199753 एक ठोस पिंड की स्थिर ऊप्मा धारिता \(1 J /{ }^{\circ} C\) है। इसको ऊप्मकों ( ऊष्मा भंडारों) के सम्मर्क में रखकर निम्न दों प्रकार से गर्म किया जाता है,\((i)\) अनुक्रमिक रूप से \(2\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है,\((ii)\) अनुक्रमिक रूप से \(8\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है, दोनों स्थितियों में पिंड का प्रारंभिक ताप \(100^{\circ} C\) तथा अन्तिम ताप \(200^{\circ} C\) है। इन दो स्थितियों में पिंड की एन्ट्रॉपी में परिवर्तन होगा, क्रमशः
199754 किसी गोलीय कोश (शेल) की त्रिज्या \(R\) और तापमान \(T\) है। इसके भीतर कुष्षिका विकिरणों को फोटॉनों की एक ऐंसी आदर्श़ गैंस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक ऊर्जा, \(u=\frac{U}{V} \propto T^{4}\) तथा दाब, \(p=\frac{1}{3}\left(\frac{U}{V}\right)\) है। यदि इस कोश़ में रुधोष्म प्रसार हां तो, \(T\) तथा \(R\) के वीच संबंध होगा
199753 एक ठोस पिंड की स्थिर ऊप्मा धारिता \(1 J /{ }^{\circ} C\) है। इसको ऊप्मकों ( ऊष्मा भंडारों) के सम्मर्क में रखकर निम्न दों प्रकार से गर्म किया जाता है,\((i)\) अनुक्रमिक रूप से \(2\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है,\((ii)\) अनुक्रमिक रूप से \(8\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है, दोनों स्थितियों में पिंड का प्रारंभिक ताप \(100^{\circ} C\) तथा अन्तिम ताप \(200^{\circ} C\) है। इन दो स्थितियों में पिंड की एन्ट्रॉपी में परिवर्तन होगा, क्रमशः
199754 किसी गोलीय कोश (शेल) की त्रिज्या \(R\) और तापमान \(T\) है। इसके भीतर कुष्षिका विकिरणों को फोटॉनों की एक ऐंसी आदर्श़ गैंस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक ऊर्जा, \(u=\frac{U}{V} \propto T^{4}\) तथा दाब, \(p=\frac{1}{3}\left(\frac{U}{V}\right)\) है। यदि इस कोश़ में रुधोष्म प्रसार हां तो, \(T\) तथा \(R\) के वीच संबंध होगा
199753 एक ठोस पिंड की स्थिर ऊप्मा धारिता \(1 J /{ }^{\circ} C\) है। इसको ऊप्मकों ( ऊष्मा भंडारों) के सम्मर्क में रखकर निम्न दों प्रकार से गर्म किया जाता है,\((i)\) अनुक्रमिक रूप से \(2\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है,\((ii)\) अनुक्रमिक रूप से \(8\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है, दोनों स्थितियों में पिंड का प्रारंभिक ताप \(100^{\circ} C\) तथा अन्तिम ताप \(200^{\circ} C\) है। इन दो स्थितियों में पिंड की एन्ट्रॉपी में परिवर्तन होगा, क्रमशः
199754 किसी गोलीय कोश (शेल) की त्रिज्या \(R\) और तापमान \(T\) है। इसके भीतर कुष्षिका विकिरणों को फोटॉनों की एक ऐंसी आदर्श़ गैंस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक ऊर्जा, \(u=\frac{U}{V} \propto T^{4}\) तथा दाब, \(p=\frac{1}{3}\left(\frac{U}{V}\right)\) है। यदि इस कोश़ में रुधोष्म प्रसार हां तो, \(T\) तथा \(R\) के वीच संबंध होगा
199753 एक ठोस पिंड की स्थिर ऊप्मा धारिता \(1 J /{ }^{\circ} C\) है। इसको ऊप्मकों ( ऊष्मा भंडारों) के सम्मर्क में रखकर निम्न दों प्रकार से गर्म किया जाता है,\((i)\) अनुक्रमिक रूप से \(2\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है,\((ii)\) अनुक्रमिक रूप से \(8\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है, दोनों स्थितियों में पिंड का प्रारंभिक ताप \(100^{\circ} C\) तथा अन्तिम ताप \(200^{\circ} C\) है। इन दो स्थितियों में पिंड की एन्ट्रॉपी में परिवर्तन होगा, क्रमशः
199754 किसी गोलीय कोश (शेल) की त्रिज्या \(R\) और तापमान \(T\) है। इसके भीतर कुष्षिका विकिरणों को फोटॉनों की एक ऐंसी आदर्श़ गैंस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक ऊर्जा, \(u=\frac{U}{V} \propto T^{4}\) तथा दाब, \(p=\frac{1}{3}\left(\frac{U}{V}\right)\) है। यदि इस कोश़ में रुधोष्म प्रसार हां तो, \(T\) तथा \(R\) के वीच संबंध होगा
199753 एक ठोस पिंड की स्थिर ऊप्मा धारिता \(1 J /{ }^{\circ} C\) है। इसको ऊप्मकों ( ऊष्मा भंडारों) के सम्मर्क में रखकर निम्न दों प्रकार से गर्म किया जाता है,\((i)\) अनुक्रमिक रूप से \(2\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है,\((ii)\) अनुक्रमिक रूप से \(8\) ऊष्मकों के सम्पर्क में इस प्रकार रखकर कि प्रत्येक ऊष्मक समान मात्रा में ऊष्मा देता है, दोनों स्थितियों में पिंड का प्रारंभिक ताप \(100^{\circ} C\) तथा अन्तिम ताप \(200^{\circ} C\) है। इन दो स्थितियों में पिंड की एन्ट्रॉपी में परिवर्तन होगा, क्रमशः
199754 किसी गोलीय कोश (शेल) की त्रिज्या \(R\) और तापमान \(T\) है। इसके भीतर कुष्षिका विकिरणों को फोटॉनों की एक ऐंसी आदर्श़ गैंस माना जा सकता है जिसकी प्रति इकाई आयतन आन्तरिक ऊर्जा, \(u=\frac{U}{V} \propto T^{4}\) तथा दाब, \(p=\frac{1}{3}\left(\frac{U}{V}\right)\) है। यदि इस कोश़ में रुधोष्म प्रसार हां तो, \(T\) तथा \(R\) के वीच संबंध होगा