190133
वह घटना जिसके द्वारा प्रकाश प्रकाशीय तन्तु में गमन करता है, है
1 परावर्तन
2 अपवर्तन
3 पूर्ण आंतरिक परावर्तन
4 संचरण
Explanation:
(c)प्रकाशीय तन्तु में प्रकाश पूर्ण आन्तरिक परावर्तन द्वारा संचरित होता है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190134
पृथ्वी पर \(TV\) संकेतों को \(TV \) प्रसारण केन्द्र से \(100\, km\) की दूरी से अधिक दूरी पर ग्रहण नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि
1 \(100\, km \) से अधिक दूरी पर ग्राही-एण्टीना संकेतों को संसूचित करने में असमर्थ है
2 \(TV\) प्रोग्राम में श्रृव्य एवं दृश्य दोनों संकेत होते हैं
3 \(TV\) संकेत रेडियो संकेतों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं
4 पृथ्वी तल गोले की तरह वक्राकार है
Explanation:
(d)
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190135
प्रकाशीय फाइबर (तन्तु) का लाभ है
1 उच्च बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
2 निम्नतम बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
3 उच्च बैण्ड चौड़ाई, अल्प संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
4 उच्च बैण्ड चौड़ाई , उच्च डाटा संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
Explanation:
(d)प्रकाशीय तन्तु के कुछ लाभ इस प्रकार हैं, ताम्र तार या रेडियों तरंगों की तुलना में प्रकाशीय तन्तु की संकेत ले जाने की क्षमता बहुत अधिक होती है। प्रकाशीय तन्तु बाहरी वि. चु. व्यवधान से स्वतंत्र होते हैं। इनमें क्रॉस बातचीत की समस्या नहीं होती है, जबकि सामान्य केबिलों एवं सूक्ष्म तरंग लिंकों में, यह समस्या बहुत होती है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190137
श्रृव्य संकेत को सीधे संचरित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि
1 संकेत में शोर \((Noise)\) अधिक है
2 दूर-संचार के लिए संकेत को प्रवर्धित नहीं किया जा सकता है
3 आवश्यक प्रेषी एण्टीना की लम्बाई बहुत कम है
4 आवश्यक एण्टीना की लम्बाई बहुत अधिक एवं अव्यवहारिक है
Explanation:
(d) जब श्रंव्य संकेतों को सीधे भेजा जाता है, तो निम्न समस्यायें सामने आती हैं \((i)\) ये संकेत अपेक्षाकृत कम परास के होते हैं। \((ii)\) यदि प्रत्येक व्यक्ति इन संकेतों को सीधे भेजने लगे तब इनका परस्पर व्यतिकरण इनको अप्रभावी कर देगा। \((iii)\) इनमें प्रभावी विकिरण एन्टीना की लम्बाई बहुत अधिक लगभग \(75 km\) होगी।
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15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190133
वह घटना जिसके द्वारा प्रकाश प्रकाशीय तन्तु में गमन करता है, है
1 परावर्तन
2 अपवर्तन
3 पूर्ण आंतरिक परावर्तन
4 संचरण
Explanation:
(c)प्रकाशीय तन्तु में प्रकाश पूर्ण आन्तरिक परावर्तन द्वारा संचरित होता है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190134
पृथ्वी पर \(TV\) संकेतों को \(TV \) प्रसारण केन्द्र से \(100\, km\) की दूरी से अधिक दूरी पर ग्रहण नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि
1 \(100\, km \) से अधिक दूरी पर ग्राही-एण्टीना संकेतों को संसूचित करने में असमर्थ है
2 \(TV\) प्रोग्राम में श्रृव्य एवं दृश्य दोनों संकेत होते हैं
3 \(TV\) संकेत रेडियो संकेतों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं
4 पृथ्वी तल गोले की तरह वक्राकार है
Explanation:
(d)
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190135
प्रकाशीय फाइबर (तन्तु) का लाभ है
1 उच्च बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
2 निम्नतम बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
3 उच्च बैण्ड चौड़ाई, अल्प संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
4 उच्च बैण्ड चौड़ाई , उच्च डाटा संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
Explanation:
(d)प्रकाशीय तन्तु के कुछ लाभ इस प्रकार हैं, ताम्र तार या रेडियों तरंगों की तुलना में प्रकाशीय तन्तु की संकेत ले जाने की क्षमता बहुत अधिक होती है। प्रकाशीय तन्तु बाहरी वि. चु. व्यवधान से स्वतंत्र होते हैं। इनमें क्रॉस बातचीत की समस्या नहीं होती है, जबकि सामान्य केबिलों एवं सूक्ष्म तरंग लिंकों में, यह समस्या बहुत होती है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190137
श्रृव्य संकेत को सीधे संचरित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि
1 संकेत में शोर \((Noise)\) अधिक है
2 दूर-संचार के लिए संकेत को प्रवर्धित नहीं किया जा सकता है
3 आवश्यक प्रेषी एण्टीना की लम्बाई बहुत कम है
4 आवश्यक एण्टीना की लम्बाई बहुत अधिक एवं अव्यवहारिक है
Explanation:
(d) जब श्रंव्य संकेतों को सीधे भेजा जाता है, तो निम्न समस्यायें सामने आती हैं \((i)\) ये संकेत अपेक्षाकृत कम परास के होते हैं। \((ii)\) यदि प्रत्येक व्यक्ति इन संकेतों को सीधे भेजने लगे तब इनका परस्पर व्यतिकरण इनको अप्रभावी कर देगा। \((iii)\) इनमें प्रभावी विकिरण एन्टीना की लम्बाई बहुत अधिक लगभग \(75 km\) होगी।
190133
वह घटना जिसके द्वारा प्रकाश प्रकाशीय तन्तु में गमन करता है, है
1 परावर्तन
2 अपवर्तन
3 पूर्ण आंतरिक परावर्तन
4 संचरण
Explanation:
(c)प्रकाशीय तन्तु में प्रकाश पूर्ण आन्तरिक परावर्तन द्वारा संचरित होता है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190134
पृथ्वी पर \(TV\) संकेतों को \(TV \) प्रसारण केन्द्र से \(100\, km\) की दूरी से अधिक दूरी पर ग्रहण नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि
1 \(100\, km \) से अधिक दूरी पर ग्राही-एण्टीना संकेतों को संसूचित करने में असमर्थ है
2 \(TV\) प्रोग्राम में श्रृव्य एवं दृश्य दोनों संकेत होते हैं
3 \(TV\) संकेत रेडियो संकेतों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं
4 पृथ्वी तल गोले की तरह वक्राकार है
Explanation:
(d)
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190135
प्रकाशीय फाइबर (तन्तु) का लाभ है
1 उच्च बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
2 निम्नतम बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
3 उच्च बैण्ड चौड़ाई, अल्प संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
4 उच्च बैण्ड चौड़ाई , उच्च डाटा संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
Explanation:
(d)प्रकाशीय तन्तु के कुछ लाभ इस प्रकार हैं, ताम्र तार या रेडियों तरंगों की तुलना में प्रकाशीय तन्तु की संकेत ले जाने की क्षमता बहुत अधिक होती है। प्रकाशीय तन्तु बाहरी वि. चु. व्यवधान से स्वतंत्र होते हैं। इनमें क्रॉस बातचीत की समस्या नहीं होती है, जबकि सामान्य केबिलों एवं सूक्ष्म तरंग लिंकों में, यह समस्या बहुत होती है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190137
श्रृव्य संकेत को सीधे संचरित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि
1 संकेत में शोर \((Noise)\) अधिक है
2 दूर-संचार के लिए संकेत को प्रवर्धित नहीं किया जा सकता है
3 आवश्यक प्रेषी एण्टीना की लम्बाई बहुत कम है
4 आवश्यक एण्टीना की लम्बाई बहुत अधिक एवं अव्यवहारिक है
Explanation:
(d) जब श्रंव्य संकेतों को सीधे भेजा जाता है, तो निम्न समस्यायें सामने आती हैं \((i)\) ये संकेत अपेक्षाकृत कम परास के होते हैं। \((ii)\) यदि प्रत्येक व्यक्ति इन संकेतों को सीधे भेजने लगे तब इनका परस्पर व्यतिकरण इनको अप्रभावी कर देगा। \((iii)\) इनमें प्रभावी विकिरण एन्टीना की लम्बाई बहुत अधिक लगभग \(75 km\) होगी।
190133
वह घटना जिसके द्वारा प्रकाश प्रकाशीय तन्तु में गमन करता है, है
1 परावर्तन
2 अपवर्तन
3 पूर्ण आंतरिक परावर्तन
4 संचरण
Explanation:
(c)प्रकाशीय तन्तु में प्रकाश पूर्ण आन्तरिक परावर्तन द्वारा संचरित होता है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190134
पृथ्वी पर \(TV\) संकेतों को \(TV \) प्रसारण केन्द्र से \(100\, km\) की दूरी से अधिक दूरी पर ग्रहण नहीं किया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि
1 \(100\, km \) से अधिक दूरी पर ग्राही-एण्टीना संकेतों को संसूचित करने में असमर्थ है
2 \(TV\) प्रोग्राम में श्रृव्य एवं दृश्य दोनों संकेत होते हैं
3 \(TV\) संकेत रेडियो संकेतों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं
4 पृथ्वी तल गोले की तरह वक्राकार है
Explanation:
(d)
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190135
प्रकाशीय फाइबर (तन्तु) का लाभ है
1 उच्च बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
2 निम्नतम बैण्ड चौड़ाई एवं विद्युत चुम्बकीय व्यवधान
3 उच्च बैण्ड चौड़ाई, अल्प संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
4 उच्च बैण्ड चौड़ाई , उच्च डाटा संचरण क्षमता एवं कोई विद्युत चुम्बकीय व्यवधान नहीं
Explanation:
(d)प्रकाशीय तन्तु के कुछ लाभ इस प्रकार हैं, ताम्र तार या रेडियों तरंगों की तुलना में प्रकाशीय तन्तु की संकेत ले जाने की क्षमता बहुत अधिक होती है। प्रकाशीय तन्तु बाहरी वि. चु. व्यवधान से स्वतंत्र होते हैं। इनमें क्रॉस बातचीत की समस्या नहीं होती है, जबकि सामान्य केबिलों एवं सूक्ष्म तरंग लिंकों में, यह समस्या बहुत होती है।
15. COMMUNICATION SYSTEMS (HM)
190137
श्रृव्य संकेत को सीधे संचरित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि
1 संकेत में शोर \((Noise)\) अधिक है
2 दूर-संचार के लिए संकेत को प्रवर्धित नहीं किया जा सकता है
3 आवश्यक प्रेषी एण्टीना की लम्बाई बहुत कम है
4 आवश्यक एण्टीना की लम्बाई बहुत अधिक एवं अव्यवहारिक है
Explanation:
(d) जब श्रंव्य संकेतों को सीधे भेजा जाता है, तो निम्न समस्यायें सामने आती हैं \((i)\) ये संकेत अपेक्षाकृत कम परास के होते हैं। \((ii)\) यदि प्रत्येक व्यक्ति इन संकेतों को सीधे भेजने लगे तब इनका परस्पर व्यतिकरण इनको अप्रभावी कर देगा। \((iii)\) इनमें प्रभावी विकिरण एन्टीना की लम्बाई बहुत अधिक लगभग \(75 km\) होगी।