225969
यदि कोई व्यक्ति में, वृक्क पुन: अवशोषण अत्यधिक कम हो रहा है तो निम्न में से कौन रक्त के आयतन को बनाये रखने में मदद नहीं करता है
1 ग्लोमेरुलर निस्यन्द में कमी
2 एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के स्त्राव में वृद्धि
3 वृक्क में धमनिक दाब में कमी
4 वृक्क में धमनिक दाब में वृद्धि
Explanation:
(d) वृक्को में बढ़े हुए धमनिया दाब से फिल्टे्रशन बढ़ जाता है, किन्तु व्यक्ति में कम व्रुकीय पुनरावशोषण के कारण ग्लोमेरूलर फिल्टे्रट और मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है, और व्यक्ति रूधिर आयतन को बनाये रखने योग्य नहीं रहता है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
225970
वृक्क की दूरस्थ स्त्रावी नलिका में जल का पुन: अवशोषण नियन्त्रित किया जाता है
1 सोमेंटोट्रोफिक हॉर्मोन \((STH)\) द्वारा
2 थायरॉइड उद्दीपन \((TSH)\) हॉर्मोन द्वारा
3 एन्टीडायूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) द्वारा
4 मेलेनोफोर स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन \((MSH)\) द्वारा
Explanation:
(c) पिट्यूटरी ग्रंथि की पश्चपालि से स्रावित होने वाले एन्टीडाएर्यूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के प्रभाव में दूरस्थ कुण्डलित नलिका में जल का पुनरावशोषण सम्पन्न होता है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
225971
मूत्र में एल्ब्यूमिन आने का कारण होता है
1 रक्त दाब में वृद्धि होती है
2 रक्त के परासरण दाब में कमी
3 माल्पीघीयन कार्पसल्स के नष्ट होने के कारण
4 समीपस्थ कुण्डलित नलिकाओं के नष्ट होने के कारण
Explanation:
सामान्यतः एल्ब्यूमिन अपने बड़े आकार के कारण फिल्टेªषन छिद्रों से नहीं निकल पाती है, किन्तु कुछ पैथाॅलाजिकल अवस्थाओं जैसे एनोक्सिया या हृदय घात में फिल्टेषन मैम्ब्रेन क्षतिग्रस्त हो जाती है और फिल्टरिंग छिद्र आकार में बड़े हो जाते हैं, जिससे सीरम एल्ब्यूमिन बड़ी मात्रा में बाहर निकल जाती है, और मूत्र में जाने लगती है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
225972
मूत्र में सोडियम उत्सर्जन का नियंत्रण किया जाता है
1 अग्र पिट्यूटरी द्वारा
2 पश्च पिट्यूटरी द्वारा
3 एड्रीनल कॉर्टेक्स द्वारा
4 एड्रीनल मेड्यूला द्वारा
Explanation:
(c) मिनरेलोकॉर्टिकॉइड्स द्वारा जो एड्रीनल कॉटे्रक्स द्वारा स्रावित किये जाते हैं।
225969
यदि कोई व्यक्ति में, वृक्क पुन: अवशोषण अत्यधिक कम हो रहा है तो निम्न में से कौन रक्त के आयतन को बनाये रखने में मदद नहीं करता है
1 ग्लोमेरुलर निस्यन्द में कमी
2 एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के स्त्राव में वृद्धि
3 वृक्क में धमनिक दाब में कमी
4 वृक्क में धमनिक दाब में वृद्धि
Explanation:
(d) वृक्को में बढ़े हुए धमनिया दाब से फिल्टे्रशन बढ़ जाता है, किन्तु व्यक्ति में कम व्रुकीय पुनरावशोषण के कारण ग्लोमेरूलर फिल्टे्रट और मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है, और व्यक्ति रूधिर आयतन को बनाये रखने योग्य नहीं रहता है।
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225970
वृक्क की दूरस्थ स्त्रावी नलिका में जल का पुन: अवशोषण नियन्त्रित किया जाता है
1 सोमेंटोट्रोफिक हॉर्मोन \((STH)\) द्वारा
2 थायरॉइड उद्दीपन \((TSH)\) हॉर्मोन द्वारा
3 एन्टीडायूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) द्वारा
4 मेलेनोफोर स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन \((MSH)\) द्वारा
Explanation:
(c) पिट्यूटरी ग्रंथि की पश्चपालि से स्रावित होने वाले एन्टीडाएर्यूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के प्रभाव में दूरस्थ कुण्डलित नलिका में जल का पुनरावशोषण सम्पन्न होता है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
225971
मूत्र में एल्ब्यूमिन आने का कारण होता है
1 रक्त दाब में वृद्धि होती है
2 रक्त के परासरण दाब में कमी
3 माल्पीघीयन कार्पसल्स के नष्ट होने के कारण
4 समीपस्थ कुण्डलित नलिकाओं के नष्ट होने के कारण
Explanation:
सामान्यतः एल्ब्यूमिन अपने बड़े आकार के कारण फिल्टेªषन छिद्रों से नहीं निकल पाती है, किन्तु कुछ पैथाॅलाजिकल अवस्थाओं जैसे एनोक्सिया या हृदय घात में फिल्टेषन मैम्ब्रेन क्षतिग्रस्त हो जाती है और फिल्टरिंग छिद्र आकार में बड़े हो जाते हैं, जिससे सीरम एल्ब्यूमिन बड़ी मात्रा में बाहर निकल जाती है, और मूत्र में जाने लगती है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
225972
मूत्र में सोडियम उत्सर्जन का नियंत्रण किया जाता है
1 अग्र पिट्यूटरी द्वारा
2 पश्च पिट्यूटरी द्वारा
3 एड्रीनल कॉर्टेक्स द्वारा
4 एड्रीनल मेड्यूला द्वारा
Explanation:
(c) मिनरेलोकॉर्टिकॉइड्स द्वारा जो एड्रीनल कॉटे्रक्स द्वारा स्रावित किये जाते हैं।
225969
यदि कोई व्यक्ति में, वृक्क पुन: अवशोषण अत्यधिक कम हो रहा है तो निम्न में से कौन रक्त के आयतन को बनाये रखने में मदद नहीं करता है
1 ग्लोमेरुलर निस्यन्द में कमी
2 एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के स्त्राव में वृद्धि
3 वृक्क में धमनिक दाब में कमी
4 वृक्क में धमनिक दाब में वृद्धि
Explanation:
(d) वृक्को में बढ़े हुए धमनिया दाब से फिल्टे्रशन बढ़ जाता है, किन्तु व्यक्ति में कम व्रुकीय पुनरावशोषण के कारण ग्लोमेरूलर फिल्टे्रट और मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है, और व्यक्ति रूधिर आयतन को बनाये रखने योग्य नहीं रहता है।
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वृक्क की दूरस्थ स्त्रावी नलिका में जल का पुन: अवशोषण नियन्त्रित किया जाता है
1 सोमेंटोट्रोफिक हॉर्मोन \((STH)\) द्वारा
2 थायरॉइड उद्दीपन \((TSH)\) हॉर्मोन द्वारा
3 एन्टीडायूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) द्वारा
4 मेलेनोफोर स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन \((MSH)\) द्वारा
Explanation:
(c) पिट्यूटरी ग्रंथि की पश्चपालि से स्रावित होने वाले एन्टीडाएर्यूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के प्रभाव में दूरस्थ कुण्डलित नलिका में जल का पुनरावशोषण सम्पन्न होता है।
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मूत्र में एल्ब्यूमिन आने का कारण होता है
1 रक्त दाब में वृद्धि होती है
2 रक्त के परासरण दाब में कमी
3 माल्पीघीयन कार्पसल्स के नष्ट होने के कारण
4 समीपस्थ कुण्डलित नलिकाओं के नष्ट होने के कारण
Explanation:
सामान्यतः एल्ब्यूमिन अपने बड़े आकार के कारण फिल्टेªषन छिद्रों से नहीं निकल पाती है, किन्तु कुछ पैथाॅलाजिकल अवस्थाओं जैसे एनोक्सिया या हृदय घात में फिल्टेषन मैम्ब्रेन क्षतिग्रस्त हो जाती है और फिल्टरिंग छिद्र आकार में बड़े हो जाते हैं, जिससे सीरम एल्ब्यूमिन बड़ी मात्रा में बाहर निकल जाती है, और मूत्र में जाने लगती है।
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मूत्र में सोडियम उत्सर्जन का नियंत्रण किया जाता है
1 अग्र पिट्यूटरी द्वारा
2 पश्च पिट्यूटरी द्वारा
3 एड्रीनल कॉर्टेक्स द्वारा
4 एड्रीनल मेड्यूला द्वारा
Explanation:
(c) मिनरेलोकॉर्टिकॉइड्स द्वारा जो एड्रीनल कॉटे्रक्स द्वारा स्रावित किये जाते हैं।
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यदि कोई व्यक्ति में, वृक्क पुन: अवशोषण अत्यधिक कम हो रहा है तो निम्न में से कौन रक्त के आयतन को बनाये रखने में मदद नहीं करता है
1 ग्लोमेरुलर निस्यन्द में कमी
2 एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के स्त्राव में वृद्धि
3 वृक्क में धमनिक दाब में कमी
4 वृक्क में धमनिक दाब में वृद्धि
Explanation:
(d) वृक्को में बढ़े हुए धमनिया दाब से फिल्टे्रशन बढ़ जाता है, किन्तु व्यक्ति में कम व्रुकीय पुनरावशोषण के कारण ग्लोमेरूलर फिल्टे्रट और मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है, और व्यक्ति रूधिर आयतन को बनाये रखने योग्य नहीं रहता है।
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वृक्क की दूरस्थ स्त्रावी नलिका में जल का पुन: अवशोषण नियन्त्रित किया जाता है
1 सोमेंटोट्रोफिक हॉर्मोन \((STH)\) द्वारा
2 थायरॉइड उद्दीपन \((TSH)\) हॉर्मोन द्वारा
3 एन्टीडायूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) द्वारा
4 मेलेनोफोर स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन \((MSH)\) द्वारा
Explanation:
(c) पिट्यूटरी ग्रंथि की पश्चपालि से स्रावित होने वाले एन्टीडाएर्यूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के प्रभाव में दूरस्थ कुण्डलित नलिका में जल का पुनरावशोषण सम्पन्न होता है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
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मूत्र में एल्ब्यूमिन आने का कारण होता है
1 रक्त दाब में वृद्धि होती है
2 रक्त के परासरण दाब में कमी
3 माल्पीघीयन कार्पसल्स के नष्ट होने के कारण
4 समीपस्थ कुण्डलित नलिकाओं के नष्ट होने के कारण
Explanation:
सामान्यतः एल्ब्यूमिन अपने बड़े आकार के कारण फिल्टेªषन छिद्रों से नहीं निकल पाती है, किन्तु कुछ पैथाॅलाजिकल अवस्थाओं जैसे एनोक्सिया या हृदय घात में फिल्टेषन मैम्ब्रेन क्षतिग्रस्त हो जाती है और फिल्टरिंग छिद्र आकार में बड़े हो जाते हैं, जिससे सीरम एल्ब्यूमिन बड़ी मात्रा में बाहर निकल जाती है, और मूत्र में जाने लगती है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
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मूत्र में सोडियम उत्सर्जन का नियंत्रण किया जाता है
1 अग्र पिट्यूटरी द्वारा
2 पश्च पिट्यूटरी द्वारा
3 एड्रीनल कॉर्टेक्स द्वारा
4 एड्रीनल मेड्यूला द्वारा
Explanation:
(c) मिनरेलोकॉर्टिकॉइड्स द्वारा जो एड्रीनल कॉटे्रक्स द्वारा स्रावित किये जाते हैं।
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यदि कोई व्यक्ति में, वृक्क पुन: अवशोषण अत्यधिक कम हो रहा है तो निम्न में से कौन रक्त के आयतन को बनाये रखने में मदद नहीं करता है
1 ग्लोमेरुलर निस्यन्द में कमी
2 एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के स्त्राव में वृद्धि
3 वृक्क में धमनिक दाब में कमी
4 वृक्क में धमनिक दाब में वृद्धि
Explanation:
(d) वृक्को में बढ़े हुए धमनिया दाब से फिल्टे्रशन बढ़ जाता है, किन्तु व्यक्ति में कम व्रुकीय पुनरावशोषण के कारण ग्लोमेरूलर फिल्टे्रट और मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है, और व्यक्ति रूधिर आयतन को बनाये रखने योग्य नहीं रहता है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
225970
वृक्क की दूरस्थ स्त्रावी नलिका में जल का पुन: अवशोषण नियन्त्रित किया जाता है
1 सोमेंटोट्रोफिक हॉर्मोन \((STH)\) द्वारा
2 थायरॉइड उद्दीपन \((TSH)\) हॉर्मोन द्वारा
3 एन्टीडायूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) द्वारा
4 मेलेनोफोर स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन \((MSH)\) द्वारा
Explanation:
(c) पिट्यूटरी ग्रंथि की पश्चपालि से स्रावित होने वाले एन्टीडाएर्यूरेटिक हॉर्मोन \((ADH)\) के प्रभाव में दूरस्थ कुण्डलित नलिका में जल का पुनरावशोषण सम्पन्न होता है।
19. EXCRETORY PRODUCTS AND THEIR ELIMINATION (HM)
225971
मूत्र में एल्ब्यूमिन आने का कारण होता है
1 रक्त दाब में वृद्धि होती है
2 रक्त के परासरण दाब में कमी
3 माल्पीघीयन कार्पसल्स के नष्ट होने के कारण
4 समीपस्थ कुण्डलित नलिकाओं के नष्ट होने के कारण
Explanation:
सामान्यतः एल्ब्यूमिन अपने बड़े आकार के कारण फिल्टेªषन छिद्रों से नहीं निकल पाती है, किन्तु कुछ पैथाॅलाजिकल अवस्थाओं जैसे एनोक्सिया या हृदय घात में फिल्टेषन मैम्ब्रेन क्षतिग्रस्त हो जाती है और फिल्टरिंग छिद्र आकार में बड़े हो जाते हैं, जिससे सीरम एल्ब्यूमिन बड़ी मात्रा में बाहर निकल जाती है, और मूत्र में जाने लगती है।
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मूत्र में सोडियम उत्सर्जन का नियंत्रण किया जाता है
1 अग्र पिट्यूटरी द्वारा
2 पश्च पिट्यूटरी द्वारा
3 एड्रीनल कॉर्टेक्स द्वारा
4 एड्रीनल मेड्यूला द्वारा
Explanation:
(c) मिनरेलोकॉर्टिकॉइड्स द्वारा जो एड्रीनल कॉटे्रक्स द्वारा स्रावित किये जाते हैं।