215695
वर्गीकरण का प्राकृतिक तन्त्र कृत्रिम तन्त्र से भिन्न्ता होता है क्योंकि इसमें
1 केवल एक फ्लोरल लक्षण निर्धारित होता है
2 केवल एक कायिक लक्षण लिया जाता है
3 समानता तथा असमानता को बाहर लाया जाता है
4 इवॉल्यूशनरी टे्रण्ड्स को विकसित किया जाता है
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215605
स्पाइरोगायरा के जाइगोट में उपस्थिति \(4\) मियोस्पोर्स कहलाते हैं
1 एकाइनीट्स
2 पार्थिनोस्पोर्स
3 विलुप्त स्पोरोफाइट
4 क्लेमायडोस्पोर
Explanation:
(c) स्पाइरोगायरा में जायगोट में \(4\) मीओस्पोर पाये जाते हैं इसे प्रारंभिक बीजाणुद्भिद (\(Incipient \,sporophyte\)) कहते हैं क्योंकि स्पोरेन्जियम में द्विगुणित स्पोर मातृ कोशिकाएँ पाई जाती हैं। अर्धसूत्री विभाजन इन कोशिकाओं में होता है। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक स्पोर मातृ कोशिका \(4\) हेप्लॉइड स्पोर्स को उत्पन्न करती है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215606
स्पाइरोगायरा का रिप्लीकेट सेप्टम किसके द्वारा पहचाना जाता है
1 वलयाकार वृद्धि द्वारा
2 अंगुलाकार उभार द्वारा
3 कुण्डलित \((Spiral)\) अतिवृद्धि द्वारा
4 पट्टिका में छिद्रों द्वारा
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215607
स्पाइरोगायरा में अलैंगिक जनन
1 अवलोकित नहीं किया गया
2 जूस्पोर्स निर्माण के समय होता है
3 एप्लेनोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
4 हिप्नोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
Explanation:
(c) इसका निर्माण प्रोटोप्लाज्म के संकुलन के द्वारा होता है इसके बाद इसके चारों ओर पतली भित्ति का स्त्रावण होता है ये अंकुरित होकर प्रत्यक्ष रूप से नये पादप में वृद्धि करते हैं।
215695
वर्गीकरण का प्राकृतिक तन्त्र कृत्रिम तन्त्र से भिन्न्ता होता है क्योंकि इसमें
1 केवल एक फ्लोरल लक्षण निर्धारित होता है
2 केवल एक कायिक लक्षण लिया जाता है
3 समानता तथा असमानता को बाहर लाया जाता है
4 इवॉल्यूशनरी टे्रण्ड्स को विकसित किया जाता है
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215605
स्पाइरोगायरा के जाइगोट में उपस्थिति \(4\) मियोस्पोर्स कहलाते हैं
1 एकाइनीट्स
2 पार्थिनोस्पोर्स
3 विलुप्त स्पोरोफाइट
4 क्लेमायडोस्पोर
Explanation:
(c) स्पाइरोगायरा में जायगोट में \(4\) मीओस्पोर पाये जाते हैं इसे प्रारंभिक बीजाणुद्भिद (\(Incipient \,sporophyte\)) कहते हैं क्योंकि स्पोरेन्जियम में द्विगुणित स्पोर मातृ कोशिकाएँ पाई जाती हैं। अर्धसूत्री विभाजन इन कोशिकाओं में होता है। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक स्पोर मातृ कोशिका \(4\) हेप्लॉइड स्पोर्स को उत्पन्न करती है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215606
स्पाइरोगायरा का रिप्लीकेट सेप्टम किसके द्वारा पहचाना जाता है
1 वलयाकार वृद्धि द्वारा
2 अंगुलाकार उभार द्वारा
3 कुण्डलित \((Spiral)\) अतिवृद्धि द्वारा
4 पट्टिका में छिद्रों द्वारा
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215607
स्पाइरोगायरा में अलैंगिक जनन
1 अवलोकित नहीं किया गया
2 जूस्पोर्स निर्माण के समय होता है
3 एप्लेनोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
4 हिप्नोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
Explanation:
(c) इसका निर्माण प्रोटोप्लाज्म के संकुलन के द्वारा होता है इसके बाद इसके चारों ओर पतली भित्ति का स्त्रावण होता है ये अंकुरित होकर प्रत्यक्ष रूप से नये पादप में वृद्धि करते हैं।
215695
वर्गीकरण का प्राकृतिक तन्त्र कृत्रिम तन्त्र से भिन्न्ता होता है क्योंकि इसमें
1 केवल एक फ्लोरल लक्षण निर्धारित होता है
2 केवल एक कायिक लक्षण लिया जाता है
3 समानता तथा असमानता को बाहर लाया जाता है
4 इवॉल्यूशनरी टे्रण्ड्स को विकसित किया जाता है
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215605
स्पाइरोगायरा के जाइगोट में उपस्थिति \(4\) मियोस्पोर्स कहलाते हैं
1 एकाइनीट्स
2 पार्थिनोस्पोर्स
3 विलुप्त स्पोरोफाइट
4 क्लेमायडोस्पोर
Explanation:
(c) स्पाइरोगायरा में जायगोट में \(4\) मीओस्पोर पाये जाते हैं इसे प्रारंभिक बीजाणुद्भिद (\(Incipient \,sporophyte\)) कहते हैं क्योंकि स्पोरेन्जियम में द्विगुणित स्पोर मातृ कोशिकाएँ पाई जाती हैं। अर्धसूत्री विभाजन इन कोशिकाओं में होता है। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक स्पोर मातृ कोशिका \(4\) हेप्लॉइड स्पोर्स को उत्पन्न करती है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215606
स्पाइरोगायरा का रिप्लीकेट सेप्टम किसके द्वारा पहचाना जाता है
1 वलयाकार वृद्धि द्वारा
2 अंगुलाकार उभार द्वारा
3 कुण्डलित \((Spiral)\) अतिवृद्धि द्वारा
4 पट्टिका में छिद्रों द्वारा
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215607
स्पाइरोगायरा में अलैंगिक जनन
1 अवलोकित नहीं किया गया
2 जूस्पोर्स निर्माण के समय होता है
3 एप्लेनोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
4 हिप्नोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
Explanation:
(c) इसका निर्माण प्रोटोप्लाज्म के संकुलन के द्वारा होता है इसके बाद इसके चारों ओर पतली भित्ति का स्त्रावण होता है ये अंकुरित होकर प्रत्यक्ष रूप से नये पादप में वृद्धि करते हैं।
215695
वर्गीकरण का प्राकृतिक तन्त्र कृत्रिम तन्त्र से भिन्न्ता होता है क्योंकि इसमें
1 केवल एक फ्लोरल लक्षण निर्धारित होता है
2 केवल एक कायिक लक्षण लिया जाता है
3 समानता तथा असमानता को बाहर लाया जाता है
4 इवॉल्यूशनरी टे्रण्ड्स को विकसित किया जाता है
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215605
स्पाइरोगायरा के जाइगोट में उपस्थिति \(4\) मियोस्पोर्स कहलाते हैं
1 एकाइनीट्स
2 पार्थिनोस्पोर्स
3 विलुप्त स्पोरोफाइट
4 क्लेमायडोस्पोर
Explanation:
(c) स्पाइरोगायरा में जायगोट में \(4\) मीओस्पोर पाये जाते हैं इसे प्रारंभिक बीजाणुद्भिद (\(Incipient \,sporophyte\)) कहते हैं क्योंकि स्पोरेन्जियम में द्विगुणित स्पोर मातृ कोशिकाएँ पाई जाती हैं। अर्धसूत्री विभाजन इन कोशिकाओं में होता है। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक स्पोर मातृ कोशिका \(4\) हेप्लॉइड स्पोर्स को उत्पन्न करती है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215606
स्पाइरोगायरा का रिप्लीकेट सेप्टम किसके द्वारा पहचाना जाता है
1 वलयाकार वृद्धि द्वारा
2 अंगुलाकार उभार द्वारा
3 कुण्डलित \((Spiral)\) अतिवृद्धि द्वारा
4 पट्टिका में छिद्रों द्वारा
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215607
स्पाइरोगायरा में अलैंगिक जनन
1 अवलोकित नहीं किया गया
2 जूस्पोर्स निर्माण के समय होता है
3 एप्लेनोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
4 हिप्नोस्पोर्स निर्माण के समय होता है
Explanation:
(c) इसका निर्माण प्रोटोप्लाज्म के संकुलन के द्वारा होता है इसके बाद इसके चारों ओर पतली भित्ति का स्त्रावण होता है ये अंकुरित होकर प्रत्यक्ष रूप से नये पादप में वृद्धि करते हैं।