192165 दो तरंगदैर्ध्यों \(4972\; \mathring A\) एवं \(6216\; \mathring A\) वाले प्रकाश की एक पुंज की कुल तीव्रता \(3.6 \times 10^{-3} \;Wm ^{-2}\) है जो कि दोनों तरंगदैर्ध्यों में एक समान वितरित है। \(2.3 \;eV\) कार्यफलन वाले एक साफ धातु के पृष्ठ के \(1 \;cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर यह पुंज अभिलम्बवत् आपतित हैं। यह मान लें कि परावर्तन द्वारा किसी भी प्रकाश का ह्रास नहीं होता है और प्रत्येक क्षमित फोटान एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है। \(2 \;s\) में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या है लगभग
192166 एक धातु के पृष्ठ को, पहले \(\lambda_{1}=350\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश और फिर \(\lambda_{2}=540\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश से, प्रकाशित करते हैं तथा इससे उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों की अधिकतम चालों में \(2\) का अनुपात पाया जाता है। धातु के कार्यफलन का \(eV\) में, मान होगा (\(eV\) में) : (फोटॉन की ऊर्जा \( = \frac{{1240}}{{\lambda {\rm{(in\, nm)}}}}\,eV\) )
192167 मूलबिन्दु पर एक प्रकाशीय तरंग के संगत चुम्बकीय क्षेत्र निम्न है :\(B = B _{0}\left[\sin \left(3.14 \times 10^{7}\right) ct +\sin \left(6.28 \times 10^{7}\right) ct \right]\).यदि यह प्रकाश एक चाँदी की प्लेट, जिसका कार्य फलन \(4.7\, eV\) है, पर पड़ता है तो इससे उत्सर्जित फोटोइलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(......\,eV\) होगी ?(दिया है : \(c =3 \times 10^{8} \,ms ^{-1}, h =6.6 \times 10^{-34}\, J - s\) )
192169 एक धात्विक प्लेट का क्षेत्रफल \(1 \times 10^{-4} \,m ^{2}\) है तथा इसे \(16\, mW / m ^{2}\) तीव्रता वाले विकिरण से प्रकाशित किया जाता है। धातु का कार्यफलन \(5 \,eV\) है। आपतित फोटॉनों की ऊर्जा \(10 \,eV\) है तथा इसका केवल \(10\, \%\) भाग ही फोटो इलेक्ट्रॉनों को उत्पन्न करता है। प्रति सैकण्ड उत्सर्जित फॉटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा उनकी अधिकतम ऊर्जा क्रमशः होगी। \(\left[1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right]\)
192165 दो तरंगदैर्ध्यों \(4972\; \mathring A\) एवं \(6216\; \mathring A\) वाले प्रकाश की एक पुंज की कुल तीव्रता \(3.6 \times 10^{-3} \;Wm ^{-2}\) है जो कि दोनों तरंगदैर्ध्यों में एक समान वितरित है। \(2.3 \;eV\) कार्यफलन वाले एक साफ धातु के पृष्ठ के \(1 \;cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर यह पुंज अभिलम्बवत् आपतित हैं। यह मान लें कि परावर्तन द्वारा किसी भी प्रकाश का ह्रास नहीं होता है और प्रत्येक क्षमित फोटान एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है। \(2 \;s\) में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या है लगभग
192166 एक धातु के पृष्ठ को, पहले \(\lambda_{1}=350\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश और फिर \(\lambda_{2}=540\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश से, प्रकाशित करते हैं तथा इससे उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों की अधिकतम चालों में \(2\) का अनुपात पाया जाता है। धातु के कार्यफलन का \(eV\) में, मान होगा (\(eV\) में) : (फोटॉन की ऊर्जा \( = \frac{{1240}}{{\lambda {\rm{(in\, nm)}}}}\,eV\) )
192167 मूलबिन्दु पर एक प्रकाशीय तरंग के संगत चुम्बकीय क्षेत्र निम्न है :\(B = B _{0}\left[\sin \left(3.14 \times 10^{7}\right) ct +\sin \left(6.28 \times 10^{7}\right) ct \right]\).यदि यह प्रकाश एक चाँदी की प्लेट, जिसका कार्य फलन \(4.7\, eV\) है, पर पड़ता है तो इससे उत्सर्जित फोटोइलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(......\,eV\) होगी ?(दिया है : \(c =3 \times 10^{8} \,ms ^{-1}, h =6.6 \times 10^{-34}\, J - s\) )
192169 एक धात्विक प्लेट का क्षेत्रफल \(1 \times 10^{-4} \,m ^{2}\) है तथा इसे \(16\, mW / m ^{2}\) तीव्रता वाले विकिरण से प्रकाशित किया जाता है। धातु का कार्यफलन \(5 \,eV\) है। आपतित फोटॉनों की ऊर्जा \(10 \,eV\) है तथा इसका केवल \(10\, \%\) भाग ही फोटो इलेक्ट्रॉनों को उत्पन्न करता है। प्रति सैकण्ड उत्सर्जित फॉटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा उनकी अधिकतम ऊर्जा क्रमशः होगी। \(\left[1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right]\)
192165 दो तरंगदैर्ध्यों \(4972\; \mathring A\) एवं \(6216\; \mathring A\) वाले प्रकाश की एक पुंज की कुल तीव्रता \(3.6 \times 10^{-3} \;Wm ^{-2}\) है जो कि दोनों तरंगदैर्ध्यों में एक समान वितरित है। \(2.3 \;eV\) कार्यफलन वाले एक साफ धातु के पृष्ठ के \(1 \;cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर यह पुंज अभिलम्बवत् आपतित हैं। यह मान लें कि परावर्तन द्वारा किसी भी प्रकाश का ह्रास नहीं होता है और प्रत्येक क्षमित फोटान एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है। \(2 \;s\) में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या है लगभग
192166 एक धातु के पृष्ठ को, पहले \(\lambda_{1}=350\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश और फिर \(\lambda_{2}=540\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश से, प्रकाशित करते हैं तथा इससे उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों की अधिकतम चालों में \(2\) का अनुपात पाया जाता है। धातु के कार्यफलन का \(eV\) में, मान होगा (\(eV\) में) : (फोटॉन की ऊर्जा \( = \frac{{1240}}{{\lambda {\rm{(in\, nm)}}}}\,eV\) )
192167 मूलबिन्दु पर एक प्रकाशीय तरंग के संगत चुम्बकीय क्षेत्र निम्न है :\(B = B _{0}\left[\sin \left(3.14 \times 10^{7}\right) ct +\sin \left(6.28 \times 10^{7}\right) ct \right]\).यदि यह प्रकाश एक चाँदी की प्लेट, जिसका कार्य फलन \(4.7\, eV\) है, पर पड़ता है तो इससे उत्सर्जित फोटोइलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(......\,eV\) होगी ?(दिया है : \(c =3 \times 10^{8} \,ms ^{-1}, h =6.6 \times 10^{-34}\, J - s\) )
192169 एक धात्विक प्लेट का क्षेत्रफल \(1 \times 10^{-4} \,m ^{2}\) है तथा इसे \(16\, mW / m ^{2}\) तीव्रता वाले विकिरण से प्रकाशित किया जाता है। धातु का कार्यफलन \(5 \,eV\) है। आपतित फोटॉनों की ऊर्जा \(10 \,eV\) है तथा इसका केवल \(10\, \%\) भाग ही फोटो इलेक्ट्रॉनों को उत्पन्न करता है। प्रति सैकण्ड उत्सर्जित फॉटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा उनकी अधिकतम ऊर्जा क्रमशः होगी। \(\left[1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right]\)
192165 दो तरंगदैर्ध्यों \(4972\; \mathring A\) एवं \(6216\; \mathring A\) वाले प्रकाश की एक पुंज की कुल तीव्रता \(3.6 \times 10^{-3} \;Wm ^{-2}\) है जो कि दोनों तरंगदैर्ध्यों में एक समान वितरित है। \(2.3 \;eV\) कार्यफलन वाले एक साफ धातु के पृष्ठ के \(1 \;cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर यह पुंज अभिलम्बवत् आपतित हैं। यह मान लें कि परावर्तन द्वारा किसी भी प्रकाश का ह्रास नहीं होता है और प्रत्येक क्षमित फोटान एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है। \(2 \;s\) में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या है लगभग
192166 एक धातु के पृष्ठ को, पहले \(\lambda_{1}=350\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश और फिर \(\lambda_{2}=540\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश से, प्रकाशित करते हैं तथा इससे उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों की अधिकतम चालों में \(2\) का अनुपात पाया जाता है। धातु के कार्यफलन का \(eV\) में, मान होगा (\(eV\) में) : (फोटॉन की ऊर्जा \( = \frac{{1240}}{{\lambda {\rm{(in\, nm)}}}}\,eV\) )
192167 मूलबिन्दु पर एक प्रकाशीय तरंग के संगत चुम्बकीय क्षेत्र निम्न है :\(B = B _{0}\left[\sin \left(3.14 \times 10^{7}\right) ct +\sin \left(6.28 \times 10^{7}\right) ct \right]\).यदि यह प्रकाश एक चाँदी की प्लेट, जिसका कार्य फलन \(4.7\, eV\) है, पर पड़ता है तो इससे उत्सर्जित फोटोइलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(......\,eV\) होगी ?(दिया है : \(c =3 \times 10^{8} \,ms ^{-1}, h =6.6 \times 10^{-34}\, J - s\) )
192169 एक धात्विक प्लेट का क्षेत्रफल \(1 \times 10^{-4} \,m ^{2}\) है तथा इसे \(16\, mW / m ^{2}\) तीव्रता वाले विकिरण से प्रकाशित किया जाता है। धातु का कार्यफलन \(5 \,eV\) है। आपतित फोटॉनों की ऊर्जा \(10 \,eV\) है तथा इसका केवल \(10\, \%\) भाग ही फोटो इलेक्ट्रॉनों को उत्पन्न करता है। प्रति सैकण्ड उत्सर्जित फॉटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा उनकी अधिकतम ऊर्जा क्रमशः होगी। \(\left[1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right]\)
192165 दो तरंगदैर्ध्यों \(4972\; \mathring A\) एवं \(6216\; \mathring A\) वाले प्रकाश की एक पुंज की कुल तीव्रता \(3.6 \times 10^{-3} \;Wm ^{-2}\) है जो कि दोनों तरंगदैर्ध्यों में एक समान वितरित है। \(2.3 \;eV\) कार्यफलन वाले एक साफ धातु के पृष्ठ के \(1 \;cm ^{2}\) क्षेत्रफल पर यह पुंज अभिलम्बवत् आपतित हैं। यह मान लें कि परावर्तन द्वारा किसी भी प्रकाश का ह्रास नहीं होता है और प्रत्येक क्षमित फोटान एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है। \(2 \;s\) में उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या है लगभग
192166 एक धातु के पृष्ठ को, पहले \(\lambda_{1}=350\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश और फिर \(\lambda_{2}=540\, nm\) तरंगदैर्ध्य के प्रकाश से, प्रकाशित करते हैं तथा इससे उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों की अधिकतम चालों में \(2\) का अनुपात पाया जाता है। धातु के कार्यफलन का \(eV\) में, मान होगा (\(eV\) में) : (फोटॉन की ऊर्जा \( = \frac{{1240}}{{\lambda {\rm{(in\, nm)}}}}\,eV\) )
192167 मूलबिन्दु पर एक प्रकाशीय तरंग के संगत चुम्बकीय क्षेत्र निम्न है :\(B = B _{0}\left[\sin \left(3.14 \times 10^{7}\right) ct +\sin \left(6.28 \times 10^{7}\right) ct \right]\).यदि यह प्रकाश एक चाँदी की प्लेट, जिसका कार्य फलन \(4.7\, eV\) है, पर पड़ता है तो इससे उत्सर्जित फोटोइलैक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा \(......\,eV\) होगी ?(दिया है : \(c =3 \times 10^{8} \,ms ^{-1}, h =6.6 \times 10^{-34}\, J - s\) )
192169 एक धात्विक प्लेट का क्षेत्रफल \(1 \times 10^{-4} \,m ^{2}\) है तथा इसे \(16\, mW / m ^{2}\) तीव्रता वाले विकिरण से प्रकाशित किया जाता है। धातु का कार्यफलन \(5 \,eV\) है। आपतित फोटॉनों की ऊर्जा \(10 \,eV\) है तथा इसका केवल \(10\, \%\) भाग ही फोटो इलेक्ट्रॉनों को उत्पन्न करता है। प्रति सैकण्ड उत्सर्जित फॉटो इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा उनकी अधिकतम ऊर्जा क्रमशः होगी। \(\left[1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right]\)