14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190344 GaAs है

1 तत्व अर्द्धचालक
2 मिश्र अर्द्धचालक
3 कुचालक
4 धात्विक अर्द्धचालक
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190390 एक शुद्ध अर्द्धचालक में डोपिंग की जाती है

1 आवेश वाहकों को उदासीन करने के लिये
2 बहुसंख्यक आवेश वाहकों का सान्द्रण बढ़ाने के लिये
3 फेंकने से पहले उदासीन करने के लिये
4 और अधिक शुद्धिकरण करने के लिये
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190405 अवक्षय क्षेत्र में होते हैं

1 इलेक्ट्रॉन
2 प्रोटोन
3 गतिमान आयन
4 केवल स्थिर आयन
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190437 \(PN\)  सन्धि में

1 \(P\) तथा \(N\) दोनों समान विभव पर होते हैं
2 \(N-\)क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
3 \(P\) क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \( N\) क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
4 \(N\) क्षेत्र निम्न विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र शून्य विभव पर होता है
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190496 NPN-ट्रान्जिस्टर के लिये संग्राहक धारा का मान हमेशा उत्र्सजक धारा से कम होता है, क्योंकि

1 संग्राहक भाग पश्च अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग अग्र अभिनति में होता है
2 आधार भाग में इलेक्ट्रॉनों के खत्म होने के बाद शेष भाग संग्राहक क्षेत्र में पहुंचता है
3 संग्राहक भाग अग्र अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग पश्च अभिनति में होता है
4 संग्राहक पश्च अभिनति में होने के कारण कम इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करता है
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190344 GaAs है

1 तत्व अर्द्धचालक
2 मिश्र अर्द्धचालक
3 कुचालक
4 धात्विक अर्द्धचालक
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190390 एक शुद्ध अर्द्धचालक में डोपिंग की जाती है

1 आवेश वाहकों को उदासीन करने के लिये
2 बहुसंख्यक आवेश वाहकों का सान्द्रण बढ़ाने के लिये
3 फेंकने से पहले उदासीन करने के लिये
4 और अधिक शुद्धिकरण करने के लिये
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190405 अवक्षय क्षेत्र में होते हैं

1 इलेक्ट्रॉन
2 प्रोटोन
3 गतिमान आयन
4 केवल स्थिर आयन
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190437 \(PN\)  सन्धि में

1 \(P\) तथा \(N\) दोनों समान विभव पर होते हैं
2 \(N-\)क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
3 \(P\) क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \( N\) क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
4 \(N\) क्षेत्र निम्न विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र शून्य विभव पर होता है
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190496 NPN-ट्रान्जिस्टर के लिये संग्राहक धारा का मान हमेशा उत्र्सजक धारा से कम होता है, क्योंकि

1 संग्राहक भाग पश्च अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग अग्र अभिनति में होता है
2 आधार भाग में इलेक्ट्रॉनों के खत्म होने के बाद शेष भाग संग्राहक क्षेत्र में पहुंचता है
3 संग्राहक भाग अग्र अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग पश्च अभिनति में होता है
4 संग्राहक पश्च अभिनति में होने के कारण कम इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करता है
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190344 GaAs है

1 तत्व अर्द्धचालक
2 मिश्र अर्द्धचालक
3 कुचालक
4 धात्विक अर्द्धचालक
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190390 एक शुद्ध अर्द्धचालक में डोपिंग की जाती है

1 आवेश वाहकों को उदासीन करने के लिये
2 बहुसंख्यक आवेश वाहकों का सान्द्रण बढ़ाने के लिये
3 फेंकने से पहले उदासीन करने के लिये
4 और अधिक शुद्धिकरण करने के लिये
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190405 अवक्षय क्षेत्र में होते हैं

1 इलेक्ट्रॉन
2 प्रोटोन
3 गतिमान आयन
4 केवल स्थिर आयन
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190437 \(PN\)  सन्धि में

1 \(P\) तथा \(N\) दोनों समान विभव पर होते हैं
2 \(N-\)क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
3 \(P\) क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \( N\) क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
4 \(N\) क्षेत्र निम्न विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र शून्य विभव पर होता है
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190496 NPN-ट्रान्जिस्टर के लिये संग्राहक धारा का मान हमेशा उत्र्सजक धारा से कम होता है, क्योंकि

1 संग्राहक भाग पश्च अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग अग्र अभिनति में होता है
2 आधार भाग में इलेक्ट्रॉनों के खत्म होने के बाद शेष भाग संग्राहक क्षेत्र में पहुंचता है
3 संग्राहक भाग अग्र अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग पश्च अभिनति में होता है
4 संग्राहक पश्च अभिनति में होने के कारण कम इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करता है
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14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190344 GaAs है

1 तत्व अर्द्धचालक
2 मिश्र अर्द्धचालक
3 कुचालक
4 धात्विक अर्द्धचालक
14. SEMICONDUCTOR ELECTRONICS- MATERIALS- DEVICES AND SIMPLE CIRCUITS (HM)

190390 एक शुद्ध अर्द्धचालक में डोपिंग की जाती है

1 आवेश वाहकों को उदासीन करने के लिये
2 बहुसंख्यक आवेश वाहकों का सान्द्रण बढ़ाने के लिये
3 फेंकने से पहले उदासीन करने के लिये
4 और अधिक शुद्धिकरण करने के लिये
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190405 अवक्षय क्षेत्र में होते हैं

1 इलेक्ट्रॉन
2 प्रोटोन
3 गतिमान आयन
4 केवल स्थिर आयन
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190437 \(PN\)  सन्धि में

1 \(P\) तथा \(N\) दोनों समान विभव पर होते हैं
2 \(N-\)क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
3 \(P\) क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \( N\) क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
4 \(N\) क्षेत्र निम्न विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र शून्य विभव पर होता है
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190496 NPN-ट्रान्जिस्टर के लिये संग्राहक धारा का मान हमेशा उत्र्सजक धारा से कम होता है, क्योंकि

1 संग्राहक भाग पश्च अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग अग्र अभिनति में होता है
2 आधार भाग में इलेक्ट्रॉनों के खत्म होने के बाद शेष भाग संग्राहक क्षेत्र में पहुंचता है
3 संग्राहक भाग अग्र अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग पश्च अभिनति में होता है
4 संग्राहक पश्च अभिनति में होने के कारण कम इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करता है
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190344 GaAs है

1 तत्व अर्द्धचालक
2 मिश्र अर्द्धचालक
3 कुचालक
4 धात्विक अर्द्धचालक
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190390 एक शुद्ध अर्द्धचालक में डोपिंग की जाती है

1 आवेश वाहकों को उदासीन करने के लिये
2 बहुसंख्यक आवेश वाहकों का सान्द्रण बढ़ाने के लिये
3 फेंकने से पहले उदासीन करने के लिये
4 और अधिक शुद्धिकरण करने के लिये
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190405 अवक्षय क्षेत्र में होते हैं

1 इलेक्ट्रॉन
2 प्रोटोन
3 गतिमान आयन
4 केवल स्थिर आयन
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190437 \(PN\)  सन्धि में

1 \(P\) तथा \(N\) दोनों समान विभव पर होते हैं
2 \(N-\)क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
3 \(P\) क्षेत्र उच्च विभव पर तथा \( N\) क्षेत्र निम्न विभव पर होता है
4 \(N\) क्षेत्र निम्न विभव पर तथा \(P-\)क्षेत्र शून्य विभव पर होता है
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190496 NPN-ट्रान्जिस्टर के लिये संग्राहक धारा का मान हमेशा उत्र्सजक धारा से कम होता है, क्योंकि

1 संग्राहक भाग पश्च अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग अग्र अभिनति में होता है
2 आधार भाग में इलेक्ट्रॉनों के खत्म होने के बाद शेष भाग संग्राहक क्षेत्र में पहुंचता है
3 संग्राहक भाग अग्र अभिनति में एवं उत्सर्जक भाग पश्च अभिनति में होता है
4 संग्राहक पश्च अभिनति में होने के कारण कम इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करता है