(c) प्रथम सात जोड़ी सीधे स्टर्नम से जुड़ी रहती हैं, \(8\) वीं, \(9\) वीं, \(10\) वीं जोड़ी अप्रत्यक्ष रूप से स्टर्नम से जुड़ी रहती है, तथा अन्तिम दो जोड़ी पसलियों को फ्लोटिंग पसलियाँ कहते हैं, क्योंकि इनके अगले सिरे न तो स्टर्नम से जुड़े होते हैं और न ही किसी पसली की उपास्थि से जुड़े होते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226142
प्रथम कशेरूका एटलस और एक्सिस कशेरूका के द्वारा संयोजन के कारण निम्न में से कौनसी गति होती है
1 नोडिंग गति
2 पाश्र्व की ओर गति
3 घूर्णन गति
4 पीछे की ओर गति
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226143
द्वितीय कशेरूक एक्सिस जो कि सिर के घूर्णन गति में सहायक होती है एक प्रवर्ध युक्त होती है, वह है
1 हाइपेपोफाइसिस
2 मेटापोफाइसिस
3 ओडोन्टोइड प्रवर्ध
4 जाइगेपोफाइसिस
Explanation:
(c) प्रथम ग्रीवा कशेरूका एटलस कहलाती है, द्वितीय ग्रीवा कशेरूका एक्सिस कहलाती है, एटलस सिर को सहारा प्रदान करती है, इसमें खूँटी के समान एक उभार पाया जाता है, जिसे ओडोन्टॉयड उभार कहते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226144
वह कशेरूक जिसमें सेन्ट्रम अनुपस्थित होता है
1 सरवाइकल
2 एटलस
3 एक्सिस
4 वक्षीय
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226145
वे कशेरूकायें जिनमें वर्टीब्रेट्रियल नलिका पाई जाती है
(c) प्रथम सात जोड़ी सीधे स्टर्नम से जुड़ी रहती हैं, \(8\) वीं, \(9\) वीं, \(10\) वीं जोड़ी अप्रत्यक्ष रूप से स्टर्नम से जुड़ी रहती है, तथा अन्तिम दो जोड़ी पसलियों को फ्लोटिंग पसलियाँ कहते हैं, क्योंकि इनके अगले सिरे न तो स्टर्नम से जुड़े होते हैं और न ही किसी पसली की उपास्थि से जुड़े होते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226142
प्रथम कशेरूका एटलस और एक्सिस कशेरूका के द्वारा संयोजन के कारण निम्न में से कौनसी गति होती है
1 नोडिंग गति
2 पाश्र्व की ओर गति
3 घूर्णन गति
4 पीछे की ओर गति
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226143
द्वितीय कशेरूक एक्सिस जो कि सिर के घूर्णन गति में सहायक होती है एक प्रवर्ध युक्त होती है, वह है
1 हाइपेपोफाइसिस
2 मेटापोफाइसिस
3 ओडोन्टोइड प्रवर्ध
4 जाइगेपोफाइसिस
Explanation:
(c) प्रथम ग्रीवा कशेरूका एटलस कहलाती है, द्वितीय ग्रीवा कशेरूका एक्सिस कहलाती है, एटलस सिर को सहारा प्रदान करती है, इसमें खूँटी के समान एक उभार पाया जाता है, जिसे ओडोन्टॉयड उभार कहते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226144
वह कशेरूक जिसमें सेन्ट्रम अनुपस्थित होता है
1 सरवाइकल
2 एटलस
3 एक्सिस
4 वक्षीय
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226145
वे कशेरूकायें जिनमें वर्टीब्रेट्रियल नलिका पाई जाती है
(c) प्रथम सात जोड़ी सीधे स्टर्नम से जुड़ी रहती हैं, \(8\) वीं, \(9\) वीं, \(10\) वीं जोड़ी अप्रत्यक्ष रूप से स्टर्नम से जुड़ी रहती है, तथा अन्तिम दो जोड़ी पसलियों को फ्लोटिंग पसलियाँ कहते हैं, क्योंकि इनके अगले सिरे न तो स्टर्नम से जुड़े होते हैं और न ही किसी पसली की उपास्थि से जुड़े होते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226142
प्रथम कशेरूका एटलस और एक्सिस कशेरूका के द्वारा संयोजन के कारण निम्न में से कौनसी गति होती है
1 नोडिंग गति
2 पाश्र्व की ओर गति
3 घूर्णन गति
4 पीछे की ओर गति
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226143
द्वितीय कशेरूक एक्सिस जो कि सिर के घूर्णन गति में सहायक होती है एक प्रवर्ध युक्त होती है, वह है
1 हाइपेपोफाइसिस
2 मेटापोफाइसिस
3 ओडोन्टोइड प्रवर्ध
4 जाइगेपोफाइसिस
Explanation:
(c) प्रथम ग्रीवा कशेरूका एटलस कहलाती है, द्वितीय ग्रीवा कशेरूका एक्सिस कहलाती है, एटलस सिर को सहारा प्रदान करती है, इसमें खूँटी के समान एक उभार पाया जाता है, जिसे ओडोन्टॉयड उभार कहते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226144
वह कशेरूक जिसमें सेन्ट्रम अनुपस्थित होता है
1 सरवाइकल
2 एटलस
3 एक्सिस
4 वक्षीय
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226145
वे कशेरूकायें जिनमें वर्टीब्रेट्रियल नलिका पाई जाती है
(c) प्रथम सात जोड़ी सीधे स्टर्नम से जुड़ी रहती हैं, \(8\) वीं, \(9\) वीं, \(10\) वीं जोड़ी अप्रत्यक्ष रूप से स्टर्नम से जुड़ी रहती है, तथा अन्तिम दो जोड़ी पसलियों को फ्लोटिंग पसलियाँ कहते हैं, क्योंकि इनके अगले सिरे न तो स्टर्नम से जुड़े होते हैं और न ही किसी पसली की उपास्थि से जुड़े होते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226142
प्रथम कशेरूका एटलस और एक्सिस कशेरूका के द्वारा संयोजन के कारण निम्न में से कौनसी गति होती है
1 नोडिंग गति
2 पाश्र्व की ओर गति
3 घूर्णन गति
4 पीछे की ओर गति
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226143
द्वितीय कशेरूक एक्सिस जो कि सिर के घूर्णन गति में सहायक होती है एक प्रवर्ध युक्त होती है, वह है
1 हाइपेपोफाइसिस
2 मेटापोफाइसिस
3 ओडोन्टोइड प्रवर्ध
4 जाइगेपोफाइसिस
Explanation:
(c) प्रथम ग्रीवा कशेरूका एटलस कहलाती है, द्वितीय ग्रीवा कशेरूका एक्सिस कहलाती है, एटलस सिर को सहारा प्रदान करती है, इसमें खूँटी के समान एक उभार पाया जाता है, जिसे ओडोन्टॉयड उभार कहते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226144
वह कशेरूक जिसमें सेन्ट्रम अनुपस्थित होता है
1 सरवाइकल
2 एटलस
3 एक्सिस
4 वक्षीय
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226145
वे कशेरूकायें जिनमें वर्टीब्रेट्रियल नलिका पाई जाती है
(c) प्रथम सात जोड़ी सीधे स्टर्नम से जुड़ी रहती हैं, \(8\) वीं, \(9\) वीं, \(10\) वीं जोड़ी अप्रत्यक्ष रूप से स्टर्नम से जुड़ी रहती है, तथा अन्तिम दो जोड़ी पसलियों को फ्लोटिंग पसलियाँ कहते हैं, क्योंकि इनके अगले सिरे न तो स्टर्नम से जुड़े होते हैं और न ही किसी पसली की उपास्थि से जुड़े होते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226142
प्रथम कशेरूका एटलस और एक्सिस कशेरूका के द्वारा संयोजन के कारण निम्न में से कौनसी गति होती है
1 नोडिंग गति
2 पाश्र्व की ओर गति
3 घूर्णन गति
4 पीछे की ओर गति
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226143
द्वितीय कशेरूक एक्सिस जो कि सिर के घूर्णन गति में सहायक होती है एक प्रवर्ध युक्त होती है, वह है
1 हाइपेपोफाइसिस
2 मेटापोफाइसिस
3 ओडोन्टोइड प्रवर्ध
4 जाइगेपोफाइसिस
Explanation:
(c) प्रथम ग्रीवा कशेरूका एटलस कहलाती है, द्वितीय ग्रीवा कशेरूका एक्सिस कहलाती है, एटलस सिर को सहारा प्रदान करती है, इसमें खूँटी के समान एक उभार पाया जाता है, जिसे ओडोन्टॉयड उभार कहते हैं।
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226144
वह कशेरूक जिसमें सेन्ट्रम अनुपस्थित होता है
1 सरवाइकल
2 एटलस
3 एक्सिस
4 वक्षीय
Explanation:
20. LOCOMOTION AND MOVEMENT (HM)
226145
वे कशेरूकायें जिनमें वर्टीब्रेट्रियल नलिका पाई जाती है