194852 एक लघु चुम्बक को चुम्बकीय याम्योतर में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रहता है । चुम्बक के केन्द्र से \(20\) सेमी की दूरी पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है । यदि उस बिन्दु पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का मान \( 0.3\) गॉस है तो चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
194852 एक लघु चुम्बक को चुम्बकीय याम्योतर में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रहता है । चुम्बक के केन्द्र से \(20\) सेमी की दूरी पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है । यदि उस बिन्दु पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का मान \( 0.3\) गॉस है तो चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
194852 एक लघु चुम्बक को चुम्बकीय याम्योतर में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रहता है । चुम्बक के केन्द्र से \(20\) सेमी की दूरी पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है । यदि उस बिन्दु पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का मान \( 0.3\) गॉस है तो चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
194852 एक लघु चुम्बक को चुम्बकीय याम्योतर में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रहता है । चुम्बक के केन्द्र से \(20\) सेमी की दूरी पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है । यदि उस बिन्दु पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का मान \( 0.3\) गॉस है तो चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण होगा