05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217368 गाइनोशियम का वह भाग जो पराग को ग्रहण करता है, कहलाता है

1 वर्तिकाग्र \((Stigma)\)
2 वर्तिका \((Style)\)
3 अण्डाशय
4 बीजाण्ड
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217369 मुक्तदोली (वर्सेटाइल) परागकोष किसमें पाये जाते हैं

1 हेलियेन्थस एनस में
2 ओराइजा सेटाइवा में
3 सोलेनम ट्युबरोसम में
4 हिबिस्कस एस्कुलेन्टस में
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217370 आब्डिप्लोस्टेमिनस स्थिति वह होती है जिसमें पुंकेसर दो चक्रों में पाये जाते हैं तथा

1 बाहरी चक्र आंतरिक चक्र से जुड़ा रहता है
2 बाहरी चक्र पेटल के विपरीत होता है
3 आंतरिक चक्र पेटल के विपरीत होता है
4 आंतरिक तथा बाहरी दोनों चक्र पेटल के विपरीत होते हैं
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217371 जब एक पुष्प के परागकोष स्टिग्मा से जल्दी परिपक्व हो जाये तो यह स्थिति कहलाती है

1 हरकोगेमी
2 प्रोटेंड्री
3 हेटरोस्टाइली
4 हेटरोगेमी
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217368 गाइनोशियम का वह भाग जो पराग को ग्रहण करता है, कहलाता है

1 वर्तिकाग्र \((Stigma)\)
2 वर्तिका \((Style)\)
3 अण्डाशय
4 बीजाण्ड
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217369 मुक्तदोली (वर्सेटाइल) परागकोष किसमें पाये जाते हैं

1 हेलियेन्थस एनस में
2 ओराइजा सेटाइवा में
3 सोलेनम ट्युबरोसम में
4 हिबिस्कस एस्कुलेन्टस में
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217370 आब्डिप्लोस्टेमिनस स्थिति वह होती है जिसमें पुंकेसर दो चक्रों में पाये जाते हैं तथा

1 बाहरी चक्र आंतरिक चक्र से जुड़ा रहता है
2 बाहरी चक्र पेटल के विपरीत होता है
3 आंतरिक चक्र पेटल के विपरीत होता है
4 आंतरिक तथा बाहरी दोनों चक्र पेटल के विपरीत होते हैं
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217371 जब एक पुष्प के परागकोष स्टिग्मा से जल्दी परिपक्व हो जाये तो यह स्थिति कहलाती है

1 हरकोगेमी
2 प्रोटेंड्री
3 हेटरोस्टाइली
4 हेटरोगेमी
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217368 गाइनोशियम का वह भाग जो पराग को ग्रहण करता है, कहलाता है

1 वर्तिकाग्र \((Stigma)\)
2 वर्तिका \((Style)\)
3 अण्डाशय
4 बीजाण्ड
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217369 मुक्तदोली (वर्सेटाइल) परागकोष किसमें पाये जाते हैं

1 हेलियेन्थस एनस में
2 ओराइजा सेटाइवा में
3 सोलेनम ट्युबरोसम में
4 हिबिस्कस एस्कुलेन्टस में
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217370 आब्डिप्लोस्टेमिनस स्थिति वह होती है जिसमें पुंकेसर दो चक्रों में पाये जाते हैं तथा

1 बाहरी चक्र आंतरिक चक्र से जुड़ा रहता है
2 बाहरी चक्र पेटल के विपरीत होता है
3 आंतरिक चक्र पेटल के विपरीत होता है
4 आंतरिक तथा बाहरी दोनों चक्र पेटल के विपरीत होते हैं
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217371 जब एक पुष्प के परागकोष स्टिग्मा से जल्दी परिपक्व हो जाये तो यह स्थिति कहलाती है

1 हरकोगेमी
2 प्रोटेंड्री
3 हेटरोस्टाइली
4 हेटरोगेमी
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217368 गाइनोशियम का वह भाग जो पराग को ग्रहण करता है, कहलाता है

1 वर्तिकाग्र \((Stigma)\)
2 वर्तिका \((Style)\)
3 अण्डाशय
4 बीजाण्ड
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217369 मुक्तदोली (वर्सेटाइल) परागकोष किसमें पाये जाते हैं

1 हेलियेन्थस एनस में
2 ओराइजा सेटाइवा में
3 सोलेनम ट्युबरोसम में
4 हिबिस्कस एस्कुलेन्टस में
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217370 आब्डिप्लोस्टेमिनस स्थिति वह होती है जिसमें पुंकेसर दो चक्रों में पाये जाते हैं तथा

1 बाहरी चक्र आंतरिक चक्र से जुड़ा रहता है
2 बाहरी चक्र पेटल के विपरीत होता है
3 आंतरिक चक्र पेटल के विपरीत होता है
4 आंतरिक तथा बाहरी दोनों चक्र पेटल के विपरीत होते हैं
05. MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS (HM)

217371 जब एक पुष्प के परागकोष स्टिग्मा से जल्दी परिपक्व हो जाये तो यह स्थिति कहलाती है

1 हरकोगेमी
2 प्रोटेंड्री
3 हेटरोस्टाइली
4 हेटरोगेमी