(d) स्पाइरोगायरा का लैंगिक प्रजनन आइसोगैमस प्रकार का होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215597
पायरीनॉइड स्पाइरोगायरा के निम्न भाग में पाया जाता है
1 सायटोप्लाज्म
2 कोशिका भित्ति
3 क्लोरोप्लास्ट
4 केन्द्रक
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215598
जब स्पाइरोगायरा के तीन तन्तु कोन्जुगेशन में भाग ले रहे हों, तो सम्भावना होती है कि
1 बीच वाला एक तन्तु मादा हो और अन्य नर हो
2 बीच वाला एक तन्तु नर हो और अन्य मादा हो
3 दोनों \((a)\) तथा \((b)\)
4 उपरोक्त में से कोई नहीं
Explanation:
(c) यदाकदा तीन फिलामेण्ट्स स्केलेरीफॉर्म कॉन्जुगेशन में भाग ले सकते हैं। यहाँ मध्य फिलामेण्ट संबंधित लैंगिता प्रदर्शित करता है तथा एक नर के समान तथा दूसरा मादा के समान व्यवहार करता है। इस प्रकार से जायगोस्पोर का निर्माण या तो मध्य में या पाश्र्व फिलामेण्ट में होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215599
स्पाइरोगायरा में सीढ़ीनुमा संरचना बनती है
1 लेटरल कोन्जुगेशन में
2 फ्रेगमेन्टेशन में
3 पामेला अवस्था में
4 स्केलेरीफॉर्म कोन्जुगेशन में
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215600
स्पाइरोगायरा में गैमीट्स कभी-कभी संलयन के बिना ही जायगोस्पोर की तरह व्यवहार करते हैं। ये जनन संरचनायें कहलाती हैं
1 एजायगोस्पोर्स
2 हिप्नोस्पोर्स
3 जायगोस्पोर्स
4 ऐप्लेनोस्पोर्स
Explanation:
(a) दो गैमीट्स के संलयन के अभाव में, दोनों गैमीट्स एजायगोस्पोर में विकसित हो जाते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के अन्तर्गत शर्करा विलयन में स्थित स्पाइरोगायरा बेरिएन्स का फिलामेंट पाथ्र्नोस्पोर या एजायगोस्पोर को विकसित करता है।
(d) स्पाइरोगायरा का लैंगिक प्रजनन आइसोगैमस प्रकार का होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215597
पायरीनॉइड स्पाइरोगायरा के निम्न भाग में पाया जाता है
1 सायटोप्लाज्म
2 कोशिका भित्ति
3 क्लोरोप्लास्ट
4 केन्द्रक
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215598
जब स्पाइरोगायरा के तीन तन्तु कोन्जुगेशन में भाग ले रहे हों, तो सम्भावना होती है कि
1 बीच वाला एक तन्तु मादा हो और अन्य नर हो
2 बीच वाला एक तन्तु नर हो और अन्य मादा हो
3 दोनों \((a)\) तथा \((b)\)
4 उपरोक्त में से कोई नहीं
Explanation:
(c) यदाकदा तीन फिलामेण्ट्स स्केलेरीफॉर्म कॉन्जुगेशन में भाग ले सकते हैं। यहाँ मध्य फिलामेण्ट संबंधित लैंगिता प्रदर्शित करता है तथा एक नर के समान तथा दूसरा मादा के समान व्यवहार करता है। इस प्रकार से जायगोस्पोर का निर्माण या तो मध्य में या पाश्र्व फिलामेण्ट में होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215599
स्पाइरोगायरा में सीढ़ीनुमा संरचना बनती है
1 लेटरल कोन्जुगेशन में
2 फ्रेगमेन्टेशन में
3 पामेला अवस्था में
4 स्केलेरीफॉर्म कोन्जुगेशन में
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215600
स्पाइरोगायरा में गैमीट्स कभी-कभी संलयन के बिना ही जायगोस्पोर की तरह व्यवहार करते हैं। ये जनन संरचनायें कहलाती हैं
1 एजायगोस्पोर्स
2 हिप्नोस्पोर्स
3 जायगोस्पोर्स
4 ऐप्लेनोस्पोर्स
Explanation:
(a) दो गैमीट्स के संलयन के अभाव में, दोनों गैमीट्स एजायगोस्पोर में विकसित हो जाते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के अन्तर्गत शर्करा विलयन में स्थित स्पाइरोगायरा बेरिएन्स का फिलामेंट पाथ्र्नोस्पोर या एजायगोस्पोर को विकसित करता है।
(d) स्पाइरोगायरा का लैंगिक प्रजनन आइसोगैमस प्रकार का होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215597
पायरीनॉइड स्पाइरोगायरा के निम्न भाग में पाया जाता है
1 सायटोप्लाज्म
2 कोशिका भित्ति
3 क्लोरोप्लास्ट
4 केन्द्रक
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215598
जब स्पाइरोगायरा के तीन तन्तु कोन्जुगेशन में भाग ले रहे हों, तो सम्भावना होती है कि
1 बीच वाला एक तन्तु मादा हो और अन्य नर हो
2 बीच वाला एक तन्तु नर हो और अन्य मादा हो
3 दोनों \((a)\) तथा \((b)\)
4 उपरोक्त में से कोई नहीं
Explanation:
(c) यदाकदा तीन फिलामेण्ट्स स्केलेरीफॉर्म कॉन्जुगेशन में भाग ले सकते हैं। यहाँ मध्य फिलामेण्ट संबंधित लैंगिता प्रदर्शित करता है तथा एक नर के समान तथा दूसरा मादा के समान व्यवहार करता है। इस प्रकार से जायगोस्पोर का निर्माण या तो मध्य में या पाश्र्व फिलामेण्ट में होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215599
स्पाइरोगायरा में सीढ़ीनुमा संरचना बनती है
1 लेटरल कोन्जुगेशन में
2 फ्रेगमेन्टेशन में
3 पामेला अवस्था में
4 स्केलेरीफॉर्म कोन्जुगेशन में
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215600
स्पाइरोगायरा में गैमीट्स कभी-कभी संलयन के बिना ही जायगोस्पोर की तरह व्यवहार करते हैं। ये जनन संरचनायें कहलाती हैं
1 एजायगोस्पोर्स
2 हिप्नोस्पोर्स
3 जायगोस्पोर्स
4 ऐप्लेनोस्पोर्स
Explanation:
(a) दो गैमीट्स के संलयन के अभाव में, दोनों गैमीट्स एजायगोस्पोर में विकसित हो जाते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के अन्तर्गत शर्करा विलयन में स्थित स्पाइरोगायरा बेरिएन्स का फिलामेंट पाथ्र्नोस्पोर या एजायगोस्पोर को विकसित करता है।
(d) स्पाइरोगायरा का लैंगिक प्रजनन आइसोगैमस प्रकार का होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215597
पायरीनॉइड स्पाइरोगायरा के निम्न भाग में पाया जाता है
1 सायटोप्लाज्म
2 कोशिका भित्ति
3 क्लोरोप्लास्ट
4 केन्द्रक
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215598
जब स्पाइरोगायरा के तीन तन्तु कोन्जुगेशन में भाग ले रहे हों, तो सम्भावना होती है कि
1 बीच वाला एक तन्तु मादा हो और अन्य नर हो
2 बीच वाला एक तन्तु नर हो और अन्य मादा हो
3 दोनों \((a)\) तथा \((b)\)
4 उपरोक्त में से कोई नहीं
Explanation:
(c) यदाकदा तीन फिलामेण्ट्स स्केलेरीफॉर्म कॉन्जुगेशन में भाग ले सकते हैं। यहाँ मध्य फिलामेण्ट संबंधित लैंगिता प्रदर्शित करता है तथा एक नर के समान तथा दूसरा मादा के समान व्यवहार करता है। इस प्रकार से जायगोस्पोर का निर्माण या तो मध्य में या पाश्र्व फिलामेण्ट में होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215599
स्पाइरोगायरा में सीढ़ीनुमा संरचना बनती है
1 लेटरल कोन्जुगेशन में
2 फ्रेगमेन्टेशन में
3 पामेला अवस्था में
4 स्केलेरीफॉर्म कोन्जुगेशन में
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215600
स्पाइरोगायरा में गैमीट्स कभी-कभी संलयन के बिना ही जायगोस्पोर की तरह व्यवहार करते हैं। ये जनन संरचनायें कहलाती हैं
1 एजायगोस्पोर्स
2 हिप्नोस्पोर्स
3 जायगोस्पोर्स
4 ऐप्लेनोस्पोर्स
Explanation:
(a) दो गैमीट्स के संलयन के अभाव में, दोनों गैमीट्स एजायगोस्पोर में विकसित हो जाते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के अन्तर्गत शर्करा विलयन में स्थित स्पाइरोगायरा बेरिएन्स का फिलामेंट पाथ्र्नोस्पोर या एजायगोस्पोर को विकसित करता है।
(d) स्पाइरोगायरा का लैंगिक प्रजनन आइसोगैमस प्रकार का होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215597
पायरीनॉइड स्पाइरोगायरा के निम्न भाग में पाया जाता है
1 सायटोप्लाज्म
2 कोशिका भित्ति
3 क्लोरोप्लास्ट
4 केन्द्रक
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215598
जब स्पाइरोगायरा के तीन तन्तु कोन्जुगेशन में भाग ले रहे हों, तो सम्भावना होती है कि
1 बीच वाला एक तन्तु मादा हो और अन्य नर हो
2 बीच वाला एक तन्तु नर हो और अन्य मादा हो
3 दोनों \((a)\) तथा \((b)\)
4 उपरोक्त में से कोई नहीं
Explanation:
(c) यदाकदा तीन फिलामेण्ट्स स्केलेरीफॉर्म कॉन्जुगेशन में भाग ले सकते हैं। यहाँ मध्य फिलामेण्ट संबंधित लैंगिता प्रदर्शित करता है तथा एक नर के समान तथा दूसरा मादा के समान व्यवहार करता है। इस प्रकार से जायगोस्पोर का निर्माण या तो मध्य में या पाश्र्व फिलामेण्ट में होता है।
03. PLANT KINGDOM (HM)
215599
स्पाइरोगायरा में सीढ़ीनुमा संरचना बनती है
1 लेटरल कोन्जुगेशन में
2 फ्रेगमेन्टेशन में
3 पामेला अवस्था में
4 स्केलेरीफॉर्म कोन्जुगेशन में
Explanation:
03. PLANT KINGDOM (HM)
215600
स्पाइरोगायरा में गैमीट्स कभी-कभी संलयन के बिना ही जायगोस्पोर की तरह व्यवहार करते हैं। ये जनन संरचनायें कहलाती हैं
1 एजायगोस्पोर्स
2 हिप्नोस्पोर्स
3 जायगोस्पोर्स
4 ऐप्लेनोस्पोर्स
Explanation:
(a) दो गैमीट्स के संलयन के अभाव में, दोनों गैमीट्स एजायगोस्पोर में विकसित हो जाते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के अन्तर्गत शर्करा विलयन में स्थित स्पाइरोगायरा बेरिएन्स का फिलामेंट पाथ्र्नोस्पोर या एजायगोस्पोर को विकसित करता है।