198370
डोरी वाले वाद्ययंत्र से उत्पन्न ध्वनि का तारत्व \((Pitch)\) बढ़ाने के लिये
1 डोरी को ढीला करना होगा
2 डोरी को और कसना होगा
3 डोरी को छोटा करना होगा
4 \((a)\) और \((b)\) दोनों है
Explanation:
(d) उच्च पिच का मतलब उच्च आवृत्ति तनी हुई डोरी में आवृत्ति \(n = \frac{p}{{2l}}\sqrt {\frac{T}{m}} \Rightarrow n \propto \frac{{\sqrt T }}{l}\) अत: उच्च आवृत्ति प्राप्त करने के लिए तनाव बढ़ाना चाहिए एवं लम्बाई कम करनी चाहिए।
15. WAVES (HM)
198371
धनात्मक \(x-\) दिशा में गतिमान तरंग \(y = A\sin (\omega \,t - kx)\) द्वारा प्रदर्शित हैं। यह एक दृढ़ सिरे से इस प्रकार परावर्तित होती है कि \(80\%\) आयाम ही परावर्तित होता है। परावर्तित तरंग का समीकरण होगा
1 \(y = A\sin (\omega \,t + kx)\)
2 \(y = - 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
3 \(y = 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
4 \(y = A\sin (\omega \,t + 0.8\,kx)\)
Explanation:
(b) दृढ़ सिरे से परावर्तन के बाद तरंग में अतिरिक्त कलान्तर उत्पé हो जाता है अत: यदि \({y_{incident}}\)= \(A\sin (\omega t - kx)\) तब \({y_{reflected}} = (0.8A)\) \(\sin \left\{ {\omega t - k( - x) + \pi } \right\}\) \( = - 0.8A\sin (\omega t + kx)\) \(\pi \).
15. WAVES (HM)
198372
दो बिन्दुओं के मध्य कसी हुयी डोरी में उत्पन्न प्रथम संनादी की आवृत्ति \(100\,Hz\) है तृतीय अधिस्वरक की आवृत्ति होगी ..... \(Hz\)
198373
\(32 cm\) तरंगदैध्र्य वाली एक ध्वनि तरंग चित्र में दिखायी नलिका में \(S\) सिरे से प्रवेश करती है। यदि दूसरी ओर स्थित संसूचक \((Detector)\) न्यूनतम ध्वनि सुनना है तो अर्धवृताकार पथ की न्यूनतम त्रिज्या \(r\) होगी .... \(cm\)
NEET Test Series from KOTA - 10 Papers In MS WORD
WhatsApp Here
15. WAVES (HM)
198370
डोरी वाले वाद्ययंत्र से उत्पन्न ध्वनि का तारत्व \((Pitch)\) बढ़ाने के लिये
1 डोरी को ढीला करना होगा
2 डोरी को और कसना होगा
3 डोरी को छोटा करना होगा
4 \((a)\) और \((b)\) दोनों है
Explanation:
(d) उच्च पिच का मतलब उच्च आवृत्ति तनी हुई डोरी में आवृत्ति \(n = \frac{p}{{2l}}\sqrt {\frac{T}{m}} \Rightarrow n \propto \frac{{\sqrt T }}{l}\) अत: उच्च आवृत्ति प्राप्त करने के लिए तनाव बढ़ाना चाहिए एवं लम्बाई कम करनी चाहिए।
15. WAVES (HM)
198371
धनात्मक \(x-\) दिशा में गतिमान तरंग \(y = A\sin (\omega \,t - kx)\) द्वारा प्रदर्शित हैं। यह एक दृढ़ सिरे से इस प्रकार परावर्तित होती है कि \(80\%\) आयाम ही परावर्तित होता है। परावर्तित तरंग का समीकरण होगा
1 \(y = A\sin (\omega \,t + kx)\)
2 \(y = - 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
3 \(y = 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
4 \(y = A\sin (\omega \,t + 0.8\,kx)\)
Explanation:
(b) दृढ़ सिरे से परावर्तन के बाद तरंग में अतिरिक्त कलान्तर उत्पé हो जाता है अत: यदि \({y_{incident}}\)= \(A\sin (\omega t - kx)\) तब \({y_{reflected}} = (0.8A)\) \(\sin \left\{ {\omega t - k( - x) + \pi } \right\}\) \( = - 0.8A\sin (\omega t + kx)\) \(\pi \).
15. WAVES (HM)
198372
दो बिन्दुओं के मध्य कसी हुयी डोरी में उत्पन्न प्रथम संनादी की आवृत्ति \(100\,Hz\) है तृतीय अधिस्वरक की आवृत्ति होगी ..... \(Hz\)
198373
\(32 cm\) तरंगदैध्र्य वाली एक ध्वनि तरंग चित्र में दिखायी नलिका में \(S\) सिरे से प्रवेश करती है। यदि दूसरी ओर स्थित संसूचक \((Detector)\) न्यूनतम ध्वनि सुनना है तो अर्धवृताकार पथ की न्यूनतम त्रिज्या \(r\) होगी .... \(cm\)
198370
डोरी वाले वाद्ययंत्र से उत्पन्न ध्वनि का तारत्व \((Pitch)\) बढ़ाने के लिये
1 डोरी को ढीला करना होगा
2 डोरी को और कसना होगा
3 डोरी को छोटा करना होगा
4 \((a)\) और \((b)\) दोनों है
Explanation:
(d) उच्च पिच का मतलब उच्च आवृत्ति तनी हुई डोरी में आवृत्ति \(n = \frac{p}{{2l}}\sqrt {\frac{T}{m}} \Rightarrow n \propto \frac{{\sqrt T }}{l}\) अत: उच्च आवृत्ति प्राप्त करने के लिए तनाव बढ़ाना चाहिए एवं लम्बाई कम करनी चाहिए।
15. WAVES (HM)
198371
धनात्मक \(x-\) दिशा में गतिमान तरंग \(y = A\sin (\omega \,t - kx)\) द्वारा प्रदर्शित हैं। यह एक दृढ़ सिरे से इस प्रकार परावर्तित होती है कि \(80\%\) आयाम ही परावर्तित होता है। परावर्तित तरंग का समीकरण होगा
1 \(y = A\sin (\omega \,t + kx)\)
2 \(y = - 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
3 \(y = 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
4 \(y = A\sin (\omega \,t + 0.8\,kx)\)
Explanation:
(b) दृढ़ सिरे से परावर्तन के बाद तरंग में अतिरिक्त कलान्तर उत्पé हो जाता है अत: यदि \({y_{incident}}\)= \(A\sin (\omega t - kx)\) तब \({y_{reflected}} = (0.8A)\) \(\sin \left\{ {\omega t - k( - x) + \pi } \right\}\) \( = - 0.8A\sin (\omega t + kx)\) \(\pi \).
15. WAVES (HM)
198372
दो बिन्दुओं के मध्य कसी हुयी डोरी में उत्पन्न प्रथम संनादी की आवृत्ति \(100\,Hz\) है तृतीय अधिस्वरक की आवृत्ति होगी ..... \(Hz\)
198373
\(32 cm\) तरंगदैध्र्य वाली एक ध्वनि तरंग चित्र में दिखायी नलिका में \(S\) सिरे से प्रवेश करती है। यदि दूसरी ओर स्थित संसूचक \((Detector)\) न्यूनतम ध्वनि सुनना है तो अर्धवृताकार पथ की न्यूनतम त्रिज्या \(r\) होगी .... \(cm\)
198370
डोरी वाले वाद्ययंत्र से उत्पन्न ध्वनि का तारत्व \((Pitch)\) बढ़ाने के लिये
1 डोरी को ढीला करना होगा
2 डोरी को और कसना होगा
3 डोरी को छोटा करना होगा
4 \((a)\) और \((b)\) दोनों है
Explanation:
(d) उच्च पिच का मतलब उच्च आवृत्ति तनी हुई डोरी में आवृत्ति \(n = \frac{p}{{2l}}\sqrt {\frac{T}{m}} \Rightarrow n \propto \frac{{\sqrt T }}{l}\) अत: उच्च आवृत्ति प्राप्त करने के लिए तनाव बढ़ाना चाहिए एवं लम्बाई कम करनी चाहिए।
15. WAVES (HM)
198371
धनात्मक \(x-\) दिशा में गतिमान तरंग \(y = A\sin (\omega \,t - kx)\) द्वारा प्रदर्शित हैं। यह एक दृढ़ सिरे से इस प्रकार परावर्तित होती है कि \(80\%\) आयाम ही परावर्तित होता है। परावर्तित तरंग का समीकरण होगा
1 \(y = A\sin (\omega \,t + kx)\)
2 \(y = - 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
3 \(y = 0.8A\sin (\omega \,t + kx)\)
4 \(y = A\sin (\omega \,t + 0.8\,kx)\)
Explanation:
(b) दृढ़ सिरे से परावर्तन के बाद तरंग में अतिरिक्त कलान्तर उत्पé हो जाता है अत: यदि \({y_{incident}}\)= \(A\sin (\omega t - kx)\) तब \({y_{reflected}} = (0.8A)\) \(\sin \left\{ {\omega t - k( - x) + \pi } \right\}\) \( = - 0.8A\sin (\omega t + kx)\) \(\pi \).
15. WAVES (HM)
198372
दो बिन्दुओं के मध्य कसी हुयी डोरी में उत्पन्न प्रथम संनादी की आवृत्ति \(100\,Hz\) है तृतीय अधिस्वरक की आवृत्ति होगी ..... \(Hz\)
198373
\(32 cm\) तरंगदैध्र्य वाली एक ध्वनि तरंग चित्र में दिखायी नलिका में \(S\) सिरे से प्रवेश करती है। यदि दूसरी ओर स्थित संसूचक \((Detector)\) न्यूनतम ध्वनि सुनना है तो अर्धवृताकार पथ की न्यूनतम त्रिज्या \(r\) होगी .... \(cm\)