199871 एक मोल की एक एकपरमाणुक (monoatomic) आदर्श गैस \(\left(c_V=\frac{3}{2} R\right)\) एक चक्रीय प्रक्रिया से गुजरती है। पहले उसे समायतनी (isochorically) रूप से \(\left({ }_2^2 P _0, V _0\right)\) से \(\left( P _0, V _0\right)\) अवस्था में ले जाया जाता है। तदुपरांत समदाबीय (isobarically) रूप से \(\frac{1}{2} V _0\) आयतन तक संकुचित किया जाता है। इसके बाद उसे पुनः अपने आरंभिक अवस्था में एक ऐसे पथ के द्वारा पहुँचा दिया जाता है, जो \(P - V\) आरेख में दीर्घवृत्त (ellipse) का चौथाई भाग है। इस चक्र की दक्षता (efficiency) क्या होगी ?
199871 एक मोल की एक एकपरमाणुक (monoatomic) आदर्श गैस \(\left(c_V=\frac{3}{2} R\right)\) एक चक्रीय प्रक्रिया से गुजरती है। पहले उसे समायतनी (isochorically) रूप से \(\left({ }_2^2 P _0, V _0\right)\) से \(\left( P _0, V _0\right)\) अवस्था में ले जाया जाता है। तदुपरांत समदाबीय (isobarically) रूप से \(\frac{1}{2} V _0\) आयतन तक संकुचित किया जाता है। इसके बाद उसे पुनः अपने आरंभिक अवस्था में एक ऐसे पथ के द्वारा पहुँचा दिया जाता है, जो \(P - V\) आरेख में दीर्घवृत्त (ellipse) का चौथाई भाग है। इस चक्र की दक्षता (efficiency) क्या होगी ?
199871 एक मोल की एक एकपरमाणुक (monoatomic) आदर्श गैस \(\left(c_V=\frac{3}{2} R\right)\) एक चक्रीय प्रक्रिया से गुजरती है। पहले उसे समायतनी (isochorically) रूप से \(\left({ }_2^2 P _0, V _0\right)\) से \(\left( P _0, V _0\right)\) अवस्था में ले जाया जाता है। तदुपरांत समदाबीय (isobarically) रूप से \(\frac{1}{2} V _0\) आयतन तक संकुचित किया जाता है। इसके बाद उसे पुनः अपने आरंभिक अवस्था में एक ऐसे पथ के द्वारा पहुँचा दिया जाता है, जो \(P - V\) आरेख में दीर्घवृत्त (ellipse) का चौथाई भाग है। इस चक्र की दक्षता (efficiency) क्या होगी ?
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