\(2AgCl_{(s)} + H_{2(g)} → 2HCl_{(aq.)} + 2Ag_{(s)}\) ठोस एवं द्रवों की सक्रियता को इकाई की तरह लिया जाता है एवं निम्न सान्द्रता पर, विलेय की सक्रियता लगभग उसकी मोलरता होती है। सेल अभिक्रिया होगी, \(Pt_{(s)} | H_{2(g)}, 1 bar | H^+_{(aq)} 1 M | AgCl_{(aq)} 1 M | Ag_{(s)}\)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206206
यदि \(Z{n^{2 + }}/Zn\) इलेक्ट्रोड को \(100 \) गुना तनु किया जाये तो वि. वा. बल में निम्न परिवर्तन होगा
206208
एक इलेक्ट्रोड द्वारा इलेक्ट्रॉनों को खोने की प्रवृत्ति कहलाती है
1 इलेक्ट्रोड विभव
2 अपचयन विभव
3 ऑक्सीकरण विभव
4 वि. वा. बल
Explanation:
किसी धातु के इलेक्ट्रोड विभव का परिमाण उसकी इलेक्ट्रॉन खोने अथवा प्राप्त करने की आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है अर्थात् यह ऑक्सीकरण (इलेक्ट्रॉन का खोना) अथवा अपचयन (इलेक्ट्रॉन की प्राप्ति) के लिये आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है।\(M \to {M^{n + }} + n{e^ - }\) (ऑक्सीकरण विभव) \({M^{n + }} + n{e^ - } \to M\) (अपचयन विभव)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206209
जब विद्युत धारा को आयनिक हाइड्राइड की गलित अवस्था में से प्रवाहित किया जाता है, तब
1 हाइड्रोजन एनोड पर प्राप्त होती है
2 हाइड्रोजन कैथोड पर प्राप्त होती है
3 कोई परिवर्तन नहीं होता है
4 हाइड्राइड आयन कैथोड की ओर गति करते हैं
Explanation:
गलित आयनिक हाइड्राइड \((LiH)\) के विद्युत अपघटन पर, एनोड पर हाइड्रोजन प्राप्त होती है। \(MH + {H_2}O \to MOH + {H_2} \uparrow \)
\(2AgCl_{(s)} + H_{2(g)} → 2HCl_{(aq.)} + 2Ag_{(s)}\) ठोस एवं द्रवों की सक्रियता को इकाई की तरह लिया जाता है एवं निम्न सान्द्रता पर, विलेय की सक्रियता लगभग उसकी मोलरता होती है। सेल अभिक्रिया होगी, \(Pt_{(s)} | H_{2(g)}, 1 bar | H^+_{(aq)} 1 M | AgCl_{(aq)} 1 M | Ag_{(s)}\)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206206
यदि \(Z{n^{2 + }}/Zn\) इलेक्ट्रोड को \(100 \) गुना तनु किया जाये तो वि. वा. बल में निम्न परिवर्तन होगा
206208
एक इलेक्ट्रोड द्वारा इलेक्ट्रॉनों को खोने की प्रवृत्ति कहलाती है
1 इलेक्ट्रोड विभव
2 अपचयन विभव
3 ऑक्सीकरण विभव
4 वि. वा. बल
Explanation:
किसी धातु के इलेक्ट्रोड विभव का परिमाण उसकी इलेक्ट्रॉन खोने अथवा प्राप्त करने की आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है अर्थात् यह ऑक्सीकरण (इलेक्ट्रॉन का खोना) अथवा अपचयन (इलेक्ट्रॉन की प्राप्ति) के लिये आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है।\(M \to {M^{n + }} + n{e^ - }\) (ऑक्सीकरण विभव) \({M^{n + }} + n{e^ - } \to M\) (अपचयन विभव)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206209
जब विद्युत धारा को आयनिक हाइड्राइड की गलित अवस्था में से प्रवाहित किया जाता है, तब
1 हाइड्रोजन एनोड पर प्राप्त होती है
2 हाइड्रोजन कैथोड पर प्राप्त होती है
3 कोई परिवर्तन नहीं होता है
4 हाइड्राइड आयन कैथोड की ओर गति करते हैं
Explanation:
गलित आयनिक हाइड्राइड \((LiH)\) के विद्युत अपघटन पर, एनोड पर हाइड्रोजन प्राप्त होती है। \(MH + {H_2}O \to MOH + {H_2} \uparrow \)
\(2AgCl_{(s)} + H_{2(g)} → 2HCl_{(aq.)} + 2Ag_{(s)}\) ठोस एवं द्रवों की सक्रियता को इकाई की तरह लिया जाता है एवं निम्न सान्द्रता पर, विलेय की सक्रियता लगभग उसकी मोलरता होती है। सेल अभिक्रिया होगी, \(Pt_{(s)} | H_{2(g)}, 1 bar | H^+_{(aq)} 1 M | AgCl_{(aq)} 1 M | Ag_{(s)}\)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206206
यदि \(Z{n^{2 + }}/Zn\) इलेक्ट्रोड को \(100 \) गुना तनु किया जाये तो वि. वा. बल में निम्न परिवर्तन होगा
206208
एक इलेक्ट्रोड द्वारा इलेक्ट्रॉनों को खोने की प्रवृत्ति कहलाती है
1 इलेक्ट्रोड विभव
2 अपचयन विभव
3 ऑक्सीकरण विभव
4 वि. वा. बल
Explanation:
किसी धातु के इलेक्ट्रोड विभव का परिमाण उसकी इलेक्ट्रॉन खोने अथवा प्राप्त करने की आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है अर्थात् यह ऑक्सीकरण (इलेक्ट्रॉन का खोना) अथवा अपचयन (इलेक्ट्रॉन की प्राप्ति) के लिये आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है।\(M \to {M^{n + }} + n{e^ - }\) (ऑक्सीकरण विभव) \({M^{n + }} + n{e^ - } \to M\) (अपचयन विभव)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206209
जब विद्युत धारा को आयनिक हाइड्राइड की गलित अवस्था में से प्रवाहित किया जाता है, तब
1 हाइड्रोजन एनोड पर प्राप्त होती है
2 हाइड्रोजन कैथोड पर प्राप्त होती है
3 कोई परिवर्तन नहीं होता है
4 हाइड्राइड आयन कैथोड की ओर गति करते हैं
Explanation:
गलित आयनिक हाइड्राइड \((LiH)\) के विद्युत अपघटन पर, एनोड पर हाइड्रोजन प्राप्त होती है। \(MH + {H_2}O \to MOH + {H_2} \uparrow \)
\(2AgCl_{(s)} + H_{2(g)} → 2HCl_{(aq.)} + 2Ag_{(s)}\) ठोस एवं द्रवों की सक्रियता को इकाई की तरह लिया जाता है एवं निम्न सान्द्रता पर, विलेय की सक्रियता लगभग उसकी मोलरता होती है। सेल अभिक्रिया होगी, \(Pt_{(s)} | H_{2(g)}, 1 bar | H^+_{(aq)} 1 M | AgCl_{(aq)} 1 M | Ag_{(s)}\)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206206
यदि \(Z{n^{2 + }}/Zn\) इलेक्ट्रोड को \(100 \) गुना तनु किया जाये तो वि. वा. बल में निम्न परिवर्तन होगा
206208
एक इलेक्ट्रोड द्वारा इलेक्ट्रॉनों को खोने की प्रवृत्ति कहलाती है
1 इलेक्ट्रोड विभव
2 अपचयन विभव
3 ऑक्सीकरण विभव
4 वि. वा. बल
Explanation:
किसी धातु के इलेक्ट्रोड विभव का परिमाण उसकी इलेक्ट्रॉन खोने अथवा प्राप्त करने की आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है अर्थात् यह ऑक्सीकरण (इलेक्ट्रॉन का खोना) अथवा अपचयन (इलेक्ट्रॉन की प्राप्ति) के लिये आपेक्षिक प्रवृत्ति की माप है।\(M \to {M^{n + }} + n{e^ - }\) (ऑक्सीकरण विभव) \({M^{n + }} + n{e^ - } \to M\) (अपचयन विभव)
03. ELECTROCHEMISTRY (HM)
206209
जब विद्युत धारा को आयनिक हाइड्राइड की गलित अवस्था में से प्रवाहित किया जाता है, तब
1 हाइड्रोजन एनोड पर प्राप्त होती है
2 हाइड्रोजन कैथोड पर प्राप्त होती है
3 कोई परिवर्तन नहीं होता है
4 हाइड्राइड आयन कैथोड की ओर गति करते हैं
Explanation:
गलित आयनिक हाइड्राइड \((LiH)\) के विद्युत अपघटन पर, एनोड पर हाइड्रोजन प्राप्त होती है। \(MH + {H_2}O \to MOH + {H_2} \uparrow \)