199804
चक्रीय प्रक्रम से गुजर रहे द्विपरमाणुक आदर्श गैस के \(P - V\) आरेख को चित्र में दर्शाया गया है। रूद्धोष्म प्रक्रम \(CD\) के दौरान किया कार्य होगा \((\gamma=1.4\) का उपयोग कीजिए) (\(J\) में)
1 \(-500\)
2 \(-400\)
3 \(400\)
4 \(200\)
Explanation:
Adiabatic process is from \(C\) to \(D\) \(WD =\frac{ P _{2} V _{2}- P _{1} V _{1}}{1-\gamma}\) \(=\frac{P_{D} V_{D}-P_{C} V_{C}}{1-\gamma}\) \(=\frac{200(3)-(100)(4)}{1-1.4}\) \(=-500\, J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199805
किसी ऊष्मा इंजन के लिए स्रोत का ताप \(127^{\circ} C\) है। \(60\, \%\) दक्षता प्राप्त करने के लिए सिंक (हौदी) का ताप \(......\,{ }^{\circ} C\) होना चाहिए।(निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)
1 \(-\,113\)
2 \(121\)
3 \(107\)
4 \(128\)
Explanation:
\(n =0.60=1=\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}\) \(\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}=0.4 \Rightarrow T _{ L }=0.4 \times 400\) \(=160\, K\) \(=-113\,^{\circ} C\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199806
किसी आदर्श गैस के रूद्धोष्म प्रसार में, दाब में होने वाला भिन्रात्मक परिवर्तन किसके बराबर होगा ? (जहाँ \(\gamma\) विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात है)
1 \(-\gamma \frac{ dV }{ V }\)
2 \(-\gamma \frac{ V }{ dV }\)
3 \(-\frac{1}{\gamma} \frac{ dV }{ V }\)
4 \(\frac{ d V }{ V }\)
Explanation:
\(PV ^{\gamma}=\) constant Differentiating \(\frac{ dP }{ dV }=-\frac{\gamma P }{ V }\) \(\frac{ dP }{ P }=-\frac{\gamma dV }{ V }\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199807
किसी सिलिण्डर में आदर्श गैस को एक पिस्टन द्वारा इस प्रकार पथक किया गया है कि एक भाग की एंट्रोपी \(S _{1}\) और दूसरे भाग की \(S _{2}\) है। दिया गया है कि \(S _{1}\,>\, S _{2}\)। यदि पिस्टन को हटा लिया जाए, तो सिस्टम की कुल एंट्रोपी का मान होगा।
199804
चक्रीय प्रक्रम से गुजर रहे द्विपरमाणुक आदर्श गैस के \(P - V\) आरेख को चित्र में दर्शाया गया है। रूद्धोष्म प्रक्रम \(CD\) के दौरान किया कार्य होगा \((\gamma=1.4\) का उपयोग कीजिए) (\(J\) में)
1 \(-500\)
2 \(-400\)
3 \(400\)
4 \(200\)
Explanation:
Adiabatic process is from \(C\) to \(D\) \(WD =\frac{ P _{2} V _{2}- P _{1} V _{1}}{1-\gamma}\) \(=\frac{P_{D} V_{D}-P_{C} V_{C}}{1-\gamma}\) \(=\frac{200(3)-(100)(4)}{1-1.4}\) \(=-500\, J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199805
किसी ऊष्मा इंजन के लिए स्रोत का ताप \(127^{\circ} C\) है। \(60\, \%\) दक्षता प्राप्त करने के लिए सिंक (हौदी) का ताप \(......\,{ }^{\circ} C\) होना चाहिए।(निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)
1 \(-\,113\)
2 \(121\)
3 \(107\)
4 \(128\)
Explanation:
\(n =0.60=1=\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}\) \(\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}=0.4 \Rightarrow T _{ L }=0.4 \times 400\) \(=160\, K\) \(=-113\,^{\circ} C\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199806
किसी आदर्श गैस के रूद्धोष्म प्रसार में, दाब में होने वाला भिन्रात्मक परिवर्तन किसके बराबर होगा ? (जहाँ \(\gamma\) विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात है)
1 \(-\gamma \frac{ dV }{ V }\)
2 \(-\gamma \frac{ V }{ dV }\)
3 \(-\frac{1}{\gamma} \frac{ dV }{ V }\)
4 \(\frac{ d V }{ V }\)
Explanation:
\(PV ^{\gamma}=\) constant Differentiating \(\frac{ dP }{ dV }=-\frac{\gamma P }{ V }\) \(\frac{ dP }{ P }=-\frac{\gamma dV }{ V }\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199807
किसी सिलिण्डर में आदर्श गैस को एक पिस्टन द्वारा इस प्रकार पथक किया गया है कि एक भाग की एंट्रोपी \(S _{1}\) और दूसरे भाग की \(S _{2}\) है। दिया गया है कि \(S _{1}\,>\, S _{2}\)। यदि पिस्टन को हटा लिया जाए, तो सिस्टम की कुल एंट्रोपी का मान होगा।
199804
चक्रीय प्रक्रम से गुजर रहे द्विपरमाणुक आदर्श गैस के \(P - V\) आरेख को चित्र में दर्शाया गया है। रूद्धोष्म प्रक्रम \(CD\) के दौरान किया कार्य होगा \((\gamma=1.4\) का उपयोग कीजिए) (\(J\) में)
1 \(-500\)
2 \(-400\)
3 \(400\)
4 \(200\)
Explanation:
Adiabatic process is from \(C\) to \(D\) \(WD =\frac{ P _{2} V _{2}- P _{1} V _{1}}{1-\gamma}\) \(=\frac{P_{D} V_{D}-P_{C} V_{C}}{1-\gamma}\) \(=\frac{200(3)-(100)(4)}{1-1.4}\) \(=-500\, J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199805
किसी ऊष्मा इंजन के लिए स्रोत का ताप \(127^{\circ} C\) है। \(60\, \%\) दक्षता प्राप्त करने के लिए सिंक (हौदी) का ताप \(......\,{ }^{\circ} C\) होना चाहिए।(निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)
1 \(-\,113\)
2 \(121\)
3 \(107\)
4 \(128\)
Explanation:
\(n =0.60=1=\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}\) \(\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}=0.4 \Rightarrow T _{ L }=0.4 \times 400\) \(=160\, K\) \(=-113\,^{\circ} C\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199806
किसी आदर्श गैस के रूद्धोष्म प्रसार में, दाब में होने वाला भिन्रात्मक परिवर्तन किसके बराबर होगा ? (जहाँ \(\gamma\) विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात है)
1 \(-\gamma \frac{ dV }{ V }\)
2 \(-\gamma \frac{ V }{ dV }\)
3 \(-\frac{1}{\gamma} \frac{ dV }{ V }\)
4 \(\frac{ d V }{ V }\)
Explanation:
\(PV ^{\gamma}=\) constant Differentiating \(\frac{ dP }{ dV }=-\frac{\gamma P }{ V }\) \(\frac{ dP }{ P }=-\frac{\gamma dV }{ V }\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199807
किसी सिलिण्डर में आदर्श गैस को एक पिस्टन द्वारा इस प्रकार पथक किया गया है कि एक भाग की एंट्रोपी \(S _{1}\) और दूसरे भाग की \(S _{2}\) है। दिया गया है कि \(S _{1}\,>\, S _{2}\)। यदि पिस्टन को हटा लिया जाए, तो सिस्टम की कुल एंट्रोपी का मान होगा।
199804
चक्रीय प्रक्रम से गुजर रहे द्विपरमाणुक आदर्श गैस के \(P - V\) आरेख को चित्र में दर्शाया गया है। रूद्धोष्म प्रक्रम \(CD\) के दौरान किया कार्य होगा \((\gamma=1.4\) का उपयोग कीजिए) (\(J\) में)
1 \(-500\)
2 \(-400\)
3 \(400\)
4 \(200\)
Explanation:
Adiabatic process is from \(C\) to \(D\) \(WD =\frac{ P _{2} V _{2}- P _{1} V _{1}}{1-\gamma}\) \(=\frac{P_{D} V_{D}-P_{C} V_{C}}{1-\gamma}\) \(=\frac{200(3)-(100)(4)}{1-1.4}\) \(=-500\, J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199805
किसी ऊष्मा इंजन के लिए स्रोत का ताप \(127^{\circ} C\) है। \(60\, \%\) दक्षता प्राप्त करने के लिए सिंक (हौदी) का ताप \(......\,{ }^{\circ} C\) होना चाहिए।(निकटतम पूर्णांक तक पूर्णांकित)
1 \(-\,113\)
2 \(121\)
3 \(107\)
4 \(128\)
Explanation:
\(n =0.60=1=\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}\) \(\frac{ T _{ L }}{ T _{ H }}=0.4 \Rightarrow T _{ L }=0.4 \times 400\) \(=160\, K\) \(=-113\,^{\circ} C\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199806
किसी आदर्श गैस के रूद्धोष्म प्रसार में, दाब में होने वाला भिन्रात्मक परिवर्तन किसके बराबर होगा ? (जहाँ \(\gamma\) विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात है)
1 \(-\gamma \frac{ dV }{ V }\)
2 \(-\gamma \frac{ V }{ dV }\)
3 \(-\frac{1}{\gamma} \frac{ dV }{ V }\)
4 \(\frac{ d V }{ V }\)
Explanation:
\(PV ^{\gamma}=\) constant Differentiating \(\frac{ dP }{ dV }=-\frac{\gamma P }{ V }\) \(\frac{ dP }{ P }=-\frac{\gamma dV }{ V }\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199807
किसी सिलिण्डर में आदर्श गैस को एक पिस्टन द्वारा इस प्रकार पथक किया गया है कि एक भाग की एंट्रोपी \(S _{1}\) और दूसरे भाग की \(S _{2}\) है। दिया गया है कि \(S _{1}\,>\, S _{2}\)। यदि पिस्टन को हटा लिया जाए, तो सिस्टम की कुल एंट्रोपी का मान होगा।