15. WAVES (HM)
15. WAVES (HM)

198289 बढ़ती हुई आवृत्ति के क्रम में \(10\) स्वरित्र द्विभुज इस तरह रखे जाते हैं कि कोई दो पास-पास वाले स्वरित्र द्विभुज \(4\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। अधिकतम आवृत्ति न्यूनतम आवृत्ति की दुगनी है। संभावित अधिकतम और न्यूनतम आवृत्तियाँ होंगी

1 \(80\) और \(40\)
2 \(100\) और \(50\)
3 \(44\) और \(22\)
4 \(72\) और \(36\)
15. WAVES (HM)

198290 \(41\) स्वरित्रों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि प्रत्येक स्वरित्र अपने समीप के स्वरित्र से \(5\) विस्पंद प्रति सैकण्ड देता है। अंतिम स्वरित्र की आवृत्ति प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति से दुगनी है। प्रथम व अंतिम स्वरित्र की आवृत्तियाँ क्रमश: हैं

1 \(200, 400\)
2 \(205, 410\)
3 \(195, 390\)
4 \(100, 200\)
15. WAVES (HM)

198291 एकसमान तनाव की स्थिति में, दो सर्वसम तारों में उत्पन्न मूल स्वरों की आवृत्ति \(400 Hz\) है। यदि एक तार के तनाव में  \(2\%\) की वृद्धि कर दी जाये तो उत्पन्न विस्पंदों की संख्या होगी

1 \(4\)
2 \(2\)
3 \(8\)
4 \(1\)
15. WAVES (HM)

198292 \(25\) स्वरित्रों को आवृत्ति के घटते क्रम में एक श्रेणी में व्यवस्थित किया गया है। कोई दो लगातार स्वरित्र \(3\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। यदि प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति, अन्तिम स्वरित्र की आवृत्ति की आठ गुनी है। तब इक्कीसवें स्वरित्र की आवृत्ति .... \(Hz\) होगी

1 \(72\)
2 \(288\)
3 \(84\)
4 \(87 \)
NEET Test Series from KOTA - 10 Papers In MS WORD WhatsApp Here
15. WAVES (HM)

198289 बढ़ती हुई आवृत्ति के क्रम में \(10\) स्वरित्र द्विभुज इस तरह रखे जाते हैं कि कोई दो पास-पास वाले स्वरित्र द्विभुज \(4\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। अधिकतम आवृत्ति न्यूनतम आवृत्ति की दुगनी है। संभावित अधिकतम और न्यूनतम आवृत्तियाँ होंगी

1 \(80\) और \(40\)
2 \(100\) और \(50\)
3 \(44\) और \(22\)
4 \(72\) और \(36\)
15. WAVES (HM)

198290 \(41\) स्वरित्रों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि प्रत्येक स्वरित्र अपने समीप के स्वरित्र से \(5\) विस्पंद प्रति सैकण्ड देता है। अंतिम स्वरित्र की आवृत्ति प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति से दुगनी है। प्रथम व अंतिम स्वरित्र की आवृत्तियाँ क्रमश: हैं

1 \(200, 400\)
2 \(205, 410\)
3 \(195, 390\)
4 \(100, 200\)
15. WAVES (HM)

198291 एकसमान तनाव की स्थिति में, दो सर्वसम तारों में उत्पन्न मूल स्वरों की आवृत्ति \(400 Hz\) है। यदि एक तार के तनाव में  \(2\%\) की वृद्धि कर दी जाये तो उत्पन्न विस्पंदों की संख्या होगी

1 \(4\)
2 \(2\)
3 \(8\)
4 \(1\)
15. WAVES (HM)

198292 \(25\) स्वरित्रों को आवृत्ति के घटते क्रम में एक श्रेणी में व्यवस्थित किया गया है। कोई दो लगातार स्वरित्र \(3\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। यदि प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति, अन्तिम स्वरित्र की आवृत्ति की आठ गुनी है। तब इक्कीसवें स्वरित्र की आवृत्ति .... \(Hz\) होगी

1 \(72\)
2 \(288\)
3 \(84\)
4 \(87 \)
15. WAVES (HM)

198289 बढ़ती हुई आवृत्ति के क्रम में \(10\) स्वरित्र द्विभुज इस तरह रखे जाते हैं कि कोई दो पास-पास वाले स्वरित्र द्विभुज \(4\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। अधिकतम आवृत्ति न्यूनतम आवृत्ति की दुगनी है। संभावित अधिकतम और न्यूनतम आवृत्तियाँ होंगी

1 \(80\) और \(40\)
2 \(100\) और \(50\)
3 \(44\) और \(22\)
4 \(72\) और \(36\)
15. WAVES (HM)

198290 \(41\) स्वरित्रों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि प्रत्येक स्वरित्र अपने समीप के स्वरित्र से \(5\) विस्पंद प्रति सैकण्ड देता है। अंतिम स्वरित्र की आवृत्ति प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति से दुगनी है। प्रथम व अंतिम स्वरित्र की आवृत्तियाँ क्रमश: हैं

1 \(200, 400\)
2 \(205, 410\)
3 \(195, 390\)
4 \(100, 200\)
15. WAVES (HM)

198291 एकसमान तनाव की स्थिति में, दो सर्वसम तारों में उत्पन्न मूल स्वरों की आवृत्ति \(400 Hz\) है। यदि एक तार के तनाव में  \(2\%\) की वृद्धि कर दी जाये तो उत्पन्न विस्पंदों की संख्या होगी

1 \(4\)
2 \(2\)
3 \(8\)
4 \(1\)
15. WAVES (HM)

198292 \(25\) स्वरित्रों को आवृत्ति के घटते क्रम में एक श्रेणी में व्यवस्थित किया गया है। कोई दो लगातार स्वरित्र \(3\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। यदि प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति, अन्तिम स्वरित्र की आवृत्ति की आठ गुनी है। तब इक्कीसवें स्वरित्र की आवृत्ति .... \(Hz\) होगी

1 \(72\)
2 \(288\)
3 \(84\)
4 \(87 \)
15. WAVES (HM)

198289 बढ़ती हुई आवृत्ति के क्रम में \(10\) स्वरित्र द्विभुज इस तरह रखे जाते हैं कि कोई दो पास-पास वाले स्वरित्र द्विभुज \(4\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। अधिकतम आवृत्ति न्यूनतम आवृत्ति की दुगनी है। संभावित अधिकतम और न्यूनतम आवृत्तियाँ होंगी

1 \(80\) और \(40\)
2 \(100\) और \(50\)
3 \(44\) और \(22\)
4 \(72\) और \(36\)
15. WAVES (HM)

198290 \(41\) स्वरित्रों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि प्रत्येक स्वरित्र अपने समीप के स्वरित्र से \(5\) विस्पंद प्रति सैकण्ड देता है। अंतिम स्वरित्र की आवृत्ति प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति से दुगनी है। प्रथम व अंतिम स्वरित्र की आवृत्तियाँ क्रमश: हैं

1 \(200, 400\)
2 \(205, 410\)
3 \(195, 390\)
4 \(100, 200\)
15. WAVES (HM)

198291 एकसमान तनाव की स्थिति में, दो सर्वसम तारों में उत्पन्न मूल स्वरों की आवृत्ति \(400 Hz\) है। यदि एक तार के तनाव में  \(2\%\) की वृद्धि कर दी जाये तो उत्पन्न विस्पंदों की संख्या होगी

1 \(4\)
2 \(2\)
3 \(8\)
4 \(1\)
15. WAVES (HM)

198292 \(25\) स्वरित्रों को आवृत्ति के घटते क्रम में एक श्रेणी में व्यवस्थित किया गया है। कोई दो लगातार स्वरित्र \(3\) विस्पंद प्रति सैकण्ड उत्पन्न करते हैं। यदि प्रथम स्वरित्र की आवृत्ति, अन्तिम स्वरित्र की आवृत्ति की आठ गुनी है। तब इक्कीसवें स्वरित्र की आवृत्ति .... \(Hz\) होगी

1 \(72\)
2 \(288\)
3 \(84\)
4 \(87 \)