NEET Test Series from KOTA - 10 Papers In MS WORD
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05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217909
एक एलील को प्रभावी कहा जाता है, यदि
1 यह हिटरोजायगस संयोजनों में प्रकट होता है
2 यह होमोजायगस संयोजनों में प्रकट होता है
3 यह होमोजायगस तथा हिटरोजायगस दोनों संयोजनों में प्रकट होता है
4 केवल द्वितीय पीढ़ी में प्रकट होता है
Explanation:
(c) अपर या कैपिटल लैटर का उपयोग प्रभावी जीन \((gene)\) को प्रदर्शित करने हेतु किया जाता है जैसे \(T\) (मटर के पौधे की लम्बाई), \(R\) (मटर में गोल बीज)
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217910
जब एक सत्य प्रजनन करने वाला मटर का पौधा जिसके बीज पीले हैं, का परागण हरे बीज वाले पौधे से कराते हैं तब सब \(F_1\) पौधों के पीले बीज होते हैं। इसका मतलब पीले के लिए युग्म विकल्पी \((Allele)\) है
1 विषमयुग्मजी
2 प्रभावी
3 अप्रभावी
4 घातक
Explanation:
(b) प्रभावी कारक : एलील्स का एक जोड़ा जो कि स्वयं को समयुग्मजी \((Homozygous)\) या विषयुग्मजी \((Heterozygous)\) अवस्था में प्रदर्षित करता है।
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217911
एक जाइगोट में यदि युग्मविकल्पों की संख्या दो तथा एकान्तरित अवस्था में हो तो प्रौढ़ की प्रारूपता होगी
1 अप्रभावी
2 प्रभावी
3 मध्यवर्ती
4 अभिभावी
Explanation:
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217912
एक जीव जिसमें दो समरूप युग्मविकल्पी हैं, एक दिये हुए ट्रेट के लिए है
1 समयुग्मजी
2 विसंयोजनी
3 प्रभावी
4 उभयलिंगी
Explanation:
(a) समयुग्मज लक्षण के लिये शुद्ध होते हैं और वास्तविक रूप से प्रजनन करते हैं जिससे ऐसे संतति उत्पन्न होते हैं जिनमें स्वजनन करने पर समान लक्षण प्राप्त होते हैं उदाहरण \(TT\) या \(tt\)
3 यह होमोजायगस तथा हिटरोजायगस दोनों संयोजनों में प्रकट होता है
4 केवल द्वितीय पीढ़ी में प्रकट होता है
Explanation:
(c) अपर या कैपिटल लैटर का उपयोग प्रभावी जीन \((gene)\) को प्रदर्शित करने हेतु किया जाता है जैसे \(T\) (मटर के पौधे की लम्बाई), \(R\) (मटर में गोल बीज)
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217910
जब एक सत्य प्रजनन करने वाला मटर का पौधा जिसके बीज पीले हैं, का परागण हरे बीज वाले पौधे से कराते हैं तब सब \(F_1\) पौधों के पीले बीज होते हैं। इसका मतलब पीले के लिए युग्म विकल्पी \((Allele)\) है
1 विषमयुग्मजी
2 प्रभावी
3 अप्रभावी
4 घातक
Explanation:
(b) प्रभावी कारक : एलील्स का एक जोड़ा जो कि स्वयं को समयुग्मजी \((Homozygous)\) या विषयुग्मजी \((Heterozygous)\) अवस्था में प्रदर्षित करता है।
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217911
एक जाइगोट में यदि युग्मविकल्पों की संख्या दो तथा एकान्तरित अवस्था में हो तो प्रौढ़ की प्रारूपता होगी
1 अप्रभावी
2 प्रभावी
3 मध्यवर्ती
4 अभिभावी
Explanation:
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217912
एक जीव जिसमें दो समरूप युग्मविकल्पी हैं, एक दिये हुए ट्रेट के लिए है
1 समयुग्मजी
2 विसंयोजनी
3 प्रभावी
4 उभयलिंगी
Explanation:
(a) समयुग्मज लक्षण के लिये शुद्ध होते हैं और वास्तविक रूप से प्रजनन करते हैं जिससे ऐसे संतति उत्पन्न होते हैं जिनमें स्वजनन करने पर समान लक्षण प्राप्त होते हैं उदाहरण \(TT\) या \(tt\)
3 यह होमोजायगस तथा हिटरोजायगस दोनों संयोजनों में प्रकट होता है
4 केवल द्वितीय पीढ़ी में प्रकट होता है
Explanation:
(c) अपर या कैपिटल लैटर का उपयोग प्रभावी जीन \((gene)\) को प्रदर्शित करने हेतु किया जाता है जैसे \(T\) (मटर के पौधे की लम्बाई), \(R\) (मटर में गोल बीज)
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217910
जब एक सत्य प्रजनन करने वाला मटर का पौधा जिसके बीज पीले हैं, का परागण हरे बीज वाले पौधे से कराते हैं तब सब \(F_1\) पौधों के पीले बीज होते हैं। इसका मतलब पीले के लिए युग्म विकल्पी \((Allele)\) है
1 विषमयुग्मजी
2 प्रभावी
3 अप्रभावी
4 घातक
Explanation:
(b) प्रभावी कारक : एलील्स का एक जोड़ा जो कि स्वयं को समयुग्मजी \((Homozygous)\) या विषयुग्मजी \((Heterozygous)\) अवस्था में प्रदर्षित करता है।
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217911
एक जाइगोट में यदि युग्मविकल्पों की संख्या दो तथा एकान्तरित अवस्था में हो तो प्रौढ़ की प्रारूपता होगी
1 अप्रभावी
2 प्रभावी
3 मध्यवर्ती
4 अभिभावी
Explanation:
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217912
एक जीव जिसमें दो समरूप युग्मविकल्पी हैं, एक दिये हुए ट्रेट के लिए है
1 समयुग्मजी
2 विसंयोजनी
3 प्रभावी
4 उभयलिंगी
Explanation:
(a) समयुग्मज लक्षण के लिये शुद्ध होते हैं और वास्तविक रूप से प्रजनन करते हैं जिससे ऐसे संतति उत्पन्न होते हैं जिनमें स्वजनन करने पर समान लक्षण प्राप्त होते हैं उदाहरण \(TT\) या \(tt\)
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05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217909
एक एलील को प्रभावी कहा जाता है, यदि
1 यह हिटरोजायगस संयोजनों में प्रकट होता है
2 यह होमोजायगस संयोजनों में प्रकट होता है
3 यह होमोजायगस तथा हिटरोजायगस दोनों संयोजनों में प्रकट होता है
4 केवल द्वितीय पीढ़ी में प्रकट होता है
Explanation:
(c) अपर या कैपिटल लैटर का उपयोग प्रभावी जीन \((gene)\) को प्रदर्शित करने हेतु किया जाता है जैसे \(T\) (मटर के पौधे की लम्बाई), \(R\) (मटर में गोल बीज)
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217910
जब एक सत्य प्रजनन करने वाला मटर का पौधा जिसके बीज पीले हैं, का परागण हरे बीज वाले पौधे से कराते हैं तब सब \(F_1\) पौधों के पीले बीज होते हैं। इसका मतलब पीले के लिए युग्म विकल्पी \((Allele)\) है
1 विषमयुग्मजी
2 प्रभावी
3 अप्रभावी
4 घातक
Explanation:
(b) प्रभावी कारक : एलील्स का एक जोड़ा जो कि स्वयं को समयुग्मजी \((Homozygous)\) या विषयुग्मजी \((Heterozygous)\) अवस्था में प्रदर्षित करता है।
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217911
एक जाइगोट में यदि युग्मविकल्पों की संख्या दो तथा एकान्तरित अवस्था में हो तो प्रौढ़ की प्रारूपता होगी
1 अप्रभावी
2 प्रभावी
3 मध्यवर्ती
4 अभिभावी
Explanation:
05. PRINCIPLES OF INHERITANCE AND VARIATION (HM)
217912
एक जीव जिसमें दो समरूप युग्मविकल्पी हैं, एक दिये हुए ट्रेट के लिए है
1 समयुग्मजी
2 विसंयोजनी
3 प्रभावी
4 उभयलिंगी
Explanation:
(a) समयुग्मज लक्षण के लिये शुद्ध होते हैं और वास्तविक रूप से प्रजनन करते हैं जिससे ऐसे संतति उत्पन्न होते हैं जिनमें स्वजनन करने पर समान लक्षण प्राप्त होते हैं उदाहरण \(TT\) या \(tt\)