV}}{2}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199964 किसी रूद्धोष्म प्रक्रम में एक गैस का दाब उसके ताप के घन (क्यूब) के समानुपाती पाया जाता है, तो इस गैस के \(\frac{C_{p}}{C_{v}}\) का अनुपात है

1 \(2\)
2 \(1.67\)
3 \(1.5\)
4 \(1.33\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199965 एक गैस को चित्र (आरेख) में दर्शाये गये अनुसार \(A\to B\to C\to A\), चक्र से गुजारा जाता है। तो, गैस द्वारा किया गया नेट कार्य (\(J\)) है

1 \(1000\)
2 \(0\)
3 \(-2000\)
4 \(2000\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199966 किसी एक परमाणिवक गैस का दाब \(p\) और आयतन \(V\) है। इसमें पहले समतापीय रूप से \(2\, V\) आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से \(16\, V\) आयतन तक प्रसार होता है। यदि \(\gamma=\frac{5}{3}\) हो तो , गैस का अन्तिम दाब होगा

1 \(64 P\)
2 \(32 P\)
3 \(\frac{P}{{64}}\)
4 \(16P\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199962 दिखाये गये \(P - V\) आरेख के अनुसार आदर्श गैस को तीन विभिन्न प्रक्रमों द्वारा स्थिति \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता हैयदि इन तीन प्रक्रमों में, अवशोषित ऊष्मा क्रमशः \(Q_{1},\) \(Q_{2}\) तथा \(Q_{3}\) और आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन \(\Delta U_{1},\) \(\Delta U_{2},\) तथा \(\Delta U_{3}\) हो तो

1 \({Q_1} < {Q_2} < {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1=\Delta U_2=\Delta U_3\)
2 \({Q_1} < {Q_2} = {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
3 \({Q_1} = {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 > \Delta U_2 > \Delta U_3\)
4 \({Q_1} > {Q_2} > {Q_3}\) तथा \(\Delta U_1 = \Delta U_2 = \Delta U_3\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199963 किसी उष्मागतिक निकाय को आरेख में दिखाये गये अनुसार \(ABCD\) चक्र से गुजारा जाता है। इस चक्र में गैस द्वारा निकाली गई ऊष्मा का मान होगा

1 \(2PV\) \(\;\)
2 \(\;4{\rm{\;PV}}\)
3 \(\;{\rm{PV}}\)
4 \(\;\frac{{PV}}{2}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199964 किसी रूद्धोष्म प्रक्रम में एक गैस का दाब उसके ताप के घन (क्यूब) के समानुपाती पाया जाता है, तो इस गैस के \(\frac{C_{p}}{C_{v}}\) का अनुपात है

1 \(2\)
2 \(1.67\)
3 \(1.5\)
4 \(1.33\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199965 एक गैस को चित्र (आरेख) में दर्शाये गये अनुसार \(A\to B\to C\to A\), चक्र से गुजारा जाता है। तो, गैस द्वारा किया गया नेट कार्य (\(J\)) है

1 \(1000\)
2 \(0\)
3 \(-2000\)
4 \(2000\)
12. THERMODYNAMICS (HM)

199966 किसी एक परमाणिवक गैस का दाब \(p\) और आयतन \(V\) है। इसमें पहले समतापीय रूप से \(2\, V\) आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से \(16\, V\) आयतन तक प्रसार होता है। यदि \(\gamma=\frac{5}{3}\) हो तो , गैस का अन्तिम दाब होगा

1 \(64 P\)
2 \(32 P\)
3 \(\frac{P}{{64}}\)
4 \(16P\)