199931
एक आदर्श गैस चक्रण \(ABCA\) में होकर ले जाया गया है जैसा कि \(P-V\) आरेख में दर्शाया गया है। चक्रण के दौरान गैस के द्वारा किया गया कुल कार्य बराबर है
1 \(12\,{P_1}{V_1}\)
2 \(6\,{P_1}{V_1}\)
3 \(3\,{P_1}{V_1}\)
4 \(2{P_1}{V_1}\)
Explanation:
किया गया कार्य \( = \frac{1}{2} \times 2{P_1} \times 2{V_1} = 2{P_1}{V_1}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199932
चित्रानुसार एक चक्रीय प्रक्रम से होकर जाने वाले निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा का मान है
1 \({10^{ 7}}\,\pi J\)
2 \({10^{ 4}}\,\pi J\)
3 \({10^{ 2}}\,\pi J\)
4 \({10^{ - 3}}\,\pi J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में, \(\Delta U = 0\) ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से, \(\Delta Q = \Delta U + \Delta W = 0 + \Delta W = \) बन्द वक्र का क्षेत्रफल \(\Rightarrow \Delta Q = pr_2\) \(\pi {\left( {\frac{{20}}{2}} \right)^2}k{P_a} \times litre\)\( = 100\,\pi \times {10^3} \times {10^{ - 3}}J = 100\,\pi J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199933
एक ऊष्मागतिक निकाय \(ACB\) के अनुदिश अवस्था \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता है एवं \(BDA\) के अनुदिश \(A\) पर वापस आ जाता है जैसा कि \(PV\) आरेख में दिखाया गया है। सम्पूर्ण चक्रण के दौरान किया गया कुल कार्य किस क्षेत्रफल द्वारा दर्शाया गया है
1 \(P_1ACBP_2P_1\)
2 \(ACBB'A'A\)
3 \(ACBDA\)
4 \(ADBB'A'A\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य बन्द \(PV\) वक्र के क्षेत्रफल के तुल्य होता है
12. THERMODYNAMICS (HM)
199934
परिवर्तित दाब के साथ आयतन में परिवर्तन आरेख \((i)\) से \((iv)\) तक दर्शाया गया है। पथ \(ABCD\) के अनुदिश एक गैस को ले जाया जाता है। गैस की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होगा
1 \((i) \) से \((iv) \) तक सभी स्थितियों में धनात्मक
2 \((i), (ii) \) और \((iii)\) स्थिति में धनात्मक किंतु \((iv)\) स्थिति में शून्य
3 \((i), (ii)\) और \((iii)\) स्थिति में ऋणात्मक किंतु \((iv) \) स्थिति में शून्य
4 सभी चारों स्थितियों में शून्य
Explanation:
सभी दिये गये प्रकरणों में, प्रक्रम चक्रीय है। एवं चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta U = 0\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199935
एक निकाय एक चक्रीय प्रक्रम द्वारा ले जाया गया है जो कि वृत्त के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा है
1 \(\pi \times {10^3}J\)
2 \(\frac{\pi }{2}J\)
3 \(4\pi \times {10^2}J\)
4 \(\pi \,J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta Q =\) किया गया कार्य = बन्द वक्र का क्षेत्रफल दिये गये वक्र को दीर्घवृत्त मानते हुए इसका क्षेत्रफल \( = \frac{\pi }{4}({P_2} - {P_1})\,({V_2} - {V_1})\) \(\Rightarrow \Delta Q = \frac{\pi }{4}\{ (150 - 50) \times {10^3}\} = \frac{\pi }{2}J\)
199931
एक आदर्श गैस चक्रण \(ABCA\) में होकर ले जाया गया है जैसा कि \(P-V\) आरेख में दर्शाया गया है। चक्रण के दौरान गैस के द्वारा किया गया कुल कार्य बराबर है
1 \(12\,{P_1}{V_1}\)
2 \(6\,{P_1}{V_1}\)
3 \(3\,{P_1}{V_1}\)
4 \(2{P_1}{V_1}\)
Explanation:
किया गया कार्य \( = \frac{1}{2} \times 2{P_1} \times 2{V_1} = 2{P_1}{V_1}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199932
चित्रानुसार एक चक्रीय प्रक्रम से होकर जाने वाले निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा का मान है
1 \({10^{ 7}}\,\pi J\)
2 \({10^{ 4}}\,\pi J\)
3 \({10^{ 2}}\,\pi J\)
4 \({10^{ - 3}}\,\pi J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में, \(\Delta U = 0\) ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से, \(\Delta Q = \Delta U + \Delta W = 0 + \Delta W = \) बन्द वक्र का क्षेत्रफल \(\Rightarrow \Delta Q = pr_2\) \(\pi {\left( {\frac{{20}}{2}} \right)^2}k{P_a} \times litre\)\( = 100\,\pi \times {10^3} \times {10^{ - 3}}J = 100\,\pi J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199933
एक ऊष्मागतिक निकाय \(ACB\) के अनुदिश अवस्था \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता है एवं \(BDA\) के अनुदिश \(A\) पर वापस आ जाता है जैसा कि \(PV\) आरेख में दिखाया गया है। सम्पूर्ण चक्रण के दौरान किया गया कुल कार्य किस क्षेत्रफल द्वारा दर्शाया गया है
1 \(P_1ACBP_2P_1\)
2 \(ACBB'A'A\)
3 \(ACBDA\)
4 \(ADBB'A'A\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य बन्द \(PV\) वक्र के क्षेत्रफल के तुल्य होता है
12. THERMODYNAMICS (HM)
199934
परिवर्तित दाब के साथ आयतन में परिवर्तन आरेख \((i)\) से \((iv)\) तक दर्शाया गया है। पथ \(ABCD\) के अनुदिश एक गैस को ले जाया जाता है। गैस की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होगा
1 \((i) \) से \((iv) \) तक सभी स्थितियों में धनात्मक
2 \((i), (ii) \) और \((iii)\) स्थिति में धनात्मक किंतु \((iv)\) स्थिति में शून्य
3 \((i), (ii)\) और \((iii)\) स्थिति में ऋणात्मक किंतु \((iv) \) स्थिति में शून्य
4 सभी चारों स्थितियों में शून्य
Explanation:
सभी दिये गये प्रकरणों में, प्रक्रम चक्रीय है। एवं चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta U = 0\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199935
एक निकाय एक चक्रीय प्रक्रम द्वारा ले जाया गया है जो कि वृत्त के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा है
1 \(\pi \times {10^3}J\)
2 \(\frac{\pi }{2}J\)
3 \(4\pi \times {10^2}J\)
4 \(\pi \,J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta Q =\) किया गया कार्य = बन्द वक्र का क्षेत्रफल दिये गये वक्र को दीर्घवृत्त मानते हुए इसका क्षेत्रफल \( = \frac{\pi }{4}({P_2} - {P_1})\,({V_2} - {V_1})\) \(\Rightarrow \Delta Q = \frac{\pi }{4}\{ (150 - 50) \times {10^3}\} = \frac{\pi }{2}J\)
199931
एक आदर्श गैस चक्रण \(ABCA\) में होकर ले जाया गया है जैसा कि \(P-V\) आरेख में दर्शाया गया है। चक्रण के दौरान गैस के द्वारा किया गया कुल कार्य बराबर है
1 \(12\,{P_1}{V_1}\)
2 \(6\,{P_1}{V_1}\)
3 \(3\,{P_1}{V_1}\)
4 \(2{P_1}{V_1}\)
Explanation:
किया गया कार्य \( = \frac{1}{2} \times 2{P_1} \times 2{V_1} = 2{P_1}{V_1}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199932
चित्रानुसार एक चक्रीय प्रक्रम से होकर जाने वाले निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा का मान है
1 \({10^{ 7}}\,\pi J\)
2 \({10^{ 4}}\,\pi J\)
3 \({10^{ 2}}\,\pi J\)
4 \({10^{ - 3}}\,\pi J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में, \(\Delta U = 0\) ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से, \(\Delta Q = \Delta U + \Delta W = 0 + \Delta W = \) बन्द वक्र का क्षेत्रफल \(\Rightarrow \Delta Q = pr_2\) \(\pi {\left( {\frac{{20}}{2}} \right)^2}k{P_a} \times litre\)\( = 100\,\pi \times {10^3} \times {10^{ - 3}}J = 100\,\pi J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199933
एक ऊष्मागतिक निकाय \(ACB\) के अनुदिश अवस्था \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता है एवं \(BDA\) के अनुदिश \(A\) पर वापस आ जाता है जैसा कि \(PV\) आरेख में दिखाया गया है। सम्पूर्ण चक्रण के दौरान किया गया कुल कार्य किस क्षेत्रफल द्वारा दर्शाया गया है
1 \(P_1ACBP_2P_1\)
2 \(ACBB'A'A\)
3 \(ACBDA\)
4 \(ADBB'A'A\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य बन्द \(PV\) वक्र के क्षेत्रफल के तुल्य होता है
12. THERMODYNAMICS (HM)
199934
परिवर्तित दाब के साथ आयतन में परिवर्तन आरेख \((i)\) से \((iv)\) तक दर्शाया गया है। पथ \(ABCD\) के अनुदिश एक गैस को ले जाया जाता है। गैस की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होगा
1 \((i) \) से \((iv) \) तक सभी स्थितियों में धनात्मक
2 \((i), (ii) \) और \((iii)\) स्थिति में धनात्मक किंतु \((iv)\) स्थिति में शून्य
3 \((i), (ii)\) और \((iii)\) स्थिति में ऋणात्मक किंतु \((iv) \) स्थिति में शून्य
4 सभी चारों स्थितियों में शून्य
Explanation:
सभी दिये गये प्रकरणों में, प्रक्रम चक्रीय है। एवं चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta U = 0\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199935
एक निकाय एक चक्रीय प्रक्रम द्वारा ले जाया गया है जो कि वृत्त के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा है
1 \(\pi \times {10^3}J\)
2 \(\frac{\pi }{2}J\)
3 \(4\pi \times {10^2}J\)
4 \(\pi \,J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta Q =\) किया गया कार्य = बन्द वक्र का क्षेत्रफल दिये गये वक्र को दीर्घवृत्त मानते हुए इसका क्षेत्रफल \( = \frac{\pi }{4}({P_2} - {P_1})\,({V_2} - {V_1})\) \(\Rightarrow \Delta Q = \frac{\pi }{4}\{ (150 - 50) \times {10^3}\} = \frac{\pi }{2}J\)
199931
एक आदर्श गैस चक्रण \(ABCA\) में होकर ले जाया गया है जैसा कि \(P-V\) आरेख में दर्शाया गया है। चक्रण के दौरान गैस के द्वारा किया गया कुल कार्य बराबर है
1 \(12\,{P_1}{V_1}\)
2 \(6\,{P_1}{V_1}\)
3 \(3\,{P_1}{V_1}\)
4 \(2{P_1}{V_1}\)
Explanation:
किया गया कार्य \( = \frac{1}{2} \times 2{P_1} \times 2{V_1} = 2{P_1}{V_1}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199932
चित्रानुसार एक चक्रीय प्रक्रम से होकर जाने वाले निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा का मान है
1 \({10^{ 7}}\,\pi J\)
2 \({10^{ 4}}\,\pi J\)
3 \({10^{ 2}}\,\pi J\)
4 \({10^{ - 3}}\,\pi J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में, \(\Delta U = 0\) ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से, \(\Delta Q = \Delta U + \Delta W = 0 + \Delta W = \) बन्द वक्र का क्षेत्रफल \(\Rightarrow \Delta Q = pr_2\) \(\pi {\left( {\frac{{20}}{2}} \right)^2}k{P_a} \times litre\)\( = 100\,\pi \times {10^3} \times {10^{ - 3}}J = 100\,\pi J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199933
एक ऊष्मागतिक निकाय \(ACB\) के अनुदिश अवस्था \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता है एवं \(BDA\) के अनुदिश \(A\) पर वापस आ जाता है जैसा कि \(PV\) आरेख में दिखाया गया है। सम्पूर्ण चक्रण के दौरान किया गया कुल कार्य किस क्षेत्रफल द्वारा दर्शाया गया है
1 \(P_1ACBP_2P_1\)
2 \(ACBB'A'A\)
3 \(ACBDA\)
4 \(ADBB'A'A\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य बन्द \(PV\) वक्र के क्षेत्रफल के तुल्य होता है
12. THERMODYNAMICS (HM)
199934
परिवर्तित दाब के साथ आयतन में परिवर्तन आरेख \((i)\) से \((iv)\) तक दर्शाया गया है। पथ \(ABCD\) के अनुदिश एक गैस को ले जाया जाता है। गैस की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होगा
1 \((i) \) से \((iv) \) तक सभी स्थितियों में धनात्मक
2 \((i), (ii) \) और \((iii)\) स्थिति में धनात्मक किंतु \((iv)\) स्थिति में शून्य
3 \((i), (ii)\) और \((iii)\) स्थिति में ऋणात्मक किंतु \((iv) \) स्थिति में शून्य
4 सभी चारों स्थितियों में शून्य
Explanation:
सभी दिये गये प्रकरणों में, प्रक्रम चक्रीय है। एवं चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta U = 0\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199935
एक निकाय एक चक्रीय प्रक्रम द्वारा ले जाया गया है जो कि वृत्त के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा है
1 \(\pi \times {10^3}J\)
2 \(\frac{\pi }{2}J\)
3 \(4\pi \times {10^2}J\)
4 \(\pi \,J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta Q =\) किया गया कार्य = बन्द वक्र का क्षेत्रफल दिये गये वक्र को दीर्घवृत्त मानते हुए इसका क्षेत्रफल \( = \frac{\pi }{4}({P_2} - {P_1})\,({V_2} - {V_1})\) \(\Rightarrow \Delta Q = \frac{\pi }{4}\{ (150 - 50) \times {10^3}\} = \frac{\pi }{2}J\)
199931
एक आदर्श गैस चक्रण \(ABCA\) में होकर ले जाया गया है जैसा कि \(P-V\) आरेख में दर्शाया गया है। चक्रण के दौरान गैस के द्वारा किया गया कुल कार्य बराबर है
1 \(12\,{P_1}{V_1}\)
2 \(6\,{P_1}{V_1}\)
3 \(3\,{P_1}{V_1}\)
4 \(2{P_1}{V_1}\)
Explanation:
किया गया कार्य \( = \frac{1}{2} \times 2{P_1} \times 2{V_1} = 2{P_1}{V_1}\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199932
चित्रानुसार एक चक्रीय प्रक्रम से होकर जाने वाले निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा का मान है
1 \({10^{ 7}}\,\pi J\)
2 \({10^{ 4}}\,\pi J\)
3 \({10^{ 2}}\,\pi J\)
4 \({10^{ - 3}}\,\pi J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में, \(\Delta U = 0\) ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से, \(\Delta Q = \Delta U + \Delta W = 0 + \Delta W = \) बन्द वक्र का क्षेत्रफल \(\Rightarrow \Delta Q = pr_2\) \(\pi {\left( {\frac{{20}}{2}} \right)^2}k{P_a} \times litre\)\( = 100\,\pi \times {10^3} \times {10^{ - 3}}J = 100\,\pi J\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199933
एक ऊष्मागतिक निकाय \(ACB\) के अनुदिश अवस्था \(A\) से \(B\) तक ले जाया जाता है एवं \(BDA\) के अनुदिश \(A\) पर वापस आ जाता है जैसा कि \(PV\) आरेख में दिखाया गया है। सम्पूर्ण चक्रण के दौरान किया गया कुल कार्य किस क्षेत्रफल द्वारा दर्शाया गया है
1 \(P_1ACBP_2P_1\)
2 \(ACBB'A'A\)
3 \(ACBDA\)
4 \(ADBB'A'A\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य बन्द \(PV\) वक्र के क्षेत्रफल के तुल्य होता है
12. THERMODYNAMICS (HM)
199934
परिवर्तित दाब के साथ आयतन में परिवर्तन आरेख \((i)\) से \((iv)\) तक दर्शाया गया है। पथ \(ABCD\) के अनुदिश एक गैस को ले जाया जाता है। गैस की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होगा
1 \((i) \) से \((iv) \) तक सभी स्थितियों में धनात्मक
2 \((i), (ii) \) और \((iii)\) स्थिति में धनात्मक किंतु \((iv)\) स्थिति में शून्य
3 \((i), (ii)\) और \((iii)\) स्थिति में ऋणात्मक किंतु \((iv) \) स्थिति में शून्य
4 सभी चारों स्थितियों में शून्य
Explanation:
सभी दिये गये प्रकरणों में, प्रक्रम चक्रीय है। एवं चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta U = 0\)
12. THERMODYNAMICS (HM)
199935
एक निकाय एक चक्रीय प्रक्रम द्वारा ले जाया गया है जो कि वृत्त के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। निकाय के द्वारा अवशोषित ऊष्मा है
1 \(\pi \times {10^3}J\)
2 \(\frac{\pi }{2}J\)
3 \(4\pi \times {10^2}J\)
4 \(\pi \,J\)
Explanation:
चक्रीय प्रक्रम में \(\Delta Q =\) किया गया कार्य = बन्द वक्र का क्षेत्रफल दिये गये वक्र को दीर्घवृत्त मानते हुए इसका क्षेत्रफल \( = \frac{\pi }{4}({P_2} - {P_1})\,({V_2} - {V_1})\) \(\Rightarrow \Delta Q = \frac{\pi }{4}\{ (150 - 50) \times {10^3}\} = \frac{\pi }{2}J\)