\(f_2\) $=$ \({q_2}\) के द्वारा \( - {q_1}\) पर आरोपित बल \(f_3\) $=$ \(-{q_1}\) पर \(( - {q_3})\) द्वारा आरोपित बल \( - \,{q_1}\) पर कुल बल का \(x\)- घटक \(F_x = F_2 + F_3 sin\theta\) \( = k\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + k.\frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\,\sin \theta \) \({F_x} = k\,\left[ {\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \({F_x} = k \cdot {q_1}\,\left[ {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \(==>\) \({F_x} \propto \,\left( {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right)\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197642
एक ठोस चालक गोले का आवेश \(Q\) है, इसके चारों और अनावेशित संकेन्द्रीय गोलीय कोश है। ठोस गोले की सतह और खोखले गोलीय कोश की बाह्य सतह के बीच विभवान्तर \(V\) है। यदि अब कोश पर आवेश \(-3Q\) है, तो दो समान सतहों के बीच विभवान्तर.......\(V\) है
1 \(1\)
2 \(2\)
3 \(4\)
4 \(-2\)
Explanation:
आवेशित चालक गोले के लिये \({V_{{\rm{inside}}}} = {V_{{\rm{centre }}}} = {V_{{\rm{surface}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _o}}}.\frac{q}{R}\), \({V_{{\rm{outside}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{q}{r}\) यदि \(a\) तथा \(b\) क्रमश: गोला और गोलीय कोश की त्रिज्यायें है तब इनकी सतहों पर विभव होंगे। \({V_{xksyk{\rm{ }}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{a}\) एवं \({V_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{b}\) \(\therefore \)\(V = {V_{xksyk{\rm{ }}}} - {V_{dks'k }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right]\) अब यदि कोश को \((-3Q)\), आवेश दिया जाये, तब विभव होंगे। \(V{'_{xksyk }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right],\)\(V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{b} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right]\) \(\therefore \)\(V{'_{xksyk{\rm{ }}}} - V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right] = V\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197643
\((X, Y)\) निर्देशांक पद्धति के\(( - d,\,0)\)और \(( + d,\,0)\)बिन्दुओं पर दो बिन्दु आवेश +\(q\) और -\(q\) स्थित किये जाते हैं, तब
1 E सभी बिन्दुओं पर \(Y - \)अक्ष पर \(\hat i\) के अनुदिश है
2 विद्युतीय क्षेत्र सभी बिन्दुओं पर, \(X - \)अक्ष पर समान दिशा रखता है
3 द्विध्रुव आघूर्ण \(2qd\) है, जो \(\hat i\) के अनुदिश होगा -
4 एक टेस्ट आवेश को अनन्त से मूलबिन्दु तक लाने में कार्य किया गया है
Explanation:
चित्र से स्पष्ट है कि \(y\)-अक्ष पर प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र \(\hat i\) के अनुदिश होगा। यहाँ \(x\)-अक्ष के सभी बिन्दुओं पर \(\overrightarrow E \) की दिशा समान नहीं होगी। चूंकि मूल बिन्दु पर विभव शून्य है अत: परीक्षक आवेश को अनन्त से मूल बिन्दु तक लाने में कार्य शून्य होगा यहाँ वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा -\(x\) अक्ष की ओर होगी (\(-q\) से \(+q\) की ओर) अत: सिर्फ विकल्प \((a)\) सही है।
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197646
दो बिन्दु आवेश \(( + Q)\) तथा \(( - 2Q)\) \(X-\)अक्ष पर मूल बिन्दु से क्रमश: \(a\) तथा \(2a\) स्थितियों पर स्थिर हैं। अक्ष पर किस स्थिति में परिणामी विद्युत क्षेत्र शून्य होगा
1 केवल \(x = \sqrt 2 a\)
2 केवल \(x = - \sqrt 2 a\)
3 दोनों \(x = \pm \sqrt 2 a\)
4 \(x = \frac{{3a}}{2}\) केवल
Explanation:
माना \(+ Q\) आवेश से \(d\) दूरी पर स्थित बिन्दु \(P\) पर विद्युत क्षेत्र शून्य है इसलिये \(P\) पर, \(\frac{{kQ}}{{{d^2}}} = \frac{{k(2Q)}}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(\frac{1}{{{d^2}}} = \frac{2}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(==>\) \(d = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}}\) चूंकि \(d > a\) अर्थात् \(P\) बिन्दु \(x\)-दूरी पर स्थित है अत: \(x = d - a\)\( = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}} - a = \sqrt 2 \,a\)। वास्तव में \(P\) ऋणात्मक \(x\)-अक्ष पर है अत: \(x = - \sqrt 2 \,a\)
\(f_2\) $=$ \({q_2}\) के द्वारा \( - {q_1}\) पर आरोपित बल \(f_3\) $=$ \(-{q_1}\) पर \(( - {q_3})\) द्वारा आरोपित बल \( - \,{q_1}\) पर कुल बल का \(x\)- घटक \(F_x = F_2 + F_3 sin\theta\) \( = k\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + k.\frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\,\sin \theta \) \({F_x} = k\,\left[ {\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \({F_x} = k \cdot {q_1}\,\left[ {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \(==>\) \({F_x} \propto \,\left( {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right)\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197642
एक ठोस चालक गोले का आवेश \(Q\) है, इसके चारों और अनावेशित संकेन्द्रीय गोलीय कोश है। ठोस गोले की सतह और खोखले गोलीय कोश की बाह्य सतह के बीच विभवान्तर \(V\) है। यदि अब कोश पर आवेश \(-3Q\) है, तो दो समान सतहों के बीच विभवान्तर.......\(V\) है
1 \(1\)
2 \(2\)
3 \(4\)
4 \(-2\)
Explanation:
आवेशित चालक गोले के लिये \({V_{{\rm{inside}}}} = {V_{{\rm{centre }}}} = {V_{{\rm{surface}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _o}}}.\frac{q}{R}\), \({V_{{\rm{outside}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{q}{r}\) यदि \(a\) तथा \(b\) क्रमश: गोला और गोलीय कोश की त्रिज्यायें है तब इनकी सतहों पर विभव होंगे। \({V_{xksyk{\rm{ }}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{a}\) एवं \({V_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{b}\) \(\therefore \)\(V = {V_{xksyk{\rm{ }}}} - {V_{dks'k }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right]\) अब यदि कोश को \((-3Q)\), आवेश दिया जाये, तब विभव होंगे। \(V{'_{xksyk }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right],\)\(V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{b} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right]\) \(\therefore \)\(V{'_{xksyk{\rm{ }}}} - V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right] = V\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197643
\((X, Y)\) निर्देशांक पद्धति के\(( - d,\,0)\)और \(( + d,\,0)\)बिन्दुओं पर दो बिन्दु आवेश +\(q\) और -\(q\) स्थित किये जाते हैं, तब
1 E सभी बिन्दुओं पर \(Y - \)अक्ष पर \(\hat i\) के अनुदिश है
2 विद्युतीय क्षेत्र सभी बिन्दुओं पर, \(X - \)अक्ष पर समान दिशा रखता है
3 द्विध्रुव आघूर्ण \(2qd\) है, जो \(\hat i\) के अनुदिश होगा -
4 एक टेस्ट आवेश को अनन्त से मूलबिन्दु तक लाने में कार्य किया गया है
Explanation:
चित्र से स्पष्ट है कि \(y\)-अक्ष पर प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र \(\hat i\) के अनुदिश होगा। यहाँ \(x\)-अक्ष के सभी बिन्दुओं पर \(\overrightarrow E \) की दिशा समान नहीं होगी। चूंकि मूल बिन्दु पर विभव शून्य है अत: परीक्षक आवेश को अनन्त से मूल बिन्दु तक लाने में कार्य शून्य होगा यहाँ वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा -\(x\) अक्ष की ओर होगी (\(-q\) से \(+q\) की ओर) अत: सिर्फ विकल्प \((a)\) सही है।
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197646
दो बिन्दु आवेश \(( + Q)\) तथा \(( - 2Q)\) \(X-\)अक्ष पर मूल बिन्दु से क्रमश: \(a\) तथा \(2a\) स्थितियों पर स्थिर हैं। अक्ष पर किस स्थिति में परिणामी विद्युत क्षेत्र शून्य होगा
1 केवल \(x = \sqrt 2 a\)
2 केवल \(x = - \sqrt 2 a\)
3 दोनों \(x = \pm \sqrt 2 a\)
4 \(x = \frac{{3a}}{2}\) केवल
Explanation:
माना \(+ Q\) आवेश से \(d\) दूरी पर स्थित बिन्दु \(P\) पर विद्युत क्षेत्र शून्य है इसलिये \(P\) पर, \(\frac{{kQ}}{{{d^2}}} = \frac{{k(2Q)}}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(\frac{1}{{{d^2}}} = \frac{2}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(==>\) \(d = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}}\) चूंकि \(d > a\) अर्थात् \(P\) बिन्दु \(x\)-दूरी पर स्थित है अत: \(x = d - a\)\( = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}} - a = \sqrt 2 \,a\)। वास्तव में \(P\) ऋणात्मक \(x\)-अक्ष पर है अत: \(x = - \sqrt 2 \,a\)
\(f_2\) $=$ \({q_2}\) के द्वारा \( - {q_1}\) पर आरोपित बल \(f_3\) $=$ \(-{q_1}\) पर \(( - {q_3})\) द्वारा आरोपित बल \( - \,{q_1}\) पर कुल बल का \(x\)- घटक \(F_x = F_2 + F_3 sin\theta\) \( = k\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + k.\frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\,\sin \theta \) \({F_x} = k\,\left[ {\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \({F_x} = k \cdot {q_1}\,\left[ {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \(==>\) \({F_x} \propto \,\left( {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right)\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197642
एक ठोस चालक गोले का आवेश \(Q\) है, इसके चारों और अनावेशित संकेन्द्रीय गोलीय कोश है। ठोस गोले की सतह और खोखले गोलीय कोश की बाह्य सतह के बीच विभवान्तर \(V\) है। यदि अब कोश पर आवेश \(-3Q\) है, तो दो समान सतहों के बीच विभवान्तर.......\(V\) है
1 \(1\)
2 \(2\)
3 \(4\)
4 \(-2\)
Explanation:
आवेशित चालक गोले के लिये \({V_{{\rm{inside}}}} = {V_{{\rm{centre }}}} = {V_{{\rm{surface}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _o}}}.\frac{q}{R}\), \({V_{{\rm{outside}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{q}{r}\) यदि \(a\) तथा \(b\) क्रमश: गोला और गोलीय कोश की त्रिज्यायें है तब इनकी सतहों पर विभव होंगे। \({V_{xksyk{\rm{ }}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{a}\) एवं \({V_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{b}\) \(\therefore \)\(V = {V_{xksyk{\rm{ }}}} - {V_{dks'k }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right]\) अब यदि कोश को \((-3Q)\), आवेश दिया जाये, तब विभव होंगे। \(V{'_{xksyk }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right],\)\(V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{b} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right]\) \(\therefore \)\(V{'_{xksyk{\rm{ }}}} - V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right] = V\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197643
\((X, Y)\) निर्देशांक पद्धति के\(( - d,\,0)\)और \(( + d,\,0)\)बिन्दुओं पर दो बिन्दु आवेश +\(q\) और -\(q\) स्थित किये जाते हैं, तब
1 E सभी बिन्दुओं पर \(Y - \)अक्ष पर \(\hat i\) के अनुदिश है
2 विद्युतीय क्षेत्र सभी बिन्दुओं पर, \(X - \)अक्ष पर समान दिशा रखता है
3 द्विध्रुव आघूर्ण \(2qd\) है, जो \(\hat i\) के अनुदिश होगा -
4 एक टेस्ट आवेश को अनन्त से मूलबिन्दु तक लाने में कार्य किया गया है
Explanation:
चित्र से स्पष्ट है कि \(y\)-अक्ष पर प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र \(\hat i\) के अनुदिश होगा। यहाँ \(x\)-अक्ष के सभी बिन्दुओं पर \(\overrightarrow E \) की दिशा समान नहीं होगी। चूंकि मूल बिन्दु पर विभव शून्य है अत: परीक्षक आवेश को अनन्त से मूल बिन्दु तक लाने में कार्य शून्य होगा यहाँ वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा -\(x\) अक्ष की ओर होगी (\(-q\) से \(+q\) की ओर) अत: सिर्फ विकल्प \((a)\) सही है।
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197646
दो बिन्दु आवेश \(( + Q)\) तथा \(( - 2Q)\) \(X-\)अक्ष पर मूल बिन्दु से क्रमश: \(a\) तथा \(2a\) स्थितियों पर स्थिर हैं। अक्ष पर किस स्थिति में परिणामी विद्युत क्षेत्र शून्य होगा
1 केवल \(x = \sqrt 2 a\)
2 केवल \(x = - \sqrt 2 a\)
3 दोनों \(x = \pm \sqrt 2 a\)
4 \(x = \frac{{3a}}{2}\) केवल
Explanation:
माना \(+ Q\) आवेश से \(d\) दूरी पर स्थित बिन्दु \(P\) पर विद्युत क्षेत्र शून्य है इसलिये \(P\) पर, \(\frac{{kQ}}{{{d^2}}} = \frac{{k(2Q)}}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(\frac{1}{{{d^2}}} = \frac{2}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(==>\) \(d = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}}\) चूंकि \(d > a\) अर्थात् \(P\) बिन्दु \(x\)-दूरी पर स्थित है अत: \(x = d - a\)\( = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}} - a = \sqrt 2 \,a\)। वास्तव में \(P\) ऋणात्मक \(x\)-अक्ष पर है अत: \(x = - \sqrt 2 \,a\)
\(f_2\) $=$ \({q_2}\) के द्वारा \( - {q_1}\) पर आरोपित बल \(f_3\) $=$ \(-{q_1}\) पर \(( - {q_3})\) द्वारा आरोपित बल \( - \,{q_1}\) पर कुल बल का \(x\)- घटक \(F_x = F_2 + F_3 sin\theta\) \( = k\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + k.\frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\,\sin \theta \) \({F_x} = k\,\left[ {\frac{{{q_1}{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_1}{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \({F_x} = k \cdot {q_1}\,\left[ {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right]\) \(==>\) \({F_x} \propto \,\left( {\frac{{{q_2}}}{{{b^2}}} + \frac{{{q_3}}}{{{a^2}}}\sin \theta } \right)\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197642
एक ठोस चालक गोले का आवेश \(Q\) है, इसके चारों और अनावेशित संकेन्द्रीय गोलीय कोश है। ठोस गोले की सतह और खोखले गोलीय कोश की बाह्य सतह के बीच विभवान्तर \(V\) है। यदि अब कोश पर आवेश \(-3Q\) है, तो दो समान सतहों के बीच विभवान्तर.......\(V\) है
1 \(1\)
2 \(2\)
3 \(4\)
4 \(-2\)
Explanation:
आवेशित चालक गोले के लिये \({V_{{\rm{inside}}}} = {V_{{\rm{centre }}}} = {V_{{\rm{surface}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _o}}}.\frac{q}{R}\), \({V_{{\rm{outside}}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{q}{r}\) यदि \(a\) तथा \(b\) क्रमश: गोला और गोलीय कोश की त्रिज्यायें है तब इनकी सतहों पर विभव होंगे। \({V_{xksyk{\rm{ }}}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{a}\) एवं \({V_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\frac{Q}{b}\) \(\therefore \)\(V = {V_{xksyk{\rm{ }}}} - {V_{dks'k }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}.\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right]\) अब यदि कोश को \((-3Q)\), आवेश दिया जाये, तब विभव होंगे। \(V{'_{xksyk }} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right],\)\(V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{b} + \frac{{( - 3Q)}}{b}} \right]\) \(\therefore \)\(V{'_{xksyk{\rm{ }}}} - V{'_{dks'k}} = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\left[ {\frac{Q}{a} - \frac{Q}{b}} \right] = V\)
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197643
\((X, Y)\) निर्देशांक पद्धति के\(( - d,\,0)\)और \(( + d,\,0)\)बिन्दुओं पर दो बिन्दु आवेश +\(q\) और -\(q\) स्थित किये जाते हैं, तब
1 E सभी बिन्दुओं पर \(Y - \)अक्ष पर \(\hat i\) के अनुदिश है
2 विद्युतीय क्षेत्र सभी बिन्दुओं पर, \(X - \)अक्ष पर समान दिशा रखता है
3 द्विध्रुव आघूर्ण \(2qd\) है, जो \(\hat i\) के अनुदिश होगा -
4 एक टेस्ट आवेश को अनन्त से मूलबिन्दु तक लाने में कार्य किया गया है
Explanation:
चित्र से स्पष्ट है कि \(y\)-अक्ष पर प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र \(\hat i\) के अनुदिश होगा। यहाँ \(x\)-अक्ष के सभी बिन्दुओं पर \(\overrightarrow E \) की दिशा समान नहीं होगी। चूंकि मूल बिन्दु पर विभव शून्य है अत: परीक्षक आवेश को अनन्त से मूल बिन्दु तक लाने में कार्य शून्य होगा यहाँ वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा -\(x\) अक्ष की ओर होगी (\(-q\) से \(+q\) की ओर) अत: सिर्फ विकल्प \((a)\) सही है।
01. ELECTRIC CHARGES AND FIELDS (HM)
197646
दो बिन्दु आवेश \(( + Q)\) तथा \(( - 2Q)\) \(X-\)अक्ष पर मूल बिन्दु से क्रमश: \(a\) तथा \(2a\) स्थितियों पर स्थिर हैं। अक्ष पर किस स्थिति में परिणामी विद्युत क्षेत्र शून्य होगा
1 केवल \(x = \sqrt 2 a\)
2 केवल \(x = - \sqrt 2 a\)
3 दोनों \(x = \pm \sqrt 2 a\)
4 \(x = \frac{{3a}}{2}\) केवल
Explanation:
माना \(+ Q\) आवेश से \(d\) दूरी पर स्थित बिन्दु \(P\) पर विद्युत क्षेत्र शून्य है इसलिये \(P\) पर, \(\frac{{kQ}}{{{d^2}}} = \frac{{k(2Q)}}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(\frac{1}{{{d^2}}} = \frac{2}{{{{(a + d)}^2}}}\) \(==>\) \(d = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}}\) चूंकि \(d > a\) अर्थात् \(P\) बिन्दु \(x\)-दूरी पर स्थित है अत: \(x = d - a\)\( = \frac{a}{{(\sqrt 2 - 1)}} - a = \sqrt 2 \,a\)। वास्तव में \(P\) ऋणात्मक \(x\)-अक्ष पर है अत: \(x = - \sqrt 2 \,a\)