200726
\(m \) द्रव्यमान का छोटा गोला अत्यधिक ऊँचाई से गिराया जाता है। \(10\; m\) गिरने के पश्चात् यह क्रांतिक वेग प्राप्त कर लेता है व फिर इसी वेग से गिरता है। वायु के घर्षण द्वारा पिण्ड के प्रारम्भिक \(100 \;m \) गिरने में किया गया कार्य होगा
1 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m \) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से अधिक
2 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m\) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से कम
3 \(100 \;mg \) के तुल्य
4 \(100\; mg \) से अधिक
Explanation:
(b) पहले \(100 m\) में वस्तु विराम से शुरू करती है तथा इसका वेग बढ़ता चला जाता है और \(100 m\) के बाद यह अपना अधिकतम वेग (सीमांत वेग) प्राप्त कर लेती है। वायु का घर्षण अर्थात् श्यान बल जो कि वेग के अनुक्रमानुपाती है शुरू में कम तथा बाद में \(v = {v_T}\) पर अधिकतम होगा। अत: पहले \(100 m\) में वायु घर्षण द्वारा किया गया कार्य अगले \(100 m\) में किये गये कार्य से कम होगा ।
FLUID MECHANICS (HM)
200727
समान त्रिज्या की दो बूँदें वायु में गिर रही हैं। उनके क्रांतिक वेग \(5 cm/sec\) हैं। यदि बूँदें परस्पर जुड़ जायें, तो क्रांतिक वेग होगा
1 \(10\) सेमी/सै
2 \(2.5 \) सेमी/सै
3 \(5 \times {(4)^{1/3}}\) सेमी/सै
4 \(5 \times \sqrt 2 \,\)सेमी/सै
Explanation:
(c)यदि समान त्रिज्या \(r\) की दो बूँदें आपस में मिल जाती हैं, तथा नई बूँद की त्रिज्या \(R\) है तो, \(\frac{4}{3}\pi {R^3} = \frac{4}{3}\pi {r^3} + \frac{4}{3}\pi {r^3}\)==> \({R^3} = 2{r^3} \Rightarrow R = {2^{1/3}}r\) यदि \(r\) त्रिज्या की कोई बूँद श्यान माध्यम में गिरती है, तो यह क्रांतिक वेग \(v \) प्राप्त कर लेती है तथा \(v \propto {r^2}\) \(\frac{{{v_2}}}{{{v_1}}} = {\left( {\frac{R}{r}} \right)^2} = {\left( {\frac{{{2^{1/3}}r}}{r}} \right)^2}\) ==> \({v_2} = {2^{2/3}} \times {v_1} = {2^{2/3}} \times (5) = 5 \times {(4)^{1/3}}m/s\)
FLUID MECHANICS (HM)
200728
एक गेंद जिसकी त्रिज्या \(r\) व घनत्व है, गुरुत्व के अधीन मुक्त रूप से गिर रही है। \(h \) ऊँचाई से गिरने के पश्चात् वह जल में प्रवेश करती है। जल में प्रवेश करने के पश्चात् भी उसकी चाल नियत बनी रहती है। जल की श्यानता हो, तो h का मान होगा
(c)पानी की सतह से टकराते समय गेंद का वेग \(v = \sqrt {2gh} \) …(i) पानी के भीतर गेंद का सीमांत वेग (Terminal velocity) \(v = \frac{2}{9}{r^2}g\frac{{\left( {\rho - 1} \right)}}{\eta }\) …(ii) समीकरण (i) तथा (ii) को समान करने पर, हमें प्राप्त होता है \(\sqrt {2gh} = \frac{2}{9}\frac{{{r^2}g}}{\eta }(\rho - 1)\) ==> \(h = \frac{2}{{81}}{r^4}{\left( {\frac{{\rho - 1}}{\eta }} \right)^2}g\)
FLUID MECHANICS (HM)
200729
एक समान क्षैतिज केशनली से एक द्रव प्रवाहित हो रहा है। नली के सिरों पर दाबांतर \(P \) है। किस दाब पर नली की त्रिज्या तथा लम्बाई दुगुनी करने पर, प्रवाह वेग भी दो गुना हो जाएगा
200726
\(m \) द्रव्यमान का छोटा गोला अत्यधिक ऊँचाई से गिराया जाता है। \(10\; m\) गिरने के पश्चात् यह क्रांतिक वेग प्राप्त कर लेता है व फिर इसी वेग से गिरता है। वायु के घर्षण द्वारा पिण्ड के प्रारम्भिक \(100 \;m \) गिरने में किया गया कार्य होगा
1 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m \) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से अधिक
2 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m\) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से कम
3 \(100 \;mg \) के तुल्य
4 \(100\; mg \) से अधिक
Explanation:
(b) पहले \(100 m\) में वस्तु विराम से शुरू करती है तथा इसका वेग बढ़ता चला जाता है और \(100 m\) के बाद यह अपना अधिकतम वेग (सीमांत वेग) प्राप्त कर लेती है। वायु का घर्षण अर्थात् श्यान बल जो कि वेग के अनुक्रमानुपाती है शुरू में कम तथा बाद में \(v = {v_T}\) पर अधिकतम होगा। अत: पहले \(100 m\) में वायु घर्षण द्वारा किया गया कार्य अगले \(100 m\) में किये गये कार्य से कम होगा ।
FLUID MECHANICS (HM)
200727
समान त्रिज्या की दो बूँदें वायु में गिर रही हैं। उनके क्रांतिक वेग \(5 cm/sec\) हैं। यदि बूँदें परस्पर जुड़ जायें, तो क्रांतिक वेग होगा
1 \(10\) सेमी/सै
2 \(2.5 \) सेमी/सै
3 \(5 \times {(4)^{1/3}}\) सेमी/सै
4 \(5 \times \sqrt 2 \,\)सेमी/सै
Explanation:
(c)यदि समान त्रिज्या \(r\) की दो बूँदें आपस में मिल जाती हैं, तथा नई बूँद की त्रिज्या \(R\) है तो, \(\frac{4}{3}\pi {R^3} = \frac{4}{3}\pi {r^3} + \frac{4}{3}\pi {r^3}\)==> \({R^3} = 2{r^3} \Rightarrow R = {2^{1/3}}r\) यदि \(r\) त्रिज्या की कोई बूँद श्यान माध्यम में गिरती है, तो यह क्रांतिक वेग \(v \) प्राप्त कर लेती है तथा \(v \propto {r^2}\) \(\frac{{{v_2}}}{{{v_1}}} = {\left( {\frac{R}{r}} \right)^2} = {\left( {\frac{{{2^{1/3}}r}}{r}} \right)^2}\) ==> \({v_2} = {2^{2/3}} \times {v_1} = {2^{2/3}} \times (5) = 5 \times {(4)^{1/3}}m/s\)
FLUID MECHANICS (HM)
200728
एक गेंद जिसकी त्रिज्या \(r\) व घनत्व है, गुरुत्व के अधीन मुक्त रूप से गिर रही है। \(h \) ऊँचाई से गिरने के पश्चात् वह जल में प्रवेश करती है। जल में प्रवेश करने के पश्चात् भी उसकी चाल नियत बनी रहती है। जल की श्यानता हो, तो h का मान होगा
(c)पानी की सतह से टकराते समय गेंद का वेग \(v = \sqrt {2gh} \) …(i) पानी के भीतर गेंद का सीमांत वेग (Terminal velocity) \(v = \frac{2}{9}{r^2}g\frac{{\left( {\rho - 1} \right)}}{\eta }\) …(ii) समीकरण (i) तथा (ii) को समान करने पर, हमें प्राप्त होता है \(\sqrt {2gh} = \frac{2}{9}\frac{{{r^2}g}}{\eta }(\rho - 1)\) ==> \(h = \frac{2}{{81}}{r^4}{\left( {\frac{{\rho - 1}}{\eta }} \right)^2}g\)
FLUID MECHANICS (HM)
200729
एक समान क्षैतिज केशनली से एक द्रव प्रवाहित हो रहा है। नली के सिरों पर दाबांतर \(P \) है। किस दाब पर नली की त्रिज्या तथा लम्बाई दुगुनी करने पर, प्रवाह वेग भी दो गुना हो जाएगा
200726
\(m \) द्रव्यमान का छोटा गोला अत्यधिक ऊँचाई से गिराया जाता है। \(10\; m\) गिरने के पश्चात् यह क्रांतिक वेग प्राप्त कर लेता है व फिर इसी वेग से गिरता है। वायु के घर्षण द्वारा पिण्ड के प्रारम्भिक \(100 \;m \) गिरने में किया गया कार्य होगा
1 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m \) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से अधिक
2 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m\) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से कम
3 \(100 \;mg \) के तुल्य
4 \(100\; mg \) से अधिक
Explanation:
(b) पहले \(100 m\) में वस्तु विराम से शुरू करती है तथा इसका वेग बढ़ता चला जाता है और \(100 m\) के बाद यह अपना अधिकतम वेग (सीमांत वेग) प्राप्त कर लेती है। वायु का घर्षण अर्थात् श्यान बल जो कि वेग के अनुक्रमानुपाती है शुरू में कम तथा बाद में \(v = {v_T}\) पर अधिकतम होगा। अत: पहले \(100 m\) में वायु घर्षण द्वारा किया गया कार्य अगले \(100 m\) में किये गये कार्य से कम होगा ।
FLUID MECHANICS (HM)
200727
समान त्रिज्या की दो बूँदें वायु में गिर रही हैं। उनके क्रांतिक वेग \(5 cm/sec\) हैं। यदि बूँदें परस्पर जुड़ जायें, तो क्रांतिक वेग होगा
1 \(10\) सेमी/सै
2 \(2.5 \) सेमी/सै
3 \(5 \times {(4)^{1/3}}\) सेमी/सै
4 \(5 \times \sqrt 2 \,\)सेमी/सै
Explanation:
(c)यदि समान त्रिज्या \(r\) की दो बूँदें आपस में मिल जाती हैं, तथा नई बूँद की त्रिज्या \(R\) है तो, \(\frac{4}{3}\pi {R^3} = \frac{4}{3}\pi {r^3} + \frac{4}{3}\pi {r^3}\)==> \({R^3} = 2{r^3} \Rightarrow R = {2^{1/3}}r\) यदि \(r\) त्रिज्या की कोई बूँद श्यान माध्यम में गिरती है, तो यह क्रांतिक वेग \(v \) प्राप्त कर लेती है तथा \(v \propto {r^2}\) \(\frac{{{v_2}}}{{{v_1}}} = {\left( {\frac{R}{r}} \right)^2} = {\left( {\frac{{{2^{1/3}}r}}{r}} \right)^2}\) ==> \({v_2} = {2^{2/3}} \times {v_1} = {2^{2/3}} \times (5) = 5 \times {(4)^{1/3}}m/s\)
FLUID MECHANICS (HM)
200728
एक गेंद जिसकी त्रिज्या \(r\) व घनत्व है, गुरुत्व के अधीन मुक्त रूप से गिर रही है। \(h \) ऊँचाई से गिरने के पश्चात् वह जल में प्रवेश करती है। जल में प्रवेश करने के पश्चात् भी उसकी चाल नियत बनी रहती है। जल की श्यानता हो, तो h का मान होगा
(c)पानी की सतह से टकराते समय गेंद का वेग \(v = \sqrt {2gh} \) …(i) पानी के भीतर गेंद का सीमांत वेग (Terminal velocity) \(v = \frac{2}{9}{r^2}g\frac{{\left( {\rho - 1} \right)}}{\eta }\) …(ii) समीकरण (i) तथा (ii) को समान करने पर, हमें प्राप्त होता है \(\sqrt {2gh} = \frac{2}{9}\frac{{{r^2}g}}{\eta }(\rho - 1)\) ==> \(h = \frac{2}{{81}}{r^4}{\left( {\frac{{\rho - 1}}{\eta }} \right)^2}g\)
FLUID MECHANICS (HM)
200729
एक समान क्षैतिज केशनली से एक द्रव प्रवाहित हो रहा है। नली के सिरों पर दाबांतर \(P \) है। किस दाब पर नली की त्रिज्या तथा लम्बाई दुगुनी करने पर, प्रवाह वेग भी दो गुना हो जाएगा
200726
\(m \) द्रव्यमान का छोटा गोला अत्यधिक ऊँचाई से गिराया जाता है। \(10\; m\) गिरने के पश्चात् यह क्रांतिक वेग प्राप्त कर लेता है व फिर इसी वेग से गिरता है। वायु के घर्षण द्वारा पिण्ड के प्रारम्भिक \(100 \;m \) गिरने में किया गया कार्य होगा
1 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m \) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से अधिक
2 वायु घर्षण द्वारा पिण्ड के अगले \(100\; m\) गिरने के विरुद्ध किये कार्य से कम
3 \(100 \;mg \) के तुल्य
4 \(100\; mg \) से अधिक
Explanation:
(b) पहले \(100 m\) में वस्तु विराम से शुरू करती है तथा इसका वेग बढ़ता चला जाता है और \(100 m\) के बाद यह अपना अधिकतम वेग (सीमांत वेग) प्राप्त कर लेती है। वायु का घर्षण अर्थात् श्यान बल जो कि वेग के अनुक्रमानुपाती है शुरू में कम तथा बाद में \(v = {v_T}\) पर अधिकतम होगा। अत: पहले \(100 m\) में वायु घर्षण द्वारा किया गया कार्य अगले \(100 m\) में किये गये कार्य से कम होगा ।
FLUID MECHANICS (HM)
200727
समान त्रिज्या की दो बूँदें वायु में गिर रही हैं। उनके क्रांतिक वेग \(5 cm/sec\) हैं। यदि बूँदें परस्पर जुड़ जायें, तो क्रांतिक वेग होगा
1 \(10\) सेमी/सै
2 \(2.5 \) सेमी/सै
3 \(5 \times {(4)^{1/3}}\) सेमी/सै
4 \(5 \times \sqrt 2 \,\)सेमी/सै
Explanation:
(c)यदि समान त्रिज्या \(r\) की दो बूँदें आपस में मिल जाती हैं, तथा नई बूँद की त्रिज्या \(R\) है तो, \(\frac{4}{3}\pi {R^3} = \frac{4}{3}\pi {r^3} + \frac{4}{3}\pi {r^3}\)==> \({R^3} = 2{r^3} \Rightarrow R = {2^{1/3}}r\) यदि \(r\) त्रिज्या की कोई बूँद श्यान माध्यम में गिरती है, तो यह क्रांतिक वेग \(v \) प्राप्त कर लेती है तथा \(v \propto {r^2}\) \(\frac{{{v_2}}}{{{v_1}}} = {\left( {\frac{R}{r}} \right)^2} = {\left( {\frac{{{2^{1/3}}r}}{r}} \right)^2}\) ==> \({v_2} = {2^{2/3}} \times {v_1} = {2^{2/3}} \times (5) = 5 \times {(4)^{1/3}}m/s\)
FLUID MECHANICS (HM)
200728
एक गेंद जिसकी त्रिज्या \(r\) व घनत्व है, गुरुत्व के अधीन मुक्त रूप से गिर रही है। \(h \) ऊँचाई से गिरने के पश्चात् वह जल में प्रवेश करती है। जल में प्रवेश करने के पश्चात् भी उसकी चाल नियत बनी रहती है। जल की श्यानता हो, तो h का मान होगा
(c)पानी की सतह से टकराते समय गेंद का वेग \(v = \sqrt {2gh} \) …(i) पानी के भीतर गेंद का सीमांत वेग (Terminal velocity) \(v = \frac{2}{9}{r^2}g\frac{{\left( {\rho - 1} \right)}}{\eta }\) …(ii) समीकरण (i) तथा (ii) को समान करने पर, हमें प्राप्त होता है \(\sqrt {2gh} = \frac{2}{9}\frac{{{r^2}g}}{\eta }(\rho - 1)\) ==> \(h = \frac{2}{{81}}{r^4}{\left( {\frac{{\rho - 1}}{\eta }} \right)^2}g\)
FLUID MECHANICS (HM)
200729
एक समान क्षैतिज केशनली से एक द्रव प्रवाहित हो रहा है। नली के सिरों पर दाबांतर \(P \) है। किस दाब पर नली की त्रिज्या तथा लम्बाई दुगुनी करने पर, प्रवाह वेग भी दो गुना हो जाएगा