202641
एक सरल लोलक ऊध्र्वाधर तल में दोलन करता है। जब यह मध्यमान स्थिति से गुजरता है, तब धागे में तनाव, गोलक के भार का तीन गुना है। ऊध्र्वाधर से लोलक के धागे का अधिकतम विस्थापन ......... \(^o\) होगा
1 \(30\)
2 \(45\)
3 \(60\)
4 \(90\)
Explanation:
माध्य स्थिति पर तनाव, \(mg + \frac{{m{v^2}}}{r} = 3\,mg\) \(v = \sqrt {2gl} \) ....…\((i)\) तथा यदि वस्तु को ऊध्र्वाधर से q कोण विस्थापित कर दें तो \(v = \sqrt {2gl(1 - \cos \theta )}\) …\((ii)\) \((i)\) तथा \((ii)\) की तुलना करने पर \(\cos \theta = 0\) $⇒$ \(\theta = 90^\circ \)
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202642
एक कण ऊध्र्वाधर वृत्त में गतिमान है। जब यह ऊध्र्वाधर से (निम्नतम स्थिति में) \(30^{o}\) तथा \(60^{o}\) की कोणीय स्थिति से गुजरता है तब धागे में तनाव क्रमश: \(T_1\) तथा \(T_2\) है। तब
202643
एक कण \(42\) मीटर व्यास के गोले के उच्चतम बिन्दु पर विरामावस्था में रखा है। जब इसे हल्का सा विक्षेपित करते हैं तो यह नीचे फिसलता है। आधार से ...... \(m\) ऊँचाई \(h\), पर कण गोले को छोड़ देगा
1 \(14\)
2 \(28\)
3 \(35\)
4 \(7 \)
Explanation:
चूँकि हम जानते हैं कि अर्धगोले पर गतिशील कण गोले को ऊँचाई \(h = 2r/3\) पर छोड़ता है \(h = \frac{2}{3} \times 21 = 14\,m\) परन्तु तल से ऊँचाई \(H = h + r = 14 + 21 = 35\,m\)
202641
एक सरल लोलक ऊध्र्वाधर तल में दोलन करता है। जब यह मध्यमान स्थिति से गुजरता है, तब धागे में तनाव, गोलक के भार का तीन गुना है। ऊध्र्वाधर से लोलक के धागे का अधिकतम विस्थापन ......... \(^o\) होगा
1 \(30\)
2 \(45\)
3 \(60\)
4 \(90\)
Explanation:
माध्य स्थिति पर तनाव, \(mg + \frac{{m{v^2}}}{r} = 3\,mg\) \(v = \sqrt {2gl} \) ....…\((i)\) तथा यदि वस्तु को ऊध्र्वाधर से q कोण विस्थापित कर दें तो \(v = \sqrt {2gl(1 - \cos \theta )}\) …\((ii)\) \((i)\) तथा \((ii)\) की तुलना करने पर \(\cos \theta = 0\) $⇒$ \(\theta = 90^\circ \)
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202642
एक कण ऊध्र्वाधर वृत्त में गतिमान है। जब यह ऊध्र्वाधर से (निम्नतम स्थिति में) \(30^{o}\) तथा \(60^{o}\) की कोणीय स्थिति से गुजरता है तब धागे में तनाव क्रमश: \(T_1\) तथा \(T_2\) है। तब
202643
एक कण \(42\) मीटर व्यास के गोले के उच्चतम बिन्दु पर विरामावस्था में रखा है। जब इसे हल्का सा विक्षेपित करते हैं तो यह नीचे फिसलता है। आधार से ...... \(m\) ऊँचाई \(h\), पर कण गोले को छोड़ देगा
1 \(14\)
2 \(28\)
3 \(35\)
4 \(7 \)
Explanation:
चूँकि हम जानते हैं कि अर्धगोले पर गतिशील कण गोले को ऊँचाई \(h = 2r/3\) पर छोड़ता है \(h = \frac{2}{3} \times 21 = 14\,m\) परन्तु तल से ऊँचाई \(H = h + r = 14 + 21 = 35\,m\)
202641
एक सरल लोलक ऊध्र्वाधर तल में दोलन करता है। जब यह मध्यमान स्थिति से गुजरता है, तब धागे में तनाव, गोलक के भार का तीन गुना है। ऊध्र्वाधर से लोलक के धागे का अधिकतम विस्थापन ......... \(^o\) होगा
1 \(30\)
2 \(45\)
3 \(60\)
4 \(90\)
Explanation:
माध्य स्थिति पर तनाव, \(mg + \frac{{m{v^2}}}{r} = 3\,mg\) \(v = \sqrt {2gl} \) ....…\((i)\) तथा यदि वस्तु को ऊध्र्वाधर से q कोण विस्थापित कर दें तो \(v = \sqrt {2gl(1 - \cos \theta )}\) …\((ii)\) \((i)\) तथा \((ii)\) की तुलना करने पर \(\cos \theta = 0\) $⇒$ \(\theta = 90^\circ \)
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202642
एक कण ऊध्र्वाधर वृत्त में गतिमान है। जब यह ऊध्र्वाधर से (निम्नतम स्थिति में) \(30^{o}\) तथा \(60^{o}\) की कोणीय स्थिति से गुजरता है तब धागे में तनाव क्रमश: \(T_1\) तथा \(T_2\) है। तब
202643
एक कण \(42\) मीटर व्यास के गोले के उच्चतम बिन्दु पर विरामावस्था में रखा है। जब इसे हल्का सा विक्षेपित करते हैं तो यह नीचे फिसलता है। आधार से ...... \(m\) ऊँचाई \(h\), पर कण गोले को छोड़ देगा
1 \(14\)
2 \(28\)
3 \(35\)
4 \(7 \)
Explanation:
चूँकि हम जानते हैं कि अर्धगोले पर गतिशील कण गोले को ऊँचाई \(h = 2r/3\) पर छोड़ता है \(h = \frac{2}{3} \times 21 = 14\,m\) परन्तु तल से ऊँचाई \(H = h + r = 14 + 21 = 35\,m\)
202641
एक सरल लोलक ऊध्र्वाधर तल में दोलन करता है। जब यह मध्यमान स्थिति से गुजरता है, तब धागे में तनाव, गोलक के भार का तीन गुना है। ऊध्र्वाधर से लोलक के धागे का अधिकतम विस्थापन ......... \(^o\) होगा
1 \(30\)
2 \(45\)
3 \(60\)
4 \(90\)
Explanation:
माध्य स्थिति पर तनाव, \(mg + \frac{{m{v^2}}}{r} = 3\,mg\) \(v = \sqrt {2gl} \) ....…\((i)\) तथा यदि वस्तु को ऊध्र्वाधर से q कोण विस्थापित कर दें तो \(v = \sqrt {2gl(1 - \cos \theta )}\) …\((ii)\) \((i)\) तथा \((ii)\) की तुलना करने पर \(\cos \theta = 0\) $⇒$ \(\theta = 90^\circ \)
06. WORK ENERGY AND POWER (HM)
202642
एक कण ऊध्र्वाधर वृत्त में गतिमान है। जब यह ऊध्र्वाधर से (निम्नतम स्थिति में) \(30^{o}\) तथा \(60^{o}\) की कोणीय स्थिति से गुजरता है तब धागे में तनाव क्रमश: \(T_1\) तथा \(T_2\) है। तब
202643
एक कण \(42\) मीटर व्यास के गोले के उच्चतम बिन्दु पर विरामावस्था में रखा है। जब इसे हल्का सा विक्षेपित करते हैं तो यह नीचे फिसलता है। आधार से ...... \(m\) ऊँचाई \(h\), पर कण गोले को छोड़ देगा
1 \(14\)
2 \(28\)
3 \(35\)
4 \(7 \)
Explanation:
चूँकि हम जानते हैं कि अर्धगोले पर गतिशील कण गोले को ऊँचाई \(h = 2r/3\) पर छोड़ता है \(h = \frac{2}{3} \times 21 = 14\,m\) परन्तु तल से ऊँचाई \(H = h + r = 14 + 21 = 35\,m\)