194476
एक मोटर, जिसके आर्मेचर का प्रतिरोध \(2\Omega \) है, \(220 \,V\) पर कार्य करने के लिए बनाई गई है। पूर्णचाल \((full speed) \) पर यह \(210\,V\) का विरोधी विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। पूर्णचाल पर आर्मेचर में प्रवाहित धारा.......\(A\) है
194395
एक कुण्डली में \(3 \,A/s\) की दर से परिवर्तित होने वाली धारा पास में रखी एक अन्य कुण्डली में \( 8 \,mV\) का विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। दोनों कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व है
हम जानते हैं कि अपचायी ट्रांसफॉर्मर में \({V_p} > {V_s}\), किन्तु \(\frac{{{V_p}}}{{{V_s}}} = \frac{{{i_s}}}{{{i_p}}};\;\; \Rightarrow {i_s} > {i_p}\) द्वितीयक कुण्डली में धारा प्राथमिक से अधिक होती है।
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एक मोटर, जिसके आर्मेचर का प्रतिरोध \(2\Omega \) है, \(220 \,V\) पर कार्य करने के लिए बनाई गई है। पूर्णचाल \((full speed) \) पर यह \(210\,V\) का विरोधी विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। पूर्णचाल पर आर्मेचर में प्रवाहित धारा.......\(A\) है
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एक कुण्डली में \(3 \,A/s\) की दर से परिवर्तित होने वाली धारा पास में रखी एक अन्य कुण्डली में \( 8 \,mV\) का विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। दोनों कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व है
हम जानते हैं कि अपचायी ट्रांसफॉर्मर में \({V_p} > {V_s}\), किन्तु \(\frac{{{V_p}}}{{{V_s}}} = \frac{{{i_s}}}{{{i_p}}};\;\; \Rightarrow {i_s} > {i_p}\) द्वितीयक कुण्डली में धारा प्राथमिक से अधिक होती है।
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एक मोटर, जिसके आर्मेचर का प्रतिरोध \(2\Omega \) है, \(220 \,V\) पर कार्य करने के लिए बनाई गई है। पूर्णचाल \((full speed) \) पर यह \(210\,V\) का विरोधी विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। पूर्णचाल पर आर्मेचर में प्रवाहित धारा.......\(A\) है
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एक कुण्डली में \(3 \,A/s\) की दर से परिवर्तित होने वाली धारा पास में रखी एक अन्य कुण्डली में \( 8 \,mV\) का विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। दोनों कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व है
हम जानते हैं कि अपचायी ट्रांसफॉर्मर में \({V_p} > {V_s}\), किन्तु \(\frac{{{V_p}}}{{{V_s}}} = \frac{{{i_s}}}{{{i_p}}};\;\; \Rightarrow {i_s} > {i_p}\) द्वितीयक कुण्डली में धारा प्राथमिक से अधिक होती है।
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एक मोटर, जिसके आर्मेचर का प्रतिरोध \(2\Omega \) है, \(220 \,V\) पर कार्य करने के लिए बनाई गई है। पूर्णचाल \((full speed) \) पर यह \(210\,V\) का विरोधी विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। पूर्णचाल पर आर्मेचर में प्रवाहित धारा.......\(A\) है
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एक कुण्डली में \(3 \,A/s\) की दर से परिवर्तित होने वाली धारा पास में रखी एक अन्य कुण्डली में \( 8 \,mV\) का विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। दोनों कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व है
हम जानते हैं कि अपचायी ट्रांसफॉर्मर में \({V_p} > {V_s}\), किन्तु \(\frac{{{V_p}}}{{{V_s}}} = \frac{{{i_s}}}{{{i_p}}};\;\; \Rightarrow {i_s} > {i_p}\) द्वितीयक कुण्डली में धारा प्राथमिक से अधिक होती है।