218535
द्विबीजपत्री तने के काष्ठ में नवनिर्मित द्वितीयक जायलम की पर्त स्थित होती है
1 कैम्बियम के बाहर
2 कैम्बियम के अंदर की ओर
3 पिथ के बाहर
4 कॉर्टेक्स के अंदर की ओर
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218536
वार्षिक वलय स्पष्ट होते हैं उन पौधों में जो पाये जाते हैं
1 ट्रोपिकल क्षेत्रों में
2 आर्कटिक क्षेत्र में
3 ग्रासलेण्ड में
4 टेम्परेट क्षेत्रों में
Explanation:
(d) किसी क्षेत्र में जलवायुवीय स्थितियाँ परिवर्तनीय होने के कारण वार्षिक वलय का निर्माण हेाता है तथा शरद ऋतु तथा बसंत ऋतु टेम्परेट क्षेत्र में पायी जाती हैं, अत: स्पष्ट वार्षिक वलय का निर्माण होता है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218537
द्वितीयक वृद्धि के दो या तीन वर्षों के पश्चात द्विबीजपत्री जड़ में कॉर्टेक्स
1 लगा रहता है
2 पूर्ण रूप से निकल जाता है
3 अधिकांशत: समाप्त हो जाता है
4 कॉर्क में बदल जाता है
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218538
वृद्धि-वलय उन वृक्षों में स्पष्ट दिखाई देते हैं जो पाये जाते हैं
1 शिमला में
2 बॉम्बे में
3 मद्रास में
4 कलकत्ता में
Explanation:
(a) वृद्धि वलय (वार्षिक वलय) स्पष्ट होती हैं या शीतोष्ण क्षेत्र (शिमला) के पादपों में इनकी परिधि निर्धारित होती है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218539
द्विबीजपत्री वृक्ष में कार्यशील जायलम कहलाता है
218535
द्विबीजपत्री तने के काष्ठ में नवनिर्मित द्वितीयक जायलम की पर्त स्थित होती है
1 कैम्बियम के बाहर
2 कैम्बियम के अंदर की ओर
3 पिथ के बाहर
4 कॉर्टेक्स के अंदर की ओर
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218536
वार्षिक वलय स्पष्ट होते हैं उन पौधों में जो पाये जाते हैं
1 ट्रोपिकल क्षेत्रों में
2 आर्कटिक क्षेत्र में
3 ग्रासलेण्ड में
4 टेम्परेट क्षेत्रों में
Explanation:
(d) किसी क्षेत्र में जलवायुवीय स्थितियाँ परिवर्तनीय होने के कारण वार्षिक वलय का निर्माण हेाता है तथा शरद ऋतु तथा बसंत ऋतु टेम्परेट क्षेत्र में पायी जाती हैं, अत: स्पष्ट वार्षिक वलय का निर्माण होता है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218537
द्वितीयक वृद्धि के दो या तीन वर्षों के पश्चात द्विबीजपत्री जड़ में कॉर्टेक्स
1 लगा रहता है
2 पूर्ण रूप से निकल जाता है
3 अधिकांशत: समाप्त हो जाता है
4 कॉर्क में बदल जाता है
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218538
वृद्धि-वलय उन वृक्षों में स्पष्ट दिखाई देते हैं जो पाये जाते हैं
1 शिमला में
2 बॉम्बे में
3 मद्रास में
4 कलकत्ता में
Explanation:
(a) वृद्धि वलय (वार्षिक वलय) स्पष्ट होती हैं या शीतोष्ण क्षेत्र (शिमला) के पादपों में इनकी परिधि निर्धारित होती है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218539
द्विबीजपत्री वृक्ष में कार्यशील जायलम कहलाता है
218535
द्विबीजपत्री तने के काष्ठ में नवनिर्मित द्वितीयक जायलम की पर्त स्थित होती है
1 कैम्बियम के बाहर
2 कैम्बियम के अंदर की ओर
3 पिथ के बाहर
4 कॉर्टेक्स के अंदर की ओर
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218536
वार्षिक वलय स्पष्ट होते हैं उन पौधों में जो पाये जाते हैं
1 ट्रोपिकल क्षेत्रों में
2 आर्कटिक क्षेत्र में
3 ग्रासलेण्ड में
4 टेम्परेट क्षेत्रों में
Explanation:
(d) किसी क्षेत्र में जलवायुवीय स्थितियाँ परिवर्तनीय होने के कारण वार्षिक वलय का निर्माण हेाता है तथा शरद ऋतु तथा बसंत ऋतु टेम्परेट क्षेत्र में पायी जाती हैं, अत: स्पष्ट वार्षिक वलय का निर्माण होता है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218537
द्वितीयक वृद्धि के दो या तीन वर्षों के पश्चात द्विबीजपत्री जड़ में कॉर्टेक्स
1 लगा रहता है
2 पूर्ण रूप से निकल जाता है
3 अधिकांशत: समाप्त हो जाता है
4 कॉर्क में बदल जाता है
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218538
वृद्धि-वलय उन वृक्षों में स्पष्ट दिखाई देते हैं जो पाये जाते हैं
1 शिमला में
2 बॉम्बे में
3 मद्रास में
4 कलकत्ता में
Explanation:
(a) वृद्धि वलय (वार्षिक वलय) स्पष्ट होती हैं या शीतोष्ण क्षेत्र (शिमला) के पादपों में इनकी परिधि निर्धारित होती है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218539
द्विबीजपत्री वृक्ष में कार्यशील जायलम कहलाता है
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06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218535
द्विबीजपत्री तने के काष्ठ में नवनिर्मित द्वितीयक जायलम की पर्त स्थित होती है
1 कैम्बियम के बाहर
2 कैम्बियम के अंदर की ओर
3 पिथ के बाहर
4 कॉर्टेक्स के अंदर की ओर
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218536
वार्षिक वलय स्पष्ट होते हैं उन पौधों में जो पाये जाते हैं
1 ट्रोपिकल क्षेत्रों में
2 आर्कटिक क्षेत्र में
3 ग्रासलेण्ड में
4 टेम्परेट क्षेत्रों में
Explanation:
(d) किसी क्षेत्र में जलवायुवीय स्थितियाँ परिवर्तनीय होने के कारण वार्षिक वलय का निर्माण हेाता है तथा शरद ऋतु तथा बसंत ऋतु टेम्परेट क्षेत्र में पायी जाती हैं, अत: स्पष्ट वार्षिक वलय का निर्माण होता है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218537
द्वितीयक वृद्धि के दो या तीन वर्षों के पश्चात द्विबीजपत्री जड़ में कॉर्टेक्स
1 लगा रहता है
2 पूर्ण रूप से निकल जाता है
3 अधिकांशत: समाप्त हो जाता है
4 कॉर्क में बदल जाता है
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218538
वृद्धि-वलय उन वृक्षों में स्पष्ट दिखाई देते हैं जो पाये जाते हैं
1 शिमला में
2 बॉम्बे में
3 मद्रास में
4 कलकत्ता में
Explanation:
(a) वृद्धि वलय (वार्षिक वलय) स्पष्ट होती हैं या शीतोष्ण क्षेत्र (शिमला) के पादपों में इनकी परिधि निर्धारित होती है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218539
द्विबीजपत्री वृक्ष में कार्यशील जायलम कहलाता है
218535
द्विबीजपत्री तने के काष्ठ में नवनिर्मित द्वितीयक जायलम की पर्त स्थित होती है
1 कैम्बियम के बाहर
2 कैम्बियम के अंदर की ओर
3 पिथ के बाहर
4 कॉर्टेक्स के अंदर की ओर
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218536
वार्षिक वलय स्पष्ट होते हैं उन पौधों में जो पाये जाते हैं
1 ट्रोपिकल क्षेत्रों में
2 आर्कटिक क्षेत्र में
3 ग्रासलेण्ड में
4 टेम्परेट क्षेत्रों में
Explanation:
(d) किसी क्षेत्र में जलवायुवीय स्थितियाँ परिवर्तनीय होने के कारण वार्षिक वलय का निर्माण हेाता है तथा शरद ऋतु तथा बसंत ऋतु टेम्परेट क्षेत्र में पायी जाती हैं, अत: स्पष्ट वार्षिक वलय का निर्माण होता है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218537
द्वितीयक वृद्धि के दो या तीन वर्षों के पश्चात द्विबीजपत्री जड़ में कॉर्टेक्स
1 लगा रहता है
2 पूर्ण रूप से निकल जाता है
3 अधिकांशत: समाप्त हो जाता है
4 कॉर्क में बदल जाता है
Explanation:
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218538
वृद्धि-वलय उन वृक्षों में स्पष्ट दिखाई देते हैं जो पाये जाते हैं
1 शिमला में
2 बॉम्बे में
3 मद्रास में
4 कलकत्ता में
Explanation:
(a) वृद्धि वलय (वार्षिक वलय) स्पष्ट होती हैं या शीतोष्ण क्षेत्र (शिमला) के पादपों में इनकी परिधि निर्धारित होती है।
06. ANATOMY OF FLOWERING PLANTS (HM)
218539
द्विबीजपत्री वृक्ष में कार्यशील जायलम कहलाता है