194442
एक \(LC\) परिपथ अनुनाद की स्थिति में है। यदि \(C = 0.1\mu F\) एवं \(L = 0.25\) हेनरी है तब दोलनों की आवृत्ति......\(Hz\) होगी (परिपथ का ओह्ममिक प्रतिरोध नगण्य है)
194393
एक कुण्डली में \(0.1\) सैकण्ड में धारा का मान \(4\, A\) से बदलकर शून्य हो जाती है। यदि प्रेरित वि. वा. बल \(100\) वोल्ट है तो कुण्डली का स्वप्रेरकत्व .......\(H\) होगा
1 \(2.5\)
2 \(25\)
3 \(400\)
4 \(40\)
Explanation:
\(e = L\frac{{di}}{{dt}} \Rightarrow 100 = L \times \frac{4}{{0.1}} \Rightarrow L = 2.5\;H\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194343
किसी शुद्ध प्रेरकत्व \(L\) में \(i\) धारा प्रवाहित होने पर औसत संचित ऊर्जा होती है
1 \(L{i^2}\)
2 \(2L{i^2}\)
3 \(\frac{{L{i^2}}}{4}\)
4 \(\frac{{L{i^2}}}{2}\)
Explanation:
हम जानते हैं, कि \(e = - \frac{{d\phi }}{{dt}} = - L\frac{{di}}{{dt}}\) प्रेरित वि. वा. बल \(e\) के विरुद्ध किया गया कार्य \(dW = - eidt = L\frac{{di}}{{dt}}idt = Li\;di\) \( \Rightarrow \;W = L\int_0^i {i\;di} = \frac{1}{2}L{i^2}\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194439
एक परिनालिका का प्रेरकत्व \(60\) हेनरी तथा प्रतिरोध \(30\) \(\Omega\) है। यदि इसे एक \(100\) वोल्ट की बैटरी से जोड़ा जाये तो धारा को उसके अंतिम मान \(\frac{{e - 1}}{e} \approx 63.2\% \) तक पहुँचने में कितना समय लगेगा
194442
एक \(LC\) परिपथ अनुनाद की स्थिति में है। यदि \(C = 0.1\mu F\) एवं \(L = 0.25\) हेनरी है तब दोलनों की आवृत्ति......\(Hz\) होगी (परिपथ का ओह्ममिक प्रतिरोध नगण्य है)
194393
एक कुण्डली में \(0.1\) सैकण्ड में धारा का मान \(4\, A\) से बदलकर शून्य हो जाती है। यदि प्रेरित वि. वा. बल \(100\) वोल्ट है तो कुण्डली का स्वप्रेरकत्व .......\(H\) होगा
1 \(2.5\)
2 \(25\)
3 \(400\)
4 \(40\)
Explanation:
\(e = L\frac{{di}}{{dt}} \Rightarrow 100 = L \times \frac{4}{{0.1}} \Rightarrow L = 2.5\;H\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194343
किसी शुद्ध प्रेरकत्व \(L\) में \(i\) धारा प्रवाहित होने पर औसत संचित ऊर्जा होती है
1 \(L{i^2}\)
2 \(2L{i^2}\)
3 \(\frac{{L{i^2}}}{4}\)
4 \(\frac{{L{i^2}}}{2}\)
Explanation:
हम जानते हैं, कि \(e = - \frac{{d\phi }}{{dt}} = - L\frac{{di}}{{dt}}\) प्रेरित वि. वा. बल \(e\) के विरुद्ध किया गया कार्य \(dW = - eidt = L\frac{{di}}{{dt}}idt = Li\;di\) \( \Rightarrow \;W = L\int_0^i {i\;di} = \frac{1}{2}L{i^2}\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194439
एक परिनालिका का प्रेरकत्व \(60\) हेनरी तथा प्रतिरोध \(30\) \(\Omega\) है। यदि इसे एक \(100\) वोल्ट की बैटरी से जोड़ा जाये तो धारा को उसके अंतिम मान \(\frac{{e - 1}}{e} \approx 63.2\% \) तक पहुँचने में कितना समय लगेगा
194442
एक \(LC\) परिपथ अनुनाद की स्थिति में है। यदि \(C = 0.1\mu F\) एवं \(L = 0.25\) हेनरी है तब दोलनों की आवृत्ति......\(Hz\) होगी (परिपथ का ओह्ममिक प्रतिरोध नगण्य है)
194393
एक कुण्डली में \(0.1\) सैकण्ड में धारा का मान \(4\, A\) से बदलकर शून्य हो जाती है। यदि प्रेरित वि. वा. बल \(100\) वोल्ट है तो कुण्डली का स्वप्रेरकत्व .......\(H\) होगा
1 \(2.5\)
2 \(25\)
3 \(400\)
4 \(40\)
Explanation:
\(e = L\frac{{di}}{{dt}} \Rightarrow 100 = L \times \frac{4}{{0.1}} \Rightarrow L = 2.5\;H\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194343
किसी शुद्ध प्रेरकत्व \(L\) में \(i\) धारा प्रवाहित होने पर औसत संचित ऊर्जा होती है
1 \(L{i^2}\)
2 \(2L{i^2}\)
3 \(\frac{{L{i^2}}}{4}\)
4 \(\frac{{L{i^2}}}{2}\)
Explanation:
हम जानते हैं, कि \(e = - \frac{{d\phi }}{{dt}} = - L\frac{{di}}{{dt}}\) प्रेरित वि. वा. बल \(e\) के विरुद्ध किया गया कार्य \(dW = - eidt = L\frac{{di}}{{dt}}idt = Li\;di\) \( \Rightarrow \;W = L\int_0^i {i\;di} = \frac{1}{2}L{i^2}\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194439
एक परिनालिका का प्रेरकत्व \(60\) हेनरी तथा प्रतिरोध \(30\) \(\Omega\) है। यदि इसे एक \(100\) वोल्ट की बैटरी से जोड़ा जाये तो धारा को उसके अंतिम मान \(\frac{{e - 1}}{e} \approx 63.2\% \) तक पहुँचने में कितना समय लगेगा
194442
एक \(LC\) परिपथ अनुनाद की स्थिति में है। यदि \(C = 0.1\mu F\) एवं \(L = 0.25\) हेनरी है तब दोलनों की आवृत्ति......\(Hz\) होगी (परिपथ का ओह्ममिक प्रतिरोध नगण्य है)
194393
एक कुण्डली में \(0.1\) सैकण्ड में धारा का मान \(4\, A\) से बदलकर शून्य हो जाती है। यदि प्रेरित वि. वा. बल \(100\) वोल्ट है तो कुण्डली का स्वप्रेरकत्व .......\(H\) होगा
1 \(2.5\)
2 \(25\)
3 \(400\)
4 \(40\)
Explanation:
\(e = L\frac{{di}}{{dt}} \Rightarrow 100 = L \times \frac{4}{{0.1}} \Rightarrow L = 2.5\;H\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194343
किसी शुद्ध प्रेरकत्व \(L\) में \(i\) धारा प्रवाहित होने पर औसत संचित ऊर्जा होती है
1 \(L{i^2}\)
2 \(2L{i^2}\)
3 \(\frac{{L{i^2}}}{4}\)
4 \(\frac{{L{i^2}}}{2}\)
Explanation:
हम जानते हैं, कि \(e = - \frac{{d\phi }}{{dt}} = - L\frac{{di}}{{dt}}\) प्रेरित वि. वा. बल \(e\) के विरुद्ध किया गया कार्य \(dW = - eidt = L\frac{{di}}{{dt}}idt = Li\;di\) \( \Rightarrow \;W = L\int_0^i {i\;di} = \frac{1}{2}L{i^2}\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194439
एक परिनालिका का प्रेरकत्व \(60\) हेनरी तथा प्रतिरोध \(30\) \(\Omega\) है। यदि इसे एक \(100\) वोल्ट की बैटरी से जोड़ा जाये तो धारा को उसके अंतिम मान \(\frac{{e - 1}}{e} \approx 63.2\% \) तक पहुँचने में कितना समय लगेगा
194442
एक \(LC\) परिपथ अनुनाद की स्थिति में है। यदि \(C = 0.1\mu F\) एवं \(L = 0.25\) हेनरी है तब दोलनों की आवृत्ति......\(Hz\) होगी (परिपथ का ओह्ममिक प्रतिरोध नगण्य है)
194393
एक कुण्डली में \(0.1\) सैकण्ड में धारा का मान \(4\, A\) से बदलकर शून्य हो जाती है। यदि प्रेरित वि. वा. बल \(100\) वोल्ट है तो कुण्डली का स्वप्रेरकत्व .......\(H\) होगा
1 \(2.5\)
2 \(25\)
3 \(400\)
4 \(40\)
Explanation:
\(e = L\frac{{di}}{{dt}} \Rightarrow 100 = L \times \frac{4}{{0.1}} \Rightarrow L = 2.5\;H\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194343
किसी शुद्ध प्रेरकत्व \(L\) में \(i\) धारा प्रवाहित होने पर औसत संचित ऊर्जा होती है
1 \(L{i^2}\)
2 \(2L{i^2}\)
3 \(\frac{{L{i^2}}}{4}\)
4 \(\frac{{L{i^2}}}{2}\)
Explanation:
हम जानते हैं, कि \(e = - \frac{{d\phi }}{{dt}} = - L\frac{{di}}{{dt}}\) प्रेरित वि. वा. बल \(e\) के विरुद्ध किया गया कार्य \(dW = - eidt = L\frac{{di}}{{dt}}idt = Li\;di\) \( \Rightarrow \;W = L\int_0^i {i\;di} = \frac{1}{2}L{i^2}\)
06. ELECTROMAGNETIC INDUCTION (HM)
194439
एक परिनालिका का प्रेरकत्व \(60\) हेनरी तथा प्रतिरोध \(30\) \(\Omega\) है। यदि इसे एक \(100\) वोल्ट की बैटरी से जोड़ा जाये तो धारा को उसके अंतिम मान \(\frac{{e - 1}}{e} \approx 63.2\% \) तक पहुँचने में कितना समय लगेगा