01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197632 समरूप विद्युत क्षेत्र \({10^3} \,V/m\). \(y\)-अक्ष के अनुदिश है। \({10^{ - 6}}\,C\)  आवेश व \(1\,g\) द्रव्यमान की वस्तु धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(10\) मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित की जाती है। \(10\) सैकण्ड बाद इसकी चाल मीटर/सैकण्ड में होगी (गुरुत्व को नगण्य मानते हुये)

1 \(10\)
2 \(5\sqrt 2 \)
3 \(10\sqrt 2 \)
4 \(20\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197634 दो समान आवेश एक दूसरे से \(d\) दूरी पर रखे हैं। \(x\) दूरी पर इसके लम्ब अर्धक पर रखा तीसरा आवेश अधिकतम बल अनुभव करेगा यदि

1 \(x = \frac{d}{{\sqrt 2 }}\)
2 \(x = \frac{d}{2}\)
3 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 2 }}\)
4 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 3 }}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197635 दो समान बिन्दु आवेश \(x-\)अक्ष पर \(x =  - a\) तथा \(x =  + a\) पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश \(Q\) को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे \(x\)-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी \(x\) तक विस्थापित किया जाता है, तो \(Q\) की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग

1 \(x\)
2 \({x^2}\)
3 \({x^3}\)
4 \(1/x\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197636 एक मूल कण जिसका द्रव्यमान \(m\) व आवेश \( + \,e\) है को \(v\) वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश \(Ze\) (जहाँ \(Z > 0\)) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी

1 \(\frac{{Z{e^2}}}{{2\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
2 \(\frac{{Ze}}{{4\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
3 \(\frac{{Z{e^2}}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
4 \(\frac{{Ze}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197637 एक विद्युत द्विध्रुव जिसका द्विध्रुव आघूर्ण \(p\) तथा जड़त्व आघूर्ण \(I\) है। समरूप विद्युत क्षेत्र \(E\) में रखा है। यदि द्विध्रुव को साम्यावस्था से थोड़ा विस्थापित कर दिया जाये तो इसके दोलन की कोणीय आवृत्ति होगी

1 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{1/2}}\)
2 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{3/2}}\)
3 \({\left( {\frac{I}{{pE}}} \right)^{1/2}}\)
4 \({\left( {\frac{p}{{IE}}} \right)^{1/2}}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197632 समरूप विद्युत क्षेत्र \({10^3} \,V/m\). \(y\)-अक्ष के अनुदिश है। \({10^{ - 6}}\,C\)  आवेश व \(1\,g\) द्रव्यमान की वस्तु धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(10\) मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित की जाती है। \(10\) सैकण्ड बाद इसकी चाल मीटर/सैकण्ड में होगी (गुरुत्व को नगण्य मानते हुये)

1 \(10\)
2 \(5\sqrt 2 \)
3 \(10\sqrt 2 \)
4 \(20\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197634 दो समान आवेश एक दूसरे से \(d\) दूरी पर रखे हैं। \(x\) दूरी पर इसके लम्ब अर्धक पर रखा तीसरा आवेश अधिकतम बल अनुभव करेगा यदि

1 \(x = \frac{d}{{\sqrt 2 }}\)
2 \(x = \frac{d}{2}\)
3 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 2 }}\)
4 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 3 }}\)
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197635 दो समान बिन्दु आवेश \(x-\)अक्ष पर \(x =  - a\) तथा \(x =  + a\) पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश \(Q\) को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे \(x\)-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी \(x\) तक विस्थापित किया जाता है, तो \(Q\) की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग

1 \(x\)
2 \({x^2}\)
3 \({x^3}\)
4 \(1/x\)
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197636 एक मूल कण जिसका द्रव्यमान \(m\) व आवेश \( + \,e\) है को \(v\) वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश \(Ze\) (जहाँ \(Z > 0\)) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी

1 \(\frac{{Z{e^2}}}{{2\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
2 \(\frac{{Ze}}{{4\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
3 \(\frac{{Z{e^2}}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
4 \(\frac{{Ze}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
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197637 एक विद्युत द्विध्रुव जिसका द्विध्रुव आघूर्ण \(p\) तथा जड़त्व आघूर्ण \(I\) है। समरूप विद्युत क्षेत्र \(E\) में रखा है। यदि द्विध्रुव को साम्यावस्था से थोड़ा विस्थापित कर दिया जाये तो इसके दोलन की कोणीय आवृत्ति होगी

1 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{1/2}}\)
2 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{3/2}}\)
3 \({\left( {\frac{I}{{pE}}} \right)^{1/2}}\)
4 \({\left( {\frac{p}{{IE}}} \right)^{1/2}}\)
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197632 समरूप विद्युत क्षेत्र \({10^3} \,V/m\). \(y\)-अक्ष के अनुदिश है। \({10^{ - 6}}\,C\)  आवेश व \(1\,g\) द्रव्यमान की वस्तु धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(10\) मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित की जाती है। \(10\) सैकण्ड बाद इसकी चाल मीटर/सैकण्ड में होगी (गुरुत्व को नगण्य मानते हुये)

1 \(10\)
2 \(5\sqrt 2 \)
3 \(10\sqrt 2 \)
4 \(20\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197634 दो समान आवेश एक दूसरे से \(d\) दूरी पर रखे हैं। \(x\) दूरी पर इसके लम्ब अर्धक पर रखा तीसरा आवेश अधिकतम बल अनुभव करेगा यदि

1 \(x = \frac{d}{{\sqrt 2 }}\)
2 \(x = \frac{d}{2}\)
3 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 2 }}\)
4 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 3 }}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197635 दो समान बिन्दु आवेश \(x-\)अक्ष पर \(x =  - a\) तथा \(x =  + a\) पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश \(Q\) को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे \(x\)-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी \(x\) तक विस्थापित किया जाता है, तो \(Q\) की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग

1 \(x\)
2 \({x^2}\)
3 \({x^3}\)
4 \(1/x\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197636 एक मूल कण जिसका द्रव्यमान \(m\) व आवेश \( + \,e\) है को \(v\) वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश \(Ze\) (जहाँ \(Z > 0\)) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी

1 \(\frac{{Z{e^2}}}{{2\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
2 \(\frac{{Ze}}{{4\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
3 \(\frac{{Z{e^2}}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
4 \(\frac{{Ze}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197637 एक विद्युत द्विध्रुव जिसका द्विध्रुव आघूर्ण \(p\) तथा जड़त्व आघूर्ण \(I\) है। समरूप विद्युत क्षेत्र \(E\) में रखा है। यदि द्विध्रुव को साम्यावस्था से थोड़ा विस्थापित कर दिया जाये तो इसके दोलन की कोणीय आवृत्ति होगी

1 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{1/2}}\)
2 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{3/2}}\)
3 \({\left( {\frac{I}{{pE}}} \right)^{1/2}}\)
4 \({\left( {\frac{p}{{IE}}} \right)^{1/2}}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197632 समरूप विद्युत क्षेत्र \({10^3} \,V/m\). \(y\)-अक्ष के अनुदिश है। \({10^{ - 6}}\,C\)  आवेश व \(1\,g\) द्रव्यमान की वस्तु धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(10\) मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित की जाती है। \(10\) सैकण्ड बाद इसकी चाल मीटर/सैकण्ड में होगी (गुरुत्व को नगण्य मानते हुये)

1 \(10\)
2 \(5\sqrt 2 \)
3 \(10\sqrt 2 \)
4 \(20\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197634 दो समान आवेश एक दूसरे से \(d\) दूरी पर रखे हैं। \(x\) दूरी पर इसके लम्ब अर्धक पर रखा तीसरा आवेश अधिकतम बल अनुभव करेगा यदि

1 \(x = \frac{d}{{\sqrt 2 }}\)
2 \(x = \frac{d}{2}\)
3 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 2 }}\)
4 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 3 }}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197635 दो समान बिन्दु आवेश \(x-\)अक्ष पर \(x =  - a\) तथा \(x =  + a\) पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश \(Q\) को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे \(x\)-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी \(x\) तक विस्थापित किया जाता है, तो \(Q\) की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग

1 \(x\)
2 \({x^2}\)
3 \({x^3}\)
4 \(1/x\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197636 एक मूल कण जिसका द्रव्यमान \(m\) व आवेश \( + \,e\) है को \(v\) वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश \(Ze\) (जहाँ \(Z > 0\)) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी

1 \(\frac{{Z{e^2}}}{{2\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
2 \(\frac{{Ze}}{{4\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
3 \(\frac{{Z{e^2}}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
4 \(\frac{{Ze}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197637 एक विद्युत द्विध्रुव जिसका द्विध्रुव आघूर्ण \(p\) तथा जड़त्व आघूर्ण \(I\) है। समरूप विद्युत क्षेत्र \(E\) में रखा है। यदि द्विध्रुव को साम्यावस्था से थोड़ा विस्थापित कर दिया जाये तो इसके दोलन की कोणीय आवृत्ति होगी

1 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{1/2}}\)
2 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{3/2}}\)
3 \({\left( {\frac{I}{{pE}}} \right)^{1/2}}\)
4 \({\left( {\frac{p}{{IE}}} \right)^{1/2}}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197632 समरूप विद्युत क्षेत्र \({10^3} \,V/m\). \(y\)-अक्ष के अनुदिश है। \({10^{ - 6}}\,C\)  आवेश व \(1\,g\) द्रव्यमान की वस्तु धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(10\) मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित की जाती है। \(10\) सैकण्ड बाद इसकी चाल मीटर/सैकण्ड में होगी (गुरुत्व को नगण्य मानते हुये)

1 \(10\)
2 \(5\sqrt 2 \)
3 \(10\sqrt 2 \)
4 \(20\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197634 दो समान आवेश एक दूसरे से \(d\) दूरी पर रखे हैं। \(x\) दूरी पर इसके लम्ब अर्धक पर रखा तीसरा आवेश अधिकतम बल अनुभव करेगा यदि

1 \(x = \frac{d}{{\sqrt 2 }}\)
2 \(x = \frac{d}{2}\)
3 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 2 }}\)
4 \(x = \frac{d}{{2\sqrt 3 }}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197635 दो समान बिन्दु आवेश \(x-\)अक्ष पर \(x =  - a\) तथा \(x =  + a\) पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश \(Q\) को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे \(x\)-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी \(x\) तक विस्थापित किया जाता है, तो \(Q\) की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग

1 \(x\)
2 \({x^2}\)
3 \({x^3}\)
4 \(1/x\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197636 एक मूल कण जिसका द्रव्यमान \(m\) व आवेश \( + \,e\) है को \(v\) वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश \(Ze\) (जहाँ \(Z > 0\)) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी

1 \(\frac{{Z{e^2}}}{{2\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
2 \(\frac{{Ze}}{{4\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
3 \(\frac{{Z{e^2}}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
4 \(\frac{{Ze}}{{8\pi {\varepsilon _0}m{v^2}}}\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)

197637 एक विद्युत द्विध्रुव जिसका द्विध्रुव आघूर्ण \(p\) तथा जड़त्व आघूर्ण \(I\) है। समरूप विद्युत क्षेत्र \(E\) में रखा है। यदि द्विध्रुव को साम्यावस्था से थोड़ा विस्थापित कर दिया जाये तो इसके दोलन की कोणीय आवृत्ति होगी

1 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{1/2}}\)
2 \({\left( {\frac{{pE}}{I}} \right)^{3/2}}\)
3 \({\left( {\frac{I}{{pE}}} \right)^{1/2}}\)
4 \({\left( {\frac{p}{{IE}}} \right)^{1/2}}\)