15. WAVES (HM)
15. WAVES (HM)

198439 अनुनाद नली विधि द्वारा वायु में ध्वनि की चाल \((v)\) ज्ञात करने के लिये एक प्रयोग में \(480\, Hz\) आवृति के स्वरित्र का उपयोग करते हैं। वायु स्तम्भ की दो उत्तरोत्तर लम्बाइयों, \(l_{1}=30\, cm\) तथा \(l_{2}=70\, cm\) के लिये अनुनाद प्राप्त होते हैं। तब \(v\) का मान \(......\,ms^{-1}\) है।

1 \(332\)
2 \(338\)
3 \(384\)
4 \(379\)
15. WAVES (HM)

198440 दो । तरंगों को समीकरण \(y_1 = a\, sin\,(\omega t + kx + 0.57)\, m\) तथा\(y_2 = a\, cos\,(\omega t + kx)\, m\), द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। जहाँ \(x\) मीटर तथा \(t\) सेकण्ड में है। इनके बीच का कलान्तर (\(rad\)) है

1 \(1.0\)
2 \(1.25\)
3 \(1.57\)
4 \(0.57\)
15. WAVES (HM)

198441 एक स्थिर प्रेक्षक दो एकसमान स्वरित्र द्विभुजों (tuning forks) से आने वाली ध्वनि सुन रहा है। इन द्विभुजों में से एक प्रेक्षक की ओर चल रहा है जबकि दूसरा द्विभुज उसी गति (हवा में ध्वनि की गति से बहुत कम) से प्रेक्षक से दूर जा रहा है। यदि द्विभुजों की आवृत्ति \(v_{0}=1400\, Hz\), हवा में ध्वनि की गति \(350\, ms ^{-1}\) हो और प्रेक्षक \(2\) विस्पंदन (beats) प्रति सेंकड सुन रहा हो तो द्विभुजों की गति का मान है।

1 \(\frac{1}{8}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
2 \(\frac{1}{2}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
3 \(1 \; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
4 \(\frac{1}{4}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
15. WAVES (HM)

198461 \(245 \;Hz\) आवत्ति की कोई ध्वनि तरंग धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(300 \;ms ^{-1}\) की चाल से गमन कर रही है। इस तरंग का प्रत्येक कण \(6 \;cm\) की कुल दूरी का दोलन करता है। इस प्रगामी तरंग के लिए गणितीय व्यंजक क्या होगा ?

1 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(0.2 \times 10^{3}\right) t\right]\)
2 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
3 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 0.8 x-\left(0.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
4 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
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15. WAVES (HM)

198439 अनुनाद नली विधि द्वारा वायु में ध्वनि की चाल \((v)\) ज्ञात करने के लिये एक प्रयोग में \(480\, Hz\) आवृति के स्वरित्र का उपयोग करते हैं। वायु स्तम्भ की दो उत्तरोत्तर लम्बाइयों, \(l_{1}=30\, cm\) तथा \(l_{2}=70\, cm\) के लिये अनुनाद प्राप्त होते हैं। तब \(v\) का मान \(......\,ms^{-1}\) है।

1 \(332\)
2 \(338\)
3 \(384\)
4 \(379\)
15. WAVES (HM)

198440 दो । तरंगों को समीकरण \(y_1 = a\, sin\,(\omega t + kx + 0.57)\, m\) तथा\(y_2 = a\, cos\,(\omega t + kx)\, m\), द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। जहाँ \(x\) मीटर तथा \(t\) सेकण्ड में है। इनके बीच का कलान्तर (\(rad\)) है

1 \(1.0\)
2 \(1.25\)
3 \(1.57\)
4 \(0.57\)
15. WAVES (HM)

198441 एक स्थिर प्रेक्षक दो एकसमान स्वरित्र द्विभुजों (tuning forks) से आने वाली ध्वनि सुन रहा है। इन द्विभुजों में से एक प्रेक्षक की ओर चल रहा है जबकि दूसरा द्विभुज उसी गति (हवा में ध्वनि की गति से बहुत कम) से प्रेक्षक से दूर जा रहा है। यदि द्विभुजों की आवृत्ति \(v_{0}=1400\, Hz\), हवा में ध्वनि की गति \(350\, ms ^{-1}\) हो और प्रेक्षक \(2\) विस्पंदन (beats) प्रति सेंकड सुन रहा हो तो द्विभुजों की गति का मान है।

1 \(\frac{1}{8}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
2 \(\frac{1}{2}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
3 \(1 \; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
4 \(\frac{1}{4}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
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198461 \(245 \;Hz\) आवत्ति की कोई ध्वनि तरंग धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(300 \;ms ^{-1}\) की चाल से गमन कर रही है। इस तरंग का प्रत्येक कण \(6 \;cm\) की कुल दूरी का दोलन करता है। इस प्रगामी तरंग के लिए गणितीय व्यंजक क्या होगा ?

1 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(0.2 \times 10^{3}\right) t\right]\)
2 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
3 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 0.8 x-\left(0.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
4 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
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198439 अनुनाद नली विधि द्वारा वायु में ध्वनि की चाल \((v)\) ज्ञात करने के लिये एक प्रयोग में \(480\, Hz\) आवृति के स्वरित्र का उपयोग करते हैं। वायु स्तम्भ की दो उत्तरोत्तर लम्बाइयों, \(l_{1}=30\, cm\) तथा \(l_{2}=70\, cm\) के लिये अनुनाद प्राप्त होते हैं। तब \(v\) का मान \(......\,ms^{-1}\) है।

1 \(332\)
2 \(338\)
3 \(384\)
4 \(379\)
15. WAVES (HM)

198440 दो । तरंगों को समीकरण \(y_1 = a\, sin\,(\omega t + kx + 0.57)\, m\) तथा\(y_2 = a\, cos\,(\omega t + kx)\, m\), द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। जहाँ \(x\) मीटर तथा \(t\) सेकण्ड में है। इनके बीच का कलान्तर (\(rad\)) है

1 \(1.0\)
2 \(1.25\)
3 \(1.57\)
4 \(0.57\)
15. WAVES (HM)

198441 एक स्थिर प्रेक्षक दो एकसमान स्वरित्र द्विभुजों (tuning forks) से आने वाली ध्वनि सुन रहा है। इन द्विभुजों में से एक प्रेक्षक की ओर चल रहा है जबकि दूसरा द्विभुज उसी गति (हवा में ध्वनि की गति से बहुत कम) से प्रेक्षक से दूर जा रहा है। यदि द्विभुजों की आवृत्ति \(v_{0}=1400\, Hz\), हवा में ध्वनि की गति \(350\, ms ^{-1}\) हो और प्रेक्षक \(2\) विस्पंदन (beats) प्रति सेंकड सुन रहा हो तो द्विभुजों की गति का मान है।

1 \(\frac{1}{8}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
2 \(\frac{1}{2}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
3 \(1 \; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
4 \(\frac{1}{4}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
15. WAVES (HM)

198461 \(245 \;Hz\) आवत्ति की कोई ध्वनि तरंग धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(300 \;ms ^{-1}\) की चाल से गमन कर रही है। इस तरंग का प्रत्येक कण \(6 \;cm\) की कुल दूरी का दोलन करता है। इस प्रगामी तरंग के लिए गणितीय व्यंजक क्या होगा ?

1 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(0.2 \times 10^{3}\right) t\right]\)
2 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
3 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 0.8 x-\left(0.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
4 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
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198439 अनुनाद नली विधि द्वारा वायु में ध्वनि की चाल \((v)\) ज्ञात करने के लिये एक प्रयोग में \(480\, Hz\) आवृति के स्वरित्र का उपयोग करते हैं। वायु स्तम्भ की दो उत्तरोत्तर लम्बाइयों, \(l_{1}=30\, cm\) तथा \(l_{2}=70\, cm\) के लिये अनुनाद प्राप्त होते हैं। तब \(v\) का मान \(......\,ms^{-1}\) है।

1 \(332\)
2 \(338\)
3 \(384\)
4 \(379\)
15. WAVES (HM)

198440 दो । तरंगों को समीकरण \(y_1 = a\, sin\,(\omega t + kx + 0.57)\, m\) तथा\(y_2 = a\, cos\,(\omega t + kx)\, m\), द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। जहाँ \(x\) मीटर तथा \(t\) सेकण्ड में है। इनके बीच का कलान्तर (\(rad\)) है

1 \(1.0\)
2 \(1.25\)
3 \(1.57\)
4 \(0.57\)
15. WAVES (HM)

198441 एक स्थिर प्रेक्षक दो एकसमान स्वरित्र द्विभुजों (tuning forks) से आने वाली ध्वनि सुन रहा है। इन द्विभुजों में से एक प्रेक्षक की ओर चल रहा है जबकि दूसरा द्विभुज उसी गति (हवा में ध्वनि की गति से बहुत कम) से प्रेक्षक से दूर जा रहा है। यदि द्विभुजों की आवृत्ति \(v_{0}=1400\, Hz\), हवा में ध्वनि की गति \(350\, ms ^{-1}\) हो और प्रेक्षक \(2\) विस्पंदन (beats) प्रति सेंकड सुन रहा हो तो द्विभुजों की गति का मान है।

1 \(\frac{1}{8}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
2 \(\frac{1}{2}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
3 \(1 \; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
4 \(\frac{1}{4}\; \mathrm{m} / \mathrm{s}\)
15. WAVES (HM)

198461 \(245 \;Hz\) आवत्ति की कोई ध्वनि तरंग धनात्मक \(x\)-अक्ष के अनुदिश \(300 \;ms ^{-1}\) की चाल से गमन कर रही है। इस तरंग का प्रत्येक कण \(6 \;cm\) की कुल दूरी का दोलन करता है। इस प्रगामी तरंग के लिए गणितीय व्यंजक क्या होगा ?

1 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(0.2 \times 10^{3}\right) t\right]\)
2 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
3 \(Y(x, t)=0.06\left[\sin 0.8 x-\left(0.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)
4 \(Y(x, t)=0.03\left[\sin 5.1 x-\left(1.5 \times 10^{3}\right) t\right]\)