202713
एक स्प्रिंग को जब खींचा जाता है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा हो जाती है। यदि इसे खींचा जाये तो स्थितिज ऊर्जा होगी
1
2
3
4 इनमें से कोई नहीं
Explanation:
, यदि का मान गुना बढ़ता है, तब ऊर्जा का मान गुना बढ़ जाएगा अर्थात्
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202714 स्प्रिंग नियतांक की स्प्रिंग को सामान्य स्थिति से खींचा जाता है। इसे और खींचने के लिए आवश्यक कार्य ............. होगा
1
2
3
4
Explanation:
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202715
एक चिकने क्षैतिज तल पर मी/ सै के वेग से गतिशील द्रव्यमान की एक वस्तु लगभग भारहीन स्प्रिंग, जिसका स्प्रिंग नियतांक है, से टकराती है। स्प्रिंग का अधिकतम संपीड़न ............. होगा
1
2
3
4
Explanation:
द्रव्यमान की गतिज ऊर्जा स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है।
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202716
एक कण सरल रेखीय पथ पर गतिशील है, जिसका मंदन विस्थापन के समानुपाती है। इसके विस्थापन में होने वाला गतिज ऊर्जा हृास समानुपाती होगा
1
2
3
4
Explanation:
यह स्थिति सरल आवर्त गति के लिए लागू होती है। जब कण अपनी माध्य स्थिति से उच्चतम स्थिति में आता है, तब इसकी स्थितिज ऊर्जा समीकरण के अनुसार बढ़ती है, तथा उसी के अनुसार गतिज ऊर्जा घटती है।
202713
एक स्प्रिंग को जब खींचा जाता है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा हो जाती है। यदि इसे खींचा जाये तो स्थितिज ऊर्जा होगी
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4 इनमें से कोई नहीं
Explanation:
, यदि का मान गुना बढ़ता है, तब ऊर्जा का मान गुना बढ़ जाएगा अर्थात्
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202714 स्प्रिंग नियतांक की स्प्रिंग को सामान्य स्थिति से खींचा जाता है। इसे और खींचने के लिए आवश्यक कार्य ............. होगा
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Explanation:
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202715
एक चिकने क्षैतिज तल पर मी/ सै के वेग से गतिशील द्रव्यमान की एक वस्तु लगभग भारहीन स्प्रिंग, जिसका स्प्रिंग नियतांक है, से टकराती है। स्प्रिंग का अधिकतम संपीड़न ............. होगा
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Explanation:
द्रव्यमान की गतिज ऊर्जा स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है।
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202716
एक कण सरल रेखीय पथ पर गतिशील है, जिसका मंदन विस्थापन के समानुपाती है। इसके विस्थापन में होने वाला गतिज ऊर्जा हृास समानुपाती होगा
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Explanation:
यह स्थिति सरल आवर्त गति के लिए लागू होती है। जब कण अपनी माध्य स्थिति से उच्चतम स्थिति में आता है, तब इसकी स्थितिज ऊर्जा समीकरण के अनुसार बढ़ती है, तथा उसी के अनुसार गतिज ऊर्जा घटती है।
202713
एक स्प्रिंग को जब खींचा जाता है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा हो जाती है। यदि इसे खींचा जाये तो स्थितिज ऊर्जा होगी
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4 इनमें से कोई नहीं
Explanation:
, यदि का मान गुना बढ़ता है, तब ऊर्जा का मान गुना बढ़ जाएगा अर्थात्
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202714 स्प्रिंग नियतांक की स्प्रिंग को सामान्य स्थिति से खींचा जाता है। इसे और खींचने के लिए आवश्यक कार्य ............. होगा
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Explanation:
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202715
एक चिकने क्षैतिज तल पर मी/ सै के वेग से गतिशील द्रव्यमान की एक वस्तु लगभग भारहीन स्प्रिंग, जिसका स्प्रिंग नियतांक है, से टकराती है। स्प्रिंग का अधिकतम संपीड़न ............. होगा
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Explanation:
द्रव्यमान की गतिज ऊर्जा स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है।
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202716
एक कण सरल रेखीय पथ पर गतिशील है, जिसका मंदन विस्थापन के समानुपाती है। इसके विस्थापन में होने वाला गतिज ऊर्जा हृास समानुपाती होगा
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Explanation:
यह स्थिति सरल आवर्त गति के लिए लागू होती है। जब कण अपनी माध्य स्थिति से उच्चतम स्थिति में आता है, तब इसकी स्थितिज ऊर्जा समीकरण के अनुसार बढ़ती है, तथा उसी के अनुसार गतिज ऊर्जा घटती है।
202713
एक स्प्रिंग को जब खींचा जाता है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा हो जाती है। यदि इसे खींचा जाये तो स्थितिज ऊर्जा होगी
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Explanation:
, यदि का मान गुना बढ़ता है, तब ऊर्जा का मान गुना बढ़ जाएगा अर्थात्
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202714 स्प्रिंग नियतांक की स्प्रिंग को सामान्य स्थिति से खींचा जाता है। इसे और खींचने के लिए आवश्यक कार्य ............. होगा
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Explanation:
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202715
एक चिकने क्षैतिज तल पर मी/ सै के वेग से गतिशील द्रव्यमान की एक वस्तु लगभग भारहीन स्प्रिंग, जिसका स्प्रिंग नियतांक है, से टकराती है। स्प्रिंग का अधिकतम संपीड़न ............. होगा
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Explanation:
द्रव्यमान की गतिज ऊर्जा स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है।
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202716
एक कण सरल रेखीय पथ पर गतिशील है, जिसका मंदन विस्थापन के समानुपाती है। इसके विस्थापन में होने वाला गतिज ऊर्जा हृास समानुपाती होगा
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Explanation:
यह स्थिति सरल आवर्त गति के लिए लागू होती है। जब कण अपनी माध्य स्थिति से उच्चतम स्थिति में आता है, तब इसकी स्थितिज ऊर्जा समीकरण के अनुसार बढ़ती है, तथा उसी के अनुसार गतिज ऊर्जा घटती है।