224695
लिबरकुहन की प्रगुहिकायें सर्वत्र उपस्थित होती हैं
1 बड़ी आँत्र में
2 आमाशयी श्लेष्मिका में
3 ड्यूओडिनम की अध:श्लेष्मिका में
4 छोटी आँत्र में
Explanation:
(d) रसांकुर \((Villi)\) छोटे अंगुलाकार प्रवर्ध हैं। ये छोटी आँत की दीवार में पाये जाते हैं। रसांकुरों के आधार भाग में आँत्रीय ग्रंथियों के सरल नलिकाकार गर्त उपस्थित होते हैं ये लिबरकुहन की दरारें \((Crypts of Liberkuhn) \) कहलाती हैं। जो आँत्रीय रस सक्कस एंटेरिकस स्रावित करती हैं।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224696
बड़ी आँत्र की आन्तरिक सतह
1 पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
2 एपीथीलियल ऊतक द्वारा बनी होती है
3 एपीथिलियल तथा पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
4 चारों परतों द्वारा आस्तरित होती है
Explanation:
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224697
पियर्स पैचेस मनुष्य की आँत्र तथा वर्मीफार्म एपेन्डिक्स से सम्बन्धित हैं। यह होते है
1 पाचक
2 लिम्फॉयड
3 स्त्रावि
4 उत्सर्जी
Explanation:
(b) कृमिरूप परिशेषिका \( (Vermiform appendix)\) एक लसिका ऊतक की बनी संरचना है। मनुष्य को छोड़कर अन्य जंतुओं में यह पेयर्स पैचेज के समान एन्टीबॉडी उत्पन्न करती है।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224698
आहारनाल में गति (पेशी संकुचन) कहलाती है
1 सिस्टोल
2 डायस्टोल
3 पेरिस्टेल्सिस
4 मेटाक्रोनल
Explanation:
(c) आहारनाल में पेशीय संकुचन क्रमाकुंचन गति \((Peristalsis) \) कहलाती है जिससे आहारनाल की गुहा में भोजन आगे बढ़ता है।
224695
लिबरकुहन की प्रगुहिकायें सर्वत्र उपस्थित होती हैं
1 बड़ी आँत्र में
2 आमाशयी श्लेष्मिका में
3 ड्यूओडिनम की अध:श्लेष्मिका में
4 छोटी आँत्र में
Explanation:
(d) रसांकुर \((Villi)\) छोटे अंगुलाकार प्रवर्ध हैं। ये छोटी आँत की दीवार में पाये जाते हैं। रसांकुरों के आधार भाग में आँत्रीय ग्रंथियों के सरल नलिकाकार गर्त उपस्थित होते हैं ये लिबरकुहन की दरारें \((Crypts of Liberkuhn) \) कहलाती हैं। जो आँत्रीय रस सक्कस एंटेरिकस स्रावित करती हैं।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224696
बड़ी आँत्र की आन्तरिक सतह
1 पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
2 एपीथीलियल ऊतक द्वारा बनी होती है
3 एपीथिलियल तथा पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
4 चारों परतों द्वारा आस्तरित होती है
Explanation:
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224697
पियर्स पैचेस मनुष्य की आँत्र तथा वर्मीफार्म एपेन्डिक्स से सम्बन्धित हैं। यह होते है
1 पाचक
2 लिम्फॉयड
3 स्त्रावि
4 उत्सर्जी
Explanation:
(b) कृमिरूप परिशेषिका \( (Vermiform appendix)\) एक लसिका ऊतक की बनी संरचना है। मनुष्य को छोड़कर अन्य जंतुओं में यह पेयर्स पैचेज के समान एन्टीबॉडी उत्पन्न करती है।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224698
आहारनाल में गति (पेशी संकुचन) कहलाती है
1 सिस्टोल
2 डायस्टोल
3 पेरिस्टेल्सिस
4 मेटाक्रोनल
Explanation:
(c) आहारनाल में पेशीय संकुचन क्रमाकुंचन गति \((Peristalsis) \) कहलाती है जिससे आहारनाल की गुहा में भोजन आगे बढ़ता है।
224695
लिबरकुहन की प्रगुहिकायें सर्वत्र उपस्थित होती हैं
1 बड़ी आँत्र में
2 आमाशयी श्लेष्मिका में
3 ड्यूओडिनम की अध:श्लेष्मिका में
4 छोटी आँत्र में
Explanation:
(d) रसांकुर \((Villi)\) छोटे अंगुलाकार प्रवर्ध हैं। ये छोटी आँत की दीवार में पाये जाते हैं। रसांकुरों के आधार भाग में आँत्रीय ग्रंथियों के सरल नलिकाकार गर्त उपस्थित होते हैं ये लिबरकुहन की दरारें \((Crypts of Liberkuhn) \) कहलाती हैं। जो आँत्रीय रस सक्कस एंटेरिकस स्रावित करती हैं।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224696
बड़ी आँत्र की आन्तरिक सतह
1 पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
2 एपीथीलियल ऊतक द्वारा बनी होती है
3 एपीथिलियल तथा पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
4 चारों परतों द्वारा आस्तरित होती है
Explanation:
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224697
पियर्स पैचेस मनुष्य की आँत्र तथा वर्मीफार्म एपेन्डिक्स से सम्बन्धित हैं। यह होते है
1 पाचक
2 लिम्फॉयड
3 स्त्रावि
4 उत्सर्जी
Explanation:
(b) कृमिरूप परिशेषिका \( (Vermiform appendix)\) एक लसिका ऊतक की बनी संरचना है। मनुष्य को छोड़कर अन्य जंतुओं में यह पेयर्स पैचेज के समान एन्टीबॉडी उत्पन्न करती है।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224698
आहारनाल में गति (पेशी संकुचन) कहलाती है
1 सिस्टोल
2 डायस्टोल
3 पेरिस्टेल्सिस
4 मेटाक्रोनल
Explanation:
(c) आहारनाल में पेशीय संकुचन क्रमाकुंचन गति \((Peristalsis) \) कहलाती है जिससे आहारनाल की गुहा में भोजन आगे बढ़ता है।
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16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
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लिबरकुहन की प्रगुहिकायें सर्वत्र उपस्थित होती हैं
1 बड़ी आँत्र में
2 आमाशयी श्लेष्मिका में
3 ड्यूओडिनम की अध:श्लेष्मिका में
4 छोटी आँत्र में
Explanation:
(d) रसांकुर \((Villi)\) छोटे अंगुलाकार प्रवर्ध हैं। ये छोटी आँत की दीवार में पाये जाते हैं। रसांकुरों के आधार भाग में आँत्रीय ग्रंथियों के सरल नलिकाकार गर्त उपस्थित होते हैं ये लिबरकुहन की दरारें \((Crypts of Liberkuhn) \) कहलाती हैं। जो आँत्रीय रस सक्कस एंटेरिकस स्रावित करती हैं।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224696
बड़ी आँत्र की आन्तरिक सतह
1 पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
2 एपीथीलियल ऊतक द्वारा बनी होती है
3 एपीथिलियल तथा पेशीय ऊतक द्वारा आस्तरित होती है
4 चारों परतों द्वारा आस्तरित होती है
Explanation:
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224697
पियर्स पैचेस मनुष्य की आँत्र तथा वर्मीफार्म एपेन्डिक्स से सम्बन्धित हैं। यह होते है
1 पाचक
2 लिम्फॉयड
3 स्त्रावि
4 उत्सर्जी
Explanation:
(b) कृमिरूप परिशेषिका \( (Vermiform appendix)\) एक लसिका ऊतक की बनी संरचना है। मनुष्य को छोड़कर अन्य जंतुओं में यह पेयर्स पैचेज के समान एन्टीबॉडी उत्पन्न करती है।
16. DIGESTION AND ABSORPTION (HM)
224698
आहारनाल में गति (पेशी संकुचन) कहलाती है
1 सिस्टोल
2 डायस्टोल
3 पेरिस्टेल्सिस
4 मेटाक्रोनल
Explanation:
(c) आहारनाल में पेशीय संकुचन क्रमाकुंचन गति \((Peristalsis) \) कहलाती है जिससे आहारनाल की गुहा में भोजन आगे बढ़ता है।